Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या रक्त में एल्कोहॉल का स्तर व्यायाम, कॉफी, औषधि आदि द्वारा कम किया जा सकता है?
उत्तर-
नहीं।।
प्रश्न 2.
क्या एल्कोहॉल के प्रयोग ( सेवन) से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है या यह केवल भ्रामक अवधारणा उत्पन्न करता है?
उत्तर-
एल्कोहॉल के सेवन से आत्मविश्वास नहीं बढ़ता है। यद्यपि व्यक्ति इससे राहत महसूस करता है लेकिन उसके सोचने-समझने की क्षमता में बहुत कमी आती है। यह केवल भ्रामक अवधारणा उत्पन्न करता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सड़क दुर्घटना का एक प्रमुख कारण बतलाइये।
उत्तर-
सड़क दुर्घटना का एक प्रमुख कारण शराब पीकर ड्राइविंग करना है।
प्रश्न 2.
एल्कोहॉल किस प्रकार का पदार्थ है ?
उत्तर-
एल्कोहॉल एक अवसादक पदार्थ (sedative medicine) है।
प्रश्न 3.
एल्कोहॉल सेवन के कोई दो दुष्प्रभाव बतलाइये।
उत्तर-
- यह मानसिक प्रक्रिया को मंद करता है।
- यह व्यक्ति के सोच और कार्य प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
प्रश्न 4.
मानव शरीर के रक्त में एल्कोहॉल की क्या सीमा निर्धारित की गयी है जिसे कानूनी सीमा के अन्तर्गत माना गया है ?
उत्तर-
प्रत्येक 100 ml रक्त में एल्कोहॉल का स्तर 30 mg से कम होना चाहिए।
प्रश्न 5.
रक्त में एल्कोहॉल स्तर को किस उपकरण द्वारा मापा जाता है?
उत्तर-
श्वसन विश्लेषक (Breath analyzer) द्वारा।
प्रश्न 6.
BAC का अर्थ क्या है?
उत्तर-
रक्त में एल्कोहॉल की सान्द्रता।
प्रश्न 7.
एल्कोहॉल के अत्यधिक सेवन से मानव शरीर का कौनसा भाग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है ?
उत्तर-
मस्तिष्क।।
प्रश्न 8.
वे कौनसी औषधियाँ हैं जो चालक की एकाग्रता को प्रभावित करती हैं?
उत्तर-
कोरेक्स, बेनाड्रिल, स्नीजर, एलप्रैक्स इत्यादि।।
प्रश्न 9.
मोटर व्हीकल एक्ट का अनुच्छेद (section) 185 क्या है?
उत्तर-
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुच्छेद 185 में एल्कोहॉल का सेवन किए हुए वाहन चालक पर दण्ड का प्रावधान है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
शराब का सेवन वाहन चालन क्षमता को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर-
शराब के सेवन से वाहन चालन क्षमता प्रभावित होती है। शराब का सेवन मानसिक प्रक्रिया को मंद करता है। यह बौद्धिक क्षमता तथा शारीरिक समन्वय को प्रभावित करता है। इसके प्रभाव में गति एवं दूरी सम्बन्धी निर्णय लेने की क्षमता दुर्बल होती है तथा दृष्टि बाधित होने से दुर्घटनाओं की सम्भावना बढ़ जाती है।
प्रश्न 2.
श्वसन विश्लेषक (breath analyzer) यंत्र क्या है? समझाइए।
उत्तर-
श्वसन विश्लेषक यंत्र द्वारा वाहन चालकों के रक्त में एल्कोहॉल सान्द्रता (BAC) ज्ञात की जाती है। संभावित शराबी वाहन चालक द्वारा इसमें फेंक दिलवायी जाती है। इससे यह एल्कोहॉल की सांद्रता की गणना कर प्रदर्शित करता है। यदि यह निर्धारित सीमा स्तर (30 mg) से अधिक है तो वाहन चालक को दण्डित किया जाता है।
प्रश्न 3.
क्या कुछ दवाइयाँ भी वाहन चालक के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं? कुछ दवाइयों के नाम बताइए।
उत्तर-
जुकाम, खाँसी व डिप्रेसन में प्रयोग की जाने वाली दवाइयाँ वाहन चालक के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। इन दवाइयों में एल्कोहॉल की मात्रा होती है। इनके सेवन से नशा होता है और नींद आती है। जैसे-बेनाड्रिल, कोरेक्स, एलपैक्स, स्नीजर इत्यादि।
प्रश्न 4.
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुच्छेद 185 का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
इस अधिनियम के अनुसार एल्कोहॉल का प्रयोग करने पर ड्राइवर को 2000 रुपए का जुर्माना या 6 माह की सजा का प्रावधान है। इस अपराध को तीन वर्ष के भीतर दोहराने पर कारावास की अवधि 2 वर्ष तथा जुर्माना 3000 रुपए तक बढ़ाया जा सकता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वाहन चालकों पर एल्कोहॉल के सेवन के दुष्प्रभाव बतलाइए।
उत्तर-
एल्कोहॉल के सेवन से लीवर खराब हो जाता है और पाचन शक्ति क्षीण हो जाती है। इससे केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की क्रियाशीलता मन्द पड़ जाती है, जिसके कारण मानसिक प्रक्रिया मंद पड़ जाती है। यह व्यक्ति के सोच एवं कार्य-प्रदर्शन को प्रभावित करती है। यह बौद्धिक क्षमता एवं शारीरिक समन्वय को प्रभावित करती है। इसके प्रयोग से गति एवं दूरी सम्बन्धी निर्णय लेने की क्षमता दुर्बल होती है तथा दृष्टि बाधित होने से दुर्घटनाओं की सम्भावना बढ़ती है। यह सन्तुलन एवं समन्वय (Coordination) को दुर्बल करती है, जिससे चालक को गति व दूरी में अन्तर स्पष्ट नहीं होता है। बार-बार चक्कर आते हैं। और नींद या आलस का बोध होता है। इसके कारण चालक वाहन पर से अपना नियंत्रण खो देता है और दुर्घटना हो जाती है।
जीवन कार्यशैली-
पाठ-सार रात्रि में या कम दिखाई देने की स्थिति में वाहन चालक को ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए। दृष्टि दोष जैसे मोतियाबिन्द व रतौंधी के कारण ड्राइविंग करना और भी कठिन कार्य हो जाता है । अत्यधिक तेज हैडलाइट भी आँखों को प्रभावित करती है। वाहन चालक को रात्रि में ड्राइविंग करने | से पहले कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए, जो निम्न हैं-
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
कोहरे में प्रयुक्त लैम्प (Fog lamps) में किस तरह के बल्ब काम में लेते हैं?
उत्तर-
कोहरे में प्रयुक्त लैम्प में LED बल्ब व Xenon बल्ब काम में लेते हैं।
प्रश्न 2.
कोहरे के दौरान पीले रंग का कागज ड्राइविंग में कैसे मदद करता
उत्तर-
पीले रंग का कागज नीले रंग को प्रकीर्णित कर देता है। इसके अतिरिक्त इसकी तरंगदैर्घ्य (λ) अधिक होने के कारण यह तीव्रता से चारों ओर फैलता है। इसमें ड्राइवर को अच्छी दृश्यता मिलती है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ओवरटेकिंग से क्या आशय है?
उत्तर-
ओवरटेकिंग का आशय है—एक गाड़ी को तेज गति से चलकर दूसरी गाड़ी से आगे निकलना।
प्रश्न 2.
आँखें चकाचौंध होने से क्या हानि है ?
उत्तर-
गाड़ी चलाते समय आँखें चकाचौंध होने से सामने की वस्तु स्पष्ट नहीं दिखाई देती है। इससे दुर्घटना हो सकती है।
प्रश्न 3.
चार पहिया वाहनों की विंड स्क्रीन गंदी होने का क्या परिणाम हो सकता है?
उत्तर-
चार पहिया वाहनों की गंदी विंड स्क्रीन हमारी दृष्टि को दुर्बल बनाती है जिससे दुर्घटना हो सकती है।
प्रश्न 4.
कम दिखाई देने की स्थिति में कोहरे में वाहन चालक को वाहन चलाते समय क्या करना चाहिए?
उत्तर-
कम दृश्यता की स्थिति में कोहरा प्रकाशक (fog light) व डिपर का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 5.
घना कोहरा पड़ने के दौरान वाहन चालक को क्या करना चाहिए?
उत्तर-
घने कोहरे में वाहन चालक को वाहन की हैडलाइट पर पीला सेलोफेन पेपर चिपकाना चाहिए।
प्रश्न 6.
वाहन चालक को रात्रि में वाहन चलाते समय सर्वप्रथम क्या करना चाहिए?
उत्तर-
रात्रि में वाहन चलाते समय वाहन चालक को गाड़ी की विंड स्क्रीन को भली प्रकार से साफ कर लेना चाहिए।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय आँखों सम्बन्धी किन-किन महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
वाहन चालक में निम्न दोष नहीं होने चाहिए
- उसे रतौंधी न हो।
- उसे मोतियाबिन्द न हो।
- वाहन चालक में रंग-अन्धता (Colour blindness) न हो।
- वाहन चालक को कोई नेत्र दोष न हो।
प्रश्न 2.
खतरे के संकेत लाल ही क्यों बनाते हैं?
उत्तर-
लाल रंग का प्रकीर्णन कम होता है। चूंकि इसकी तरंगदैर्घ्य अधिक होती है अतः इस रंग को दूर से देखने पर भी तीव्रता में कोई कमी नहीं आती है। यही कारण है कि खतरे के संकेत लाल रंग के रखे जाते हैं।
प्रश्न 3.
घने कोहरे में ड्राइविंग करते समय वाहन चालक को क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर-
वाहन चालक को निम्नलिखित सावधानियाँ रखनी चाहिए
- घने कोहरे में, वाहन की हैडलाइट पर पीला कागज सेलोटेप से चिपकाना चाहिए।
- वाहन की गति धीमी रखनी चाहिए।
- वाहन चालक को अपने वाहन की विंड स्क्रीन ठीक प्रकार से साफ करके चलना चाहिए।
- कम दृश्यता में कोहरा प्रकाशक और डिपर का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 4.
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय आँखों की जाँच महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर-
ड्राइविंग के लिए स्वस्थ आँखों एवं अच्छी नजर का होना अत्यावश्यक है। यदि कोई व्यक्ति रतौंधी (night blindness) या कम नजर से पीड़ित है तो उसके द्वारा रात्रि में ड्राइविंग करना खतरनाक है। आँखों की दृष्टि से सम्बन्धित कोई भी रोग होने पर वाहन चलाने पर दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। अतः ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय आँखों की जाँच महत्त्वपूर्ण है।
नियंत्रण एवं समन्वयन-
पाठ-सार हमारे दैनिक जीवन की समस्त गतिविधियाँ जैसे घूमना, खेलना, खाना, कार्य करना, तैरना आदि में नियंत्रण एवं समन्वयन आवश्यक है। उसी तरह से ड्राइविंग में शरीर के सभी अंगों में समन्वयन एवं नियंत्रण की विशेष आवश्यकता है। हमारी ड्राइविंग बहुत से कारकों पर निर्भर करती है। जैसे-थकावट, बिना इच्छा के किया गया कार्य, एल्कोहॉल व ड्रग्स का सेवन, मस्तिष्क की अवस्था तथा वाहन में तेज शोर का म्यूजिक इत्यादि। मानव शरीर का सबसे कोमल अंग मस्तिष्क है, जिसकी सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहन के लिए हेलमेट पहनना अतिआवश्यक है। दुर्घटनाओं के कारण व्यक्ति के सम्पूर्ण परिवार पर मानसिक व आर्थिक रूप से प्रभाव पड़ता है। मस्तिष्क को सन्तुलित करके, बिना एल्कोहॉल का सेवन किये हुए एवं सड़क के नियमों का पालन करते हुए दुर्घटनाओं पर नियंत्रण किया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को दुर्घटना से ग्रस्त व्यक्ति की तत्काल मदद करनी चाहिए। थोड़ी-सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है। |
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
ड्राइविंग के दौरान सेलफोन के प्रयोग पर कानूनी प्रतिबंध क्यों है?
उत्तर-
ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात करने से वाहन चालक का ध्यान दूसरी ओर चला जाता है, जिससे उसका स्टियरिंग पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। इसके कारण दुर्घटना हो सकती है। अत: ड्राइविंग के दौरान सेलफोन के प्रयोग पर कानूनी प्रतिबंध है।
प्रश्न 2.
ड्राइविंग के दौरान सेलफोन का प्रयोग करने पर दण्ड का क्या । प्रावधान है?
उत्तर-
मोटर वाहन कानून 1988 के अन्तर्गत धारा 184 में ड्राइविंग करते हुए मोबाइल फोन के प्रयोग पर 6 माह का कारावास एवं 1000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
प्रश्न 3.
10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वाहन में यात्रा करते समय क्या शिक्षा देनी चाहिए?
उत्तर-
- बच्चे को पीछे वाली सीट पर अकेले नहीं बैठाना चाहिए क्योंकि उसके द्वारा पिछले दरवाजे खोलने का खतरा हो सकता है।
- बच्चे को वाहन चालक की सीट के बगल वाली सीट पर सीट बेल्ट बाँधकर बैठाना चाहिए।
- बच्चे को बतलाना चाहिए कि वह अपने शरीर का कोई भी अंग वाहन से बाहर न निकाले |
- यदि सम्भव हो सके तो किसी अन्य सदस्य को साथ लेकर चलना चाहिए, जिससे वह बच्चे को संभाल सके।
- बच्चे को प्यार से समझाकर बैठाना चाहिए।
प्रश्न 4.
सूचनात्मक संकेत देने वाले कोई दो आकारों को बनाइए।
उत्तर-
सूचनात्मक संकेत
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ड्राइविंग में किस बात की विशेष आवश्यकता होती है?
उत्तर-
ड्राइविंग में शरीर के सभी अंगों में समन्वयन एवं नियंत्रण की विशेष आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रण किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर-
- स्वयं पर नियंत्रण,
- अन्य ड्राइवरों के साथ मानसिक संतुलन, तथा
- सड़क नियमों की पालना कर सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रण किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
दुपहिया चालकों के लिए क्या पहनना अनिवार्य है?
उत्तर-
हेलमेट।
प्रश्न 4.
ड्राइविंग तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ (reflex actions) किन बातों से अधिक प्रभावित होती हैं ? (कोई दो)।
उत्तर-
ये निम्न बातों से अधिक प्रभावित होती हैं
- अत्यधिक थकान
- मादक पदार्थों का सेवन।
प्रश्न 5.
शरीर का सर्वाधिक समन्वयन केन्द्र क्या है?
उत्तर-
मस्तिष्क।
प्रश्न 6.
दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट लगाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
दुर्घटना होने पर मस्तिष्क के सुरक्षित रहने की सम्भावना बढ़ जाती है। तथा जीवन को बचाया जा सकता है।
प्रश्न 7.
दुर्घटना होने पर प्रत्येक व्यक्ति को किस बात की जानकारी होनी चाहिए?
उत्तर-
प्राथमिक उपचार की।
प्रश्न 8.
ड्राइविंग किस आधार पर संचालित प्रक्रिया है?
उत्तर-
ड्राइविंग मस्तिष्क में संगृहीत सूचनाओं के आधार पर संचालित प्रक्रिया है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
फर्स्ट-एड किट में क्या-क्या सामान आवश्यक है?
उत्तर-
फर्स्ट-एड किट में निम्नलिखित सामान का होना आवश्यक है
- रुई
- पट्टियाँ
- डिटोल या कोई अन्य ऐन्टिसेप्टिक
- बीटाडिन या कोई अन्य घावनाशक क्रीम
- कैंची
- दर्द की गोलियाँ।
प्रश्न 2.
सड़क दुर्घटना में किस तरह की चोटें लग सकती हैं?
उत्तर-
सड़क दुर्घटना में निम्न तरह की चोटें लग सकती हैं
- सिर की चोट
- रीढ़ की हड्डी की चोट
- हड्डी टूटना, शरीर के अंगों का कटना, जलना या अंग-विच्छेद होना।
प्रश्न 3.
Golden Hour क्या है?
उत्तर-
दुर्घटना होने पर घायल व्यक्ति को तुरन्त विशेष समयावधि के अन्दर अस्पताल में पहुँचाने के समय को Golden Hour कहते हैं। यह वह समय है। जिसके अन्तर्गत सहायता पहुँचाने पर घायल की जिन्दगी को बचाया जा सकता है।
प्रश्न 4.
दुर्घटना के क्या दुष्प्रभाव होते हैं ?
उत्तर-
- दुर्घटना से जनहानि होती है।
- दुर्घटना में व्यक्ति विकलांग भी हो जाते हैं।
- इलाज में काफी पैसा खर्च होने से परिवार के सदस्यों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- परिवार के कमाने वाले सदस्य के साथ दुर्घटना होने पर भी परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति अपने आपको दोषी भी महसूस करता है।
प्रश्न 5.
सड़क दुर्घटनाओं में लगने वाली चोटों व उसके बचाव को समझाइए।
उत्तर-
सड़क दुर्घटना में निम्न तरह की चोटें लग सकती हैं
- सिर की चोट
- रीढ़ की हड्डी की चोट
- हड्डी टूटना, शरीर के अंगों का कटना, जलना या अंग-विच्छेद होना।
सड़क दुर्घटना की चोटों से बचाव-
प्राथमिक चिकित्सा (First aid) की तत्काल मदद से गम्भीर दुर्घटना में बचा जा सकता है। अधिक मात्रा में रक्त बहना एवं अन्य चोटों में सावधानी एवं समय पर मदद मिलने से बचाव सम्भव है। स्वयं पर नियंत्रण, अन्य ड्राइवरों के साथ मानसिक सन्तुलन एवं सड़क नियमों की पालना द्वारा सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रण किया जा सकता है।
प्रश्न 6.
सड़क पर दुर्घटना के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के क्या निर्देश हैं?
उत्तर-
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्ट 1989 के तहत दुर्घटना के दौरान किसी की जीवन रक्षा के लिए कोई कानूनी अड़चन नहीं हो सकती है।
- कोई भी व्यक्ति दुर्घटना से पीड़ित व्यक्ति की मदद कर अस्पताल पहुँचा सकता है।
- पुलिस आपसे किसी प्रकार का प्रश्न नहीं करेगी।
- डॉक्टर दुर्घटना से ग्रस्त व्यक्ति का तुरन्त इलाज कर उसकी जीवन रक्षा करेंगे।
प्रश्न 7.
ड्राइविंग तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ (reflex actions) किन बातों से अधिक प्रभावित होते हैं?
उत्तर-
ये निम्न बातों से अधिक प्रभावित होते हैं
- अत्यधिक थकान।
- इच्छा के बिना किया गया कार्य
- निद्रा
- मादक पदार्थों का सेवन
- वाहन में तेज शोर का म्यूजिक।
प्रश्न 8.
दुर्घटना होने पर प्राथमिक चिकित्सा का महत्त्व बतलाइये।
उत्तर-
प्राथमिक चिकित्सा (First-aid) की तत्काल मदद से गंभीर दुर्घटना में बचा जा सकता है। अधिक मात्रा में रक्त बहना एवं अन्य चोटों में सावधानी एवं समय पर मदद मिलने से बचाव सम्भव है।
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
भारत में अधिकांश दुर्घटनायें वाहन चालकों की गलती से होती। हैं। उनके द्वारा की गयी प्रमुख गलतियों को लिखिए।
उत्तर-
वाहन चालकों द्वारा प्रायः निम्न गलतियाँ की जाती हैं
- शराब/मादक पदार्थों का इस्तेमाल करके वाहन चलाना।
- अत्यधिक थकान होने पर भी वाहन चलाना।
- वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना।
- वैध गति से अधिक तेज गाड़ी चलाना।
- वाहनों में जरूरत से ज्यादा भीड़ का होना या ओवरलोडिंग करना।
- कई रातों तक वाहन चलाना, नींद पूरी न होना।।
- तेज आवाज में संगीत चलाना।
- गलत ओवरटेकिंग करना।
- यातायात संकेतकों को नजरअंदाज करना।
प्रकाश-
पाठ-सार वाहनों में विभिन्न प्रकार के दर्पणों का उपयोग किया जाता है। समतल दर्पण से बना प्रतिबिम्ब सदैव आभासी एवं सीधा बनता है। समतल दर्पण से वस्तु जितनी आगे होगी, प्रतिबिम्ब दर्पण से उतनी ही दूरी पर पीछे बनेगा। प्रतिबिम्ब का आकार हमेशा वस्तु के आकार जितना ही होता है। अन्तर केवल इतना है कि बिम्ब का दायाँ भाग (right) प्रतिबिम्ब का बायाँ (left) तथा | बिम्ब का बायाँ भाग प्रतिबिम्ब का दायाँ होता है। अर्थात् प्रतिबिम्ब में पाश्र्व परिवर्तन होता है। इसी कारण एम्बुलेंस में ड्राइवर के सामने समतल दर्पण को लगाते हैं। यही कारण है कि एम्बुलेंस ड्राइवर को गाड़ी चलाने में असुविधा नहीं होती है। उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च दृश्य दर्पणों के रूप में किया जाता है। ये दर्पण वाहन के पाश्र्व में लगे होते हैं तथा | इनमें ड्राइवर अपने पीछे से आने वाले सभी वाहनों को आसानी से देख सकते हैं। अवतल दर्पणों का उपयोग वाहनों की हैडलाइट्स में प्रयोग किया जाता है, जिससे समान्तर प्रकाश पुंज प्राप्त करते हैं। इससे चालक को दूरस्थ वस्तुओं को देखने में सहायता मिलती है। |
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
वाहन के हैड लाइट में कैसा दर्पण प्रयोग में लेते हैं?
अथवा
वाहन की हैड लाइट में कैसे दर्पण का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
वाहन की हैड लाइट में अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण का प्रयोग पीछे का दृश्य (rear view) देखने हेतु क्यों करते हैं?
उत्तर-
उत्तल दर्पणों का दृष्टि क्षेत्र बहुत अधिक होता है। ड्राइवर उत्तल दर्पण की सहायता से अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ होते हैं। इससे ड्राइवर सुरक्षित रहता है।
गतिविधि
प्रश्न 1.
आपातकालीन वाहनों के फोन नंबर एकत्र कीजिए।
उत्तर-
स्थानीय पुलिस-100
अग्निशमन (Fire bridage)-101
एम्बुलेंस-102
मेडिकल, पुलिस व अग्निशमन आपातकालीन सेवायें-108
प्रश्न 2.
एक वाहन के विभिन्न प्रकार के सूचना संकेत (Indicators) के बारे में बताइए।
उत्तर-
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
समतल दर्पण ड्राइवर को कैसी वस्तुओं को देखने में मदद करता है?
उत्तर-
पास की वस्तुओं को।
प्रश्न 2.
ड्राइवर को कैसा प्रतिबिम्ब पढ़ने में मदद करता है?
उत्तर-
आभासी एवं सीधा।
प्रश्न 3.
शब्द AMBULANCE को वाहनों पर किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर-
शब्द AMBULANCE को वाहनों पर HOVALIUIMA लिखते हैं
प्रश्न 4.
समान्तर प्रकाश पुंज कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
अवतल दर्पणों का वाहनों की हैडलाइट्स में प्रयोग से समान्तर प्रकाश पुंज प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न 5.
ड्राइवरों को व्यस्त ट्रैफिक/रात्रि में कैसा तीव्रता वाला प्रकाश पुंज प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
कम तीव्रता वाला प्रकाश पुंज।
प्रश्न 6.
तेज प्रकाश पुंज को प्रयोग कहाँ पर और क्यों करना चाहिए?
उत्तर-
तेज प्रकाश पुंज का प्रयोग राजमार्गों पर करना चाहिए, जिससे कि दूरस्थ वस्तुओं को ड्राइवर अग्रिम में ही देख सके।
प्रश्न 7.
स्ट्रीट लाइट में सड़कों को प्रकाशयुक्त करने हेतु कौनसा दर्पण प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
अवतल दर्पण।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ड्राइवर को रात्रि में किस प्रकार के प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिए एवं क्यों? स्पष्ट कीजिये।।
उत्तर-
ड्राइवर को रात्रि में कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिए। कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करने से सामने से आने वाले वाहन के ड्राइवर की आंखों में चकाचौंध नहीं होती और उसे स्पष्ट दिखाई देता है।
प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण का प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है?
उत्तर-
उत्तल दर्पण का पीछे का दृश्य देखने हेतु बस, ट्रक, ट्रेलर के ड्राइवर प्रयोग करते हैं। इससे ड्राइवर सुरक्षित रहता है। कार ड्राइवर भी सुरक्षित ड्राइविंग के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
विद्युत-
पाठ-सार किसी भी ऑटोमोबाइल के लिए विद्युत-धारा का स्रोत बैटरी होती है जो कि वाहन की प्रकृति पर निर्भर होती है। वाहन में इंजन स्टार्ट करना, हॉर्न बजाना, बल्ब जलाना आदि कार्य में बैटरी को प्रयोग में लाते हैं। एक बैटरी दिष्टधारा (DC) उत्पन्न करती है। |
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
कार की हैडलाइट में एक 12 वोल्ट एवं 60 वॉट का बल्ब प्रयोग में लिया जाता है। बल्ब जलाने पर विद्युत धारा की गणना कीजिए।
हल-
दिया है-V = 12 वोल्ट
P = 60 वॉट
चूँकि P = V×I = बल्ब के सिरों पर विभवान्तर × प्रवाहित धारा
∴ धारा (I) =
मान रखने पर I =
= 5 एम्पियर Ans.
प्रश्न 2.
एक हॉर्स पावर (HP) 746 वॉट के समकक्ष है और एक कार 75 HP की है। बताइए एक सेकण्ड में कितनी जूल ऊर्जा का प्रयोग होगा?
हल-
दिया है
1 हॉर्स पावर (HP) = 746 वॉट
अतः 75 (HP) = 746 × 75 वॉट
= 55950
वॉट चूँकि हम जानते हैं
W = P × t
= 55950 × 1
= 55950 जूल।
अतः कार एक सेकण्ड में 55950 जूल ऊर्जा प्रयोग में लायेगी। Ans.
प्रश्न 3.
लम्बे समय तक बैटरी का प्रयोग नहीं किया जाए तो बैटरी डिस्चार्ज क्यों हो जाती है?
उत्तर-
यदि हम लम्बे समय तक बैटरी का प्रयोग नहीं करते हैं तो उसके इलेक्ट्रोलाइट व पानी हाइड्रोजन गैस बनकर बाहर निकल जाते हैं। जिससे प्लेटों पर पानी का स्तर कम होने से इलेक्ट्रोलाइट प्लेटों पर जम जाता है और टर्मिनल पर। जंग लग जाता है। इस कारण बैटरी निरावेशित हो जाती है और काम करना बन्द कर देती है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ऑटोमोबाइल में विद्युत-धारा का स्रोत क्या होता है?
उत्तर-
बैटरी।
प्रश्न 2.
सेल व बैटरी में क्या प्रमुख अन्तर है?
उत्तर-
सेल एकल ईकाई है जबकि कई सेलों के संयोग को बैटरी कहा जाता है।
प्रश्न 3.
उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर बनाये रखने में सहायता करती है।
उत्तर-
विद्युत सेल या बैटरी।।
प्रश्न 4.
सर्दी के दिनों में मोटरसाइकिल/कार स्टार्ट करना कठिन हो जाता है, क्यों ?
उत्तर-
सर्दी के दिनों में तापमान घट जाने के कारण बैटरी के अन्दर वैद्युत अपघट्य का प्रतिरोध अर्थात् बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे धारा का मान कम प्राप्त होता है। अतः बैटरी से कम धारा प्राप्त होती है।
प्रश्न 5.
वाहन में बैटरी के कोई दो कार्य लिखिए।
अथवा
वाहन में बैटरी के कार्य बतलाइए।
उत्तर-
- मोटर स्टार्ट करना
- हॉर्न बजाना
- बल्ब जलाना आदि।
प्रश्न 6.
बैटरी में कौनसी धारा प्रवाहित होती है ?
उत्तर-
बैटरी में दिष्ट विद्युत धारा (DC) प्रवाहित होती है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कार की बैटरी को अधिक समय तक चलाने के लिए क्या-क्या सावधानियाँ आवश्यक हैं?
उत्तर-
- बैटरी में उचित समय पर पानी डाला जाए।
- बैटरी को लम्बे समय तक चलाने के लिए बैटरी को लगातार प्रयोग में लाया जाये।
- बैटरी के टर्मिनलों की सफाई समय-समय पर की जाये।
प्रश्न 2.
कार स्टार्ट करते समय उसकी हैडलाइट कुछ धीमी क्यों पड़ जाती है?
उत्तर-
गाड़ी स्टार्ट करने पर स्टार्टर गाड़ी की बैटरी से एक उच्चधारा का मान लेता है। इसके कारण आन्तरिक प्रतिरोध पर विभव पतन (Ir) बढ़ जाता है। जिससे बाह्य विभवान्तर के मान में कमी आ जाती है। इसके कारण ही कार की हैडलाइट कुछ मन्द पड़ जाती है।
प्रश्न 3.
वाहन में बैटरी क्या कार्य करती है?
उत्तर-
बैटरी विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने का प्राथमिक स्रोत है। यह विद्युत रासायनिक क्रिया द्वारा रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है।
वाहन में बैटरी के कार्य
- वाहन के इंजन को चालू व बन्द करने में
- हैडलैम्प व डिपर को प्रकाशित करने में
- वोल्टेज स्टेबिलाइजर के रूप में।
- चलते इंजन में विद्युत का लोड के प्रयोग में
- हॉर्न बजाने में।
- खिड़कियों के शीशे बन्द करने में, आदि।
प्रश्न 4.
- कानूनी रूप से 100 ml रक्त में एल्कोहॉल की अधिकतम कितनी मात्रा निर्धारित है?
- हैडलाइट पर पीले रंग के पेपर या टेप को क्यों चिपकाया जाता है?
- वाहनों की बैटरी में किस प्रकार की विद्युत धारा प्रवाहित होती है? (माध्य. शिक्षा बोर्ड, मॉडल पेपर, 2017-18)
उत्तर-
- कानूनी रूप से 100 ml रक्त में 30 mg से एल्कोहॉल की सीमा निर्धारित है।
- घने कोहरे में देखने के लिए हैडलाइट पर पीले रंग के पेपर या टेप को चिपकाया जाता है।
- वाहनों की बैटरी में दिष्ट विद्युत धारा (DC) प्रवाहित होती है।
Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या रक्त में एल्कोहॉल का स्तर व्यायाम, कॉफी, औषधि आदि द्वारा कम किया जा सकता है?
उत्तर-
नहीं।।
प्रश्न 2.
क्या एल्कोहॉल के प्रयोग ( सेवन) से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है या यह केवल भ्रामक अवधारणा उत्पन्न करता है?
उत्तर-
एल्कोहॉल के सेवन से आत्मविश्वास नहीं बढ़ता है। यद्यपि व्यक्ति इससे राहत महसूस करता है लेकिन उसके सोचने-समझने की क्षमता में बहुत कमी आती है। यह केवल भ्रामक अवधारणा उत्पन्न करता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सड़क दुर्घटना का एक प्रमुख कारण बतलाइये।
उत्तर-
सड़क दुर्घटना का एक प्रमुख कारण शराब पीकर ड्राइविंग करना है।
प्रश्न 2.
एल्कोहॉल किस प्रकार का पदार्थ है ?
उत्तर-
एल्कोहॉल एक अवसादक पदार्थ (sedative medicine) है।
प्रश्न 3.
एल्कोहॉल सेवन के कोई दो दुष्प्रभाव बतलाइये।
उत्तर-
- यह मानसिक प्रक्रिया को मंद करता है।
- यह व्यक्ति के सोच और कार्य प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
प्रश्न 4.
मानव शरीर के रक्त में एल्कोहॉल की क्या सीमा निर्धारित की गयी है जिसे कानूनी सीमा के अन्तर्गत माना गया है ?
उत्तर-
प्रत्येक 100 ml रक्त में एल्कोहॉल का स्तर 30 mg से कम होना चाहिए।
प्रश्न 5.
रक्त में एल्कोहॉल स्तर को किस उपकरण द्वारा मापा जाता है?
उत्तर-
श्वसन विश्लेषक (Breath analyzer) द्वारा।
प्रश्न 6.
BAC का अर्थ क्या है?
उत्तर-
रक्त में एल्कोहॉल की सान्द्रता।
प्रश्न 7.
एल्कोहॉल के अत्यधिक सेवन से मानव शरीर का कौनसा भाग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है ?
उत्तर-
मस्तिष्क।।
प्रश्न 8.
वे कौनसी औषधियाँ हैं जो चालक की एकाग्रता को प्रभावित करती हैं?
उत्तर-
कोरेक्स, बेनाड्रिल, स्नीजर, एलप्रैक्स इत्यादि।।
प्रश्न 9.
मोटर व्हीकल एक्ट का अनुच्छेद (section) 185 क्या है?
उत्तर-
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुच्छेद 185 में एल्कोहॉल का सेवन किए हुए वाहन चालक पर दण्ड का प्रावधान है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
शराब का सेवन वाहन चालन क्षमता को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर-
शराब के सेवन से वाहन चालन क्षमता प्रभावित होती है। शराब का सेवन मानसिक प्रक्रिया को मंद करता है। यह बौद्धिक क्षमता तथा शारीरिक समन्वय को प्रभावित करता है। इसके प्रभाव में गति एवं दूरी सम्बन्धी निर्णय लेने की क्षमता दुर्बल होती है तथा दृष्टि बाधित होने से दुर्घटनाओं की सम्भावना बढ़ जाती है।
प्रश्न 2.
श्वसन विश्लेषक (breath analyzer) यंत्र क्या है? समझाइए।
उत्तर-
श्वसन विश्लेषक यंत्र द्वारा वाहन चालकों के रक्त में एल्कोहॉल सान्द्रता (BAC) ज्ञात की जाती है। संभावित शराबी वाहन चालक द्वारा इसमें फेंक दिलवायी जाती है। इससे यह एल्कोहॉल की सांद्रता की गणना कर प्रदर्शित करता है। यदि यह निर्धारित सीमा स्तर (30 mg) से अधिक है तो वाहन चालक को दण्डित किया जाता है।
प्रश्न 3.
क्या कुछ दवाइयाँ भी वाहन चालक के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं? कुछ दवाइयों के नाम बताइए।
उत्तर-
जुकाम, खाँसी व डिप्रेसन में प्रयोग की जाने वाली दवाइयाँ वाहन चालक के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। इन दवाइयों में एल्कोहॉल की मात्रा होती है। इनके सेवन से नशा होता है और नींद आती है। जैसे-बेनाड्रिल, कोरेक्स, एलपैक्स, स्नीजर इत्यादि।
प्रश्न 4.
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुच्छेद 185 का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
इस अधिनियम के अनुसार एल्कोहॉल का प्रयोग करने पर ड्राइवर को 2000 रुपए का जुर्माना या 6 माह की सजा का प्रावधान है। इस अपराध को तीन वर्ष के भीतर दोहराने पर कारावास की अवधि 2 वर्ष तथा जुर्माना 3000 रुपए तक बढ़ाया जा सकता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वाहन चालकों पर एल्कोहॉल के सेवन के दुष्प्रभाव बतलाइए।
उत्तर-
एल्कोहॉल के सेवन से लीवर खराब हो जाता है और पाचन शक्ति क्षीण हो जाती है। इससे केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की क्रियाशीलता मन्द पड़ जाती है, जिसके कारण मानसिक प्रक्रिया मंद पड़ जाती है। यह व्यक्ति के सोच एवं कार्य-प्रदर्शन को प्रभावित करती है। यह बौद्धिक क्षमता एवं शारीरिक समन्वय को प्रभावित करती है। इसके प्रयोग से गति एवं दूरी सम्बन्धी निर्णय लेने की क्षमता दुर्बल होती है तथा दृष्टि बाधित होने से दुर्घटनाओं की सम्भावना बढ़ती है। यह सन्तुलन एवं समन्वय (Coordination) को दुर्बल करती है, जिससे चालक को गति व दूरी में अन्तर स्पष्ट नहीं होता है। बार-बार चक्कर आते हैं। और नींद या आलस का बोध होता है। इसके कारण चालक वाहन पर से अपना नियंत्रण खो देता है और दुर्घटना हो जाती है।
जीवन कार्यशैली-
पाठ-सार रात्रि में या कम दिखाई देने की स्थिति में वाहन चालक को ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए। दृष्टि दोष जैसे मोतियाबिन्द व रतौंधी के कारण ड्राइविंग करना और भी कठिन कार्य हो जाता है । अत्यधिक तेज हैडलाइट भी आँखों को प्रभावित करती है। वाहन चालक को रात्रि में ड्राइविंग करने | से पहले कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए, जो निम्न हैं-
|
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
कोहरे में प्रयुक्त लैम्प (Fog lamps) में किस तरह के बल्ब काम में लेते हैं?
उत्तर-
कोहरे में प्रयुक्त लैम्प में LED बल्ब व Xenon बल्ब काम में लेते हैं।
प्रश्न 2.
कोहरे के दौरान पीले रंग का कागज ड्राइविंग में कैसे मदद करता
उत्तर-
पीले रंग का कागज नीले रंग को प्रकीर्णित कर देता है। इसके अतिरिक्त इसकी तरंगदैर्घ्य (λ) अधिक होने के कारण यह तीव्रता से चारों ओर फैलता है। इसमें ड्राइवर को अच्छी दृश्यता मिलती है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ओवरटेकिंग से क्या आशय है?
उत्तर-
ओवरटेकिंग का आशय है—एक गाड़ी को तेज गति से चलकर दूसरी गाड़ी से आगे निकलना।
प्रश्न 2.
आँखें चकाचौंध होने से क्या हानि है ?
उत्तर-
गाड़ी चलाते समय आँखें चकाचौंध होने से सामने की वस्तु स्पष्ट नहीं दिखाई देती है। इससे दुर्घटना हो सकती है।
प्रश्न 3.
चार पहिया वाहनों की विंड स्क्रीन गंदी होने का क्या परिणाम हो सकता है?
उत्तर-
चार पहिया वाहनों की गंदी विंड स्क्रीन हमारी दृष्टि को दुर्बल बनाती है जिससे दुर्घटना हो सकती है।
प्रश्न 4.
कम दिखाई देने की स्थिति में कोहरे में वाहन चालक को वाहन चलाते समय क्या करना चाहिए?
उत्तर-
कम दृश्यता की स्थिति में कोहरा प्रकाशक (fog light) व डिपर का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 5.
घना कोहरा पड़ने के दौरान वाहन चालक को क्या करना चाहिए?
उत्तर-
घने कोहरे में वाहन चालक को वाहन की हैडलाइट पर पीला सेलोफेन पेपर चिपकाना चाहिए।
प्रश्न 6.
वाहन चालक को रात्रि में वाहन चलाते समय सर्वप्रथम क्या करना चाहिए?
उत्तर-
रात्रि में वाहन चलाते समय वाहन चालक को गाड़ी की विंड स्क्रीन को भली प्रकार से साफ कर लेना चाहिए।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय आँखों सम्बन्धी किन-किन महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
वाहन चालक में निम्न दोष नहीं होने चाहिए
- उसे रतौंधी न हो।
- उसे मोतियाबिन्द न हो।
- वाहन चालक में रंग-अन्धता (Colour blindness) न हो।
- वाहन चालक को कोई नेत्र दोष न हो।
प्रश्न 2.
खतरे के संकेत लाल ही क्यों बनाते हैं?
उत्तर-
लाल रंग का प्रकीर्णन कम होता है। चूंकि इसकी तरंगदैर्घ्य अधिक होती है अतः इस रंग को दूर से देखने पर भी तीव्रता में कोई कमी नहीं आती है। यही कारण है कि खतरे के संकेत लाल रंग के रखे जाते हैं।
प्रश्न 3.
घने कोहरे में ड्राइविंग करते समय वाहन चालक को क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर-
वाहन चालक को निम्नलिखित सावधानियाँ रखनी चाहिए
- घने कोहरे में, वाहन की हैडलाइट पर पीला कागज सेलोटेप से चिपकाना चाहिए।
- वाहन की गति धीमी रखनी चाहिए।
- वाहन चालक को अपने वाहन की विंड स्क्रीन ठीक प्रकार से साफ करके चलना चाहिए।
- कम दृश्यता में कोहरा प्रकाशक और डिपर का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 4.
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय आँखों की जाँच महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर-
ड्राइविंग के लिए स्वस्थ आँखों एवं अच्छी नजर का होना अत्यावश्यक है। यदि कोई व्यक्ति रतौंधी (night blindness) या कम नजर से पीड़ित है तो उसके द्वारा रात्रि में ड्राइविंग करना खतरनाक है। आँखों की दृष्टि से सम्बन्धित कोई भी रोग होने पर वाहन चलाने पर दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। अतः ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय आँखों की जाँच महत्त्वपूर्ण है।
नियंत्रण एवं समन्वयन-
पाठ-सार हमारे दैनिक जीवन की समस्त गतिविधियाँ जैसे घूमना, खेलना, खाना, कार्य करना, तैरना आदि में नियंत्रण एवं समन्वयन आवश्यक है। उसी तरह से ड्राइविंग में शरीर के सभी अंगों में समन्वयन एवं नियंत्रण की विशेष आवश्यकता है। हमारी ड्राइविंग बहुत से कारकों पर निर्भर करती है। जैसे-थकावट, बिना इच्छा के किया गया कार्य, एल्कोहॉल व ड्रग्स का सेवन, मस्तिष्क की अवस्था तथा वाहन में तेज शोर का म्यूजिक इत्यादि। मानव शरीर का सबसे कोमल अंग मस्तिष्क है, जिसकी सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहन के लिए हेलमेट पहनना अतिआवश्यक है। दुर्घटनाओं के कारण व्यक्ति के सम्पूर्ण परिवार पर मानसिक व आर्थिक रूप से प्रभाव पड़ता है। मस्तिष्क को सन्तुलित करके, बिना एल्कोहॉल का सेवन किये हुए एवं सड़क के नियमों का पालन करते हुए दुर्घटनाओं पर नियंत्रण किया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को दुर्घटना से ग्रस्त व्यक्ति की तत्काल मदद करनी चाहिए। थोड़ी-सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है। |
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
ड्राइविंग के दौरान सेलफोन के प्रयोग पर कानूनी प्रतिबंध क्यों है?
उत्तर-
ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात करने से वाहन चालक का ध्यान दूसरी ओर चला जाता है, जिससे उसका स्टियरिंग पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। इसके कारण दुर्घटना हो सकती है। अत: ड्राइविंग के दौरान सेलफोन के प्रयोग पर कानूनी प्रतिबंध है।
प्रश्न 2.
ड्राइविंग के दौरान सेलफोन का प्रयोग करने पर दण्ड का क्या । प्रावधान है?
उत्तर-
मोटर वाहन कानून 1988 के अन्तर्गत धारा 184 में ड्राइविंग करते हुए मोबाइल फोन के प्रयोग पर 6 माह का कारावास एवं 1000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
प्रश्न 3.
10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वाहन में यात्रा करते समय क्या शिक्षा देनी चाहिए?
उत्तर-
- बच्चे को पीछे वाली सीट पर अकेले नहीं बैठाना चाहिए क्योंकि उसके द्वारा पिछले दरवाजे खोलने का खतरा हो सकता है।
- बच्चे को वाहन चालक की सीट के बगल वाली सीट पर सीट बेल्ट बाँधकर बैठाना चाहिए।
- बच्चे को बतलाना चाहिए कि वह अपने शरीर का कोई भी अंग वाहन से बाहर न निकाले |
- यदि सम्भव हो सके तो किसी अन्य सदस्य को साथ लेकर चलना चाहिए, जिससे वह बच्चे को संभाल सके।
- बच्चे को प्यार से समझाकर बैठाना चाहिए।
प्रश्न 4.
सूचनात्मक संकेत देने वाले कोई दो आकारों को बनाइए।
उत्तर-
सूचनात्मक संकेत
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ड्राइविंग में किस बात की विशेष आवश्यकता होती है?
उत्तर-
ड्राइविंग में शरीर के सभी अंगों में समन्वयन एवं नियंत्रण की विशेष आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रण किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर-
- स्वयं पर नियंत्रण,
- अन्य ड्राइवरों के साथ मानसिक संतुलन, तथा
- सड़क नियमों की पालना कर सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रण किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
दुपहिया चालकों के लिए क्या पहनना अनिवार्य है?
उत्तर-
हेलमेट।
प्रश्न 4.
ड्राइविंग तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ (reflex actions) किन बातों से अधिक प्रभावित होती हैं ? (कोई दो)।
उत्तर-
ये निम्न बातों से अधिक प्रभावित होती हैं
- अत्यधिक थकान
- मादक पदार्थों का सेवन।
प्रश्न 5.
शरीर का सर्वाधिक समन्वयन केन्द्र क्या है?
उत्तर-
मस्तिष्क।
प्रश्न 6.
दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट लगाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
दुर्घटना होने पर मस्तिष्क के सुरक्षित रहने की सम्भावना बढ़ जाती है। तथा जीवन को बचाया जा सकता है।
प्रश्न 7.
दुर्घटना होने पर प्रत्येक व्यक्ति को किस बात की जानकारी होनी चाहिए?
उत्तर-
प्राथमिक उपचार की।
प्रश्न 8.
ड्राइविंग किस आधार पर संचालित प्रक्रिया है?
उत्तर-
ड्राइविंग मस्तिष्क में संगृहीत सूचनाओं के आधार पर संचालित प्रक्रिया है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
फर्स्ट-एड किट में क्या-क्या सामान आवश्यक है?
उत्तर-
फर्स्ट-एड किट में निम्नलिखित सामान का होना आवश्यक है
- रुई
- पट्टियाँ
- डिटोल या कोई अन्य ऐन्टिसेप्टिक
- बीटाडिन या कोई अन्य घावनाशक क्रीम
- कैंची
- दर्द की गोलियाँ।
प्रश्न 2.
सड़क दुर्घटना में किस तरह की चोटें लग सकती हैं?
उत्तर-
सड़क दुर्घटना में निम्न तरह की चोटें लग सकती हैं
- सिर की चोट
- रीढ़ की हड्डी की चोट
- हड्डी टूटना, शरीर के अंगों का कटना, जलना या अंग-विच्छेद होना।
प्रश्न 3.
Golden Hour क्या है?
उत्तर-
दुर्घटना होने पर घायल व्यक्ति को तुरन्त विशेष समयावधि के अन्दर अस्पताल में पहुँचाने के समय को Golden Hour कहते हैं। यह वह समय है। जिसके अन्तर्गत सहायता पहुँचाने पर घायल की जिन्दगी को बचाया जा सकता है।
प्रश्न 4.
दुर्घटना के क्या दुष्प्रभाव होते हैं ?
उत्तर-
- दुर्घटना से जनहानि होती है।
- दुर्घटना में व्यक्ति विकलांग भी हो जाते हैं।
- इलाज में काफी पैसा खर्च होने से परिवार के सदस्यों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- परिवार के कमाने वाले सदस्य के साथ दुर्घटना होने पर भी परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति अपने आपको दोषी भी महसूस करता है।
प्रश्न 5.
सड़क दुर्घटनाओं में लगने वाली चोटों व उसके बचाव को समझाइए।
उत्तर-
सड़क दुर्घटना में निम्न तरह की चोटें लग सकती हैं
- सिर की चोट
- रीढ़ की हड्डी की चोट
- हड्डी टूटना, शरीर के अंगों का कटना, जलना या अंग-विच्छेद होना।
सड़क दुर्घटना की चोटों से बचाव-
प्राथमिक चिकित्सा (First aid) की तत्काल मदद से गम्भीर दुर्घटना में बचा जा सकता है। अधिक मात्रा में रक्त बहना एवं अन्य चोटों में सावधानी एवं समय पर मदद मिलने से बचाव सम्भव है। स्वयं पर नियंत्रण, अन्य ड्राइवरों के साथ मानसिक सन्तुलन एवं सड़क नियमों की पालना द्वारा सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रण किया जा सकता है।
प्रश्न 6.
सड़क पर दुर्घटना के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के क्या निर्देश हैं?
उत्तर-
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्ट 1989 के तहत दुर्घटना के दौरान किसी की जीवन रक्षा के लिए कोई कानूनी अड़चन नहीं हो सकती है।
- कोई भी व्यक्ति दुर्घटना से पीड़ित व्यक्ति की मदद कर अस्पताल पहुँचा सकता है।
- पुलिस आपसे किसी प्रकार का प्रश्न नहीं करेगी।
- डॉक्टर दुर्घटना से ग्रस्त व्यक्ति का तुरन्त इलाज कर उसकी जीवन रक्षा करेंगे।
प्रश्न 7.
ड्राइविंग तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ (reflex actions) किन बातों से अधिक प्रभावित होते हैं?
उत्तर-
ये निम्न बातों से अधिक प्रभावित होते हैं
- अत्यधिक थकान।
- इच्छा के बिना किया गया कार्य
- निद्रा
- मादक पदार्थों का सेवन
- वाहन में तेज शोर का म्यूजिक।
प्रश्न 8.
दुर्घटना होने पर प्राथमिक चिकित्सा का महत्त्व बतलाइये।
उत्तर-
प्राथमिक चिकित्सा (First-aid) की तत्काल मदद से गंभीर दुर्घटना में बचा जा सकता है। अधिक मात्रा में रक्त बहना एवं अन्य चोटों में सावधानी एवं समय पर मदद मिलने से बचाव सम्भव है।
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
भारत में अधिकांश दुर्घटनायें वाहन चालकों की गलती से होती। हैं। उनके द्वारा की गयी प्रमुख गलतियों को लिखिए।
उत्तर-
वाहन चालकों द्वारा प्रायः निम्न गलतियाँ की जाती हैं
- शराब/मादक पदार्थों का इस्तेमाल करके वाहन चलाना।
- अत्यधिक थकान होने पर भी वाहन चलाना।
- वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना।
- वैध गति से अधिक तेज गाड़ी चलाना।
- वाहनों में जरूरत से ज्यादा भीड़ का होना या ओवरलोडिंग करना।
- कई रातों तक वाहन चलाना, नींद पूरी न होना।।
- तेज आवाज में संगीत चलाना।
- गलत ओवरटेकिंग करना।
- यातायात संकेतकों को नजरअंदाज करना।
प्रकाश-
पाठ-सार वाहनों में विभिन्न प्रकार के दर्पणों का उपयोग किया जाता है। समतल दर्पण से बना प्रतिबिम्ब सदैव आभासी एवं सीधा बनता है। समतल दर्पण से वस्तु जितनी आगे होगी, प्रतिबिम्ब दर्पण से उतनी ही दूरी पर पीछे बनेगा। प्रतिबिम्ब का आकार हमेशा वस्तु के आकार जितना ही होता है। अन्तर केवल इतना है कि बिम्ब का दायाँ भाग (right) प्रतिबिम्ब का बायाँ (left) तथा | बिम्ब का बायाँ भाग प्रतिबिम्ब का दायाँ होता है। अर्थात् प्रतिबिम्ब में पाश्र्व परिवर्तन होता है। इसी कारण एम्बुलेंस में ड्राइवर के सामने समतल दर्पण को लगाते हैं। यही कारण है कि एम्बुलेंस ड्राइवर को गाड़ी चलाने में असुविधा नहीं होती है। उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च दृश्य दर्पणों के रूप में किया जाता है। ये दर्पण वाहन के पाश्र्व में लगे होते हैं तथा | इनमें ड्राइवर अपने पीछे से आने वाले सभी वाहनों को आसानी से देख सकते हैं। अवतल दर्पणों का उपयोग वाहनों की हैडलाइट्स में प्रयोग किया जाता है, जिससे समान्तर प्रकाश पुंज प्राप्त करते हैं। इससे चालक को दूरस्थ वस्तुओं को देखने में सहायता मिलती है। |
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
वाहन के हैड लाइट में कैसा दर्पण प्रयोग में लेते हैं?
अथवा
वाहन की हैड लाइट में कैसे दर्पण का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
वाहन की हैड लाइट में अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण का प्रयोग पीछे का दृश्य (rear view) देखने हेतु क्यों करते हैं?
उत्तर-
उत्तल दर्पणों का दृष्टि क्षेत्र बहुत अधिक होता है। ड्राइवर उत्तल दर्पण की सहायता से अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ होते हैं। इससे ड्राइवर सुरक्षित रहता है।
गतिविधि
प्रश्न 1.
आपातकालीन वाहनों के फोन नंबर एकत्र कीजिए।
उत्तर-
स्थानीय पुलिस-100
अग्निशमन (Fire bridage)-101
एम्बुलेंस-102
मेडिकल, पुलिस व अग्निशमन आपातकालीन सेवायें-108
प्रश्न 2.
एक वाहन के विभिन्न प्रकार के सूचना संकेत (Indicators) के बारे में बताइए।
उत्तर-
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
समतल दर्पण ड्राइवर को कैसी वस्तुओं को देखने में मदद करता है?
उत्तर-
पास की वस्तुओं को।
प्रश्न 2.
ड्राइवर को कैसा प्रतिबिम्ब पढ़ने में मदद करता है?
उत्तर-
आभासी एवं सीधा।
प्रश्न 3.
शब्द AMBULANCE को वाहनों पर किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर-
शब्द AMBULANCE को वाहनों पर HOVALIUIMA लिखते हैं
प्रश्न 4.
समान्तर प्रकाश पुंज कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
अवतल दर्पणों का वाहनों की हैडलाइट्स में प्रयोग से समान्तर प्रकाश पुंज प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न 5.
ड्राइवरों को व्यस्त ट्रैफिक/रात्रि में कैसा तीव्रता वाला प्रकाश पुंज प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
कम तीव्रता वाला प्रकाश पुंज।
प्रश्न 6.
तेज प्रकाश पुंज को प्रयोग कहाँ पर और क्यों करना चाहिए?
उत्तर-
तेज प्रकाश पुंज का प्रयोग राजमार्गों पर करना चाहिए, जिससे कि दूरस्थ वस्तुओं को ड्राइवर अग्रिम में ही देख सके।
प्रश्न 7.
स्ट्रीट लाइट में सड़कों को प्रकाशयुक्त करने हेतु कौनसा दर्पण प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
अवतल दर्पण।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ड्राइवर को रात्रि में किस प्रकार के प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिए एवं क्यों? स्पष्ट कीजिये।।
उत्तर-
ड्राइवर को रात्रि में कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिए। कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करने से सामने से आने वाले वाहन के ड्राइवर की आंखों में चकाचौंध नहीं होती और उसे स्पष्ट दिखाई देता है।
प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण का प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है?
उत्तर-
उत्तल दर्पण का पीछे का दृश्य देखने हेतु बस, ट्रक, ट्रेलर के ड्राइवर प्रयोग करते हैं। इससे ड्राइवर सुरक्षित रहता है। कार ड्राइवर भी सुरक्षित ड्राइविंग के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
विद्युत-
पाठ-सार किसी भी ऑटोमोबाइल के लिए विद्युत-धारा का स्रोत बैटरी होती है जो कि वाहन की प्रकृति पर निर्भर होती है। वाहन में इंजन स्टार्ट करना, हॉर्न बजाना, बल्ब जलाना आदि कार्य में बैटरी को प्रयोग में लाते हैं। एक बैटरी दिष्टधारा (DC) उत्पन्न करती है। |
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
कार की हैडलाइट में एक 12 वोल्ट एवं 60 वॉट का बल्ब प्रयोग में लिया जाता है। बल्ब जलाने पर विद्युत धारा की गणना कीजिए।
हल-
दिया है-V = 12 वोल्ट
P = 60 वॉट
चूँकि P = V×I = बल्ब के सिरों पर विभवान्तर × प्रवाहित धारा
∴ धारा (I) =
मान रखने पर I = = 5 एम्पियर Ans.
प्रश्न 2.
एक हॉर्स पावर (HP) 746 वॉट के समकक्ष है और एक कार 75 HP की है। बताइए एक सेकण्ड में कितनी जूल ऊर्जा का प्रयोग होगा?
हल-
दिया है
1 हॉर्स पावर (HP) = 746 वॉट
अतः 75 (HP) = 746 × 75 वॉट
= 55950
वॉट चूँकि हम जानते हैं
W = P × t
= 55950 × 1
= 55950 जूल।
अतः कार एक सेकण्ड में 55950 जूल ऊर्जा प्रयोग में लायेगी। Ans.
प्रश्न 3.
लम्बे समय तक बैटरी का प्रयोग नहीं किया जाए तो बैटरी डिस्चार्ज क्यों हो जाती है?
उत्तर-
यदि हम लम्बे समय तक बैटरी का प्रयोग नहीं करते हैं तो उसके इलेक्ट्रोलाइट व पानी हाइड्रोजन गैस बनकर बाहर निकल जाते हैं। जिससे प्लेटों पर पानी का स्तर कम होने से इलेक्ट्रोलाइट प्लेटों पर जम जाता है और टर्मिनल पर। जंग लग जाता है। इस कारण बैटरी निरावेशित हो जाती है और काम करना बन्द कर देती है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ऑटोमोबाइल में विद्युत-धारा का स्रोत क्या होता है?
उत्तर-
बैटरी।
प्रश्न 2.
सेल व बैटरी में क्या प्रमुख अन्तर है?
उत्तर-
सेल एकल ईकाई है जबकि कई सेलों के संयोग को बैटरी कहा जाता है।
प्रश्न 3.
उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर बनाये रखने में सहायता करती है।
उत्तर-
विद्युत सेल या बैटरी।।
प्रश्न 4.
सर्दी के दिनों में मोटरसाइकिल/कार स्टार्ट करना कठिन हो जाता है, क्यों ?
उत्तर-
सर्दी के दिनों में तापमान घट जाने के कारण बैटरी के अन्दर वैद्युत अपघट्य का प्रतिरोध अर्थात् बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे धारा का मान कम प्राप्त होता है। अतः बैटरी से कम धारा प्राप्त होती है।
प्रश्न 5.
वाहन में बैटरी के कोई दो कार्य लिखिए।
अथवा
वाहन में बैटरी के कार्य बतलाइए।
उत्तर-
- मोटर स्टार्ट करना
- हॉर्न बजाना
- बल्ब जलाना आदि।
प्रश्न 6.
बैटरी में कौनसी धारा प्रवाहित होती है ?
उत्तर-
बैटरी में दिष्ट विद्युत धारा (DC) प्रवाहित होती है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कार की बैटरी को अधिक समय तक चलाने के लिए क्या-क्या सावधानियाँ आवश्यक हैं?
उत्तर-
- बैटरी में उचित समय पर पानी डाला जाए।
- बैटरी को लम्बे समय तक चलाने के लिए बैटरी को लगातार प्रयोग में लाया जाये।
- बैटरी के टर्मिनलों की सफाई समय-समय पर की जाये।
प्रश्न 2.
कार स्टार्ट करते समय उसकी हैडलाइट कुछ धीमी क्यों पड़ जाती है?
उत्तर-
गाड़ी स्टार्ट करने पर स्टार्टर गाड़ी की बैटरी से एक उच्चधारा का मान लेता है। इसके कारण आन्तरिक प्रतिरोध पर विभव पतन (Ir) बढ़ जाता है। जिससे बाह्य विभवान्तर के मान में कमी आ जाती है। इसके कारण ही कार की हैडलाइट कुछ मन्द पड़ जाती है।
प्रश्न 3.
वाहन में बैटरी क्या कार्य करती है?
उत्तर-
बैटरी विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने का प्राथमिक स्रोत है। यह विद्युत रासायनिक क्रिया द्वारा रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है।
वाहन में बैटरी के कार्य
- वाहन के इंजन को चालू व बन्द करने में
- हैडलैम्प व डिपर को प्रकाशित करने में
- वोल्टेज स्टेबिलाइजर के रूप में।
- चलते इंजन में विद्युत का लोड के प्रयोग में
- हॉर्न बजाने में।
- खिड़कियों के शीशे बन्द करने में, आदि।
प्रश्न 4.
- कानूनी रूप से 100 ml रक्त में एल्कोहॉल की अधिकतम कितनी मात्रा निर्धारित है?
- हैडलाइट पर पीले रंग के पेपर या टेप को क्यों चिपकाया जाता है?
- वाहनों की बैटरी में किस प्रकार की विद्युत धारा प्रवाहित होती है? (माध्य. शिक्षा बोर्ड, मॉडल पेपर, 2017-18)
उत्तर-
- कानूनी रूप से 100 ml रक्त में 30 mg से एल्कोहॉल की सीमा निर्धारित है।
- घने कोहरे में देखने के लिए हैडलाइट पर पीले रंग के पेपर या टेप को चिपकाया जाता है।
- वाहनों की बैटरी में दिष्ट विद्युत धारा (DC) प्रवाहित होती है।