Chapter 3 The Story of Indian Democracy (Hindi Medium)

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. हित समूह प्रकार्यशील लोकतंत्र के अभिन्न अंग हैं। चर्चा कीजिए।
उत्तर-

प्र० 2. संविधान सभा की बहस के अंशों का अध्ययन कीजिए। हित समूहों को पहचानिए। समकालीन भारत में किस प्रकार के हित समूह हैं? वे कैसे कार्य करते हैं?
उत्तर- बहस के अंश

प्र० 3. विद्यालय में चुनाव लड़ने के समय अपने आदेश पत्र के साथ एक फड़ बनाइए (यह पाँच लोगों के एक छोटे समूह में भी किया जा सकता है, जैसे पंचायत में होता है।)
उत्तर- विद्यालय पंचायत के एक सदस्य के रूप में हमारा ध्यान निम्न विषयों पर होगा-

प्र० 4. क्या आपने बाल मजदूर तथा मजदूर किसान संगठन के बारे में सुना है? यदि नहीं, तो पढ़ा कीजिए और उनके बारे में 200 शब्दों में एक लेख लिखिए।
उत्तर- बाल मजदूरी-मानव जगत् के सपनों एवं उमंगों का पुंज बालकों को माना गया है। बच्चे राष्ट्र के भविष्य का नेतृत्व करते हैं। वे देश की प्रगति का आइना एवं भावी कर्णधार हैं। उनका चमकता हुआ चेहरा यदि किसी देश की प्रगति और खुशहाली का प्रतीक है। तो उनका मुरझाया हुआ चेहर देश की विषमता एवं विपन्नता का प्रतीक है। हालाँकि विडंबना इस बात की है कि आज अधिकतर बच्चों का जीवन संघर्षों एवं असामान्य परिस्थितियों में बीत रहा है।

प्राचीनकाल से ही बाल श्रमिक भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। हालाँकि उस समय गरीबी, रूढ़िवादिता तथा भाग्यवादिता के कारण उनकी शिक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास की ओर ध्यान नहीं दिया गया। फलतः उनका बचपन मजदूरी की के हवनकुंड में होम कर दिया गया। उनके हाथ में कलम और किताब के स्थान पर हँसिया और फावड़ा पकड़ा दिया गया। वही सिलसिला बदले हुए परिवश में कुछ। हद तक प्यारी है। बाल मजदूरी को बढ़ावा देने में सबसे अहम भूमिका उन किसानों, छोटे व्यवसायियों एवं उद्योगपतियों को है जो आधी मजदूरी पर छोटे बच्चों के श्रम का अधिक से अधिक दोहन करना चाहते हैं। साथ-साथ “जितने हाथ उतने काम की मानसिकता ने भी बालश्रम को बढ़ावा दिया है।

दुनिया में सबसे ज्यादा बाल मजदूर भारत में ही हैं। 1991 की जनगणना के अनुसार बाल मजदूरों का आंकड़ा 11.3 मिलियन या 2001 में यह आंकड़ा बढ़कर 12.7 मिलियन पहुँच गया। बाल मजदूरों की संख्या में बेतहाश वृद्धि को ध्यान में रखकर सरकार ने चाइल्ड लेबर एक्ट बनायी, जिसके अंतर्गत बाल मजदूरी को अपराध माना गया तथा रोजगार पाने की न्यूनतम आयु 11 वर्ष कर दी। बाल मजदूरी से निपटने के लिए सरकार ने आठवीं तक की शिक्षा अनिवार्य तथा नि:शुल्क कर दिया है किंतु गरीबी और बेबसी के आगे यह योजना अप्रभावी साबित होती दिखाई देती है। माता-पिता बच्चों को इसलिए स्कूल नहीं भेजते हैं कि घर की आमदनी इतनी कम जाएगी कि रोजी-रोटी के लाले पड़े जाएँगे।

अतः यह नि:संदेह रूप से यह कहा जाता है बाल मजदूरी का सिर्फ एक मात्र कारण है-गरीबी। बाल मजदूरी को समाप्त करने के लिए गरीबी को समाप्त करना जरूरी है। ऐसे बच्चों और उनके परिवारों को दो वक्त की खाना मुहैया कराना। इसके लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। साथ-साथ आम जनता की भी इसमें सहभागिता जरूरी है। देश का प्रत्येक सक्षम व्यक्ति ऐसे परिवारों की सहायता करने लगें तो सारी परिदृश्य बदल सकता हैं।
मजदूर किसान संगठननिर्देश – मजदूर किसान संगठनों के बारें में इंटरनेट से अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें एवं उसे स्वयं लेख को स्वरूप में लिखने की कोशिश करें।

प्र० 5. ग्रामीणों की आवाज को सामने लाने में 73 वाँ संविधान संशोधन अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। चर्चा कीजिए।
उत्तर- 73 वाँ संशोधन ग्रामीण लोगों की आवाज बुलंद करने हेतु एक मिसाल की तरह है। इसका कारण यह है कि यह संशोधन राज्य के नीति निर्देशक तत्वों तथा पंचायती राज से संबंधित है। यह संशोधन जनता की शक्ति के सिद्धांतों पर आधारित है तथा पंचायतों को संवैधानिक संरक्षण प्रदान करता है।
अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ।

प्र० 6. एक निबंध लिखकर उदाहरण देते हुए उन तरीकों को बताइए जिनसे भारतीय संविधान ने साधारण जनता के दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है। और उनकी समस्याओं का अनुभव किया है।
उत्तर-

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