The Lost Child [खोया हुआ बच्चा] -Mulk Raj Anand
TEXTUAL QUESTIONS
(Think About It 🙂
Q. 1.
What are the things the child sees on his way to the fair? Why does he lag behind?
मेले में जाते समय रास्ते में बालक कौन-कौनसी वस्तुएँ देखता जाता है? वह पीछे क्यों रह जाता है?
Ans.
The child sees toys, a flowering mustard field, dragon-flies, black bee, butterfly, insects, worms, a flowering grove, cooing doves, a banyan tree etc.
He lags behind because of toys in the shops.
बालक खिलौने, फूल वाला सरसों का एक खेत, चिउराएँ, काली मधुमक्खी, तितली, कीट, कृमि, एक पुष्पित कुंज, फाख्ताओं की गुटरगूं, एक वट-वृक्ष आदि देखता है। IPosdo
वह दुकान में रखे खिलौनों के कारण पीछे रह जाता है।
Q. 2.
In the fair he wants many things. What are they? Why does he move on without waiting for an answer?
मेले में वह बहुत चीजें चाहता है। वे कौन-कौनसी हैं? वह उत्तर की प्रतीक्षा किए बिना ही आगे क्यों बढ़ जाता है?
Ans.
He wants burfi, garland, balloons of alluring colours and wants to go on the roundabout.
He moves on without waiting for an answer because he knows that his parents will refuse to buy them.
वह बरफी, माला, आकर्षक रंगों के गुब्बारे चाहता है और चक्करदार झूले में झूलना चाहता है।
वह उत्तर की प्रतीक्षा किये बिना ही आगे बढ़ जाता है क्योंकि वह जानता है कि उसके माता-पिता उनको खरीदने से इनकार कर देंगे।
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Q. 3.
When does he realise that he has lost his way? How have his anxiety and insecurity been described?
वह कब अनुभूति करता है कि वह अपना रास्ता खो चुका है? उसकी चिन्ता व असुरक्षा को कैसे वर्णित किया गया है?
Ans.
When he turned to look at his parents and found no sign, he realised he had lost his way.
The anxiety and insecurity have been described by portraying tearful crying, flushed fearful face, untied turban, muddy clothes etc.
जब वह अपने माता-पिता को देखने मुड़ा और कोई चिह्न नहीं पाया, तो उसने महसूस किया कि वह अपना रास्ता भूल चुका है।
चिन्ता और असुरक्षा को, अश्रुपूर्ण रुदन, लाल भयाक्रान्त चेहरा, खुला हुआ साफा, धूल-भरे वस्त्र आदि के चित्रण द्वारा, वर्णित किया गया है।
Q.4.
Why does the lost child lose interest in the things that he had wanted earlier?
खोया बालक उन वस्तुओं में रुचि क्यों खो देता है जो उसे पहले चाहिए थीं?
Ans.
The lost child loses interest in the things that he had wanted earlier because psychologically a child shows interest in the things only when her/his parents are with her/ him. The lost child’s parents are not with him.
खोया बालक उन चीजों में रुचि खो देता है जो उसे पहले चाहिए थीं क्योंकि मनोविज्ञानानुसार एक बालक वस्तुओं में तभी रुचि दिखाता है जब उसके माता-पिता उसके साथ हों। खोये बालक के माता-पिता उसके साथ नहीं हैं।
Q. 5.
What do you think happens in the end? Does the child find his parents? कि आप क्या सोचते हैं कि अन्त में क्या घटित होता है? क्या बच्चे को उसके माता-पिता मिलते हैं?
Ans.
In the end, a man saves him from being trampled. To make him happy, he offers to buy things he wanted earlier. But he continues to sob, mother, father.. No, he doesn’t find his parents.
अन्त में एक व्यक्ति उसे कुचले जाने से बचाता है। उसे प्रसन्न करने को वह उसे अपनी चाहत की चीजें खरीदने का प्रस्ताव देता है। किन्तु वह लगातार सिसकता रहता है और बार-बार कहता है-माँ, पिताजी।
नहीं. उसे अपने माता-पिता नहीं मिलते हैं।
Talk About It:
How to ensure not to get lost. PREGUN T OUT
न खोयें यह कैसे सुनिश्चित करें
Ans.
How to Ensure Not To Get Lost Carefulness avoids problems. A child should hold the hand of the member of the family. S/he should keep the home address in memory. Mobile number or address of the parents should be written on a slip and put it in the child’s pocket. S/he should be bold enough to provide the required information. The parents should take much care of the child. They should not leave him/her free. They should make him/her learn home address, mobile numbers, names of the parents etc. They should at once inform the police. They should get the information announced on the mike. Such steps will ensure not to get lost.
न खोयें यह कैसे सुनिश्चित करें म सावधानी समस्याओं से बचाती है। बालक को परिवार के सदस्य का हाथ पकड़े रहना चाहिए। उसे घर का पता याद रखना चाहिए। माता पिता का मोबाइल नम्बर या पता एक कागज के टुकड़े पर लिख देना चाहिये
और उसे बच्चे की जेब में रख देना चाहिये। उसे पर्याप्त साहसी होना चाहिए ताकि आवश्यक सूचना दे सके। माता-पिता को बच्चे का अत्यधिक ध्यान रखना चाहिए। उन्हें उसे स्वतंत्र नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें उसे गृह पता, मोबाइल नम्बर, माता-पिता का नाम आदि सिखाना चाहिए। उन्हें तुरन्त पुलिस को सूचना देनी चाहिए। उन्हें माइक पर ऐसी सूचना की घोषणा करवानी चाहिए। ऐसे कदम न खोने को सुनिश्चित करेंगे।