भाषा और व्याकरण

‘भाषा’ शब्द भाष धातु से बना है, जिसका अर्थ है- बोलना। मनुष्य जिन ध्वनियों को बोलकर अपनी बात कहता है- उसे भाषा कहते हैं। अतः हम भाषा की परिभाषा इस प्रकार से दे सकते हैं

अपने मन के भावों और विचारों को बोलकर, लिखकर या पढ़कर प्रकट करने के साधन को ‘भाषा’ कहते हैं।

भाषा के रूप

भाषा के दो रूप होते हैं- मौखिक और लिखित
मौखिक भाषा – भाषा का वह रूप जिसमें एक व्यक्ति बोलकर विचार प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति सुनकर उसे समझता है, उसे मौखिक भाषा कहते हैं। उदाहरण– टेलीफ़ोन, दूरदर्शन, भाषण, वार्तालाप, नाटक, रेडियो आदि।

लिखित भाषा – भाषा का वह रूप जिसमें एक व्यक्ति अपने विचार या मन के भाव लिखकर प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसकी बात समझता है, लिखित भाषा कहलाती है। उदाहरण पत्र, लेख, समाचार-पत्र कहानी, जीवनी आदि।

भारतीय संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई है; जैसे- हिंदी, असमिया, बंगाली, डोगरी, बोडो, उर्दू, नेपाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मराठी, मणिपुरी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, तमिल, सिंधी और तेलुगू।
14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार की गई और केंद्रीय सरकार के काम-काज के लिए अनिवार्य घोषित कर दी गई।
मातृभाषा वह भाषा जिसे बालक अपने परिवार में अपनाता व सीखता है, वह मातृभाषा कहलाती है।

बोली – भाषा का मौखिक रूप बोली कहलाता है। यह सीमित अथवा बहुत कम क्षेत्रों में बोली जाती है। इसमें साहित्य की रचना नहीं की जाती है। मैथिली, राजस्थानी, बुंदेलखंडी आदि कई बोलियाँ है जिनका प्रयोग भारत के विभिन्न भागों में किया जाता है।

लिपि – मुख से निकली ध्वनियों को लिखने की विधि या चिह्न को लिपि कहते हैं।
संसार की विभिन्न भाषाओं को लिखने के लिए अनेक लिपियाँ प्रचलित हैं। संस्कृत, हिंदी, मराठी, भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है।

व्याकरण – भाषा को शुद्ध रूप में लिखना, पढ़ना और बोलना सिखाने वाला शास्त्र व्याकरण कहलाता है।
व्याकरण में भाषा के वर्ण, शब्द, पद तथा वाक्य पर विचार किया जाता है। इस आधार पर इसके चार अंग होते हैं।

  1. वर्ण विचार
  2. शब्द विचार
  3. पद विचार
  4. वाक्य विचार

1. वर्ण विचार – भाषा की सबसे छोटी ध्वनि वर्ण कहलाती है।
2. शब्द विचार – वर्णो के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।
3. पद विचार – वाक्य में प्रयुक्त होने पर शब्द को ही पद कहते हैं; जैसे-नेहा दूध पीती है। गाय घास खाती है।
4. वाक्य विचार – एक ऐसा शब्द समूह जिसका अर्थ या भाव पूरा-पूरा समझ आ जाए, उसे वाक्य कहते हैं; जैसे-ओजस्व किताब पढ़ता है।

वाक्य के भाग – वाक्य के दो भाग होते हैं-उद्देश्य और विधेय।
उद्देश्य – जिसके विषय में कुछ कहा जाए उसे उद्देश्य कहते हैं; जैसे–अंशु सेब खाती है। अंशु उद्देश्य है।
विधेय – जब उद्देश्य के विषय में कुछ कहा जाए उसे विधेय कहते हैं; जैसे–अंशु सेब खाती है। इस वाक्य में अंशु के विषय में कहा गया है कि अंशु सेब खा रही है। अतः वाक्य का यह भाग विधेय है।

बहुविकल्पी प्रश्न

1. हम बातचीत किस माध्यम से करते हैं?
(i) लिपि
(ii) वाक्य
(iii) भाषा
(iv) वर्ण

2. भाषा के कितने रूप होते हैं ?
(i) लिखित
(ii) सांकेतिक
(iii) मौखिक
(iv) सभी

3. भाषा के कितने रूप होते हैं?
(i) दो
(ii) चार
(iii) तीन
(iv) पाँच

4. हिंदी की लिपि कौन-सी है?
(i) फारसी
(ii) रोमन
(iii) गुरुमुखी
(iv) देवनागरी

5. हमें किसके द्वारा भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान होता है?
(i) शब्द
(ii) लिपि
(iii) व्याकरण
(iv) वाक्य

6. भाषा का अर्थ है
(i) मन के भाव संकेत के द्वारा प्रकट करना
(ii) मन के भाव केवल बोलकर प्रकट करना
(iii) मन के भाव केवल लिखकर प्रकट करना
(iv) मन के भाव बोलकर या लिखकर प्रकट करना

7. वाक्य किसे कहते है?
(i) शब्द समूह को
(ii) वर्ण समूह को
(iii) वर्गों के मेल को
(iv) शब्दों के सार्थक मेल को

उत्तर
1. (iii)
2. (iv)
3. (i)
4. (iv)
5. (iii)
6. (iv)
7. (iv)

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