Bepin Choudhury’s Lapse of Memory

Summary and Translation in Hindi

आपके पढ़ने से पूर्व : 

क्या आपकी याददाश्त अच्छी है? क्या आपकी याददाश्त ने कभी आप पर कोई चाल चली है? भुलक्कड़पन आपको अक्सर मुश्किल में डाल देता है। किन्तु अपने जीवन का एक भाग पूर्ण रूप से भूल जाना आपको पागल बना सकता है। इस कहानी में, बिपिन बाबू लगभग पागल से हो जाते हैं क्योंकि वे राँची में अपने ठहराव की याद नहीं कर पा रहे हैं। वह कभी रांची नहीं गये हैं, वे जोर देते हैं, यद्यपि इसके विपरीत वहाँ कई गवाह हैं। यह सब दुविधा किसके बारे में है? 

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद 
 
Every Monday …………… laughed aloud. (Pages 59-60) 

कठिन शब्दार्थ : drop in (ड्रॉप इन) = बिना पूर्व सूचना के पहुंचना, buy (बाइ) = खरीदना, crime (क्राइम) = अपराध, ghost (गोस्ट) = प्रेत/भूत, thrillers (थ्रिलर्ज) = रोमांचक/सनसनीखेज कहानियाँ, at least (एट लीस्ट) = कम से कम, at a time (एट अ टाइम) = एक साथ, to last (टु लास्ट) = कुछ समय तक चलना, through (श्रू) = (किसी के) आरम्भ से अन्त तक, alone (अलॉन) = अकेला, mixer (मिक्सॅर) = मिलनसार, few (फ्यू) = न के बराबर, spending (स्पेन्डिंग) = व्यतीत करना, idle chat (आइडल चैट) = व्यर्थ की वार्ता, observing (अबजॅविंग) = ध्यान से देख रहा था,

from close quarters (फ्रॉम क्लोज़ क्वॉटर्ज) = बहत निकटता से, meek looking (मीक लकिंग) = विनीत दिखने वाला, bi इनटु) = एकाएक कुछ करने लगना, suppose (सॅपोज) = मानना, recognise (रेकॅगनाइज) = पहचानना, arranged for (अरेन्ज्ड फो) = का प्रबन्ध करना, falls (फोल्ज) = प्रपात, realised (रिअलाइज्ड) = एहसास किया, mistake (मिसटेक) = त्रुटि/गलती, several (सेवरॅल) = अनेक, raised (रेज्ड) = ऊपर उठाई, eyebrows (आइब्रोज) = भौंहें, turned (टॅन्ड) = घूमा, towards (टॅवोड्ज) = की तरफ, bookshelves (बुकशेल्ज) = पुस्तकों के खाने, laughed (लाफ्ड) = हँसा। 

हिन्दी अनुवाद : प्रत्येक सोमवार, अपने कार्य से लौटते समय मार्ग में, बिपिन चौधरी न्यू मार्किट में ‘कालीचरन्ज’ (पस्तक की दकान का नाम) पर पस्तक क्रय करने जाते थे। अपराध कहानियाँ, प्रेत कहानियाँ, और रोमांचक (सनसनीखेज) कहानियाँ । सप्ताह के आरम्भ से अन्त तक चलाने के लिए उसे कम-से-कम एक साथ पाँच (पुस्तकें) क्रय करनी होती थीं। वह अकेला रहता था, बहुत मिलनसार भी नहीं था, न के बराबर मित्र थे,

और व्यर्थ की वार्ता में समय व्यतीत करना पसन्द नहीं करता था। आज, ‘कालीचरन्ज’ (पुस्तक की दुकान) पर, बिपिन बाबू को अनुभूति हुई कि कोई उसे बहुत निकटता से में बात की थी। आपने कहा था कि आपके कोई सन्तान नहीं थी, और यह कि 10 वर्ष पूर्व आप अपनी पत्नी को खो । चुके थे। आपका एकमात्र भाई पागलपन से भरा था, इस ही कारण आप रांची में पागलों के अस्पताल को देखना नहीं चाहते थे। …..” जब बिपिन बाबू पुस्तकों का भुगतान दे चुके थे और दुकान से प्रस्थान कर रहे थे, वह व्यक्ति अभी भी अत्यधिक अविश्वास से उसकी तरफ ध्यान से देख रहा था। 

Bepin Babu’s car ………………… injury had occurred. (Pages 61-62) 

कठिन शब्दार्थ : parked (पाक्ट) = खड़ी थी (वाहन), got into (गॉट इनटु) = के अन्दर बैठना, regretted (रिग्रेटिड) = पश्चात्ताप किया, intruder (इनटूडेंर) = अनधिकृत व्यक्ति/घुसपैठिया, inconceivable (इनकॅनसीवॅबल) = अकल्पनीय, excellent (एक्सॅलॅन्ट) = उत्तम, memory (मेमॅरि) = याददाश्त, head reeled (हेड रील्ड) = आहत होना व उलझन में होना, loosing his mind (लूजिंग हिज माइंड) = .पागल होते जाना, responsible (रिस्पॉन्सॅबल) = उत्तरदायी, seriously (सिअरिअसलि) = गम्भीरता से, a great deal (अ ग्रेट डील) = अत्यधिक,

intimate (इंटिमेट) = अन्तरंग, details (डिटेल्ज) = विस्तृत वर्णन, insanity (इनसैनॅटि) = पागलपन, deliberate (डिलिबरेंट) = जानबूझकर, lie (लाइ) = झूठ, proof (प्रूफ) = प्रमाण, aware (अवेअर) = जानकार होना, breeze (ब्रीज) = ठण्डी हवा, bracing (ब्रेसिंग) = स्फूर्ति दे रही थी, slight (स्लाइट) = हल्का -सा, discomfort (डिसकमफॅट) = परेशानी/बेचैनी, lingered (लिनजॅर्ड) = ठहरे होना, Hastings (हेस्टिंग्ज) = भारत के प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्ज के नाम का स्थान, roll up (रोल अप) = लपेटना/मोड़ना, trousers (ट्राउजर्ज) = पतलून, mark (माक) = चिह्न, occurred (अकॅर्ड) = घटित हुआ। 

हिन्दी अनुवाद : बिपिन बाबू की कार बरट्रैम स्ट्रीट (बरट्रैम नाम की गली) में लाइटहाउस सिनेमा के समीप सुरक्षित रूप से खड़ी थी। उसने कार के अन्दर बैठते ही चालक से कहा, “केवल गंगा के पास-पास चलाओ, क्या चलाओगे, सीताराम।” स्ट्रैन्ड रोड (सड़क का नाम है स्ट्रैन्ड) पर (कार में) चलते हुए, बिपिन बाबू ने घुसपैठिए पर इतना अधिक ध्यान दिये जाने पर पश्चात्ताप किया। वह रांची कभी गया ही नहीं था-इसके बारे में प्रश्न ही नहीं उठता है (अर्थात् यह बात निःसन्देह सत्य थी)। यह अकल्पनीय था कि वह ऐसी घटना को भूल जाए जो 6 या 7 वर्ष पूर्व घटित हुई थी। उसकी याददाश्त उत्तम थी। 

जब तक कि बिपिन बाबू का मस्तिष्क आघात व उलझन में नहीं हो गया था। क्या वह मस्तिष्क खोये जा रहा था (अर्थात् पागल हुए जा रहा था)? किन्तु ऐसा कैसे हो सकता था? वह तो अपने कार्यालय में नित्यप्रति कार्य कर रहा था। यह एक बड़ा व्यापारिक प्रतिष्ठान था, और वह एक उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य कर रहा था। उसे ऐसी किसी चीज की जानकारी नही थीं जो कभी गम्भीरता से गलत गई हो।

आज ही वह एक महत्त्वपूर्ण सभा में आधा घण्टा बोला था और फिर भी. और फिर भी वह व्यक्ति उसके बारे में बहुत कुछ जानता था। कैसे? वह यहाँ तक कि कुछ अन्तरंग बातें भी विस्तार से जानता हुआ प्रतीत हुआ। पुस्तकों का थैला, पत्नी की मृत्यु, भाई का पागलपन। एक मात्र गलती रांची जाने के बारे में थी। यह गलती नहीं थी; यह एक जानबूझकर बोला गया झूठ था। 1958 में, पूजाओं के दौरान, वह कानपुर में अपने मित्र हरिदास बागची के यहाँ था।

बिपिन बाबू को बस इतना-सा करना था कि (हरिदास पत्र लिखकर पूछना था नहीं, हरिदास को लिखने का रास्ता नहीं रह गया था। बिपिन बाबू को अचानक याद आया कि हरिदास अपनी पत्नी के साथ कुछ सप्ताह पूर्व ही जापान चला गया था, और उसके पास उसका पता नहीं था। लेकिन प्रमाण की कहाँ आवश्यकता थी? वह स्वयं पूर्ण रूप से सचेत था कि वह रांची गया ही नहीं था और वही सत्य था (अर्थात् बात ऐसे ही थी)।

नदी की पवन यद्यपि स्फूर्ति दे रही थी फिर भी बिपिन बाबू के दिमाग में एक हल्की बेचैनी ठहरे हुए थी। हेस्टिंग्ज (स्थान का नाम) के समीप, बिपिन बाबू ने अपनी पतलून को मोड़कर ऊपर चढ़ाने का और अपने दाहिने घुटने को एक बार देखने का निश्चय किया। वहाँ इंच भर घाव का निशान था। यह बताना असम्भव था कि यह घाव कब लगा था। 

Had the never …………………….. lost his appetite. (Pages 63-64) 

कठिन शब्दार्थ : confirmation (कॉनफॅर्मेशन) = पुष्टि अनुमोदन, probably (प्रॉबॅबलि) = शायद, conclude निष्कर्ष निकालना, going nuts (गोइंग नट्स) = पागल हो रहा था, ridiculous (रिडिक्यलॅस) = मूर्खतापूर्ण, ruthless (रूथलॅस) = निर्मम, sarcasm (साकैजॅम) = कटाक्ष, sipping (सिपिंग) = चुस्की भरते हुए, air-conditioned (एअर-कॅनडिशन्ड) = वातानुकूलित, living room (लिविंग रूम) = बैठक, felt at ease (फेल्ट एट ईज) = राहत महसूस की, nuisance (न्यूसंस) = परेशानी, getting into people’s hair (गेटिंग इनटु पीपल्ज हेअर) = दूसरों के मामले में दखल देना व उनको परेशान करना, snuggling (स्नगलिंग) = सटकर बैठते हुए,

encounter (इनकाउंटर) = मुठभेड़/आमना-सामना, occupying (ऑक्युपाइंग) = घेरे हुए होना, ring up (रिंग अप) = फोन करना, settle (सेटल) = निपटाने, embarrassment (इमबैरेसमॅन्ट) = परेशानी, dialled (डाइअल्ड) = डायल घुमाया, heart-beat (हाटबीट) = दिल की धड़कन, sweating (स्वेटिंग) = पसीना आना, sleuthing (स्लूथिंग) = जासूसी, slammed (स्लैम्ड) = पटका, gripped (ग्रिप्ट) = पकड़ा, swimming (स्विमिंग) = घूमना, chill (चिल) = ठंडक, sandwiches (सॅनविजिज) = खाद्य पदार्थ सैंडविच, appetite (एपिटाइट) = भूख। 

हिन्दी अनुवाद : क्या बालक के रूप में वह कभी नहीं गिरा था और अपना घुटना कटवा लिया था? उसने ऐसी किसी घटना को याद करने का प्रयास किया किन्तु (वह याद) नहीं कर सका। फिर बिपिन बाबू ने अचानक दिनेश मुकर्जी के बारे में सोचा। उस व्यक्ति ने कहा था कि दिनेश भी उस समय रांची में था। उससे पूछ लेना निश्चित रूप से सर्वोत्तम चीज थी। वह काफी समीप रहता था-बेनिनंदन गली में। ठीक अभी जाने के बारे में कैसा रहे? किन्तु फिर, यदि वह वास्तव में कभी भी रांची नहीं गया था, तो दिनेश क्या सोचेगा, यदि बिपिन बाबू उससे पुष्टि करने को कहते?

वह शायद यह निष्कर्ष निकालेगा कि बिपिन बाबू पागल हो रहे थे। नहीं; उससे पूछना मूर्खता होगी। और वह जानता था कि दिनेश के कटाक्ष कितने निर्मम हो सकते थे। अपनी वातानुकूलित बैठक में ठण्डे पेय की चुस्कियाँ लेते हुए, बिपिन बाबू पुनः राहत महसूस कर रहे थे। ऐसा उपद्रव! केवल इसी कारण कि उनके पास करने को कुछ नहीं है, वे दूसरे लोगों के मामले में दखल देते हैं व परेशान करते हैं। 

मुख्य भोजन के उपरान्त, सनसनीखेज कहानियों में से एक के साथ बिस्तर में सटकर बैठते हुए, बिपिन बाबू न्यू मार्किट में मिले उस व्यक्ति के विषय में सब कुछ भूल गए। अगले दिन, कार्यालय में, बिपिन बाबू ने देखा कि व्यतीत हो रहे प्रत्येक घण्टे के साथ पूर्व दिन की घटना उसके दिमाग को अधिक से अधिक घरे जा रही थी। जो व्यक्ति बिपिन बाबू के बारे में इतना कुछ जानता था वह रांची यात्रा के बारे में ऐसी गलती कैसे कर सकता था?  लंच से कुछ ही पूर्व बिपिन बाबू ने दिनेश मुकर्जी को फोन किया। इस प्रश्न को फोन पर ही निपटा लेना अधिक अच्छा था; कम-से-कम उसके चेहरे की परेशानी प्रदर्शित नहीं होगी। 
दो-तीन-पाँच-छ:-एक-छः। बिपिन बाबू ने नम्बर डायल किए। “हैलो, “क्या आप दिनेश हैं? यहाँ मैं बिपिन बोल रहा हूँ।” “अच्छा, अच्छा-क्या समाचार है?” “मैं यह पता लगाना चाहता था कि क्या आपको 1958 में घटित एक घटना याद है।” “1958? क्या घटना?” “क्या आप उस वर्ष के दौरान कलकता में थे? यह पहली चीज है जो मैं जानना चाहता हूँ।” “एक मिनट रुको…………1958…….. मुझे मेरी डायरी चैक करने दो।” एक मिनट के लिए वहाँ चुप्पी थी। बिपिन बाबू यह महसूस कर सकते थे कि उनकी दिल की धड़कन तेज हो गई थी। वे थोड़ा पसीना-पसीना भी हो रहे थे। “हैलो”। “हाँ”। . “मुझे यह मिल गया है। मैं दो बार बाहर गया था।” 

“कहाँ”? “एक बार फरवरी में…-पास में ही कृष्णानगर एक भतीजे के विवाह में। और फिर. .किन्तु, इसके बारे में तो तुम भी जानते होंगे। रांची की यह यात्रा। तुम भी तो वहाँ थे। बस यही। किन्तु यह सब जासूसी किसलिए?” “नहीं, मैं तो केवल चाहता था कि… कोई बात नहीं, धन्यवाद।” बिपिन बाबू ने रिसीवर को पटक दिया और अपने हाथों से अपने सिर को पकड़ लिया। उसे अपना सिर घूमता सा महसूस हुआ। एक ठंडक उसके पूरे शरीर में फैल गई। उसके टिफिन बॉक्स में सैंडविच थीं किन्तु उसने इन्हें नहीं खाया। वह अपनी भूख खो चुका था। 

After lunch time ………………….. was it ’59?” (Pages 64-65) 

कठिन शब्दार्थ : carry on (कैरि ऑन) = जारी रखना, conscientious (कॉनशिएन्रॉस) = सावधान व सही, head was in a whirl (हेड वॉज इन अ वर्ल) = उलझन भरा व स्पष्ट सोचने में असमर्थ, gather his wits together (गेर हिज विट्स टॅगेर) = शान्त चित्त होने व स्पष्ट सोचने का प्रयास करना, instance (इंसटंस) = उदाहरण, except (इक्सेप्ट) = के सिवाय, particular (पॅटिक्युलर) = विशेष, fairly (फेअरलि) = काफी कुछ, recent (रीसन्ट) = हाल ही का,

significant (सिग्निफिकॅन्ट) = महत्त्वपूर्ण, announced (अनाउन्स्ड) = बताया, having a rough time (हैविंग अ रफ टाइम) = बहुत-सी समस्याएँ होना, lately (लेटलि) = अब तक के समय में/हाल में, kept turning up (केप्ट टॅर्निंग अप) = आना जारी रखा, bad penny (बैड पेनि) = खोटा सिक्का, stepped out (स्टेप्ट आउट) = बाहर कदम रखा, struck (स्ट्रक) = कोई विचार का ‘अचानक मन में आना, hurried (हरिड) = शीघ्रता से, stairs (स्टेअर्ज) = सीढ़ियाँ, hopefully (हॉपफुलि) = आशापूर्वक, didn’t beat about the bush (डिडन्ट बीट अबाउट दा बुश) = सीधे-सीधे बिन्दु पर आना, seeing (सीइंग) = मिलना, off and on (ऑफ एण्ड ऑन) = बीच-बीच में। 

हिन्दी अनुवाद : लंच के समय के उपरान्त बिपिन बाबू ने महसूस किया कि वह अपनी डेस्क पर बैठे रहने व कार्य करते रहने को शायद जारी न रख सकें। यह इन 25 वर्षों में, जब से वह व्यापारिक प्रतिष्ठान के साथ था, कभी नहीं घटा था। उसकी एक अथक व कर्त्तव्यनिष्ठ कार्मिक की छवि थी। किन्तु आज उसका दिमाग उलझन-भरा व स्पष्ट सोचने में असमर्थ था। 2.30 बजे घर लौटने पर, बिपिन बाबू बिस्तर में लेट गए और शान्त चित्त होने का व स्पष्ट सोचने का प्रयास करने लगे।

वे जानते थे कि सिर में लगी चोट के द्वारा कोई अपनी याददाश्त खो दे यह सम्भव था, किन्तु वे ऐसा एक भी उदाहरण नहीं जानते थे कि किसी को सब कुछ तो याद रहे पर एक विशेष घटना याद नहीं रहे और वह भी काफी कुछ हाल ही की और वह भी महत्त्वपूर्ण । उसने हमेशा रांची जाना चाहा था; पर वहाँ जा चुके होना, कार्य कर चुके होना और याद नहीं रहना, कुछ बहुत ही असम्भव बात थी। 730 बजे, बिपिन बाबू का नौकर आया और कहा, “चुनी बाबू, श्रीमान्। कहते हैं यह बहुत महत्त्वपूर्ण है (अर्थात् मिलना जरूरी है)।” 

बिपिन बाबू जानते थे कि चुनी क्यों आया था। चुनीलाल उसका विद्यालय में सहपाठी था। हाल ही में उसकी बहुत-सी समस्याएँ थीं और उसके पास कार्य प्राप्त करने के लिए मिलने आता था। बिपिन बाबू जानते थे कि उसके लिए कुछ भी करना सम्भव नहीं था और, वास्तव में, उसे ऐसा बता चुके थे। किन्तु चुनी ने खोटे सिक्के जैसे आना जारी रखा। बिपिन बाबू ने सन्देश भिजवाया कि उसके लिए चुनी से मिलना न केवल अभी भी असम्भव था बल्कि अनेक सप्ताहों तक भी सम्भव नहीं था।

किन्तु जैसे ही नौकर ने कमरे से बाहर कदम रखे, बिपिन बाबू को अचानक विचार आया कि चुनी को शायद 1958 की यात्रा के बारे में कुछ याद हो। उससे पूछने में कोई हानि नहीं थी। बिपिन बाबू शीघ्रता से सीढ़ियों से नीचे उतरे और बैठक में गए। चुनी जाने ही वाला था किन्तु बिपिन बाबू को वहाँ देखकर, वह आशापूर्वक घूमा।

बिपिन. बाबू ने सीधे-सीधे बात कही। . “देखो, चुनी-मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूँ। आपकी याददाश्त अच्छी है, और लम्बे समय से आप मुझ से बीच-बीच में मिल रहे हैं। अपने दिमाग को पीछे ले जाओ और मुझे बताओ क्या मैं 1958 में रांची गया था?”  चुनी ने कहा, “1958 में? यह निश्चय ही 1958 होना चाहिए। या क्या यह 1959 था?” 

“You’re sure that ……………………… the same evening. (Pages 66-67) 

कठिन शब्दार्थ : amazement (अमेजमॅन्ट) = आश्चर्य, unmixed (अनमिक्स्ट) = मिलावट रहित, concerned (कॅनसॅन्ड) = सम्बोधित होना, turm away (टॅर्न अवे) = दूर रहना, incredulous (इनक्रेड्युलॅस) = संदेहशील/अविश्वासी, drugs (ड्रग्ज) = नशीले पदार्थ, stare (स्टेअर) = घूरना, see off (सी ऑफ) = विदा देना, electrician (इलेक्ट्रिशन) = बिजली मिस्त्री, sighed (साइड) = आह भरी, must see about consulting (मस्ट सी अबाउट कॅनसल्टिंग) = शायद अवश्य परामर्श लेना पड़े, doubtless (डाउटलॅस) = निःसन्देह, physician (फिजिशन) = चिकित्सक (औषध विशेषज्ञ), symptoms (सिम्पटॅम्ज) = लक्षण, desperately (डेस्पॅरेंटलि) = नैराश्य से, cure (क्युअर) = रोग उपचार, affecting (अफेक्टिंग) = बुरा प्रभाव डालना,

shook head (शुक हेड) = सिर हिलाया, to deal with (टु डील विथ) = निपटना, frankly (पँक्लि ) = स्पष्टता से, experience (इक्सपिअरिअन्स) = अनुभव, suggestion (सॅजेस्चन) = सुझाव, leaned (लीन्ड) = झुका, forward (फोवॅड) = आगे की ओर, anxiously (एक्शसलि) = उत्सुकता से, make out

(मेक आउट) = समझना, entire (इनटाइअर) = संपूर्ण, episode (ऐपिसोड) = भाग, prescribing (प्रिस्क्राइबिंग) = दवा लिखना, nerve tonic (नॅर्व टॉनिक) = स्नायु शक्तिवर्धक दवा, tranquilliser (ट्रैन्क्वलाइजर) = सुलाने वाली दवा, essential (इसेन्शल) = आवश्यक, get more pronounced (गेट मोर पॅनाउन्स्ड) = अधिक स्पष्ट दिखने लगना (लक्षण आदि), instructions (इनस्ट्रक्शन्ज) = निर्देश, procured (पॅक्युअड) = प्राप्त किया (कठिनाई से)। 

हिन्दी अनुवाद : “आप सुनिश्चित हैं कि मैं रांची जरूर गया था?” चुनी के चेहरे के आश्चर्य के भाव चिन्ता से मिलावट रहित नहीं थे। “क्या आप समझते हैं कि आपको जाने के बारे में बहुत सन्देह है?” “क्या मैं गया था? क्या आपको स्पष्टतः याद है?”  चुनी सोफा पर बैठ गया, एक लम्बी, कठोर टकटकी बिपिन बाबू पर स्थिर कर दी और कहा,

“बिपिन, क्या तुम्हें नशीले पदार्थ लेने की या ऐसा ही कुछ लेने की आदत हो गई है क्या? जहाँ तक मैं जानता हूँ जहाँ तक इन चीजों का सम्बन्ध था तो आपका रिकॉर्ड एकदम साफ है (अर्थात् आप नशीले पदार्थ बिल्कुल भी नहीं लेते थे)। मैं जानता हूँ कि पुरानी मित्रता का आपके लिए अधिक अर्थ नहीं है, किन्तु कम-से-कम आपकी याददाश्त अच्छी थी। आपका वास्तव में यह अर्थ नहीं हो सकता कि रांची यात्रा के बारे में आप भूल चुके हैं?” 

बिपिन बाबू को चुनी की अविश्वासी टकटकी से (बचने के लिए) दूर हटना पड़ा। “क्या आपको याद है कि मेरा आखिरी काम क्या था?” चुनीलाल ने पूछा।। “निःसंदेह । आप एक यात्रा एजेंसी में कार्य करते थे।” “आपको वह तो याद है और आपको यह याद नहीं है कि यह मैं ही था जिसने आपके लिए रांची के टिकट का प्रबन्ध कराया था? मैं आपको स्टेशन पर विदा करने गया था; डिब्बे में एक पंखा कार्य नहीं कर रहा था मैंने एक बिजली मिस्त्री से इसे ठीक कराया था। क्या आप सभी बातें भूल गए? आपके साथ कोई भी बात हो? आप ठीक दिखाई भी नहीं पड़ रहे हो, आप जानते हैं (इस बात को)।” 

बिपिन बाबू ने आह भरी व अपना सिर हिला दिया। “मैं बहुत कठोर परिश्रम कर रहा हूँ”, आखिरकार उसने कहा, “वह ही (इसका) कारण होना चाहिए। एक विशेषज्ञ (चिकित्सक) से अवश्य परामर्श लेना चाहिए।” निःसन्देह यह बिपिन की दशा ही थी जिसने चुनीलाल को अपने काम के बारे में जिक्र किये बगैर ही जाने को मजबूर कर दिया। .. परेश चंदा एक युवा चिकित्सक था जिसके आँखें चमकीली थीं और नाक पैनी थी।

वह विचारशील हो गया जब उसने बिपिन बाबू के लक्षणों के बारे में सुना। “देखो, डॉक्टर चंदा”, बिपिन बाबू ने नैराश्य से कहा, “आपको मुझे इस भयानक बीमारी से अवश्य ही रोगमुक्त करना है। मैं आपको बता नहीं सकता कि यह कैसे मेरे कार्य को प्रभावित कर रही है।” tion’ से पूर्व ‘s’ आने पर ” की ध्वनि ‘च’ हो जाती है, जैसे Ques tion – क्वेश्चन, Combus tion – कॅम्बसचॅन, Sugges tion सॅजेस्चन आदि। 

डॉ. चंदा ने अपना सिर हिलाया। “आप जानते हैं क्या, श्रीमान् चौधरी”, उसने कहा, “मुझे ऐसे केस से, जैसा कि आपका है, कभी नहीं निपटना पड़ा है। स्पष्ट रूप से, यह मेरे क्षेत्र के अनुभव से काफी बाहर है। किन्तु मेरा एक सुझाव है। मैं नहीं जानता कि क्या यह कार्य करेगा (अर्थात् लाभदायक होगा), किन्तु यह प्रयास करने योग्य है। यह कोई हानि नहीं पहुंचा सकता है।” बिपिन बाबू उत्सुकता से आगे की ओर झुक गए। 

“जहाँ तक मैं समझ सकता हूँ”, डॉ. चंदा ने कहा, “और मेरे विचार से आप भी यही विचार रखते हैं आप रांची अवश्य ही गए थे, किन्तु कुछ अनजान कारणों से, सम्पूर्ण भाग आपके दिमाग से निकल गया है। मेरा सुझाव है कि आप एक बार पुनः रांची जाएँ। उस स्थान का दृश्य आपको अपनी यात्रा की शायद याद दिला दे।

यह असम्भव नहीं है। इससे अधिक इस समय मैं कुछ नहीं कर सकता हूँ। मैं एक स्नायु शक्तिवर्द्धक दवा व एक सोने की दवा लिख रहा हूँ। नींद आवश्यक है, अन्यथा लक्षण अधिक स्पष्ट दिखने लगेंगे।”.बिपिन बाबू ने अगली प्रात:काल कुछ अधिक अच्छा महसूस किया। प्रात:काल के नाश्ते के उपरान्त, उसने अपने कार्यालय में फोन किया। कुछ निर्देश दिए और फिर रांची के लिए उसी शाम का प्रथम श्रेणी का टिकिट प्राप्त किया। 

IV. Getting off the train…………..red ink on it. (Pages 67-68) 

कठिन शब्दार्थ : getting off (गेटिंग ऑफ) = से नीचे उतरना (बस, रेल आदि), slightest (स्लाइटेस्ट) = हल्की-सी, acquaintance (अक्वेन्टॅन्स) = परिचय, left for (लेफ्ट फोर) = के लिए प्रस्थान किया, picnickers (पिकनिकॅर्ज) = सैर-सपाटे वाले व्यक्ति, unconscious (अनकॉनॉस) = अचेत, boulder (बउल्डर) = शिलाखण्ड, will to work (विल टु वॅर्क) = कार्य करने की इच्छा-शक्ति, confidence (कॉनफिडॅन्स) = आत्मविश्वास, ability (अबिलॅटि) = योग्यता, balance of mind (बैलॅन्स ऑव माइन्ड) = दिमागी सन्तुलन, asylum (असाइलम) = मानसिक रोग चिकित्सालय, shower (शाउअर) = फुहारा-स्नान, clamped (क्लैम्प्ट) = शिकंजे में कसकर, greenish (ग्रीनिश) = हरा-सा, envelope (एनवॅलोप) = लिफाफा। 

हिन्दी अनुवाद : अगली सुबह रांची पर ट्रेन से उतर कर, उसने तुरन्त ही महसूस किया कि वह वहाँ पहले कभी नहीं आया था। वह स्टेशन से बाहर आया, एक टैक्सी ली और कुछ समय कस्बे में चारों ओर घूमता रहा। उसने महसूस किया कि गलियों, भवनों, होटलों, बाजारों, मोराबादी पहाडियों-इनमें से किसी के साथ भी उसका हल्का-सा भी परिचय नहीं था। क्या हुदरु प्रपात की यात्रा कुछ सहायता करेगी? वह ऐसा विश्वास नहीं करता था, किन्तु, उस ही समय, वह इस भाव के साथ भी छोड़ना नहीं चाहता था कि उसने पर्याप्त प्रयास नहीं किया था। अतः उसने एक कार का प्रबन्ध किया और अपराह्न में हुदरु के लिए प्रस्थान किया। 

पाँच बजे उस ही अपराह्न हुदरु में सैर-सपाटे वालों के एक समूह में से दो गुजराती भद्रपुरुषों ने बिपिन बाबू को एक बड़े शिलाखण्ड की बगल में बेहोश पड़े खोजा। जब वे होश में आये, जो पहली बात बिपिन बाबू ने कही वह थी कि, “मैं समाप्त हो चुका हूँ। अब कोई आशा शेष नहीं रह गई है।” अगली सुबह, बिपिन बाबू वापिस कलकत्ता में थे। उन्होंने महसूस किया कि वास्तव में उसके लिए अब कोई आशा नहीं थी। शीघ्र ही वह सब कुछ खो देगा अपनी कार्य करते रहने की इच्छा शक्ति, अपना आत्मविश्वास, अपनी योग्यता, अपना दिमागी सन्तुलन।

क्या उसका अन्त किसी मानसिक रोग चिकित्सालय में होने जा रहा था…..? बिपिनं बाबू कुछ और अधिक नहीं सोच सके। वापिस घर पर, उसने डॉ. चंदा को फोन किया और उससे वहाँ आने को कहा। फिर, फुहार-स्नान के बाद, एक बर्फ के थैले को अपने शिकंजे में पकड़कर सिर पर रखे-रखे बिस्तर में लेट गए। तभी उनका नौकर उनके लिए एक पत्र लाया जिसे किसी ने पत्र-पेटी में छोड़ दिया था। यह एक हरा-सा लिफाफा था जिस पर उसका नाम लाल स्याही से लिखा था। 

Above the name …………………….a pain killer: (Pages 68-69) 

कठिन शब्दार्थ : urgent (अॅजन्ट) = अत्यावश्यक, confidential (कॉनफिडेन्शल) = गोपनीय, गुप्त, in spite of (इन स्पाइट ऑव) = के बावजूद, tore open (टोर ओपन) = फाड़कर खोला, affluence (ऐपलुअन्स) = समृद्धि, bring about (बिंग अबाउट) = लाना, down on luck (डाउन ऑन लक) = बुरे समय से गुजरना, resources (रिसोसिज) = स्रोत, limited (लिमिटिड) = सीमित, imagination (इमैजिनेशन) = कल्पनाशक्ति,

retribution (रेट्रिब्यूशन) = अपराध की सजा, unfeeling behaviour (अनफीलिंग बिहेविअर) = असंवेदनशील व्यवहार, see through (सी थू) = सहायता करना, unique case (युनीक केस) = अद्वितीय मामला, certainly (सॅटनलि) = निश्चित रूप से, medical journal (मेडिकल जॅनल) = चिकित्सीय पत्रिका, sent for (सेन्ट फोर) = बुला भेजा, pain killer (पेन किलर) = दर्द निवारक। 

हिन्दी अनवाद : नाम के ऊपर इस पर लिखा था ‘अत्यावश्यक एवं गोपनीय’। उसकी ऐसी दशा के उपरान्त भी. बिपिन बाबू की ऐसी अनुभूति थी कि उसे पत्र पढ़ना चाहिए। उसने लिफाफे को फाड़कर खोला और पत्र बाहर निकाला। उसने यह पढ़ा प्रिय बिपिन, मुझे यह अंदेशा नहीं था कि समृद्धि इस प्रकार के परिवर्तन आप में ले आयेगी जैसे कि इसने किया है। क्या आपके लिए बुरे समय से गुजर रहे एक पुराने मित्र की सहायता करना इतना कठिन था? मेरे पास कोई धन नहीं है, अतः मेरे स्रोत सीमित हैं । मेरे पास जो है वह कल्पना शक्ति है, जिसका एक भाग मैंने आपके असंवेदनशील व्यवहार की.सजा आपको देने में प्रयोग किया। 

“खैर, आप तो अब पुनः अच्छे हो जायेंगे। एक उपन्यास, जो मैंने लिखा है, एक प्रकाशक द्वारा स्वीकार किया गया है। यदि उसने इसे पर्याप्त पसन्द किया, तो अगले कुछ महीने यह मेरी सहायता करेगा। तुम्हारा, चुनीलाल जब डॉ. चंदा आए, तो बिपिन बाबू ने कहा, “मैं ठीक हूँ। यह सब मुझे याद आ गया जैसे ही मैं रांची में ट्रेन (गाड़ी) से नीचे उतरा।” “एक अनोखा केस”, डॉ. चंदा ने कहा, “मैं एक चिकित्सीय पत्रिका में इसके बारे में अवश्य लिखूगा।” “वह कारण कि मैंने आपको क्यों बुला भेजा”, बिपिन बाबू ने कहा, “वह यह है कि रांची में गिर जाने से मेरे पुढे में दर्द हो गया है.। क्या आप कृपया एक दर्दनिवारक दवा लिख देंगे….।” 

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