वर्तनी
भारत एक अलग-अलग प्रांतीय देश है। विविध प्रांतों के लोग रहते हैं, जहाँ अलग-अलग प्रकार की भाषाओं और बोलियों का प्रयोग किया जाता है, जिसका उच्चारण भी क्षेत्रीयता के प्रभाव के कारण अलग-अलग होता है। इससे बचने के लिए उच्चारण में सावधानी बरतना आवश्यक है। वर्तनी की सामान्य अशुधियाँ और उसका निराकरण।
1. स्वर की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
पुज्य
|
पूज्य
|
2. अनुस्वार और अनुनासिक की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
गुंगा
|
गूँगा
|
3. विसर्ग की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
अंत
|
अतः
|
4. व्यंजन की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
ब्राम्हण
|
ब्राह्मण
|
5. ण, न, इ की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
करन
|
करण
|
श, ष, से के प्रयोग की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
विषद
|
विषाद
|
र, ड, डु, ढ़ की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
टेड़ा
|
टेढ़ा
|
पंचमाक्षर (ड, ञ, ण, न, म) के प्रयोग की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
कन्ठ
|
कंठ
|
क्ष और छ की अशुधियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
लक्ष्मी
|
लक्ष्मी
|
रू तथा ि की अशुद्धियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
तीर्थ
|
तीव्र
|
बहुविकल्पी प्रश्न
1. निम्नलिखित शब्दों में से शुद्ध शब्दों को छाँटकर उनके आगे सही का चिह्न लगाइए।
(क) (i) त्यौहार
(ii) त्योहार
(iii) तियोहार
(iv) तयोहार
(ख) (i) दवाईया
(ii) दवाईयाँ
(iii) दवाइयाँ
(iv) दवाइयाँ
(ग) (i) स्वास्थ्य
(ii) स्वास्थ्य
(iii) सवास्थ्य
(iv) स्वासथ्य
(घ) (i) कवयित्री
(ii) कवियित्री
(iii) कवीयित्री
(iv) कवीयित्रि
(ङ) (i) उज्ज्वल
(ii) उज्जवल
(iii) उज्जल
(iv) उजजवल
(च) (i) सनयास
(ii) सन्यास
(iii) संन्यास
(iv) संनयास
(छ) (i) पंडित
(ii) पन्डित
(iii) पनडित
(iv) पनडत
(ज) (i) दुकान
(ii) दोकान
(iii) दूकान
(iv) दुकोन
उत्तर-
(क) (ii)
(ख) (iii)
(ग) (ii)
(घ) (i)
(ङ) (i)
(च) (iii)
(छ) (i)
(ज) (i)