वचन 6
संज्ञा या सर्वनाम शब्द के जिस रूप से उसकी संख्या का पता चले, वह वचन कहलाता है।
वचन के भेद – वचन दो प्रकार के होते हैं।
- एकवचन – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के एक होने का बोध होता है, उसे एक वचन कहते हैं; जैसे-कपड़ा, स्त्री, बकरी, पुस्तक, कीड़ा, पत्ता, पंखा आदि।
- बहुवचन – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के एक से अधिक होने का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे-लड़के, घोड़े, साड़ियाँ, नदियाँ, सड़कें आदि।
वचन बदलने के कुछ नियम
1. आकारांत पुल्लिंग शब्दों के अंतिम ‘आ’ को ‘ए’ और ‘एँ’ में बदलने से बहुवचन बनता है; जैसे
पंखा
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पंखे
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पुस्तक
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पुस्तकें
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घोड़ा
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घोडे
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2. इकारांत तथा ईकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में याँ जोड़ने तथा अंत के दीर्घ स्वर को ह्रस्व करने से बहुवचन हो जाता है; जैसे
स्त्री
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स्त्रियाँ
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मकड़ी
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मकड़ियाँ
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नारी
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नारियाँ
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3. उकारांत तथा ऊकारांत शब्दों के अंत में भी ‘एँ’ जोड़ने तथा शब्द के अंत के दीर्घ स्वर ‘ऊ’ को ‘उ’ करने से; जैसे
वस्तु | वस्तुएँ | बहु | बहुएँ | धेनु | धेनुएँ |
4. उकारांत, ऊकारांत तथा औकारांत शब्दों के अंत में ‘एँ’ जोड़कर भी बहुवचन बनाए जाते हैं।
वस्तु
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वस्तुएँ
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वधू
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वधुएँ
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धेनु
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धेनुएँ
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5. ‘या’ शब्दांत वचन परिवर्तन के समय याँ हो जाता है। जैसे
गुड़िया
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गुड़ियाँ
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चिड़िया
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चिड़ियाँ
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बुढ़िया
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बुढ़ियाँ
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6. हिंदी भाषा में बहुत से बहुवचन, एकवचन के अंत में गण, वृंद, जन, वर्ग, दल, लोग आदि शब्द लगाकर भी बनाए जाते हैं। जैसे
कवि
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कविगण
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मुनि
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मुनिगण
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शिक्षक
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शिक्षकगण
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आदर प्रकट करने के लिए एकवचन संज्ञा के साथ बहुवचन क्रिया लगाई जाती है; जैसे-श्री राम पिता की आज्ञा से वन चले गए। बापू एक महान व्यक्ति थे। कुछ शब्द सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होते हैं।
जैसे दर्शन–तुम्हारे दर्शन कब होंगे? लोग-लोग चले गए। कुछ शब्द सदैव एकवचन में प्रयुक्त होते हैं।
जैसे-जनता मैदान में खड़ी है। पानी-पानी बह रहा है।
विशेष – कुछ शब्द ऐसे भी हैं, जो एकवचन तथा बहुवचन में सदैव एक समान रहते हैं; जैसे—हाथी, घर, आज, कल, दूध, पानी, घी, तेल, चाय आदि।
अगर शब्द-युग्म (जोड़े) दिए गए हों तो उनके बहुवचन बनाते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि दोनों शब्दों के वचन न बदलकर केवल अंतिम शब्द का ही वचन-परिवर्तन होगा। जैसे-भाई, बहन (भाई-बहनों) भेड़-बकरी (भेड़-बकरियाँ)।
इसी प्रकार अकारांत, तत्सम, आकारांत, इकारांत, उकारांत और ऊकारांत शब्द एकवचन और बहुवचन में समान रहते हैं;
जैसे-पर्वत, घर, कवि, मुनि, हाथी, साथी, भाई, साधु, चाँद, सूर्य, चंद्रमा, महात्मा, प्रभु, हार, डाकू आदि।
संबोधन कारक में जब किसी संज्ञा के साथ ने, को, से आदि परसर्ग लगे तो उनमें ‘ओ’ लगाकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे
बहनो एवं भाइयो, लड़के ने – लड़कों ने
देवियो एवं सज्जनो, नदी को – नदियों को वचन से – वचनों से।
बहुविकल्पी प्रश्न
1. संज्ञा-सर्वनाम की संख्या का बोध कराने वाले शब्द को कहते हैं
(i) संख्याबोधक
(ii) वचने
(iii) गिनती
(iv) ये सभी
2. वचन के भेद हैं
(i) दो
(ii) तीन
(iii) चार
(iv) पाँच
3. आँख शब्द का बहुवचन शब्द है
(i) आँख
(ii) आँखें
(iii) आँखों
(iv) अँखियाँ
4. ‘अध्यापिका’ शब्द का बहुवचन है
(i) अध्यापिकागण
(ii) अध्यापिकावृंद
(iii) अध्यापिकाएँ
(iv) अध्यापिका जन
5. ‘आकाश’ शब्द है।
(i) एकवचन
(ii) सदा बहुवचन
(iii) सदा एकवचन
(iv) बहुवचन
उत्तर-
1. (ii)
2. (i)
3. (ii)
4. (iii)
5.(iii)