8 A House is not a Home
• पाठ के विषय में : यह कहानी किशोर होने की चुनौतियों तथा बड़े होने की समस्याओं को प्रतिबिम्बित करती है। लेखक अपनी समस्याओं पर कैसे विजय प्राप्त करता है?
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद
1. My first year…………….’the good life’.
कठिन शब्दार्थ : awkward (ऑक्वड) = तकलीफदेह, isolated (आइसलेटिड्) = एकाकी, encourage (एनकरिज्) = प्रोत्साहन देना, involved (इन्वॉल्व्ड ) = शामिल होना, adjust (अजस्ट्) = व्यवस्थित होना, probably (प्रॉबब्लि) = सम्भवतया, nonetheless (नन्दलेस) = फिर भी, fall day (फॉल् डे) = पतझड़ का दिन, fire place (फाइअ(र) प्लेस्) = चूल्हा, अंगीठी, tabby (टैबी) = धारीदार, purring (प(र)ङ) = बिल्ली का धीमा स्वर जब वह प्रसन्न होती है, occasionally (अकेशनॅलि) = यदा-कदा, swatting (स्वाट्ङ्) = जोर से मारना, sake (सेक्) = के लिए, rescued (रेस्क्यू ड) = बचाया था, kitten (किट्न्) = बिलौटा।
हिन्दी अनुवाद : हाई स्कूल का मेरा पहला साल तकलीफदेह लगा। जूनियर हाई स्कूल छोड़ने के बाद, जहाँ मैं कक्षा का मुखिया था और ऊँचे ग्रेड स्तर की जितनी वरीयता हो सकती थी लिए हुए था, अब कुछ नये व्यक्ति की तरह आरम्भ करना बहुत अजीब-सा लग रहा था। नया स्कूल मेरे पुराने स्कूल से दो गुणा बड़ा था और अधिक खराब बात यह थी कि मेरे अभिन्न मित्र दूसरे हाई स्कूल में भेजे गए थे। मैं बहुत एकाकी महसूस कर रहा था।
मैं अपने पुराने अध्यापकों की कमी को इतना अधिक महसूस करता था कि मैं उनसे मिलने के लिए वापस जाता था। वे मुझे नये स्कूल के कार्यकलापों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते थे जिससे मैं नये लोगों से मिल सकूँ। उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ समय में मैं व्यवस्थित हो जाऊँगा और सम्भवतया नये स्कूल को पुराने स्कूल से भी अधिक चाहने लगूंगा। उन्होंने मुझसे वादा लिया कि ऐसा होने पर भी मैं समय-समय पर उनसे मिलने आऊँगा। मैं उनके कहने के मनोविज्ञान को समझता था परन्तु फिर भी मुझे इससे कुछ राहत मिलती थी।
एक रविवार के अपराह्न में जब मुझे हाई स्कूल जाना आरम्भ किये ज्यादा समय नहीं हुआ था, मैं घर पर अपने खाने की मेज पर बैठा गृहकार्य कर रहा था। वह पतझड़ का एक ठंडा, हवादार दिन था और हमने अंगीठी में आग जला रखी थी। सदा की तरह, मेरी लाल धारीदार बिल्ली मेरे कागजों के ऊपर प्रसन्नता भरी तेज आवाज कर रही थी और मनोरंजन के लिए यदा-कदा मेरे पैन को जोर से (पंजे) मार रही थी। वह मुझ से कभी दूर नहीं रहती थी। जब वह एक बिलौटा (बिल्ली का छोटा बच्चा) थी तो मैंने उसे बचाया था और किसी तरह वह जानती थी कि उसकी अच्छी जिन्दगी के लिए मैं जिम्मेदार था।
2. My mother kept………….her,” he said.
कठिन शब्दार्थ : stoking (स्टॉक्ङ्) = जलती आग में और कोयला अथवा लकड़ी डालते रहना, seams (सीम्स) = जोड़, ceiling (सीलिङ्) = अन्दर की छत, barely (बेअलि) = कठिनाई से, groping (ग्राप्ङ्) = अंधेरे में टटोलना, engulfed (इन्गल्फ्ड ) = पूरी तरह से निगल लिया, yard (याड्) = आँगन, documents (डॉक्युमन्ट्स) = दस्तावेज, case (केस्) = बक्सा, crazed (क्रेज्ड) = घबराहट में, screamed (स्क्रीम्ड) = चिल्लाया, grasp (ग्रास्प) = पक्की पकड़, yelling (येल्ङ्) = पतली तीखी आवाज में चिल्लाना, fire fighters (फाइअ(र) फाइट(र)ज) = अग्निशमनकर्मी, logically (लॉजिक्लि ) = सोच-समझकर।
हिन्दी अनुवाद : मेरी माँ आग में और ईंधन डालती जा रही थी जिससे घर अच्छी तरह से गर्म रहे। अचानक, मुझे एक अजीब-सी गन्ध आई और फिर मैंने छत के जोड़ों में से धुआँ निकलते हुए देखा। धुआँ कमरे में इतनी जल्दी से भर गया कि हम कठिनाई से देख पा रहे थे। अंधेरे में दरवाजा टटोलकर हम सब आगे के आँगन में भागे।
जब तक हम घर से बाहर निकले छत को आग की लपटों ने पूरी तरह से निगल लिया था और लपटें बड़ी तेजी से फैल रही थीं। मैं अग्निशमन विभाग को फोन करने पड़ोसियों के यहाँ भागा जबकि मैंने देखा मेरी माँ वापस घर के अन्दर भाग गई।
मेरी माँ तब धातु का एक छोटा बक्सा, जिसमें महत्त्वपूर्ण दस्तावेज थे, लेकर भाग कर घर से बाहर आई। उसने घबराहट में बक्सा घास के मैदान पर गिरा दिया और घर के अन्दर वापस भागी। मैं जानता था वह किसके पीछे थी (क्या लेने गई थी)। मैं जब बहुत छोटा था तो मेरे पिता का देहान्त हो गया था और मुझे पक्का निश्चय था कि वह मेरे पिता के चित्र तथा पत्रों को आग की लपटों में नहीं जलने देगी। मेरे पिता को याद रखने की केवल वही चीजें थीं। फिर भी मैं उस पर चिल्लाया, “माँ ! नहीं!”
मैं माँ के पीछे जाने ही वाला था कि एक बड़े से हाथ ने मुझे पीछे से पकड़ लिया। यह एक अग्निशमनकर्मी था। मैंने ध्यान ही नहीं दिया कि सारी गली दमकल वाहनों से भरी पड़ी थी। मैं अपने आपको उसकी पकड़ से छुड़ाने का प्रयत्न कर रहा था, चिल्लाते हुए “आप नहीं समझते मेरी माँ वहाँ अन्दर है !” उसने मुझे पकड़े रखा जबकि दूसरे अग्निशमनकर्मी घर के अन्दर भागे। वह जानता था कि मैं अधिक सोच-समझकर व्यवहार नहीं कर रहा था और अगर वह मुझे जाने देता तो मैं भाग लेता। वह ठीक था। “सब ठीक-ठाक है। वे उसे (माँ को) बाहर ले आयेंगे।” उसने कहा।
3. He wrapped a………………..spend the night.
कठिन शब्दार्थ : wrapped (रैप्ट) = लपेटा, blanket (ब्लैकिट्) = कम्बल, emerged (इमज्ड) = निकला, tow (ये) = खींच कर लाना, mask (मास्क्) = मुखौटा, hugged (हग्ड) = आलिंगन करना, argued (आग्यूड) = तर्क किया, vanished (वैनिश्ट) = गायब हो गया, inhaled (इन्हेल्ड) = अन्दर साँस लिया, dazed (डेज्ड) = भौचक्के, horror (हॉर(र)) = भय, alive (अलाइव्) = जिन्दा, regardless (रिगाड्लस्) = बिना परवाह किए, piled (पाइल्ड) = तह पर तह लगाना, ढेर लगाना।
हिन्दी अनुवाद : उसने मेरे चारों ओर एक कम्बल लपेटा और मुझे हमारी कार में बिठा दिया। इसके तुरन्त बाद, एक अग्निशामक मेरी माँ को घसीटता घर से बाहर निकला। वह उसे जल्दी से ट्रक पर ले गये और उसे ऑक्सीजन का मुखौटा लगा दिया। मैंने भाग कर माँ को आलिंगन कर लिया। उसे खोने की सोच में, इस समय तक जो मैंने उससे तर्क किये अथवा घृणा की, सब गायब हो गये। “वह ठीक होने जा रही है,” अग्निशामक ने कहा। “उसने थोड़ा-सा धुआँ साँस से अन्दर ले लिया है।” और फिर वह वापस आग बुझाने अन्दर भाग गया जबकि मैं और मेरी माँ वहाँ भौचक्के से बैठे रहे। मुझे याद है मैं अपने घर को जलता हुआ देखता रहा और सोचता रहा कि मैं इसके लिए कुछ नहीं कर पा रहा था।
पाँच घंटे बाद, आखिरकार आग बुझ गई। हमारा घर लगभग पूरी तरह से जल गया था। तब मुझे ख्याल आया…….मैंने अपनी बिल्ली नहीं देखी थी। मेरी बिल्ली कहाँ थी? भय से काँपते हुए मैंने महसूस किया कि वह कहीं भी नहीं थी। तब एकदम से मुझे ख्याल आया-नया स्कूल, आग, मेरी बिल्ली-मेरे आँसू फूट पड़े और मैं रोता रहा।
मैं बहुत बड़ा नुकसान सह रहा था। उस रात अग्निशामकों ने हमें घर में वापस नहीं जाने दिया। यह अभी बहुत खतरनाक था। जिन्दा व मुर्दा, मैं अपनी बिल्ली के बारे में जाने बिना वहाँ से जाने की कल्पना नहीं कर सकता था। इसकी परवाह न करते हए, मुझे जाना पड़ा। पहने हए कपड़ों तथा अग्निशामकों के कुछ कम्बलों के साथ हम कार में ढेर हो गए और रात बिताने के लिए अपने दादा-दादी के मकान पर चल दिये।
4. The next day……………….clothes for school.
कठिन शब्दार्थ : casualty (कैशुअल्टि) = नष्ट, embarrassed (इम्बैरस्ट्) = परेशान, weird (विअ(र)ड) = अजीब, backpack (बैक्पैक) = पीठ पर लटकाने का थैला, destined (डेस्टिन्ड्) = भाग्य में, outcast (आउट्कास्ट्) = बहिष्कृत, geek (गीक्) = जंगली, zombie (जॉम्बि) = मूर्ख और निरुत्साहित व्यक्ति, surreal (सरीअल्) = अजीब; ripped away (रिप्ट अवे) = बलपूर्वक अलग करना, damage (डैमिज) = नुकसान, destroyed (डिस्ट्रॉइड) = नष्ट हो गया, rescue (रेस्क्यू ) = बचाना, ached (एक्ट) = दुःखता था, grieve (ग्रीव्) = शोक मनाना।
हिन्दी अनुवाद : अगले दिन, सोमवार को मैं स्कूल गया। जब आग लगी उस समय मैं वही कपड़े पहने था जो मैंने सुबह चर्च जाने के लिए पहने थे लेकिन जूते नहीं थे ! उन्हें मैंने होमवर्क करते समय ठोकर मार दी थी। वे भी आग की भेंट (आग में नष्ट) चढ़ गये थे। अतः मुझे अपनी चाची से उनके टैनिस के जूते उधार माँगने पड़े। मैं स्कूल जाने के बदले घर क्यों नहीं ठहर सकता था? मेरी माँ ऐसा कुछ सुन नहीं रही थी, परन्तु मैं हर चीज से पूर्णतया परेशान हो रहा था।
कपड़े जो मैंने पहन रखे थे अजीब लग रहे थे। मेरे पास कोई किताबें व होमवर्क नहीं था और मेरा पीठ का (स्कूल का) बैग (आग की भेंट) जा चुका था। मेरा जीवन उस पीठ के थैले में था। जितना मैं व्यवस्थित होने का प्रयत्न करता उतना ही खराब होता जाता। क्या मेरे भाग्य में सारी उम्र एक बहिष्कृत व जंगली की तरह हाँके जाना ही लिखा था? ऐसा ही मुझे लग रहा था। मैं बड़ा होना, बदलना अथवा इसी तरह के जीवन को और चलाना नहीं चाहता. था। मैं सिमट कर मर जाना चाहता था।
मैं स्कूल के इर्द-गिर्द एक मूर्ख और निरुत्साहित व्यक्ति की तरह घूमता रहा। सब कुछ अजीब-सा लग रहा था और मुझे कुछ पक्का नहीं था कि क्या होने जा रहा था। सारी सुरक्षा जो मुझे मालूम थी-मेरा पुराना स्कूल, मेरे मित्र, मेरा मकान और बिल्ली-सब बलपूर्वक अलग कर दिये गये। – उस दिन जब मैं स्कूल के बाद वहाँ चल कर गया जो हमारा मकान हुआ करता था तो मुझे जितनी हानि हुई उसे देखकर सदमा पहुँचा-जो जला नहीं वह पानी तथा रसायनों द्वारा, जो उन्होंने आग बुझाने के लिए प्रयोग किये थे, नष्ट हो गया था। जो भौतिक वस्तुएँ नष्ट होने से बची थीं वे थीं फोटो एलबम, दस्तावेज और कुछ व्यक्तिगत चीजें जो मेरी माँ ने एक हीरो की तरह बचाई थीं। पर मेरी बिल्ली चली गई थी और मेरा दिल उसके लिए दु:खता था। यह शोक मनाने का समय नहीं था। मेरी माँ ने जल्दी से मुझे घर से निकाला। हमें रहने के लिए स्थान चाहिए था और मुझे स्कूल के लिए कुछ कपड़े खरीदने जाना था।
5. We had to borrow……………….friends that day.
कठिन शब्दार्थ : borrow (बॉरो) = उधार लेना, indentification (आइडेनटिफिकेशन) = पहचान, withdraw (विद्ड्रो) = निकालना, gone up in smoke (गॉन् अप् इन् स्मोक्) = आग में नष्ट हो गया था, rubble (ल) = ईंट-पत्थर के टुकड़े, debris (डेबरि) = मलबा, vulnerable (वल्नरवल) = नाजुक, कोमल, robe (रोब) = परिधान/कपड़े, crawl (क्रॉल) = रेंगना, including (इन्क्लू डङ्) = सहित, plight (प्लाइट्) = हालत, looking for (लुकिङ् फॉ(र)) = आशा करना, milling around (मिलिङ् अराउण्ड) = भीड़ लगा रहे, बिना उद्देश्य घूमते हुए, shove (शॉव) = धकेलना, supplies (सप्लाइज) = आवश्यक वस्तुएँ, overcome (ओवकम्) = विजय प्राप्त करना, genuine (जेन्युइन्) = सच्ची, outpouring (आउट्पॉ(र)ङ्) = भावुकतापूर्ण शब्दों का बहाव, concern (कन्सन्) = चिन्ता करना, instant (इनस्टॅन्ट) = क्षण, sigh of relief (साइ ऑक् रिलीफ्) = राहत की सांस लेना।
हिन्दी अनुवाद : हमें अपने दादा-दादी से पैसे उधार लेने पड़े क्योंकि न तो हमारे पास क्रेडिट कार्ड थे, न नकद पैसे और न ही कोई पहचान जिससे हम बैंक से पैसे निकलवा सकें। सब कुछ जलकर खाक हो गया था। उस सप्ताह ईंट-पत्थर के टुकड़े जो कभी हमारा घर था, साफ किये जा रहे थे। यद्यपि हमने पास ही एक घर किराये पर ले लिया था, मैं उनको मलबा हटाते हुए देखने जाता था इस आशा से कि कहीं मेरी बिल्ली मिल जाये। वह चली गई थी।
मैं उसके बारे में सोचता रहता था जैसे वह छोटा सा नाजुक बिलौटा (बिल्ली का बच्चा) था। सुबह-सुबह जब मैं उसका ध्यान हटाता था और बिस्तर से उठता था तो वह मेरे पीछे लगी रहती थी, मेरे कपड़ों . पर चढ़ जाती थीं और रेंग कर मेरी जेब में सो जाती थी। मुझे उसकी बुरी तरह से याद आ रही थी। हमेशा यह लगता है कि बुरी खबर जल्दी फैलती है, मेरे मामले में भी यह भिन्न नहीं था। हाई स्कूल में अध्यापकों सहित प्रत्येक मेरी हालत जानते थे। मैं शर्म महसूस कर रहा था जैसे इस सबके लिए मैं ही जिम्मेदार था। नये स्कूल में आरम्भ करने का क्या तरीका था! मैं इस प्रकार के ध्यान की आशा नहीं कर रहा था।
स्कूल में अगले दिन, लोग सामान्य से भी अधिक अजीब व्यवहार कर रहे थे। मैं अपने लॉकर के पास जिम की कक्षा के लिए तैयार हो रहा था। लोग मेरे इर्द-गिर्द बिना उद्देश्य घूमते हुए जमघट लगा रहे थे और मुझे जल्दी करने को कह रहे थे। मुझे यह अजीब-सा लगा परन्तु पिछले कुछ हफ्तों को देखते हुए मुझे कुछ भी हैरानी नहीं हो रही थी।
ऐसा लग रहा था वे मुझे जबरदस्ती जिम में धकेलने की कोशिश कर रहे थे-फिर मैंने देखा क्यों? वहाँ एक बड़ी-सी मेज पर सब तरह की चीजें सजी थीं, केवल मेरे लिए। उन्होंने पैसे इकट्ठे किये थे तथा मेरे लिए स्कूल में काम आने वाली आवश्यक सामग्री, कापियाँ, सब तरह के कपड़े-जीन्स, कमीज, स्वैट सूट खरीदे।
क्रिसमस की तरह लग रहा था। मैं आत्मविभोर हो उठा। जो लोग कभी मेरे साथ नहीं बोले थे अपना परिचय कराने को मेरे पास आ रहे थे। मुझे उनके घर आने के सब प्रकार के निमंत्रण मिले। उनकी मेरे लिए सच्ची चिन्ता और भावपूर्ण शब्द प्रवाह मेरे दिल को छू गए। उसी क्षण आखिरकार मैंने राहत की साँस ली और पहली बार सोचा कि सब ठीक-ठाक होने जा रहा था। उस दिन मैंने मित्र बनाये।
6. A month later, ……. and so was
कठिन शब्दार्थ : focusing (फॉकसङ्) = केन्द्रित, insecurity (इन्सिक्युअ(र)टि) = असुरक्षा, . open up (ओपन् अप्) = खुलकर बात करना, realized (रिअलाइज्ड) = महसूस किया, curb (कब्) = किनार, grabbed (ग्रैब्ड) = झपट कर ली, apparently (अपैरन्टलि) = स्पष्ट, freaked (फ्रीक्ट) = असाधारण, curled up (कल्ड अप्) = कुंडली मारकर, overwhelming (ओववेल्म्ङ् ) = अति प्रबल, diminish (डिमिनिश्) = धीरे-धीरे कम हो जाना, gratitude (ग्रैटिट्यूड्) = आभार, beloved (बिलव्ड्) = प्यारी।
हिन्दी अनुवाद : एक महीने बाद, मैं उनको अपने घर को फिर से बनाता देख रहा था। पर इस बार फर्क था-मैं अकेला नहीं था। मैं अपने स्कूल के दो नये मित्रों के साथ था। अपनी असुरक्षा के भाव पर अपना ध्यान केन्द्रित होने से हटाने के लिए तथा अपने इर्द-गिर्द के अद्भुत लोगों से खुलने के लिए एक आग को लगना पड़ा। अब मैं वहाँ बैठा अपना नया घर बनता देख रहा था जब मैंने महसूस किया कि मेरा जीवन भी वही काम कर रहा था अर्थात् मेरे जीवन का भी पुनः निर्माण हो रहा था।
जब हम किनार पर बैठे सोने के मेरे नये कमरे की रूपरेखा बना रहे थे मैंने किसी को पीछे से अपने पास आते और कहते सुना, “क्या यह तुम्हारी है?” जब मैंने पीछे मुड़कर देखा कि कौन है तो मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। एक औरत मेरी बिल्ली को लिए खड़ी थी! मैं उछला और झपटकर उसकी बाहों से बिल्ली को ले लिया। मैंने उसे चिपकाकर पकड़ा और उसकी सुन्दर नारंगी फर में (मुँह छिपाकर) रोया। उसने प्रसन्नता से आवाज की। मेरे मित्र, मुझे तथा मेरी बिल्ली को सीने से लगा रहे थे और हमारे इर्द-गिर्द उछल कूद रहे थे।
स्पष्ट रूप से, मेरी बिल्ली आग से असाधारण रूप से इतना डर गई थी कि एक मील दूर भाग गई। उसके गले की पट्टी पर हमारा फोन नम्बर लिखा था लेकिन हमारे सारे फोन नष्ट हो गये थे और उनके तार काट दिये गये थे। यह अद्भुत औरत उसे अन्दर ले गई और कड़ी मेहनत कर यह खोज लिया कि वह बिल्ली किसकी थी। किसी तरह से उसे मालूम पड़ गया था कि उस बिल्ली को बहुत प्यार मिला था और वह (अपने मालिक को) याद कर रही थी।
जब मैं अपने मित्रों और मेरी गोदी में कंडली मार के बैठी अपनी बिल्ली के साथ बैठा था तो हानि तथा शोकान्त की अतिप्रबल भावना घटती हुई लगी। मैं अपने जीवन का, अपने नये मित्रों का, अजनबी की दयालुता और अपनी प्यारी बिल्ली की प्रसन्नता भरी आवाज का आभार महसूस कर रहा था। मेरी बिल्ली वापस आ गई थी और मैं भी।