Chapter 4 चुनावी राजनीति

Chapter 4 चुनावी राजनीति पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में इनमें से कौन-सा वाक्य ठीक नहीं है? (क) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं। (ख) लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं। (ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज […]

Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. भारत में जनगणना के दौरान दस वर्ष में एक बार प्रत्येक गाँव का सर्वेक्षण किया जाता है। पालमपुर से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्न तालिका को भरिए (क) अवस्थिति क्षेत्र, (ख) गाँव का कुल क्षेत्र, (ग) भूमि का उपयोग ( हेक्टेयर में) प्रश्न 2. […]

Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी.

Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी. पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. वैकल्पिक प्रश्न- (i) रबड़ का संबंध किस प्रकार की वनस्पति से है? (क) टुंड्रा (ख) हिमालय (ग) मैंग्रोव (घ) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन (ii) सिनकोना के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं? (क) 100 सेमी (ख) 70 सेमी (ग) 50 सेमी […]

Chapter 4 वन्य-समाज और उपनिवेशवाद.

Chapter 4 वन्य-समाज और उपनिवेशवाद. पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर  प्रश्न-1. औपनिवेशिक काल के वन प्रबंधन में आए परिवर्तनों ने इन समूहों को कैसे प्रभावित किया : झूम खेती करने वालों को। घुमन्तू और घरवाही समुदायों को। लकड़ी और वन-उत्पादों का व्यापार करने वाली कंपनियों को। बागान मालिकों को। शिकार खेलने वाले राजाओं और अंग्रेज अफसरों को। […]

Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय.

Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय. पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएँ थीं? उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध के अंत में साम्राज्यवादी जर्मनी की हार के बाद सम्राट केजर विलियम द्वितीय अपनी जान बचाने के लिए हॉलैण्ड भाग गया। इस अवसर का लाभ उठाते हुए संसदीय दल वाइमर में मिले […]

Chapter 5 समास-प्रकरण (व्याकरण)

Chapter 5 समास-प्रकरण (व्याकरण) समास का अर्थ है-संक्षेप। दो या दो से अधिक पदों को इंसे प्रकार मिलाना कि उनके आकार में कमी आ जाये और अर्थ भी पूरा-पूरा निकल आये, को समास कहते हैं; जैसे-नराणां पतिः = नरपतिः। यहाँ पर ‘नराणां पति:’ का वही अर्थ है, जो ‘नरपति:’ का है, किन्तु ‘नरपतिः’ आकार में छोटा […]

Chapter 4 धातु-रूप प्रकरण (व्याकरण)

Chapter 4 धातु-रूप प्रकरण (व्याकरण) धातु-रूप प्रकरण जिस शब्द के द्वारा किसी काम के करने या होने का बोध होता है, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे-‘राम: पुस्तकं पठति।’ इस वाक्य में ‘पठति से पढ़ने के काम का बोध होता है; अतः ‘पठति क्रिया है। क्रिया के मूल रूप को संस्कृत में ‘धातु’ कहते हैं; जैसे—राम: […]

Chapter 2 सन्धि-प्रकरण (व्याकरण)

Chapter 2 सन्धि-प्रकरण (व्याकरण)  ‘हिम’ और ‘आलय’, ‘देव’ और ‘आलय’, ‘देव’ और ‘इन्द्र’ आदि शब्द-युग्मों को सदि जल्दी-जल्दी पढ़ा जाये तो इनका मिला हुआ रूप ‘हिमालय’, ‘देवालय’, ‘देवेन्द्र’ आदि ही सदा मुख से निकलता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सन्धि शब्दों के मिले हुए उच्चारण को ही एक रूप है। इससे यह भी […]

Chapter 13 आरोग्य-साधनानि (पद्य-पीयूषम्)

Chapter 13 आरोग्य-साधनानि (पद्य-पीयूषम्) परिचय-भारतीय चिकित्सा विज्ञान के दो अमूल्य रत्न हैं-‘चरक-संहिता’ और ‘सुश्रुत-संहिता’। महर्षि चरक ने ईसा से 500 वर्ष पूर्व ‘अग्निवेश-संहिता’ नामक ग्रन्थ का प्रतिसंस्कार करके चरक-संहिता’ की रचना की थी। इसके 200 वर्ष पश्चात् अर्थात् ईसा से लगभग 300 वर्ष पूर्व ‘सुश्रुत-संहिता’ नामक ग्रन्थ की रचना महर्षि सुश्रुत द्वारा की गयी। चरक-संहिता में […]

Chapter 12 यक्ष-युधिष्ठिर-संलाप (पद्य-पीयूषम्)

Chapter 12 यक्ष-युधिष्ठिर-संलाप  (पद्य-पीयूषम्) परिचय–प्रस्तुत पाठ महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित ‘महाभारत’ के वनपर्व से संगृहीत है। इन , श्लोकों में यक्ष और युधिष्ठिर के संलाप द्वारा जीवन एवं जगत् के व्यावहारिक पक्ष की मार्मिक व्याख्या की गयी है। अपने प्रवास के समय एक बार पाँचों पाण्डव वन में थे। युधिष्ठिर को प्यास लगती है। वह […]

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