Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार

In Text Questions and Answers

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प्रश्न 1.
अगर आप सर्ब होते तो कोसोवो में मिलोशेविक ने जो कुछ किया, क्या उसका समर्थन करते? सर्ब लोगों का प्रभुत्व कायम करने की उनकी योजना क्या सर्ब लोगों के वास्तविक हित में थी? 
उत्तर:
यदि मैं एक सर्ब होता तो मिलोशेविक के कार्यों का कदापि समर्थन नहीं करता। सर्ब लोगों का प्रभुत्व कायम करने की उनकी योजना किसी भी रूप में सर्षों के हित में नहीं थी। 

पृष्ठ 84 

प्रश्न 1.
चुनी हुई सरकारों द्वारा अपने नागरिकों के अधिकार की रक्षा न करने या इन अधिकारों पर हमला करने के उदाहरण कौन से हैं? सरकार ऐसा क्यों करती है? 
उत्तर:
चुनी हुई सरकारों द्वारा अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा नहीं किये जाने तथा उल्टा उन पर आक्रमण किये जाने के उदाहरण हैं-(i) यूगोस्लाविया की मिलोशेविक की सरकार जनता द्वारा चुनी हुई सरकार थी, लेकिन उसने जातीय पूर्वाग्रह के कारण अल्बानियाई लोगों के अधिकार की रक्षा नहीं की, बल्कि उल्टे उन पर आक्रमण कर उनका नरसंहार किया जो संभवतः सबसे भयंकर था। 

(ii) भारत में 1976 में श्रीमती इन्दिरा गांधी की सरकार ने संकटकाल की घोषणा कर नागरिकों के मौलिक अधिकारों को निलंबित कर विपक्षी दलों को जेल में डाल दिया। ऐसा उन्होंने अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए किया। 

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प्रश्न 1.
हर आदमी जानता है कि अमीर आदमी मुकदमे के समय अच्छे वकीलों की मदद ले सकता है फिर कानून के समक्ष समानता की बात का क्या महत्त्व रह जाता है ? 
उत्तर:
कुछ हद तक यह सच है कि अमीर लोग धन की ताकत पर अच्छे वकीलों की फौज खड़ी कर सकते हैं, किंतु संविधान के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को सरकार उसके माँगने पर मुफ्त न्यायिक सेवा उपलब्ध करायेगी। ऐसा कानून के समक्ष समानता तथा कानून के समान संरक्षण के नाम पर किया जाता है। इसका अभिप्राय यह है कि लोगों की हैसियत के आधार . पर बिना किसी भेदभाव के कानून सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होता है। प्रत्येक नागरिक धनी और गरीब कानून के समक्ष बराबर हैं। 

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प्रश्न 1.
क्या गलत और संकीर्ण विचारों का प्रचार करने वालों को भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिलनी चाहिये? क्या उन्हें लोगों को भ्रमित करने की अनुमति दी जानी चाहिये? 
उत्तर:
नहीं, ऐसे लोग जो संकीर्ण तथा गलत विचारों को जनता में फैलाते हैं, वे एक दंडनीय अपराध कर रहे हैं। उनके विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर समाज के हित में रोक लगानी चाहिये। 
ऐसे लोगों को कोई हक नहीं है कि वे अपने गंदे विचारों को दूसरों पर थोपें तथा उन्हें भ्रमित करें। 

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प्रश्न 1.
क्या ये उदाहरण स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन के हैं? अगर हाँ, तो प्रत्येक में संविधान के कौन से प्रावधान का उल्लंघन हुआ है? 
(i) भारत सरकार ने सलमान रुश्दी की किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ को इस आधार पर प्रतिबंधित कर दिया कि इसमें पैगंबर मोहम्मद के प्रति अनादर का भाव दिखाया गया और इससे मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है। 
(ii) हर फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन से पूर्व भारत सरकार के सेंसर बोर्ड से प्रमाण-पत्र लेना होता है। पर वही कहानी अगर किताब या पत्रिका में छपे तो उस पर ऐसी पाबंदी नहीं है। 
(iii) सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कुछ खास औद्योगिक क्षेत्रों या अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में काम करने वालों को यूनियन बनाने और हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं होगा। 
(iv) नगर प्रशासन ने माध्यमिक परीक्षाओं के मद्देनजर शहर में रात 10 बजे के बाद सार्वजनिक लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है।     
उत्तर:
(i) नहीं, यह मामला स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन का उदाहरण नहीं है। विचार तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार द्वारा किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाई जा सकती है। 

(ii) नहीं, यह मामला स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन का उदाहरण नहीं, क्योंकि फिल्मों से लोग किताबों की अपेक्षा अधिक प्रभावित होते हैं। एक फिल्म का प्रभाव तो शिक्षित अथवा अशिक्षित दोनों ही लोगों पर पड़ सकता है किंतु किसी किताब को एक शिक्षित आदमी ही पढ़ता है जिसके पास एक परिपक्व विचार होता है। 

(iii) हाँ, यह व्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन का मामला है। क्योंकि संविधान द्वारा संगठन बनाने का अधिकार हर व्यक्ति को प्राप्त है। 

(iv) यह मामला स्वतंत्रता के अधिकार के हनन का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह अधिकारों की रक्षा का उदाहरण है। हमें अपने अधिकारों का उसी हद तक प्रयोग करने का हक है जिस हद तक वे किसी दूसरे के अधिकार का उल्लंघन नहीं करते हों। बच्चों की परीक्षा को देखते हुये प्रशासन द्वारा लिया गया यह सही फैसला है। 

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प्रश्न 1.
इन खबरों के आधार पर संपादक के नाम एक लंबा पत्र या शोषण के खिलाफ अधिकार के उल्लंघन की बात उजागर करते हुये अदालत के लिये अर्जी लिखिये। 
(i) मद्रास हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर की गई। अर्जी दायर करने वाले ने कहा कि सालेम जिले के गाँवों के 7 से 12 वर्ष उम्र के अनेक बच्चों को ले जाकर केरल के त्रिचर जिले के ओलर में बेचा गया है। आवेदनकर्ता ने अदालत से माँग की वह सरकार को इस मामले से जुड़े तथ्यों की जाँच कराने का आदेश दे। (मार्च, 2005) 
(ii) कर्नाटक के होम पेट, मांडुर और इकाल इलाके में लौह-अयस्क खदानों में पाँच वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों से काम कराया जा रहा है। बच्चों से खुदाई, अयस्क तोड़ने, लादने, गिराने, ढुलाई और कटाई का काम लिया जा रहा है। उनको न तो सुरक्षा के उपकरण दिये जाते हैं न तय मजदूरी और न ही उनके काम का समय तय है। वे बहुत ही जहरीले कचरे को ढोते हैं और खदान की धूल, जो मानक स्तर से काफी अधिक है, भी उनके आँख, नाक, कान में जाती रहती है। इस इलाके में स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ने की दर काफी ऊँची है। (मई, 2005) 
(iii) राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के नवीनतम वार्षिक सर्वेक्षण में पाया गया कि ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में लड़कियों से काम कराने का क्रम बढ़ता जा रहा है और अब ज्यादा बच्चियों से काम कराया जा रहा है। सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि पहले जहाँ प्रति हजार कामगारों में बच्चियों की संख्या 34 थी, वहीं अब 41 हो गयी है। लड़कों की संख्या का अनुपात 31 बना हुआ है। (अप्रैल, 2005) 
उत्तर:
इन न्यूज रिपोर्ट्स के विश्लेषण से यह पता चलता है कि बच्चों से संबंधित तीनों ही मामलों में बिना किसी सुरक्षा उपकरण या उपयुक्त माहौल के उनसे खतरनाक काम लिये जा रहे हैं तथा उन्हें व्यापार की वस्तु बना दिया गया है। सर्वेक्षण रिपोर्ट भी बाल मजदूरों, खासकर महिला बाल मजदूरों की तेजी से बढ़ती संख्या की ओर इशारा कर रही है। यह हमारे समाज में बच्चों के प्रति घटते सामाजिक-नैतिक मूल्यों का परिचायक है। 

हमारे संविधान में बाल मजदूरी को प्रतिबंधित किया गया है। किसी भी व्यक्ति को 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी खतरनाक उद्योग में नियोजित करने का अधिकार नहीं है। यह न केवल बच्चों के ऊपर किया जा रहा अत्याचार है, बल्कि भारत के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। 

इस संबंध में माननीय न्यायालय द्वारा अविलंब आवश्यक कदम उठाते हुये सरकार से तथ्यों की जाँच करने हेतु कहा जाये तथा इसकी सत्यता पाई जाने पर आवश्यक पर्याप्त कदम उठाये जाने के आदेश दिये जाएँ। 
[नोट-ऊपर दिये गये तथ्यों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी स्वयं पत्र लिखें।] 

पृष्ठ 92 

प्रश्न 1.
संविधान लोगों का धर्म नहीं तय करता पर लोगों को अपने धार्मिक कामकाज करने का अधिकार इसे क्यों देना पड़ा? 
उत्तर:
हमारे संविधान की प्रस्तावना में इस देश का स्वरूप धर्मनिरपेक्ष बताया गया है। अर्थात् धर्म के आधार पर यहाँ किसी भी तरह के भेदभाव की गुंजाइश नहीं है। अत: व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता की घोषणा आवश्यक है, जो कि हमारा संविधान करता है। 

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प्रश्न 1.
इन खबरों को पढ़िये और प्रत्येक में जिस अधिकार की चर्चा है, उसकी पहचान कीजिये। 
(i) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आपात बैठक में हरियाणा के सिख धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिये अलग संगठन बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। सरकार को यह चेतावनी दी गई कि सिख समुदाय अपने धार्मिक मामलों में किसी भी किस्म की दखलंदाजी बरदाश्त नहीं करेगा। (जून, 2005) 
(ii) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा देने वाले केंद्रीय कानून को रद्द कर दिया और मेडिकल स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स में सीटों के आरक्षण को गैर-कानूनी करार दिया। (जनवरी, 2005) 
(ii) राजस्थान सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाने का फैसला किया है। ईसाई नेताओं का कहना है कि इस विधेयक से अल्पसंख्यकों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। (मार्च, 2005) 
उत्तर:
(i) पहले कथन में धर्म की स्वतंत्रता संबंधी अधिकार की चर्चा की गई है। 
(ii) दूसरे कथन में समानता के अधिकार की चर्चा की गई है। 
(iii) तीसरे कथन में धर्म की स्वतंत्रता संबंधी अधिकार की चर्चा की गई है। 

प्रश्न 2.
क्या आपको अपने मौलिक अधिकारों के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने से राष्ट्रपति भी रोक सकते हैं? 
उत्तर:
नहीं, भारत के राष्ट्रपति मुझे अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने से नहीं रोक सकते। 

पृष्ठ 95

प्रश्न 1.
जरा सोचिए; क्या ये अधिकार सिर्फ वयस्क लोगों के हैं? बच्चों के लिए कौन-कौन से अधिकार हैं? 
उत्तर:
नहीं, ये अधिकार केवल वयस्कों के लिए ही नहीं हैं, ये बच्चों को भी प्राप्त हैं; जैसे-जीवन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार और शोषण के विरुद्ध अधिकार आदि। 

Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. 
इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं है? 
(क) बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना। 
(ख) ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की श्रृंखला चलाना। 
(ग) सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को समान वेतन मिलना। 
(घ) बच्चों द्वारा मां-बाप की संपत्ति विरासत में पाना। 
उत्तर:
(घ) बच्चों द्वारा मां-बाप की संपत्ति विरासत में पाना। 

प्रश्न 2. 
इनमें से कौन-सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है? 
(क) सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता 
(ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता 
(ग) सरकार बदलने के लिए आंदोलन शुरू करने की स्वतंत्रता 
(घ) संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता 
उत्तर:
(ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता। 

प्रश्न 3. 
भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता है? 
(क) काम का अधिकार 
(ख) पर्याप्त जीविका का अधिकार 
(ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार 
(घ) निजता का अधिकार 
उत्तर:
(ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार। 

प्रश्न 4. 
उस मौलिक अधिकार का नाम बताएँ जिसके तहत निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ आती हैं-
(क) अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता 
(ख) जीवन का अधिकार 
(ग) छुआछूत की समाप्ति 
(घ) बेगार पर प्रतिबंध 
उत्तर:
(क) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार 
(ख) स्वतंत्रता का अधिकार 
(ग) समानता का अधिकार 
(घ) शोषण के विरुद्ध अधिकार। 

प्रश्न 5. 
लोकतंत्र और अधिकारों के बीच संबंधों के बारे में इनमें से कौन-सा बयान ज्यादा उचित है? अपनी पसंद के पक्ष में कारण बताएँ। 
(क) हर लोकतांत्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है। 
(ख) अपने नागरिकों को अधिकार देने वाला हर देश लोकतांत्रिक है। 
(ग) अधिकार देना अच्छा है, पर यह लोकतंत्र के लिए जरूरी नहीं है। 
उत्तर:
(क) यह सर्वाधिक उपयुक्त कथन है, क्योंकि लोकतांत्रिक देश में वहाँ के नागरिकों को उनके कुछ अधिकारों की गारंटी दी जाती है। कई बार लोगों के पास गैर-लोकतांत्रिक देश में भी कुछ अधिकार हो सकते हैं । अतः इस आधार पर उन्हें लोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता। 

प्रश्न 6. 
स्वतंत्रता के अधिकार पर ये पाबंदियाँ क्या उचित हैं? अपने जवाब के पक्ष में कारण बताएँ। 
(क) भारतीय नागरिकों को सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। 
(ख) स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ इलाकों में बाहरी लोगों को संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है। 
(ग) शासक दल को अगले चुनाव में नुकसान पहुँचा सकने वाली किताब पर सरकार प्रतिबंध लगाती है। 
उत्तर:
(क) देश की सुरक्षा, जनता की सुरक्षा है। यदि सरकार इसको देखते हुये कुछ संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के घूमने पर प्रतिबंध लगाती है तो यह सर्वथा उचित है। क्योंकि, इससे न केवल संबंधित व्यक्ति। व्यक्तियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, बल्कि इसका फायदा उठाकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोग दुश्मन से सूचनाओं का आदान-प्रदान भी कर सकते हैं। साथ ही, इस तरह की स्वतंत्रता से सीमा के आर-पार अवैध व्यापार तथा घुसपैठ को बढ़ावा मिल सकता है। 

(ख) नागरिकों को संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता के अन्तर्गत देश में कहीं भी बस जाने की स्वतंत्रता भी है। किंतु, यदि सरकार स्थानीय लोगों के हित में यह फैसला लेती है कि कोई बाहरी व्यक्ति किसी विशेष क्षेत्र में संपत्ति नहीं खरीद सकता, तो यह उचित ही है। ऐसा वह वहाँ के लोगों की विशेष सांस्कृतिक पहचान को बनाये रखने के लिये करती है। 

(ग) लोगों को संविधान के अन्तर्गत अपने विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है और किताब विचार व्यक्त करने का एक माध्यम है । शर्त यह है कि ऐसे विचार समाज विरोधी अथवा राष्ट्र विरोधी न हों। किंतु यदि सरकार सिर्फ इस कारण से किताब के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाती है कि यह उसकी पार्टी के विरोध में है अथवा आगामी चुनाव में उसकी पार्टी पर इसका प्रभाव पड़ सकता है, तो यह सरासर गलत है। क्योंकि, इससे व्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार का हनन होता है। 

प्रश्न 7. 
मनोज एक सरकारी दफ्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया। वहाँ के किरानी ने उसका आवेदन लेने से मना कर दिया और कहा, ‘झाड़ लगाने वाले का बेटा होकर तुम मैनेजर बनना चाहते हो। तुम्हारी जाति का कोई कभी इस पद पर आया है? नगरपालिका के दफ्तर जाओ और सफाई कर्मचारी के लिए अर्जी दो।’ इस मामले में मनोज के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है? मनोज की तरफ से जिला अधिकारी के नाम लिखे एक पत्र में इसका उल्लेख करो। 
उत्तर: 

दिनांक 
06/04/20XX 

सेवा में, 
जिला कलेक्टर, 
…………… 
…………… 
विषय-मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के संबंध में 

श्रीमान्, 
नम्र आवेदन है कि मैं मनोज, पुत्र श्री ………….. निवासी …………… दिनांक 5-4-20XX को …………… के सरकारी दफ्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया। वहाँ संबंधित किरानी ने आवेदन लेने से मना कर दिया जबकि मैं उक्त पद हेतु समस्त योग्यताओं को पूरा करता हूँ। उन्होंने मुझे जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल द्वारा अपमानित किया। 

श्रीमान् हमारे संविधान में नागरिकों को विभिन्न मौलिक अधिकार दिये गये हैं। उपर्युक्त घटना में हमारे ‘अवसर की समानता’ के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। साथ ही संविधान के उपबंध के तहत अस्पृश्यता का अंत किया गया है, किंतु मेरे साथ अस्पृश्य व्यवहार किया गया है। 

अतः श्रीमान् से साग्रह निवेदन है कि आवश्यक कदम उठाते हुये हमारे अधिकारों की रक्षा हेतु संबंधित अधिकारी को इस पद के लिए मेरा आवेदन स्वीकार करने का आदेश दें। इसके लिये हमेशा श्रीमान् का आभारी रहूँगा। 

प्रार्थी 
मनोज 

प्रश्न 8. 
जब मधुरिमा संपत्ति के पंजीकरण वाले दफ्तर में गई तो रजिस्ट्रार ने कहा, “आप अपना नाम मधुरिमा बनर्जी, बेटी ए. के. बनर्जी नहीं लिख सकतीं। आप शादीशुदा हैं और आपको अपने पति का ही नाम देना गा। फिर आपके पति का उपनाम तो राव है। इसलिए आपका नाम भी बदलकर मधुरिमा राव हो जाना चाहिए।” मधुरिमा इस बात से सहमत नहीं हुई। उसने कहा, “अगर शादी के बाद मेरे पति का नाम नहीं बदला तो मेरा नाम क्यों बदलना चाहिए? अगर वह अपने नाम के साथ पिता का नाम लिखते रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं लिख सकती?” आपकी राय में इस विवाद में किसका पक्ष सही है? और क्यों? 
उत्तर:
मेरे विचार में रजिस्ट्रार की सलाह पूर्वाग्रह से प्रभावित तथा अनुचित है। मधुरिमा का कहना बिल्कुल सही है कि यदि विवाह के बाद उसके पति का नाम नहीं बदला तो उसका नाम क्यों? वास्तव में, इस तरह का रिवाज पुरुष प्रधानता का सूचक है। यह महिला-पुरुष समानता के विचार का भी विरोधी है। यह महिला स्वतंत्रता की भावना के विरुद्ध है। 

प्रश्न 9. 
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के पिपरिया में हजारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभयारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य से अपने प्रस्तावित विस्थापन का विरोध करने के लिए जमा हुए। उनका कहना था कि यह विस्थापन उनकी जीविका और उनके विश्वासों पर हमला है। सरकार का दावा है कि इलाके के विकास और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उनका विस्थापन जरूरी है। जंगल पर आधारित जीवन जीने वाले की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र, इस मसले पर सरकार द्वारा दिया जा सकने वाला संभावित जवाब और इस मामले पर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट तैयार करो। 
उत्तर:
सेवा में, 
अध्यक्ष, 
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) 

श्रीमान्, 
निवेदन यह है कि हम वनवासी लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, बोरी वन्यजीव अभयारण्य तथा पंचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्रों में सैकड़ों वर्षों से रहते आ रहे हैं। हम वनवासियों की हर गतिविधि वन से जुड़ी हुई है। हमारी जीविका का मुख्य स्रोत वन हैं । इन वनों में हमारी परम्पराएँ तथा मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं। 

आज सरकार विकास तथा वन्य जीवों की सुरक्षा के नाम पर हमें यहाँ से विस्थापित करना चाहती है। इससे हमारा जीवन बुरी तरह प्रभावित होगा। 

अतः श्रीमान् से साग्रह निवेदन है कि हमारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुये हमें न्याय दिलाएँ। इसके लिये हम वनवासी सदैव श्रीमान् के आभारी रहेंगे। 

भवदीय 
वनवासी 
………..क्षेत्र 

सरकार का पक्ष
क्षेत्र के विकास तथा वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये सरकार ने यह फैसला किया है कि सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, बोरी वन्यजीव अभयारण्य तथा पंचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्रों से वनवासियों को विस्थापित कर कहीं और उनका पुनर्वास किया जाये। इससे न केवल वन्यजीवों को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में विकास कार्यों द्वारा यहाँ के लोगों को राष्ट्र की मुख्यधारा से भी जोड़ा जा सकेगा। इनके लिये स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा, आवास आदि जैसी मौलिक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा सकेंगी। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट 
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान तथा बोरी एवं पंचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्रों से लोगों के विस्थापन से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को देखते हुये आयोग ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति उठाई है। आयोग का कहना है कि सरकार पहले उनके जीविका तथा पुनर्वास की व्यवस्था करे फिर इस तरह के कदम उठाये। इन लोगों की जीविका वनों से चलती है। विस्थापन की स्थिति में हजारों परिवार प्रभावित होंगे। न केवल उनकी जीविका छिनेगी, बल्कि उनकी मान्यताओं तथा परंपराओं पर भी प्रभाव पड़ेगा। अतः सरकार एक समिति बनाकर पहले इससे जुड़ी सभी समस्याओं की जानकारी ले, फिर अन्य आवश्यक कदम उठाए, ताकि उनके मानवीय अधिकारों का हनन न हो। 

प्रश्न 10. 
इस अध्याय में पढ़े विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएं। जैसे—आने-जाने की स्वतंत्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। इसका एक कारण है कि आने-जाने की स्वतंत्रता के चलते व्यक्ति अपने शहर या गांव के अन्दर ही नहीं, दूसरे गांव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आजादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएं और तीर के निशानों से बताएं कि कौन-से अधिकार आपस में जुड़े हैं।” हर तीर के साथ सम्बन्ध बताने वाला एक उदाहरण भी दें। 
उत्तर: 

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