वाक्य-विचार 6

मनुष्य अपने भावों या विचारों को वाक्य में ही प्रकट करता है। वाक्य सार्थक शब्दों के व्यवस्थित और क्रमबद्ध समूह से बनते हैं, जो किसी विचार को पूर्ण रूप से प्रकट करते हैं।
अर्थ प्रकट करने वाले सार्थक शब्दों के व्यवस्थित समूह को वाक्य कहते हैं; जैसे-ओजस्व कमरे में टी.वी. देख रहा है। रजतअमन, तुम कहाँ जा रहे हो?
एक वाक्य में साधारण रूप में कर्ता और क्रिया का होना आवश्यक है।

वाक्य के अंग – वाक्य के दो अंग होते हैं।

1. उद्देश्य – वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं; जैसे

2. विधेय – उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहते हैं; जैसे

उद्देश्य का विस्तार
जब उद्देश्य के साथ उसकी विशेषता बताने वाले शब्द जुड़ जाते हैं, अब वे शब्द उद्देश्य का विस्तार कहलाते हैं; जैसे

विधेय का विस्तार
कभी विधेय अकेला आता है, तो कभी क्रियाविशेषण, कर्म आदि के साथ।
इस प्रकार जो शब्द क्रिया के कर्म या विशेषण होते हैं, वे विधेय का विस्तार कहलाते हैं; जैसे

वाक्य के भेद
वाक्य के निम्नलिखित दो भेद होते हैं।

1. रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के अनुसार वाक्य के तीन प्रकार होते हैं

(i) सरल वाक्य – जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है, उसे सरल वाक्य कहते हैं; जैसे

(ii) संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र वाक्य समुच्चयबोधक शब्द से जुड़े रहते हैं, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है; जैसे

(iii) मिश्रवाक्य – जिस वाक्य में एक प्रधान वाक्य होता है और अन्य वाक्य उस पर आश्रित या गौण होते हैं, उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं; जैसे

2. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के अनुसार वाक्य आठ प्रकार के होते हैं

  1. विधानवाचक
  2. निषेधवाचक
  3. इच्छावाचक
  4. प्रश्नवाचक
  5. आज्ञावाचक
  6. संकेतवाचक
  7. विस्मयसूचक
  8. संदेहवाचक

1. विधानवाचक – जिस वाक्य में किसी बात का होना या करना पाया जाए, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है; जैसे

2. ‘निषेधवाचक वाक्य-जिस वाक्य में किसी बात या काम के न होने का बोध हो , वह निषेधात्मक वाक्य कहलाता है; जैसे-

3. प्रश्नवाचक वाक्य-जिसे वाक्य का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाए, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे

4. आज्ञावाचक वाक्य-जिस वाक्य से आज्ञा तथा उपदेश को बोध होता है, वह आज्ञावाचक वाक्य कहलाता है, जैसे

5. विस्मयादिवाचक वाक्य-जिस वाक्य के द्वारा शोक, हर्ष, आश्चर्य आदि के भाव प्रकट होते हैं, वह विस्मयादिवाचक वाक्य कहलाता है; जैसे

6. संदेहवाचक वाक्य-जिस वाक्य में किसी कार्य के होने के बारे में संदेह प्रकट किया जाता है, उसे संदेहवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे

7. इच्छावाचक वाक्य-जिस वाक्य से किसी आशीर्वाद, कामना, इच्छा आदि का बोध हो, उसे इच्छावाचक वाक्य कहते हैं; जैसे

8. संकेतवाचक वाक्य-जिस वाक्य में संकेत या शर्त हो, उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे

बहुविकल्पी प्रश्न

1. वाक्य कहते हैं?
(i) शब्दों के सार्थक समूह को
(ii) शब्दों के निरर्थक समूह को
(iii) वर्गों के समूह को
(iv) उपर्युक्त सभी को

2. ‘पिता जी’ अखबार पढ़ रहे है, वाक्य में उद्देश्य है
(i) अखबार
(ii) पढ़ रहे हैं।
(iii) ‘पिता जी’
(iv) इनमें कोई नहीं

3. अध्यापक पढ़ा रहे हैं’, वाक्य में विधेय है।
(i) अध्यापक
(ii) पढ़ा
(iii) पढ़ा रहे हैं।
(iv) उपर्युक्त सभी।

4. मैं बीमार होने के कारण विद्यालय न जा सका।
(i) मिश्र वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) सरल वाक्य
(iv) इनमें से कोई नहीं

5. रीता गाना गाकर मंच से नीचे उतर गई। यह कौन-सा वाक्य है?
(i) संयुक्त
(ii) सरल
(iii) मिश्र

उत्तर-
1. (i)
2. (iii)
3. (iii)
4. (iii)
5. (ii)

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