8The Tale of Melon City [तरबूज के शहर की कहानी]
-Vikram Seth
ADDITIONAL QUESTIONS
I. Short Answer Type Questions (Limit : 30-40 Words)
Q. 1. Why did the king proclaim an arch to be constructed ? .
राजा ने मेहराब बनाए जाने की घोषणा क्यों की?
Ans. The king proclaimed an arch to be constructed. The arch would be a symbol of his triumph—a sort of victory monument. He wanted the arch to be extended across the major thoroughfare of the city. It was made so grand as to edify spectators’ minds there. ।
राजा ने मेहराब बनाने की घोषणा की। मेहराब उसकी विजय का प्रतीक, एक प्रकार का विजय स्तंभ था। वह चाहता था कि मेहराब आम रास्ते में आर-पार बनाया जाये। यह ऐसा शानदार बनाया जाये कि दर्शकों के दिमागों को प्रोत्साहित करे।
Q.2. The king was a just’ and ‘placid’ man says the poet, was he so ?
राजा एक न्यायी और उत्तेजित न होने वाला व्यक्ति था, कवि कहता है, क्या वह ऐसा था?
Ans. The king of Melon City has been defined as ‘just’. He was ready to hang any one who could be blamed for the mishap. He was crazy and easily influenced. He was called placid but lost his temper over a small incident.
मेलन सिटी के राजा को ‘न्यायी’ परिभाषित किया गया। वह दुर्घटना के लिए दोषी बताये जा सकने वाले किसी भी व्यक्ति को फाँसी पर लटका सकता था। वह सनकी तथा आसानी से प्रभावित होने वाला था। वह उत्तेजित न होने वाला कहलाता था लेकिन छोटी-से-छोटी घटना पर अपना आपा खो बैठता था।
Q.3. Describe the mishap that took place as the king rode under the arch ?
उस दुर्घटना का वर्णन करो जैसे ही राजा मेहराब के नीचे घोड़े पर सवार होकर निकला?
Ans. The king rode triumphantly under the arch, The arch was built too low. As the king rode under it the arch banged his crown off. The incident upset the placid king. He considered it quite a disgraceful act.
राजा विजयी की भाँति मेहराब के नीचे से घोड़े पर बैठकर निकला। मेहराब बहुत नीचा बना था। जैसे ही राजा की सवारी इसके नीचे आयी मेहराब ने राजा का मुकुट धड़ाम से नीचे गिरा दिया। शांत राजा इससे विचलित हो गया। उसने इसे अपमानजनित कार्य माना।
Q. 4. How did the incident affect the placid king ?
घटना का शांत/गंभीर राजा पर क्या प्रभाव पड़ा?
Ans. The arch banged the king’s crown off. This incident upset the placid king. He uttered angrily, “This is a disgrace.” He ordered that the chief of builders must be hanged to death for this lapse.
मेहराब ने राजा का मुकुट गिरा दिया। इस घटना ने शांत राजा को विचलित कर दिया। उसने नाराज होकर कहा, “यह अपमान है।” उसने आदेश दिया कि मुख्य निर्माता को इस चूक के लिए फाँसी की सजा दी जावे।
_Q.5. How did the workmen convince the king of their innocence ? On whom did they shift the responsibility ?
श्रमिकों ने राजा को किस प्रकार संतुष्ट किया कि वे निर्दोष थे? उन्होंने जिम्मेदारी किस पर डाली?
Ans. The workmen were summoned to be hanged. Actually they built the arch with their own hands. But they pleaded that the bricks had been made of the wrong size. The masons were responsible for this lapse.
श्रमिकों को फाँसी पर लटकाने हेतु बुलाया गया। वास्तव में मेहराब उन्होंने अपने हाथों से बनाया था। लेकिन उन्होंने प्रार्थना की कि ईंटें गलत आकार की बनी हुई थीं। इस चूक के लिए कारीगर जिम्मेदार थे।
Q. 6. Who was blamed for the mishap by masons ? And how did he defend himself ?
इस अनिष्ट के लिए राजमिस्त्रियों द्वारा किसे दोषी ठहराया गया और उसने अपना बचाव कैसे किया?
Ans. The masons requested the king that they were innocent. They blamed the architect who planned the arch. The architect told the king that the plan was amended by the king himself. be
राजमिस्त्रियों ने राजा से प्रार्थना की कि वे निर्दोष हैं। उन्होंने वास्तुकार पर दोष लगाया जिसने मेहराब की योजना बनाई थी। वास्तुकार ने राजा को बतलाया कि राजा ने स्वयं ने योजना में परिवर्तन किया था।
Q. 7. What did the wisest man counsel ?
बुद्धिमान व्यक्ति ने क्या सलाह दी?
Ans. The oldest wise man counselled in a trembling way that the culprit must be punished. Truly it was the arch that banged the crown off. Hence, it must be hanged.
सबसे वृद्ध बुद्धिमान आदमी ने कॉपते हुए सलाह दी कि अपराधी को सजा मिलनी चाहिए। वास्तव में यह मेहराब थी जिसने राजा का मुकुट गिराया था। अत: इसे ही फाँसी पर लटकाया जाये।
Q. 8. Why couldn’t the arch not be hanged ?
मेहराब को फाँसी पर क्यों नहीं लटकाया जा सकता था?
Ans. When the arch was to be hanged a counsillor gave a new twist to the whole drama. He argued how a thing that touched the royal head could be hanged. The king readily agreed not to do such a thing
जब मेहराब को फाँसी पर लटकाया जाना था एक सभासद् ने नाटक में नया मोड़ प्रदान कर दिया। उसने तर्क दिया कि वह वस्तु जिसने राजकीय सिर को छू दिया उसे फाँसी पर कैसे लटकाया जा सकता था। राजा तुरंत ही ऐसा न करने को तैयार हो गया।
Q.9. Describe the final preparations made for the hanging.
फाँसी देने के लिए की जाने वाली अन्तिम तैयारी का वर्णन करो।
Ans. Some one was to be hanged immediately. The noose was set up some what high’. Each man was measured by and by. The man whose neck was fitted in the noose perfectly deserved the hanging
किसी न किसी को तुरंत फाँसी देनी थी। फंदा कुछ ज्यादा ऊँचाई पर लग गया। प्रत्येक व्यक्ति की एक के बाद एक माप ली गई। जिस व्यक्ति की गर्दन बिल्कुल ठीक ढंग से फंदे में आ जाए वही फाँसी के योग्य था।
Q. 10. How was the king hanged by his own Royal Decree ?
राजा को स्वयं के राजकीय आदेश द्वारा फाँसी कैसे दी गई?
Ans. The noose was set up some high. Unfortunately no one came up to the noose. The king himself was the only one man whose neck could be fit in the noose perfectly. Therefore His Majesty himself was hanged by the royal decree.
फांसी का फंदा कुछ ऊँचा लगा दिया गया। दुर्भाग्यवश फंदे तक कोई नहीं आया। केवलमात्र राजा ही वह व्यक्ति था जिसकी गर्दन फंदे के लिए उपयुक्त थी। इसलिए महाराजाधिराज को राजकीय आदेश से फाँसी दे दी गई।
II. Long Answer Type Questions (Limit : 50-60 Words) :
Q. 1. How did the ministers justify the hanging of their king.
राजा का फाँसी लगना मंत्रियों को न्यायसंगत कैसे लगा?
Ans. The people demanded that someone must be hanged immediately. The ministers felt relief at last : someone was found to be hanged. No matter that the man was their king. They preferred only to the Royal Decree. If the king had not offered himself for hanging immediately the people would have revolted against him. They shouted “Long live the king.”
कि लोगों ने मांग की कि शीघ्र ही किसी को फाँसी दी जाये। अन्त में मंत्रियों ने राहत महसूस की। कोई तो फाँसी पर लटकाने को मिला। यह कोई बात नहीं कि वह व्यक्ति उनका राजा था। वे केवल राजकीय आदेश को महत्त्व देते थे। यदि राजा तुरन्त ही फाँसी पर लटकने को तैयार नहीं होता तो जनता उसके विरुद्ध विद्रोह कर देती। वे चिल्लाए, “राजा चिरायु हो।”
Q. 2. What was the procedure that was followed to choose the new king?
नये राजा के चुनाव करने का तरीका क्या था?
Ans. The heralds were sent to proclaim that the new king would be chosen. Any one who first passed the city gate would choose the next king. An idiot passed through the gate. The guards stopped him. He was pressed to choose the new king. The idiot answered, ‘Melon”. His choice was unanimously accepted. A melon was crowned as the next king of the state.
हरकारे यह घोषणा करने भेजे गए कि नए राजा का चुनाव किया जाएगा। जो भी व्यक्ति शहर के दरवाजे से सर्वप्रथम गुजरेगा वह भावी राजा का चुनाव करेगा। एक मूर्ख व्यक्ति दरवाजे से गुजरा । सिपाहियों ने उसे रोक लिया। उस पर नए राजा के चुनाव का दबाव डाला गया। मूर्ख ने उत्तर दिया ‘तरबूज’। उसकी पसंद सर्वसम्मति से स्वीकार कर ली गई। एक तरबूज को भावी राजा के रूप में ताज
पहनाया गया।
Q. 3. Describe the character of the king.
राजा के चरित्र का वर्णन करो।
Ans. The king was whimsical and moody. Vikram Seth ironically calls him ‘just’ and ‘placid’. Actually he was neither of the two. He was fickle-minded and unstable. He was swayed by the mood of the people. His sense of justice could send anyone to the gallows. People took advantage of his placid nature. And this placid nature became the cause of his death.
राजा सनकी और मनमौजी था। विक्रम सेठ विडम्बनावश उसे ‘न्यायी’ तथा ‘शांत’ राजा कहता था। वास्तव में उसमें दोनों में से एक भी गुण नहीं था। वह छिछला और अस्थिर स्वभाव का था। वह लोगों की मनोदशा के अनुसार डगमगा जाता था। उसके न्याय के विचार किसी को भी फाँसी के तख्ते तक पहुँचा सकते थे। उसके निश्छल स्वभाव का प्रत्येक व्यक्ति नाजायज फायदा उठाता था। और वह निष्कपट की भावना उसकी मृत्यु का कारण बनी।