Chapter 9 स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रम पर्यावरण का प्रभावएवं
बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)
प्रश्न 1.
लोगों को स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से अवगत करना कहलाती है
(a) जन शिक्षा
(b) स्वास्थ्य शिक्षा
(c) भौतिक शिक्षा
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) स्वास्थ्य शिक्षा|
प्रश्न 2.
स्वास्थ्य शिक्षा में सम्मिलित हैं
(a) पर्यावरण
(b) शारीरिक स्वास्थ्य
(c) सामाजिक स्वास्थ्य
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी
प्रश्न 3.
स्वास्थ्य शिक्षा में सहायक संस्थाएँ मानी जाती हैं
(a) परिवार
(b) विद्यालय
(c) नगर निगम
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी
प्रश्न 4.
परिवार नियोजन केन्द्रों में किस सन्दर्भ में जानकारी दी जाती
(a) बाल शिशु सुरक्षा
(b) प्राथमिक चिकित्सा
(c) जनसंख्या वृद्धि
(d) मातृ शिशु सुरक्षा
उत्तर:
(c) जनसंख्या वृद्धि
प्रश्न 5.
यूनिसेफ का मुख्य कार्यालय है (2018)
(a) पेरिस में
(b) न्यूयार्क में
(C) टोकियो
(d) हनोई में
उत्तर:
(b) न्यूयार्क में
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 1 अंक, 25 शब्द
प्रश्न 1.
स्वास्थ्य शिक्षा किसे कहते हैं?
उत्तर:
जन सामान्य को स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से अवगत कराना ही स्वास्थ्य शिक्षा कहलाती है। यह एक ऐसा साधन है, जिससे कुछ विशेष शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सहायता से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान तथा व्याधियों से बचने के उपायों का प्रसार किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
स्वास्थ्य शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है? (2018)
उत्तर:
लोगों के स्वास्थ्य को उत्तम बनाना एवं स्वास्थ्य नियमों से अवगत कराना। स्वास्थ्य शिक्षा मुख्य उद्देश्य है। इसके तहत, राज्य, जिलों व अन्य स्तरों पर स्वास्थ्य शिक्षा इकाइयों की संगठनात्मक व्यवस्था और प्रचालन हेतु दिशा-निर्देश प्रदान किया जाता है।
प्रश्न 3.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए? (2018)
उत्तर:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ परिवेश के साथ प्रतिदिन स्नान, शरीर के वस्त्रों की सफाई, दाँतों, आखों की सफाई तथा नाखूनों आदि को काटना चाहिए।
प्रश्न 4.
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र क्या है? (2018)
उत्तर:
यह स्वास्थ्य केन्द्र ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों की जानकारी देने, रोगों से बचाव, स्वच्छता, शिशु की देखभाल तथा गर्भवती स्त्रियों को पोषण से सम्बन्धी जानकारी प्रदान करते हैं। यह केन्द्र निःशुल्क होते हैं।
प्रश्न 5.
राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के नाम बताइए, जो जनस्वास्थ्य के कार्यक्रमों में सहायक हैं।
उत्तर:
जनस्वास्थ्य से सम्बन्धित संस्थाए निम्नलिखित हैं- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनीसेफ (UNICEF), केयर (CARE) तथा रेडक्रॉस सोसायटी (Red Cross Society) आदि।
प्रश्न 6.
केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो की स्थापना कब की गई?
उत्तर देश में स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित जागरूकता लाने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 1956 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय के अन्तर्गत केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो की स्थापना की गई।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक, 50 शब्द)
प्रश्न 1.
स्वास्थ्य शिक्षा को विकसित करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो द्वारा कौन-कौन से उद्देश्य बताए गए हैं?
उत्तर:
देश में स्वास्थ्य शिक्षा को विकसित करने और बढ़ावा देने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो ने निम्नलिखित उद्देश्य बताए हैं।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की व्याख्या करना।
- स्वास्थ्य व्यवहार, स्वास्थ्य शिक्षा प्रक्रियाओं और साधनों के लिए सन्दर्शिका तैयार करना और शोध आयोजित करना।
- विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और कार्यक्रमों से सम्बन्धित स्वास्थ्य शिक्षा सामग्री को तैयार करके टाइप कराकर वितरित करना।।
- प्रमुख स्वास्थ्य और समुदाय कल्याण कर्मियों को स्वास्थ्य शिक्षा और शोध की विधियों में प्रशिक्षित करना, प्रशिक्षण के लिए प्रभावशाली विधि और प्रशिक्षण के साधन विकसित करना।
- विद्यालय के छात्रों हेतु स्वास्थ्य शिक्षा के लिए विद्यालयों और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की सहायता करना।
- राज्य, जिला और अन्य स्तरों पर स्वास्थ्य शिक्षा इकाइयों की संगठनात्मक व्यवस्था और प्रचालन हेतु दिशा निर्देश प्रदान करना।
- स्वास्थ्य शिक्षा कार्य में लगी आधिकारिक और गैर-आधिकारिक एजेन्सियों को तकनीकी सहायता प्रदान करना और उनके कार्यक्रमों को समन्वित करना।
प्रश्न 2.
सरकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा कौन-कौन सी संस्थाएँ संचालित होती हैं? संक्षेप में समझाइए।
उत्तरे:
देश में स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित जागरूकता लाने के लिए सरकार द्वारा वर्ष | 1956 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय के अन्तर्गत केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो की स्थापना की गई, अन्य संस्थाएँ निम्नलिखित हैं।
1. केन्द्रीय स्वास्थ्य संगठन केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो का गठन वर्ष 1957 में किया गया, जिसमें स्वास्थ्य शिक्षा का प्रचार करने के लिए तीन अलग-अलग विभाग बनाए गए।
- प्राथमिक स्कूलों के लिए कार्य करने वाले
- माध्यमिक विद्यालयों के लिए।
- शिक्षा प्रशिक्षण विद्यालयों के लिए
2. राज्य स्वास्थ्य विभाग वर्ष 1959 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय के प्रस्ताव से 13 राज्यों में राज्य स्वास्थ्य ब्यूरो स्थापित किए गए, जिनके मुख्य कार्य हैं।
- चिकित्सालय परिवार नियोजन केन्द्र तथा स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करना।
- स्वास्थ्य शिक्षा हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाना।
- क्षेत्र विकास खण्डों में स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करना।
3. जिला स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक जिले में एक स्वास्थ्य विभाग होता है तथा नगर के सभी अस्पताल इसी के अन्तर्गत आते हैं
4. नगर परिषद् स्वास्थ्य विभाग इस विभाग का मुख्य कार्य नगर में फैलने वाली बीमारियों को रोकना है। यह विभाग नगर में स्वास्थ्य सुरक्षा के कार्य करता है; जैसे-साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल, संक्रामक रोगों की रोकथाम आदि।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (5 अंक, 100 शब्द)
प्रश्न 1.
स्वास्थ्य शिक्षा से क्या आशय है? स्वास्थ्य शिक्षा के उददेश्य तथा शिक्षा में सहायक संस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
स्वास्थ्य शिक्षा क्या है? स्वास्थ्य शिक्षा में कौन-कौन सी सस्थाएँ सहायक हैं?
उत्तर:
जन सामान्य को स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से अवगत कराना ही स्वास्थ्य शिक्षा कहलाती है। यह एक ऐसा साधन है, जिससे कुछ विशेष शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सहायता से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान तथा व्याधियों से बचने के उपायों का प्रसार किया जा सकता है।
स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य
स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत पर्यावरण, शारीरिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थ्य तथा बौद्धिक स्वास्थ्य इत्यादि सभी को सम्मिलित किया जाता है। स्वास्थ्य शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह ऐसा बर्ताव करता है, जो स्वास्थ्य की उन्नति, रख-रखाव तथा उसकी पुनर्घाप्ति में सहायक हो।
देश में स्वास्थ्य शिक्षा को विकसित करने और बढ़ावा देने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो ने निम्नलिखित उद्देश्य बताए हैं।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की व्याख्या करना।
- स्वास्थ्य व्यवहार, स्वास्थ्य शिक्षा प्रक्रियाओं और साधनों के लिए सन्दर्शिका तैयार करना और शोध आयोजित करना।
- विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और कार्यक्रमों से सम्बन्धित स्वास्थ्य शिक्षा सामग्री को तैयार करके टाइप कराकर वितरित करना।।
- प्रमुख स्वास्थ्य और समुदाय कल्याण कर्मियों को स्वास्थ्य शिक्षा और शोध की विधियों में प्रशिक्षित करना, प्रशिक्षण के लिए प्रभावशाली विधि और प्रशिक्षण के साधन विकसित करना।
- विद्यालय के छात्रों हेतु स्वास्थ्य शिक्षा के लिए विद्यालयों और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की सहायता करना।
- राज्य, जिला और अन्य स्तरों पर स्वास्थ्य शिक्षा इकाइयों की संगठनात्मक व्यवस्था और प्रचालन हेतु दिशा निर्देश प्रदान करना।
- स्वास्थ्य शिक्षा कार्य में लगी आधिकारिक और गैर-आधिकारिक एजेन्सियों को तकनीकी सहायता प्रदान करना और उनके कार्यक्रमों को समन्वित करना।
स्वास्थ्य शिक्षा में सहायक संस्थाएँ
स्वास्थ्य शिक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित संस्थाओं का सहयोग है।
1. परिवार इसे बच्चे की प्रथम पाठशाला माना जाता है। परिवार द्वारा बच्चे को स्वास्थ्य की जानकारी तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों का ज्ञान होता है।
2. विद्यालय बालक पारिवारिक वातावरण से निकलकर विद्यालय में प्रवेश करता है, जहाँ उसे स्वस्थ रहने के तरीकों का ज्ञान होता है। विद्यालय में बालक को शारीरिक व्यायाम तथा रोगों से बचाव हेतु शिक्षा दी जानी चाहिए, जिससे स्वास्थ्य की रक्षा होती है।
3. चिकित्सालय नगरों में सामान्य चिकित्सालय खोले गए हैं, जहाँ प्रशिक्षित नर्स तथा डॉक्टर होते हैं, जो विशेष रूप से लोगों को स्वास्थ्य शिक्षा के विषय में जानकारी देते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ शुद्ध व सन्तुलित भोजन तथा टीका लगवाने की प्रेरणा दी जाती है।
4. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र यह स्वास्थ्य केन्द्र ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों की जानकारी देने, रोगों से बचाव, स्वच्छता, शिशु की देखभाल तथा गर्भवती स्त्रियों को पोषण सम्बन्धी जानकारी देते हैं। यह केन्द्र नि:शुल्क होते हैं।
5. नगर निगम के स्वास्थ्य केन्द्र यह केन्द्र शहर में स्वच्छता का ध्यान रखते हैं। इसका मुख्य कार्य सड़क एवं गलियों के किनारे डी.डी.टी.का छिड़काव व चूना डलवाना, कूड़ा-करकट हटवाना तथा रोगों से बचाव हेतु टीके लगवाना आदि हैं।
6. परिवार नियोजन केन्द्र देश के लगभग सभी गाँव, कस्बे तथा शहरों में परिवार नियोजन केन्द्र बनाए गए हैं, जहाँ जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने सम्बन्धी जानकारी दी जाती है। अन्य संस्थाएँ स्वास्थ्य संगठनों में अन्य छोटी-बड़ी संस्थाएँ निम्नलिखित हैं।
- प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र
- मोबाइल अस्पताल
- मातृ शिशु कल्याण केन्द्र
- प्रसूति रक्षा केन्द्र
- बाल शिशु रक्षा केन्द्र
- औद्योगिक केन्द्र
राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय एवं गैर-सरकारी स्वास्थ्य संगठन
स्थानीय स्वास्थ्य संगठनों के अतिरिक्त कुछ राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय एवं गैर-सरकारी स्वास्थ्य संगठन भी हैं, जिनका सम्बन्ध स्वास्थ्य शिक्षा से है। इनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन,यूनीसेफ, केयर, रेडक्रॉस सोसायटी तथा खाद्य एवं कृषि संगठन प्रमुख हैं, जो निम्न हैं।
1. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) यह संगठन विश्वभर में स्वास्थ्य रक्षा हेतु विशेष लोगों को प्रशिक्षण देता है, जिससे स्वास्थ्य रक्षा के कार्यों में सहायता मिले। यह अपने दस्यदेशों को उनके स्वास्थ्यसेवाओं, शोध व स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विकास में प्रोत्साहन देता है।
2.यूनिसेफ (UNICEF) यह संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग सेवर्ष 1946 में स्थापित की गई। इस संस्था के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
- माताओं व शिशुओं को रोगों से बचाना
- बच्चों की शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य सम्बन्धी सहायता देना
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर स्वास्थ्य व सुरक्षा केसन्दर्भ में कार्य करना।
3. केयर (CARE) यह संस्था बालकों की पोषण सम्बन्धी सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु समाधान करती है।
4. रेडक्रॉस सोसायटी (Red Cross Society) यह स्वास्थ्य सम्बन्धी एक स्वतन्त्र संगठन है, जो लगातार अपनी सेवाएँ देता है।
5. खाद्य एवं कृषि संगठन यह संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ की एक शाखा है। यह संस्था मनुष्य के सामाजिक स्तर को बढ़ाने का कार्य, पोषण की सुविधा देने तथा ग्रामीण लोगों कीदशा सुधारने का कार्य करती है। इन सभी संगठनों ने स्वास्थ्य के नियमों में सुधार लाने के सुधारात्मक आन्दोलन चलाए हैं, जिससे जनसुरक्षात्मक कार्यों में वृद्धि हुई है।
प्रश्न 2.
स्वास्थ्य के लिए, स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत मुख्य रूप से क्या सुझाव दिए जा सकते हैं? (2018)
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा से आशय
जन सामान्य को स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से अवगत कराना ही स्वास्थ्य शिक्षा कहलाती है। यह एक ऐसा साधन है, जिससे कुछ विशेष शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सहायता से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान तथा व्याधियों से बचने के उपायों का प्रसार किया जा सकता है।
स्वास्थ्य शिक्षा के द्वारा जनसाधारण को यह समझने का प्रयास किया जाता है कि उसके लिए क्या स्वास्थ्यप्रद और क्या हानिप्रद है तथा इनसे साधारण बचाव कैसे किया जाए। संक्रामक रोगों; जैसे- चेचक, क्षय और विसूचिका इत्यादि के टीके लगवाकरे हम कैसे अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। स्वास्थ्य शिक्षक ही जनता से सम्पर्क स्थापित कर स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा आवश्यक नियमों का उन्हें ज्ञान कराता है।
स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित सुझाव
1.स्कूलों एवं कॉलेजों के स्तर पर
- व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं पारिवारिक स्वास्थ्य की रक्षा हेतु लोगों को । स्वास्थ्य के नियमों की जानकारी कराने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा को स्कूल व कॉलेजों के पाठ्यक्रम में जोड़ना आवश्यक है।
- संक्रामक रोगों की अधिकता तथा रोग निरोधक के मूल तत्त्वों का ? विद्यार्थियों को बोध कराया जाना चाहिए।
- स्वास्थ्य रक्षा के सामूहिक उत्तरदायित्व को वहन करने की शिक्षा देना। इस प्रकार से स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र आगे चलकर सामुदायिक स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यों में निपुणता से कार्य कर सकते हैं तथा अपने एवं अपने परिवार के लोगों की स्वास्थ्य रक्षा हेतु उचित उपायों का प्रयोग कर सकते हैं। यह देखा भी गया है कि इस प्रकार से स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा से सम्पूर्ण देश की स्वास्थ्य रक्षा में प्रगति हुई है।
2. सामान्य जनता को स्वास्थ्य सम्बन्धी सूचना देना यह कार्य मुख्य रूप से स्वास्थ्य विभाग का है, परन्तु अनेक ऐच्छिक स्वास्थ्य संस्थाएँ एवं अन्य संस्थाएँ जो इस कार्य में रुचि रखती हैं, सहायक रूप से कार्य कर सकती हैं। इस प्रकार की स्वास्थ्य शिक्षा का कार्य आजकल रेडियो, समाचार-पत्रों, भाषणों, सिनेमा, प्रदर्शनी तथा पुस्तिकाओं की सहायता से यथाशीघ्र सम्पन्न हो रहा है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी उपकरणों का भी प्रयोग करना चाहिए, जिससे अधिक-से-अधिक जनता का ध्यान स्वास्थ्य शिक्षा की ओर आकर्षित हो सके। इसके लिए विशेष प्रकार के व्यवहार कुशल और शिक्षित स्वास्थ्य शिक्षकों की नियुक्ति करना श्रेयस्कर है।
3. स्वास्थ्य शिक्षा सम्बन्धी केन्द्र स्वास्थ्य से सम्बन्धित शिक्षा देने के लिए विभिन्न स्थानों पर केन्द्रों की स्थापना की जानी चाहिए। इन केन्द्रों के माध्यम से स्वास्थ्य विशेषज्ञ निम्नलिखित सहायता प्रदान कर सकते हैं।
- प्रत्येक रोगी तथा प्रत्येक घर जहाँ चिकित्सक जाता है, वहाँ किसी-न-किसी रूप में उसे स्वास्थ्य शिक्षा देने की हमेशा आवश्यकता पड़ती है।
- रोग के सम्बन्ध में रोगी के भावात्मक विचार तथा अन्धविश्वास को दूर करना।
- रोगी का रोगोपचार, स्वास्थ्य रक्षक तथा रोग के समस्त रोगनिरोधात्मक उपायों का ज्ञान कराना।
- अपने ज्ञान से रोगी को पूरा विश्वास दिलाना, जिससे रोगी अपनी तथा अपने परिवार की स्वास्थ्य रक्षा के हेतु उनसे समय-समय पर सलाह ले सकें।
- रोग पर असर करने वाले आर्थिक एवं सामाजिक प्रभावों का भी रोगी को बोध कराए तथा एक चिकित्सक, उपचारिका, स्वास्थ्य चर तथा इस क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वयंसेवकों की कार्य सीमा कितनी है, इसका भी लोगों को बोध कराना अत्यन्त आवश्यक है।