Chapter 7 सड.कल्पः सिद्धिदायकः

पाठ-परिचय/सार – प्रस्तुत पाठ में दृढ़ निश्चय (संकल्प) के महत्त्व को बतलाते हुए प्रेरणा दी गई है कि मनुष्य दृढ़ इच्छाशक्ति के द्वारा कठिन से भी कठिन कार्य में सफलता प्राप्त कर लेता है। इस पाठ में नाट्यांश के रूप में वर्णित कथा के द्वारा बताया गया है कि पार्वती शिव को पति के रूप में प्राप्त करने का संकल्प लेकर कठोर तपस्या करती हैं। उनकी कठोर तपस्या से हिंसक पशु भी उनके मित्र बन जाते हैं। 

भगवान् शिव पार्वती के संकल्प की परीक्षा लेने के लिए ब्रह्मचारी के वेष में उसके पास आते हैं और अनेक प्रकार से शिव की निन्दा करते हैं। किन्तु शिव से सच्चा प्रेम करने वाली पार्वती अपने संकल्प से विचलित नहीं होती हैं तथा उस ब्रह्मचारी पर क्रोध प्रकट करती हुई वहाँ से जाना चाहती हैं, तभी शिव अपने वास्तविक रूप में प्रकट हो जाते हैं तथा पार्वती के संकल्प की प्रशंसा करते हैं एवं उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेते हैं।

पाठ का हिन्दी-अनुवाद – 

1. (पार्वती शिवं पतिरूपेण …………………………. मेना चिन्ताकुला अभवत्।)

हिन्दी अनुवाद – (पार्वती भगवान् शिव को पति के रूप में प्राप्त करना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने तपस्या करने की इच्छा की। उन्होंने अपने मन की इच्छा को माता से निवेदन किया। वह सुनकर माता मेना चिन्ता से व्याकुल हो गई।)

2. मेना-वत्से! मनीषिता देवताः ……………………………… साकं गौरीशिखरं गच्छामि। (ततः पार्वती निष्क्रामति) 

हिन्दी अनुवाद – मेना-पुत्री ! इच्छित देवता तो घर में ही हैं। तप कठिन होता है। तुम्हारा शरीर सुकोमल है। घर पर ही रहो। यहीं पर तुम्हारी इच्छा सफल हो जायेगी।

पार्वती – माता! वैसी इच्छा तो तपस्या से ही पूर्ण होगी। अन्यथा उस प्रकार का पति कैसे प्राप्त करूंगी। मैं तप ही करूँगी-ऐसा मेरा संकल्प है।
मेना-पुत्री! तुम ही मेरे जीवन की अभिलाषा हो।

पार्वती – सत्य है। किन्तु मेरा मन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्याकुल है। सफलता प्राप्त करके पुनः तुम्हारी ही शरण में आ जाऊँगी। आज ही विजया के साथ गौरी शिखर पर जाती हूँ।
(इसके बाद पार्वती निकल जाती है।)

3. (पार्वती मनसा वचसा …………………………………………… एकदा विजया अवदत्।) 
विजया – सखि! तपःप्रभावात् …………………………… तपसः फलं नैव दृश्यते। 

हिन्दी अनुवाद – (पार्वती मन, वचन और कर्म से तपस्या ही करती थी। कभी रात में जमीन पर और कभी चट्टान पर सोती थी। एक बार विजया बोली-)
विजया – हे सखी! तपस्या के प्रभाव से हिंसक पशु भी तुम्हारे मित्र जैसे हो गये हैं। पञ्चाग्नि तप भी तुमने तपा है। लेकिन फिर भी तुम्हारी इच्छा पूर्ण नहीं हुई।
पार्वती – हे विजया! क्या तुम नहीं जानती हो? महापुरुष कभी भी धैर्य नहीं छोड़ते हैं। और भी मनोरथों की गतिहीनता (विफलता) नहीं है।
विजया – तुमने वेद को पढ़ा है। यज्ञ सम्पन्न किया है। तपस्या के कारण संसार में तुम्हारी प्रसिद्धि है। ‘अपर्णा’ इस नाम से भी तुम प्रसिद्ध हो गयी। फिर भी तपस्या का फल दिखाई नहीं देता है।

4. पार्वती-अयि आतरहृदये! कथं ……………………………………. प्राप्तुम् अत्र तपः करोति।

हिन्दी अनुवाद – पार्वती-हे व्याकुल हृदय वाली! तुम क्यों चिन्ता कर रही हो…….। (परदे के पीछे से – अरे हे ! मैं आश्रम का ब्रह्मचारी हूँ। जल चाहता हूँ।) (घबराहटपूर्वक) हे विजया! देखो, कोई ब्रह्मचारी आया है। (विजया शीघ्र ही चली गई, अचानक ही ब्रह्मचारी का रूप धारण किए हुए शिव वहाँ प्रवेश करते हैं।)
विजया – हे ब्रह्मचारी! तुम्हारा स्वागत है। आप बैठिये। यह मेरी सखी पार्वती है। शिव को प्राप्त करने के लिए यहाँ तपस्या कर रही है।

5. वटुः- हे तपस्विनि! किं क्रियार्थं ………………………….. शिवं पतिम् इच्छसि? 

हिन्दी अनुवाद – वटु (ब्रह्मचारी)-हे तपस्विनी! क्या तप के लिए पूजा की सामग्री है, स्नान के लिए जल सरलता से प्राप्त है, भोजन के लिए फल हैं? तुम तो जानती ही हो कि निश्चित रूप से शरीर ही धर्म का पहला साधन है।
(पार्वती चुप रहती हैं।)

ब्रह्मचारी – हे तपस्विनी! किसलिए तपस्या कर रही हो? शिव के लिए?
(पार्वती फिर से चुप रहती हैं।) 

विजया – (परेशान होकर) हाँ, उन्हीं के लिए तपस्या कर रही है।
(ब्रह्मचारी रूप धारण किये हुए शिव अचानक ही जोर से उपहास करते हैं।

ब्रह्मचारी – हे पार्वती ! वास्तव में क्या तुम शिव को पति रूप में चाहती हो? (उपहास करते हुए) नाम से ही वह शिव है, अन्यथा अशिव अर्थात् अमंगलकारी है। श्मशान में रहता है। जिसके तीन नेत्र हैं, वस्त्र व्याघ्र की चमड़ी है, अङ्गलेप चिता की भस्म है और मित्रगण भूतों का समुदाय है। क्या उसी शिव को पति रूप में चाहती हो?

6. पार्वती-(क्रुद्धा सती) अरे वाचाल! ………………………………………. तपोभिः क्रीतदासोऽस्मि। 

(विनतानना पार्वती विहसति।) 

हिन्दी अनुवाद – पार्वती-(क्रुद्ध होती हुई) अरे वाचाल! दूर हट। संसार में कोई भी शिव के यथार्थ स्वरूप को नहीं जानता है। जैसे तुम हो, वैसा ही बोल रहे हो। (विजया की ओर) सखी! चलो। जो निन्दा करता है वह तो पापी होता ही है, किन्तु जो सुनता है वह भी पाप का भागी होता है।

(पार्वती तेजी से निकलती हैं। तभी पीछे से ब्रह्मचारी के रूप को छोड़कर शिव उसका हाथ पकड़ लेते हैं। पार्वती लज्जा से काँपती हैं।)

शिव – हे पार्वती ! मैं तुम्हारे संकल्प से प्रसन्न हूँ। आज से मैं तुम्हारे द्वारा तपस्या से खरीदा हुआ दास हूँ।
(नीचे की ओर मुंह किये हुए पार्वती मुस्कुराती हैं।)

पाठ के कठिन-शब्दार्थ : 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

0:00
0:00

casibom-casibom-casibom-sweet bonanza-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-bahis siteleri-bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-aviator-sweet bonanza-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-lisanslı casino siteleri-lisanslı casino siteleri-lisanslı casino siteleri-lisanslı casino siteleri-lisanslı casino siteleri-bahis siteleri-casino siteleri-deneme bonusu-sweet bonanza-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-güvenilir bahis siteleri-güvenilir casino siteleri-lisanslı casino siteleri-slot siteleri-yeni slot siteleri-aviator-bahis siteleri-casino siteleri-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu-deneme bonusu veren yeni siteler-güvenilir bahis siteleri-güvenilir casino siteleri-slot siteleri-lisanslı casino siteleri-yeni slot siteleri-casibom-grandpashabet-grandpashabet-