विशेषण 6

जो शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, वे विशेष्य कहलाते हैं; जैसे—यह रंग-बिरंगी तितली है। नेहा ने सुंदर फ्रॉक पहनी है। पिता जी चार दर्जन केले लाए हैं। लाल सेब मीठे होते हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर यदि आप ध्यान दें तो आपको पता चलेगा कि वे सभी शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम के विषय में बता रहे हैं। ऊपर लिखे वाक्यों में रंग-बिरंगी, सुंदर, चार दर्जन, लाल, मीठे शब्द क्रमशः तितली, फ्रॉक, केले, सेब, शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये शब्द विशेषण हैं।

वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, विशेषण कहलाते हैं। विशेषण प्रायः विशेष्य से पहले लगाया जाता है, लेकिन कभी-कभी विशेष्य के बाद भी इसका प्रयोग होता है। जो विशेष्य के पहले लगाए जाते हैं उन्हें विशेष्य-विशेषण तथा जो बाद में लगाए जाते हैं, उन्हें विधेय विशेषण कहते हैं; जैसे-बच्चे शरारती हैं।

विशेषण के भेद – विशेषण के मुख्यतः चार भेद होते हैं

CBSE Class 6 Hindi Grammar विशेषण

1. गुणवाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण दोष, रंग-रूप आदि के बारे में बताते हैं, वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं; जैसे

इन वाक्यों में ‘लाल’ व ‘सुंदर’ शब्द फूल का गुण बता रहे हैं, तो ‘आलसी’ शब्द आयुष का दोष बता रहा है। अतः वे शब्द गुणवाचक विशेषण के अंतर्गत आएँगे।

कुछ प्रमुख गुणवाचक विशेषण शब्द हैं –
गुण-दोष – भला, बुरा, अच्छा, झूठा, उदार, सुंदर।
रंग – लाल, काला, पीला, चमकीला।।
दशा, अवस्था – अमीर, गरीब, पतला, भारी, हलका
आकार – बड़ा, छोटा, चौड़ा, तिकोना, मोटा

2. संख्यावाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या की जानकारी दे, वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं; जैसे
इस कतार में पाँच छात्र खड़े हैं। मेज़ पर चार केले रखे हैं।
इन वाक्यों में पाँच तथा चार क्रमशः छात्र तथा केले की संख्या के बारे में बता रहे हैं, अतः ये संख्यावाचक विशेषण हैं।
संख्यावाचक विशेषण के दो भेद हैं

(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, वे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं; जैसे

  1. मेरी कक्षा में चालीस छात्र हैं।
  2. डाल पर दो चिड़ियाँ बैठी हैं।

इन दोनों वाक्यों में विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध हो रहा है; जैसे
कक्षा में कितने छात्र हैं? चालीस।
डाल पर कितनी चिड़ियाँ बैठी हैं? दो।

(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण – वे संज्ञा शब्द जो विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध न कराते हों, वे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं; जैसे-कुछ बच्चे, कम छात्र, कई घोड़े इत्यादि।

3. परिमाणवाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की परिमाण अर्थात माप-तोल संबंधी जानकारी दें, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं; जैसे–चार किलो चीनी। दो लीटर दूध। पाँच मीटर कपड़ा। परिमाणवाचक विशेषण को दो भागों में बाँटा गया है

(i) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द निश्चित माप-तोल बताते हैं, वे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं; जैसे—दो मीटर कपड़ा। एक लीटर दूध।
(ii) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द निश्चित माप-तोल नहीं बताते वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं; जैसे-थोड़ी चीनी, कुछ खिलौने आदि।

4. सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण – जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं; जैसे—वह लड़की अच्छी है। वह पुस्तक मेरी है।
यहाँ, ‘यह’ ‘वह’ सार्वनामिक विशेषण है।

विशेषणों की तुलना – किसी व्यक्ति, वस्तु के गुण-दोष की तुलना अन्य व्यक्ति, वस्तु के साथ करने की अवस्था को विशेषण की तुलना कहते हैं। तुलना की दृष्टि से विशेषण की तीन अवस्थाएँ होती हैं।

क. मूलावस्था ख. उत्तरावस्था ग. उत्तमावस्था

क. मूलावस्था – किसी व्यक्ति अथवा वस्तु के गुण दोष में जब विशेषणों का प्रयोग किया जाता है, तब वह विशेषण की मूलावस्था कहलाती है। जैसे—वह एक अच्छा व्यक्ति है। बलवान आदमी। बुद्धिमान छात्र, ऊँचा भवन आदि।

ख. उत्तरावस्था अथवा तुलनावस्था – इसमें दो व्यक्ति, वस्तु अथवा प्राणियों के गुण-दोष बताते हुए उनकी आपस में तुलना की जाती है; जैसे

ग. उत्तमावस्था – इसमें दो से अधिक व्यक्तियों वस्तुओं की तुलना करके एक को सबसे अच्छा या बुरा बताया जाता है; जैसे-राम सबसे अच्छा लड़का है।
हिंदी में तुलनात्मक विशेषता बताने के लिए विशेषण शब्दों में ‘तर’ तथा ‘तम’ प्रत्यय लगाए जाते हैं; जैसे

मूलावस्था

उत्तरावस्था

उत्तमावस्था

उच्च
सुंदर
लघु
प्रिय
तीव्र
महान
श्रेष्ठ
अधिक
कोमल
न्यून
योग्य
चतुर अधिक

उच्चतर
सुंदरतर
लघुतर
प्रियतम
तीव्रतर
महतर
श्रेष्ठतर
अधिकतर
कोमलतर
न्यूनतर
योग्यतर
चतुर सबसे

उच्चतम
सुंदरतम
लघुतम
प्रियतर
तीव्रतम
महतम
श्रेष्ठतम
अधिकतम
कोमलतम
न्यूनतम
योग्यतम
अधिक चतुर

विशेषण शब्दों की रचना

हिंदी भाषा में विशेषण शब्दों की रचना संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, अव्यय आदि शब्दों के साथ उपसर्ग, प्रत्यय आदि लगाकर की जाती है।

संज्ञा से विशेषण शब्दों की रचना

संज्ञा

विशेषण

संज्ञा

विशेषण

भारत
स्वर्ग
प्रांत
नमक
धन
शिव
दया
आदर
पृथ्वी
ईष्र्या
चलना
आगे
उत्साह

भारतीय
स्वर्गीय
प्रांतीय
नमकीन
धनी
शैव
दयालु
आदरणीय
पार्थिव
ईष्र्यालु
चालू
अगला
उत्साही

नीति
नाटक
ज्ञान
इच्छा
यश
पीछे
रंग
बल
ईश्वर
चरित्र
दुख
कर्म
बाहर

नैतिक
नाटकीय
ज्ञानी
इच्छुक
यशस्वी
पिछला
रंगीला
बलवान
ईश्वरीय
चरित्रवान
दुखी
कर्मठ
बाहरी

सर्वनाम से विशेषण शब्दों की रचना

संज्ञा

विशेषण

संज्ञा

विशेषण

कोई
जो
कौन
वह

कोई-सा
जैसा
कैसा
वैसा

मैं
हम
तुम
यह

मेरा/मुझ-सा
हमारा
तुम्हारा
ऐसा

क्रिया से विशेषण शब्दों की रचना

संज्ञा

विशेषण

संज्ञा

विशेषण

भूलना
लूटना
भागना

भुलक्कड़
लुटेरा
भगौड़ा

लड़ना
पीनी

लड़ाकू
पियक्कड़

बहुविकल्पी प्रश्न

1. विशेषण कहलाते हैं
(i) पर्यायवाची शब्द
(ii) विशेष्य
(iii) विपरीतार्थक शब्द
(iv) संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द

2. जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण-दोष, रंग-रूप के बारे में बताते हैं, वे कहलाते हैं
(i) परिमाणवाचक
(ii) संख्यावाचक
(iii) गुणवाचक
(iv) सार्वनामिक विशेषण

3. विशेषण शब्द जिन शब्दों की विशेषता बताते हैं उन्हें कहते हैं
(i) विशेषण
(ii) विशेष्य
(iii) प्रतिविशेषण
(iv) संज्ञा

4. विशेषण के भेद होते हैं
(i) तीन
(ii) चार
(iii) पाँच
(iv) छह

5. इनमें गुणवाचक विशेषण शब्द हैं
(i) गोरा व्यक्ति
(ii) दस रुपये
(iii) दो मन अनाज
(iv) यह कार

6. इस कक्षा में चालीस छात्र हैं। रेखांकित शब्द का भेद है
(i) गुणवाचक
(ii) परिमाणवाचक
(iii) संकेतवाचक
(iv) संख्यावाचक

7. इनमें संकेतवाचक विशेषण है
(i) वह मकान
(ii) दस मन गेहूँ
(iii) बीस लड़के
(iv) पंजाबी

8. इनमें परिमाणवाचक विशेषण शब्द है
(i) दस लीटर दूध
(ii) बीस गाय
(iii) बंगाली
(iv) यह घर

9. सार्वनामिक विशेषण का इनमें दूसरा नाम है
(i) गुणवाचक विशेषण
(ii) संख्यावाचक विशेषण
(iii) परिमाणवाचक विशेषण
(iv) संकेतवाचक विशेषण

10. इस गिलास में थोड़ा दूध है। रेखांकित का विशेषण भेद बताइए।
(i) परिमाणवाचक
(ii) अनिश्चित संख्यावाचक
(iii) निश्चित संख्यावाचक
(iv) गुणवाचक

उत्तर-
1. (iv)
2. (iii)
3. (ii)
4. (ii)
5. (i)
6. (iv)
7. (i)
8. (i)
9. (iv)
10. (ii)

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