Chapter 1 Poem – Devsena ka geet – Kaneliya ka geet

(क) देवसेना का गीत (ख) कार्नेलिया का गीत Textbook Questions and Answers देवसेना का गीत :प्रश्न 1.“मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई”-पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।उत्तर :देवसेना निराश और दुखी होकर जीवन के उस समय को याद करती है जब उसने स्कन्दगुप्त से प्रेम किया था। उन्हीं क्षणों को याद करते हुए वह […]

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