7 The Last Leaf
• पाठ के विषय में : पतझड़ का मौसम है। हवा बहुत तेज चल रही है और तेज बारिश हो रही है। आईवी की बेल के सारे पत्ते झड़ गए हैं सिवाय एक के। आखिरी पत्ता क्यों नहीं झड़ रहा ?
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद)
1. Sue and Johnsy………………………….its leaves.
कठिन शब्दार्थ : artists (आटिस्ट्स) = कलाकार, storey (स्टॉरि) = मंजिल, gazing (गेज्ङ्) = एकटक देखना, sent for (सेन्ट् फॉ(र)) = बुला भेजना, worrying (वरिङ्) = चिन्तित कर रही है, make up one’s mind (मेक् अप् वन्स माइन्ड्) = मन बनाना, respond (रिस्पॉन्ड्) = प्रत्युत्तर देना, whisper (विस्प(र)) = फुसफुसाना, anxiously (ऐक्शसलि) = डर मिश्रित उत्सुकता, brick (ब्रिक्) = ईंट, creeper (क्रीपॅ(र)) = लता, बेल, shedding (शेड्ङ्) = झड़ना।।
हिन्दी अनुवाद : सू और जौन्सी, दो युवा कलाकार, एक ही फ्लैट में सम्मिलित रहती थीं। उनका फ्लैट एक पुराने मकान की तीसरी मंजिल पर था।
नवम्बर में जौन्सी गम्भीर रूप से बीमार हुई। उसे निमोनिया हो गया था। वह अपने बिस्तर में बिना हिले-डुले खिड़की से बाहर एकटक देखती रहती। सू, उसकी सहेली, बहुत चिन्तित हो गई। उसने डॉक्टर को बुलवाया। यद्यपि वह प्रतिदिन आता था पर जौन्सी की हालत में कोई सुधार या बदलाव नहीं था।
एक दिन डॉक्टर सू को एक तरफ ले गया और उससे पूछा, “क्या जौन्सी को कोई चिन्ता लगी है?” “नहीं.”, सू ने उत्तर दिया।”पर आप यह क्यों पूछ रहे हैं?” डॉक्टर ने कहा, “लगता है जौन्सी ने अपना मन बना लिया है कि उसे अच्छा नहीं होना है। अगर वह जीना नहीं चाहेगी तो कोई भी दवा उसकी मदद नहीं करेगी।”
सू ने भरसक प्रयत्न किया कि जौन्सी अपने आस-पास की चीजों में दिलचस्पी ले। उसने फैशन और कपड़ों की बातें कीं, परन्तु जौन्सी ने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया। जौन्सी अपने बिस्तर पर बिना हिले-डुले पड़ी रही। सू अपना ड्राईंग-बोर्ड जौन्सी के कमरे में ले आई और चित्रकारी करना आरम्भ कर दिया। जौन्सी का ध्यान उसकी बीमारी से हटाने के लिए वह काम करते हुए एक खुशनुमा सीटी बजाने लगी। अचानक सू ने जौन्सी को कुछ फुसफुसाते हुए सुना।
वह तेजी से उसके बिस्तर की ओर भागी और जौन्सी को उल्टी गिनती गिनते सुना। वह खिड़की के बाहर देख रही थी और कह रही थी,”बारह !” थोड़ी देर बाद वह फुसफुसाई “ग्यारह”, फिर “दस”, फिर “नौ”,”आठ”,”सात”। सू ने डर मिश्रित उत्सुकता से खिड़की के बाहर देखा। उसने एक पुरानी आइवी की बेल खिड़की के सामने वाली ईंट की आधी दीवार तक चढ़ी देखी। बाहर तेज हवा में बेल के पत्ते झड़ रहे थे।
2. “What is it, ………………while I paint.”
कठिन शब्दार्थ : almost (ऑल्मोउस्ट) = लगभग, autumn (ऑटम्) = पतझड़ का मौसम, finality (फाइनैलिटि) = अन्तिम रूप से, confident (कॉन्फिडन्ट) = विश्वासपूर्ण, bowl (बोल्) = कटोरा, soup (सूप) = रस, सूप, शोरबा, forever (फर्रव(र)) = हमेशा के लिए, curtain (कट्न्) = पर्दा।
हिन्दी अनुवाद : “यह क्या है, प्रिय?” सू ने पूछा। “छः”, जौन्सी फुसफुसाई, “अब वे बहुत तेजी से झड़ रहे हैं। तीन दिन पहले इस पर लगभग सौ पत्ते थे, अब केवल पाँच बचे हैं।” “यह पतझड़ का मौसम है”, सू ने कहा, “और पत्ते तो झड़ेंगे ही।” “जब आखिरी पत्ता झड़ जाएगा तो मेरी मृत्यु हो जाएगी,” जौन्सी ने अन्तिम रूप से बात कही। “मैं पिछले तीन दिन से इस बात को जानती हैं।” “ओह, यह एकदम बकवास है”, सू ने कहा।
“तुम्हारे ठीक होने से पुरानी आइवी की बेल के पत्तों का क्या लेना-देना? डॉक्टर को पूरा भरोसा है कि तुम ठीक हो जाओगी।” जौन्सी ने कुछ नहीं कहा। सू गई और उसके लिए सूप का कटोरा ले आई। “मुझे कोई सूप नहीं चाहिए”, जौन्सी ने कहा। “मुझे भूख नहीं है….. अब वहाँ केवल चार पत्ते बचे हैं।
मैं अंधेरे से पहले अन्तिम पत्ते का झड़ना देखना चाहती हूँ। तब मैं सदा की नींद सो जाऊँगी।” सू जौन्सी के बिस्तर पर बैठ गई, उसे चूमा और कहा, “तुम मरने नहीं जा रही । मैं पर्दा नहीं खींच सकती क्योंकि मुझे रोशनी की जरूरत है। मैं पेंटिंग को खत्म करके अपने लिए कुछ पैसा पाना चाहती हूँ। कृपया मेरी प्यारी सहेली,” उसने जौन्सी से विनती की, “मुझे वचन दो जब तक मैं पेन्ट करती हूँ तुम बाहर नहीं देखोगी।”
3. “All right”, said…………………………it didn’t fall.”
कठिन शब्दार्थ : finish (फिनिश्) = खत्म करो, tired (टाइअड्) = थका हुआ, pour out (पॉ(र)आउट) = उड़ेलना, masterpiece (मास्टपीस्) = अति उत्तम रचना, कृति, remained (रिमेन्ड) = रहा, worries (वरिज) = चिन्तित करना, convinced (न्विन्स्ट) = विश्वस्त हुई, stupid (स्ट्यूपिड्) = मूर्ख, tiptoed (टिप्टोड) = पंजों के बल चलना, दबे पाँव, feeble (फीब्ल) = कमजोर, peeped out (पीप्ट आउट) = बाहर झाँका, reluctantly (रिलक्टन्टलि) = अनिच्छापूर्वक, fierce (फिअ(र)स्ड) = प्रचण्ड।
हिन्दी अनुवाद : “ठीक है”, जौन्सी ने कहा “अपनी पेन्टिंग को जल्दी खत्म करो मैं आखिरी पत्ते को गिरता हुआ देखना चाहती हूँ। मैं प्रतीक्षा करके थक गई हूँ। मुझे मरना है, अतः मुझे शान्तिपूर्वक जाने दो जैसे वह बेचारे थके हुए पत्ते जा रहे हैं।”
“सोने की कोशिश करो”, सू ने कहा। “मुझे एक वृद्ध खनिक की पेन्टिंग बनानी है। मैं बेरमन को अपना मॉडल बनने के लिए बुलाने जा रही हूँ।” सू नीचे भागी। बेरमन पहली मंजिल पर रहता था। वह साठ वर्ष का बूढ़ा कलाकार था। उसकी जिन्दगी का सपना थाएक अति उत्तम रचना बनाना, पर यह उसका सपना ही बन कर रह गया। सू ने अपनी सारी चिन्ताएँ बेरमन को बता दीं। उसने उसे बताया कि कैसे जौन्सी को पक्का विश्वास था कि वह आखिरी पत्ते के झड़ते ही मर जाएगी।
“क्या वह मूर्ख है?” बेरमन ने पूछा “वह इतनी बेवकूफ कैसे हो सकती है?” “उसको बहुत तेज बुखार है”, सू ने शिकायत की। “उसने खाना-पीना छोड़ दिया है। इससे मुझे बहुत चिन्ता हो रही है।” “मैं तुम्हारे साथ आता हूँ और जौन्सी को देखता हूँ।” बेरमन ने कहा। वे दबे पांव कमरे में आए। जौन्सी सो रही थी।
सूने इकड़े पर्दे खींचे और वे दूसरे कमरे में चले गये। उसने खिड़की से बाहर झांक कर देखा । बेल पर केवल एक पत्ता बचा था। बहुत तेज वर्षा हो रही थी और बर्फानी हवा चल रही थी। ऐसा लग रहा था कि अब पत्ता किसी भी क्षण गिर जाएगा। बेरमन ने एक शब्द भी नहीं कहा। वह अपने कमरे में वापस चला गया।
जौन्सी अगली सुबह जगी। बड़ी कमजोर आवाज में उसने सू को पर्दा हटाने को कहा। सू घबरा गई। बड़ी अनिच्छापूर्वक उसने पर्दा हटाया। “ओ!” सू बेल को देख विस्मय से बोली “देखो बेल पर अभी भी एक पत्ता है। यह हरा और स्वस्थ लग रहा है। तूफान और प्रचण्ड हवाओं के बावजूद वह गिरा नहीं।”
4. “I heard the………………………………last leaf fell.”
कठिन शब्दार्थ : energetically (एनजेटिक्लि) = स्फूर्तिपूर्वक, clinging (क्लिङ्ग्ङ् ) = चिपका हुआ, कस कर पकड़ना, depressed (डिप्रेस्ट्) = अवसाद में, gloomy (ग्लूमि) = उदास, wicked (विकिड्) = शैतान, sin (सिन्) = पाप, hugged (हग्ड) = बाहुपाश में लेना, will (विल्) = इच्छा, recover (रिकव(र)) = ठीक होना, janitor (जैनिट(र)) = बिल्डिंग का रख-रखाव करने वाला, shivering (शिव()ङ्) = कांपते हुए, ladder (लैड(र)) = सीढ़ी, lantern (लैन्टन्) = लालटेन, flutter (फ्लट(र)) = फड़फड़ाना।
हिन्दी अनुवाद : “मैंने पिछली रात हवा को सुना था”, जौन्सी ने कहा। “मैंने सोचा यह गिर गया होगा। यह आज अवश्य झड़ जाएगा। तब मैं मर जाऊँगी।” “तुम नहीं मरोगी”, सू ने स्फूर्तिपूर्वक कहा।”तुम्हें अपने मित्रों की खातिर जीवित रहना होगा। अगर तुम मर गई तो मेरा क्या होगा?” जौन्सी कमजोरी में मुस्कराई और उसने अपनी आँखें बन्द कर लीं। लगभग हर घण्टे बाद वह खिड़की से बाहर देखती और पाती कि पत्ता अभी वहीं है।
ऐसा लग रहा था कि वह बेल से चिपका पड़ा था। शाम को फिर तूफान आया परन्तु पत्ता नहीं झड़ा। जौन्सी बहुत देर तक पत्ते को देखती रही। तब उसने सू को बुलाया। “मैं एक खराब लड़की रही हूँ। तुमने इतनी प्यार से मेरी देखभाल की और मैंने तुम्हें सहयोग नहीं दिया है। मैं बहुत अवसाद में और उदास रही हूँ। आखिरी पत्ते ने मुझे बता दिया है कि मैं कितनी शैतान हूँ। मुझे यह एहसास हो गया है कि मरना चाहना पाप है।”.
सू ने जौन्सी को गले लगा लिया। तब उसने उसे बहुत-सा गर्म सूप दिया और एक दर्पण भी। जौन्सी ने कंघी की और खुशी से मुस्कराई। – अपराह्न में डॉक्टर आया। अपने मरीज की जाँच करने के बाद उसने सू से कहा, “जौन्सी में अब जीने की चाह है। मुझे पूरा विश्वास है वह जल्दी ठीक हो जाएगी।
अब मुझे नीचे जाना है बेरमन को देखने। उसे भी निमोनिया हो गया है। पर मुझे डर है उसके बचने की कोई आशा नहीं है।” अगली सुबह सू आई और जौन्सी के बिस्तर पर बैठ गई। जौन्सी का हाथ अपने हाथ में लेकर उसने कहा, “मुझे तुम्हें कुछ बताना है। श्रीमान् बेरमन की आज सुबह निमोनिया से मृत्यु हो गई। वह केवल दो दिन बीमार रहा। पहले दिन बिल्डिंग के रख-रखाव करने वाले ने उसे बिस्तर पर पाया। उसके कपड़े और जूते गीले थे और वह कांप रहा था। वह उस तूफानी रात में बाहर रहा था।”
तब उन्हें एक सीढ़ी और एक लालटेन मिली जो अभी भी उसके बिस्तर के पास जल रही थी। वहाँ कुछ ब्रश और हरे तथा पीले रंग के पेन्ट फर्श पर सीढ़ी के पास पड़े थे। “प्रिय जौन्सी”, सू ने कहा “खिड़की के बाहर देखो। उस आइवी के पत्ते को देखो। तुम्हें हैरानी नहीं हुई कि वह हवा चलने पर फड़फड़ाता क्यों नहीं? वह बेरमन की अति उत्तम कलाकृति है। उसने उसे उस रात पेंट किया जब आखिरी पत्ता झड़ गया था।”