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Two Stories about Flying Summary and Translation in Hindi

I. His First Flight (उसकी प्रथम उड़ान)

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद

The young seagull…………to whet it. (Pages 32-33-34)

कठिन शब्दार्थ : seagull (सीगल) = ऊँचा बोलने वाला एक सफेद या स्लेटी समुद्री पक्षी/सीगल। ledge (लेज) = शिला-फलक, कगार। flown away (फ्लोन् अवे) = उड़ गए। afraid (अफ्रेड) = भयभीत। brink (ब्रिक) = किनारा । flap (फ्लैप्) = फड़फड़ाना । great expanse (ग्रेट इक्स्पै न्स्) = अत्यधिक विस्तार। stretched (स्ट्रेच्ट) = फैला हुआ। beneath (बिनीथ्) = नीचे। certain (सट्न्) = निश्चित। wings (विङ्ज) = पंख। bent (बेन्ट्) = मोड़ा/झुकाया। muster up courage (मस्ट(र) अप् करिज्) = साहस जुटाया। plunge (प्लन्ज्) = कूद, छलांग।

desperate (डेस्परट्) = निराश। shrilly (ििल) = तीक्ष्णता से। upbraiding (अप्ब्रेडिङ्) = डांटते हुए। threatening (श्रेनिङ्) = धमकी देते हुए । starve (स्टाव्) = भूखा मरना। skim (स्किम्) = छूते हुए निकल जाना। herring (हेरिङ्) = समुद्र के ठंडे पानी वाले भाग में झुण्ड बनाकर रहने वाली मछली जिसे लोग खाते हैं। devour (डिवाउअ(र)) = निगल जाना, खा जाना। cackle (कैक्ल) = कुड़कुड़ की आवाज (सीगल, बतख, मुर्गी आदि की)। plateau (प्लैटो) = पठार। cliff (क्लिफ्) = ऊँची खड़ी चट्टान, विशेषतः समुद्री किनारे की। cowardice (काउअडिस्) = कायरता। pretended (प्रिटेन्ड्ड) = बहाना किया। preening (प्रीनिङ्) = साफ करना (पक्षी द्वारा चोंच से)। hump (हम्प) = उभार। scrapped (स्क्रेप्ट) = साफ करना (चोंच को रगड़ कर) | whet (वेट) = तेज करना (धारदार)।

हिन्दी अनुवाद – बच्चा सीगल अभी भी अपने शिला-फलक पर अकेला था। उसके दो भाई और उसकी बहन पहले ही एक दिन पूर्व उड़ चुके थे। वह उनके साथ उड़ने से डर गया था। जब उसने शिलाफलक के किनारे की ओर थोड़ा-सा आगे दौड़ लगाई और अपने पंखों को फड़फड़ाने का प्रयास किया तब वह किसी कारणवश डर गया था। नीचे अत्यधिक विस्तार वाला समुद्र फैला हुआ था, और यह बहुत लम्बा फैला था-मीलों तक।

उसने निश्चय ही सोचा कि उसके पंख उसे कभी सहारा नहीं देंगे; अतः उसने अपना सिर झुकाया और शिलाफलक के नीचे वाले छोटे छिद्र की ओर वापस दौड़ गया जहाँ वह रात्रि को सोया था। जबकि उसके भाइयों में से प्रत्येक और उसकी छोटी बहन, जिनके पंख तो उसके अपने पंखों से भी काफी छोटे थे, किनारे तक दौड़े, अपने पंख फड़फड़ाये और उड़ गए, और वह छलाँग लेने के लिए साहस इकट्ठा करने में असफल रहा जो कि उसके लिए अत्यधिक निराशानजक रहा।

उसके माता-पिता उसे तीक्ष्णता की आवाज में बुलाते हुए, उसे फटकारते हुए, उसके आस-पास आ गये थे, यह धमकी देते हुए कि जब तक कि वह उड़ नहीं जाता तब तक उसे शिलाफलक पर भूखा मरने को छोड़ दिया जायेगा। लेकिन अपने जीवन के लिए वह उड़ नहीं सका। वह 24 घण्टे पहले की बात थी। तब से कोई भी उसके समीप नहीं आया था। एक दिन पहले, पूरे दिन-भर, उसने अपने माता-पिता को अपने भाइयों व बहिन के साथ उड़ते देखा था, उड़ान की कला में उन्हें निपुण करते हुए, उन्हें यह सिखाते हुए कि लहरों को छू कर कैसे फिर ऊपर उड़ा जाए और मछली के लिए कैसे गोता लगाया जाए। उसने, वास्तव में, अपने बड़े भाई को अपनी प्रथम हेरिंग मछली पकड़ते हुए और इसे एक चट्टान पर खड़े होकर निगलते (खाते हुए) देखा था जबकि उसके माता-पिता चारों ओर उड़कर प्रशंसा की एक गौरवपूर्ण कुड़कुड़ कर रहे थे।

और पूरी सुबह उसका पूरा परिवार उस बड़े पठार पर सामने की खड़ी चट्टान पर आधे रास्ते तक पैदल घूमता रहा था और उसकी कायरता पर उसे ताने मार रहा था। अब सूर्य आकाश में चढ़ रहा था जो कि उसके कगार जिसका मुख दक्षिण की ओर था, पर चमक रहा था। उसने गर्मी महसूस की क्योंकि उसने पिछली रात्रि से कुछ नहीं खाया था उसने धीरे-धीरे शिलाफलक के किनारे की ओर चहलकदमी की और एक टाँग पर खड़े होकर दूसरी को अपने पंख में छिपाकर, उसने एक आँख बन्द कर ली, फिर दूसरी भी, और सोये होने का बहाना किया।

फिर भी उन्होंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उसने अपने दोनों भाइयों और अपनी बहन को पठार पर अपने सिरों को अपनी गर्दनों में फँसा कर लेटते हुए झपकी लेते देखा। उसके पिता अपनी श्वेत पीठ के पंखों को अपनी चोंच से साफ कर रहे थे। केवल उसकी माँ उसकी ओर देख रही थी। वह पठार पर थोड़े से ऊँचे उभरे भाग पर अपनी श्वेत छाती को आगे झुकाये खड़ी थी। बार-बार, उसने मछली के एक टुकड़े को चीरा जो उसके पैरों के पास पड़ा था और फिर अपनी चोंच की प्रत्येक साइड को चट्टान पर रगड़ कर साफ किया। भोजन के दृश्य ने उसे पागल कर दिया। उस तरह से भोजन को चीरना, अपनी चोंच को तेज करने के लिए बार-बार उसे रगड़ना, उसे कितना प्रिय था।

‘Ga, ga, ga,’ he………………..his first flight. (Pages 34-35-36)

कठिन शब्दार्थ : derisively (डिराइसिवलि) = उपहास से। plaintively (प्लेन्टिक्लि) = हल्के शिकायती भाव से। leaned out (लीन्ड आउट) = बाहर की ओर झुका। monstrous (मान्स्ट्रस्) = दैत्याकार। terror (टेर(र)) = भय। seized (सीज्ड) = घेर लिया। rushed (रश्ट). = तेजी से बहने लगी। feathers (फेद(र)ज) = पंखों। stomach (स्टमक्) = पेट। soaring (सो(रि)ङ्) = उड़ते हुए। swooped past (स्वूप्ट पास्ट्) = झपट्टे से समीप से गुजरना। curveting (कॅवेटिङ्) = घोड़े की छलाँग जैसे उड़ना।

banking (बैकिङ्) = तिरछे उड़ते हुए। commended (कमेन्ड्ड) = प्रशंसा की। shrieking (शीकिङ्) = चीख मारते हुए। ridges (रिज्ज) = पहाड़ों के शिखर के लम्बे, तंग उठे हुए भाग/कटक। dizzy (डिजि) = चक्कर। cawed (कॉड) = कांव-कांव की। amusedly (अम्यूज्डलि) = हर्ष से। beckoning (बेकनिङ्) = इशारा कर बुला रहे थे। exhausted (इग्जॉस्टिड्) = थक गया। dog-fish (डॉग्-फिश्) = विभिन्न छोटी शार्क मछलियों में से एक प्रकार।

हिन्दी अनुवाद – ‘गा, गा, गा,’ वह उससे उसके लिए कुछ भोजन लाने की प्रार्थना करते हुए चिल्लाया। ‘गॉ-कॉल-अह’, वह प्रत्युत्तर में उपहास से चीखी। किन्तु वह शिकायती भाव से बुलाता रहा और एक मिनट या इतने में ही उसने एक हर्षपूर्ण चीख की.आवाज निकाली। उसकी माँ ने मछली का एक टुकड़ा चोंच से पकड़ कर ऊपर उठा लिया था और इसके साथ उसकी तरफ उड़कर आ रही थी।

जैसे ही वह उसकी तरफ उड़ी, वह, चट्टान को अपने पैरों से थपथप करते हुए, उसके अधिक समीप आने का प्रयास करते हुए, उत्सुकता से बाहर झुका । लेकिन जब वह उसके ठीक सामने थी, वह रुक गई, उसके पंख गतिरहित, उसकी चोंच का मछली का . टुकड़ा लगभग उसकी (बच्चे सीगल की) चोंच की पहुँच में ही था। आश्चर्य करते हुए कि वह और समीप क्यों नहीं आई, उसने एक क्षण हैरानी से प्रतीक्षा की, और फिर, भूख से पागल होकर, वह मछली पर कूद पड़ा। एक जोर की चीख के साथ वह बाहर की ओर तथा नीचे की ओर आकाश में गिर पड़ा।

फिर जैसे एक दैत्याकार आतंक (भय) ने उसे घेर लिया हो और उसका हृदय जैसे शान्त खड़ा हो गया हो। वह कुछ नहीं सुन सका। किन्तु यह केवल एक मिनट ही रहा। अगले ही क्षण उसने अनुभूति की कि उसके पंख बाहर की ओर फैल गये थे। पवन तेजी से उसकी छाती के पंखों के विरुद्ध बहने लगी, फिर उसके पेट के नीचे से और उसके पंखों के विरुद्ध (बहने लगी)। वह अनुभूति कर सकता था कि उसके पंखों के बाहरी भाग वायु को बीच से काट रहे थे। वह अब सिर के बल नहीं गिर रहा था। वह धीरे-धीरे नीचे की ओर तथा बाहर की ओर उड़ रहा था। वह अब कहीं भयभीत नहीं था।

उसने केवल मामूली-सा चक्कर महसूस किया। फिर उसने एक बार अपने पंख फड़फड़ाए और वह ऊपर की ओर उड़ा । ‘गा, गा, गा; गा, गा, गा; गो-कॉल-आह’, उसकी माँ झपट्टे से उसके समीप से, अपने पंखों से तेज शोर करते हुए, गुजरी। उसने दूसरी चीख से उसको उत्तर दिया। फिर उसका पिता चीखता हुआ उसके ऊपर उड़ा। उसने अपने दोनों भाइयों और अपनी बहन को उसके (स्वयं के) चारों ओर घोड़े की छलांग जैसे उड़ते, और तिरछे-उड़ते और ऊपर-उड़ते और गोता लगाते देखा।

फिर वह पूर्ण रूप से भूल गया कि वह उड़ने में हमेशा ही योग्य नहीं हुआ था, और तीक्ष्णता से चीख कर स्वयं की, गोता लगाने और ऊपर उड़ने, और तिरछा-उड़ने पर, प्रशंसा की। वह अब समुद्र के समीप था, इसके ठीक ऊपर सीधे उड़ते हुए, समुद्र के ऊपर सीधे बाहर मुख रखते हुए। उसने अपने नीचे एक विशाल हरा समुद्र देखा, इसके ऊपर नाममात्र के लम्बे-तंग पहाड़ी शिखर फैले थे और उसने अपनी चोंच एक तरफ घुमाई और हर्ष से कांव-कांव किया। उसके माता-पिता और उसके भाई व बहिन उसके आगे-आगे अपने को इस हरे रंग के फर्श पर उतार चुके थे।

वे, तीक्ष्णता से पुकारते हुए, उसे इशारा कर रहे थे। उसने हरे समुद्र में खड़े होने के लिए अपनी टांगें गिराईं। उसकी टाँगें इसमें डूब गईं। वह डर से चिल्लाया और अपने पंखों को फड़फड़ा कर पुनः ऊपर उठने का प्रयास किया। लेकिन वह थका हुआ था और भूख से कमजोर हो गया था और वह, विचित्र व्यायाम द्वारा थक जाने से, ऊपर नहीं उठ सका। उसके पैर हरे समुद्र में डूब गए, और फिर उसके बाहरी पेट ने इसे छुआ और वह आगे नहीं डूबा । वह इस पर तैर रहा था, और उसके चारों ओर उसका परिवार चीख रहा था, उसकी प्रशंसा कर रहा था और उनकी चोंचें उसे डॉग-फिश (एक छोटी शार्क मछली) के टुकड़े भेंट कर रही थीं। उसने अपनी प्रथम उड़ान भर ली थी।

II. The Black Aeroplane (काला हवाई जहाज)
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद

The moon was……………I tried the radio. (Pages 37-38) .

कठिन शब्दार्थ : countryside (कन्ट्रिसाइड्) = ग्रामीण क्षेत्र । looking forward to (लुकिङ् फॉवेड टु) = उत्सुकता से प्रतीक्षा करना। compass (कम्पस्) = दिशा-सूचक यन्त्र। fuel (फ्यूअल) = ईंधन। huge (यूज) = विशाल । twisted (ट्विस्ट्ड) = इधर-उधर हिला। instruments (इन्स्ट्रमन्ट्स) · = उपकरण।

हिन्दी अनुवाद-चन्द्रमा, मेरे पीछे, पूर्व में ऊपर आ रहा था और सितारे साफ आकाश में मेरे ऊपर चमक रहे थे। आकाश में एक बादल (मेघ) भी नहीं था। मैं निद्रित ग्रामीण क्षेत्र (देहात) के ऊपर ऊँचाई पर अकेला होकर भी प्रसन्न था। मैं अपना पुराना डाकोटा हवाई जहाज फ्रांस के ऊपर से उड़ाकर वापस इंग्लैण्ड ले जा रहा था। मैं अपनी छुट्टियों के स्वप्न देख रहा था और अपने परिवार के साथ मिलने की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा था। मैंने अपनी घड़ी को देखा; सुबह के (रात के) 1.30 बजे थे।

‘मुझे पेरिस के कन्ट्रोल रूम से शीघ्र ही बात करनी चाहिए,’ मैंने सोचा । जैसे ही मैंने हवाई जहाज की नाक (अगले हिस्से) के समीप से नीचे देखा, तो मैंने अपने सामने एक बड़े शहर की रोशनियों को देखा। मैंने रेडियो को चलाया और कहा, “पेरिस कन्ट्रोल, डाकोटा डी.एस. 088 यहाँ है। क्या आप मुझे सुन सकते हैं? मैं इंग्लैण्ड के अपने रास्ते पर हूँ। समाप्त।”

रेडियो से आवाज ने मुझको तुरन्त उत्तर दिया, “डी.एस. 088, मैं आपको सुन सकता हूँ। आपको अब 12 डिग्री पश्चिम में मुड़ जाना चाहिए, डी.एस. 088। समाप्त।” मैंने नक्शे व दिक्सूचक को जाँचा, फिर मैंने दूसरे व अन्तिम ईंधन टैंक की ओर स्विच घुमाया और डाकोटा को 12 डिग्री पश्चिम में इंग्लैण्ड की ओर घुमाया। ‘मैं सुबह के नाश्ते पर समय पर पहुँच जाऊँगा’, मैंने सोचा। एक रुचिपूर्ण बहुत सारा अंग्रेजी नाश्ता! प्रत्येक चीज ठीक जा रही थी (अर्थात् सबकुछ ठीक था)यह एक सरल उड़ान थी।

जब मैंने बादलों को देखा पेरिस मुझसे 150 कि.मी. पीछे था। तूफानी बादल। वे विशाल थे। वे आकाश के आर-पार मेरे सामने एक काले पर्वत के जैसे खड़े दिखाई दिये। मैं जानता था कि मैं उनसे ऊपर और उनके ऊपर नहीं उड़ सकता था, और उनके चारों ओर उत्तर या दक्षिण में उड़ने के लिए पर्याप्त ईंधन मेरे पास नहीं था। “मुझे पेरिस वापस जाना चाहिए”, मैंने सोचा, किन्तु मैं तो घर जाना चाहता था। मैं उस सुबह के नाश्ते को लेना चाहता था। ‘मैं खतरा मोल लूँगा’, मैंने सोचा और उस पुराने डाकोटा को सीधे तूफान के अन्दर से उड़ाया।

बादलों के अन्दर, प्रत्येक चीज अचानक काली हो गई। हवाई जहाज के बाहर कुछ भी देख पाना सम्भव नहीं था। पुराना हवाई जहाज हवा में उछला और इधर-उधर हिला। मैंने दिक्सूचक को देखा। मैं अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर सका; दिक्सूचक्र, गोल और गोल और गोल घूम रहा था। यह खराब हो गया था। यह कार्य नहीं करेगा; दूसरे उपकरण भी अचानक खराब हो गए थे। मैंने रेडियो पर प्रयास किया।

“Paris Control?……………. …………….without lights? (Pages 38-39)

कठिन शब्दार्थ : obedient (अबीडिअन्ट्) = आज्ञाकारी। frightened (फ्राइट्न्ड्) = डरा हुआ। landed (लैन्ड्ड) = नीचे उतरा। strange (स्ट्रेन्ज्) = अजनबी।

हिन्दी अनुवाद-“पेरिस कंट्रोल ? पेरिस कंट्रोल ? क्या आप मुझे सुन सकते हो?”
वहाँ कोई उत्तर नहीं था। रेडियो भी खराब हो चुका था। मेरे पास न रेडियो था, न दिक्सूचक था, और मैं देख नहीं सकता था कि मैं कहाँ था। मैं तूफान में खो चुका था। फिर, काले बादलों में मेरे काफी समीप, मैंने दूसरे हवाई जहाज को देखा। इसके पंखों पर कोई रोशनी नहीं थी, किन्तु मैं तूफान के बीच से भी इसे अपने आगे उड़ते देख सकता था। मैं विमान चालक के मेरी ओर घूमते हुए चेहरे को देख सकता था। मैं दूसरे व्यक्ति को देखकर बहुत प्रसन्न था। उसने एक हाथ उठाया और हिलाया।

“मेरे पीछे आओ”, वह कह रहा था, “मेरे पीछे आ जाओ।” । ‘वह जानता है कि मैं खोया हुआ हूँ’, मैंने सोचा, ‘वह मेरी सहायता करने का प्रयास कर रहा है।’ उसने अपना हवाई जहाज उत्तर में मेरे डाकोटा के सामने से घुमाया, ताकि मेरे लिए उसके पीछे चलना आसान हो जाए। मैं एक आज्ञाकारी बालक की तरह उस अजनबी हवाई जहाज के पीछे चलकर बहुत प्रसन्न थान आधे घण्टे के बाद भी वह अजनबी काला हवाई जहाज बादलों में अभी भी मेरे सामने था। अब पुराने डाकोटा में केवल 5 या 10 मिनट तक ही उड़ने का ईंधन अन्तिम टैंक में शेष था। मैं पुनः भयभीत हो रहा था। लेकिन तभी उसने नीचे जाना आरम्भ कर दिया और मैंने भी तूफान के बीच से उसका अनुसरण किया।

अचानक मैं बादलों से बाहर आ गया और मैंने अपने सामने रोशनी की दो लम्बी सीधी लाइनें देखीं। यह रनवे था! एक हवाई अड्डा! मैं सुरक्षित था! मैं काले हवाई जहाज वाले अपने मित्र को देखने के लिये मुड़ा, लेकिन आकाश खाली था। वहाँ कुछ भी नहीं था। काला हवाई जहाज जा चुका था। मैं इसे कहीं नहीं देख सका।

मैं नीचे उतरा और नियन्त्रण कक्ष के पास पुराने डाकोटा से बाहर चलने का मुझे अफसोस न था। मैं गया और नियन्त्रण केन्द्र में एक महिला (कर्मचारी) से पूछा कि मैं कहाँ था और दूसरा पाइलट कौन था। मैं उसे ‘धन्यवाद’ कहना चाहता था। उसने मेरी ओर अजीब तरीके से देखा और फिर हँसने लगी। ‘दूसरा हवाई जहाज? ऊपर इस तूफान में? आज रात कोई अन्य हवाई जहाज नहीं उड़ रहे थे। तुम्हारा वाला एकमात्र था जिसे मैं रडार पर देख सकती थी।’ तो यहाँ सुरक्षित आने में किसने मेरी सहायता की जबकि मेरे पास न दिक्सूचक था, न रेडियो था और न ही मेरे ईंधन टैंकों में और इंधन था? उस अजनबी काले हवाई जहाज का चालक कौन था जो तूफान में भी बिना रोशनी के वायुयान उड़ा रहा था? ।

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