क्रिया 6

‘क्रिया’ का अर्थ होता है-करना। प्रत्येक भाषा के वाक्य में क्रिया का बहुत महत्त्व होता है। प्रत्येक वाक्य क्रिया से पूरा होता है। क्रिया किसी कार्य के करने या होने को दर्शाती है। क्रिया को करने वाला कर्ता कहलाता है।

जिन शब्दों से किसी काम के करने या होने का पता चले, वे शब्द क्रिया कहलाते हैं; जैसे-पढ़ना, खेलना, खाना, सोना आदि।
धातु – क्रिया का मूल रूप धातु’ कहलाता है। इनके साथ कुछ जोड़कर क्रिया के सामान्य रूप बनते हैं। जैसे-हँस, बोल, पढ़-हँसना, बोलना, पढ़ना।
मूल धातु में ‘ना’ प्रत्यय लगाने से क्रि या का सामान्य रूप बनता है।

क्रिया के भेद

कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं।

वाक्य में क्रिया के होने के समय कर्ता का प्रभाव अथवा फल जिस व्यक्ति अथवा वस्तु पर पड़ता है, उसे कर्म कहते हैं, जैसे

नेहा(कर्ता) दूध पी(कर्म) रही है।(क्रिया)

1. सकर्मक क्रिया – जिन क्रियाओं के व्यापार का फल कर्म पर पड़ता है, उन्हें सकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे-लड़की पत्र लिख रही है।
सकर्मक क्रियाओं के दो भेद हैं

(i) एककर्मक क्रिया – जिन सकर्मक क्रियाओं में केवल एक ही कर्म होता है, वे एककर्मक सकर्मक क्रिया कहलाती है; जैसे-नेहा झाडू लगा रही है।
इस उदाहरण में झाड़ कर्म है और लगा रही हे क्रिया। क्रिया का फल सीधा कर्म पर पड़ रहा है। अतः यहाँ एककर्मक क्रिया है।
(ii) विकर्मक क्रिया – जिन सकर्मक क्रियाओं में एक साथ दो-दो कर्म होते हैं, वे विकर्मक सकर्मक क्रिया कहलाते हैं; जैसे-ओजस्व अपने भाई के साथ क्रिकेट खेल रहा है।

2. अकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में कर्म नहीं पाया जाता है। वह अकर्मक क्रिया कहलाती है; जैसे-प्रणव इंजीनियर है।

संरचना के आधार पर क्रिया के.भेद

संरचना के आधार पर क्रिया के चार भेद होते हैं

(i) संयुक्त क्रिया – दो या दो से अधिक क्रियाएँ मिलकर जब किसी एक पूर्ण क्रिया का बोध कराती हैं, तो उन्हें संयुक्त क्रिया कहते हैं; जैसे-बच्चे दिनभर खेलते रहते हैं।
(ii) नामधातु क्रिया – संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण आदि शब्दों से बनने वाली क्रिया को नामधातु क्रिया कहते हैं; जैसे-बात से बतियाना, अपना से अपनाना, नरम से नरमाना।
(iii) प्रेरणार्थक क्रिया – जिस क्रिया को कर्ता स्वयं न करके दूसरों को करने की प्रेरणा देता है, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। प्रेरणार्थक क्रिया में दो कर्ता होते हैं।

प्रेरणार्थक क्रिया के दो रूप हैं।

प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया प्रत्यक्ष होती है तथा द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया अप्रत्यक्ष होती है।

(iv) पूर्वकालिक क्रिया – जिस वाक्य में मुख्य क्रिया से पहले यदि कोई क्रिया आ जाए, तो वह पूर्वकालिक क्रिया कहलाती हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न

1. ‘क्रिया’ को कहते हैं
(i) जब काम को करना पाया जाए।
(ii) जब काम को होना पाया जाए।
(iii) जब काम को करना या होना पाया जाए।
(iv) जब कर्ता कुछ कहना चाहे।

2. कर्म के आधार पर क्रिया के भेद होते हैं
(i) दो
(ii) तीन
(iii) चार
(iv) पाँच

3. जिस क्रिया में कर्म होता है वह कहलाती है
(i) अकर्मक क्रिया
(ii) द्विकर्मक क्रिया
(iii) एककर्मक क्रिया
(iv) सकर्मक क्रिया

4. ओजस्व से मिलकर मैं घंटों बतियाता रहा। यहाँ क्रिया भेद है
(i) सामान्य क्रिया
(ii) नामधातु क्रिया।
(iii) संयुक्त क्रिया
(iv) प्रेरणार्थक क्रिया

5. ‘आयुष दूध पीकर सो गया’ रेखांकित अंश का क्रिया भेद है
(i) प्रेरणार्थक क्रिया
(ii) नामधातु क्रिया
(iii) पूर्वकालिक क्रिया
(iv) सामान्य क्रिया

6. ‘अंशु पुस्तक पढ़ती है’–क्रियाओं का कौन-सा भेद है।
(i) सकर्मक
(ii) अकर्मक
(iii) एककर्मक

7. ग्वाला दूध दूहता है-कौन सी क्रिया है?
(i) प्रेरणार्थक
(ii) अकर्मक
(iii) सकर्मक
(iv) द्विकर्मक

8. ‘पतंग उड़ रही है’-वाक्यों में क्रिया के भेद बताइए।
(i) सकर्मक
(ii) अकर्मक
(iii) द्विकर्मक
(iv) प्रेरणार्थक

9. ‘राजू खाकर सो गया’। क्रिया का और कौन-सा भेद है?
(i) संयुक्त क्रिया।
(ii) पूर्वकालिक क्रिया
(iii) प्रेरणार्थक क्रिया
(iv) द्विकर्मक क्रिया

10. ‘अपना’ शब्द से बनी नामधातु क्रिया कौन सी है?
(i) अपनत्व
(ii) अपनापन
(iii) अपने
(iv) अपनाना

उत्तर-
1. (iii)
2. (i)
3. (iv)
4. (ii)
5. (iii)
6. (i)
7. (i)
8. (ii)
9. (ii)
10. (iv)

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