समयलेखनम् ‘भवतः घटिकायां कः समयः?’ अथवा ‘भवतः घटिकायां किं वादनम्?’ ऐसे प्रश्नों का उत्तर हम हिन्दी अथवा अंग्रेजी भाषा में आसानी से दे पाते हैं। यदि हमें उत्तर संस्कृत में…

समास-प्रकरणम् समास – ‘संक्षिप्तीकरणम् एव समासः भवति’ अर्थात् समास शब्द का अर्थ संक्षेप होता है। जहाँ दो या दो से अधिक पद अपने कारक (विभक्ति) चिह्नों को छोड़कर एक हो…

सर्वनाम-प्रकरणम् सर्वनाम – ये शब्दाः संज्ञापदानां स्थाने प्रयुज्यन्ते ते सर्वनामशब्दाः भवन्ति। (जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं) जैसे- रामः-सः, सीता-सा। संस्कृत में सर्वनाम…

सन्धि-प्रकरणम् सन्धि – अत्यन्त समीपवर्ती दो वर्गों के मेल से जो परिवर्तन अथवा विकार आता है, उसे सन्धि कहते हैं (परः सन्निकर्षः संहिता) हिमालयः = हिम + आलयः। इस उदाहरण…

संख्यावाचक-विशेषणपदानि (क) एक से दस तक सभी विभक्तियों के रूप पुँल्लिङ्ग, स्त्रीलिङ्ग तथा नपुंसकलिङ्ग में एक से चार तक पृथक्-पृथक् रूप होते हैं। यथा एक के रूप एकवचन में, द्वि…

शुद्ध-अशुद्ध-प्रकरणम् 1. निम्न वाक्यों में क्रियापदों को शुद्ध करो। (i) ते छात्राः अक्रीडत्। (ii) रामः सत्यम् अवदन्। (iii) भवान् न जानासि। (iv) त्वं किं करोति? (v) तव नाम किम् असि?…

शब्द-रूपाणि (i) अजन्त-शब्दाः अकारान्त, पुंल्लिङ्ग-शब्दः विद्यालय (पाठशाला) समान शब्द – छात्र, अध्यापक, पुस्तकालय, तडाग आदि। छात्र शब्द का रूप तृतीया विभक्ति एकवचन में छात्रेण तथा षष्ठी विभक्ति बहुवचन में छात्राणाम्…

वर्णविचारः 1. संस्कृत भाषा ‘सम्’ उपसर्ग पूर्वक कृ धातु से क्त प्रत्यय होने पर संस्कृत शब्द बनता है जिसका अर्थ है वह भाषा जो पूर्णतया नियमबद्ध हो, यही कारण है…

परिशिष्टभागः I. सम्बन्धवाचकशब्दाः (संबंधवाचक शब्द) 1. अनुजः = छोटा भाई 2. अग्रजः = बड़ा भाई 3. सहोदरः = सगा भाई 4. भ्राता = भाई 5. भगिनी / स्वसा = बहन…

पद-विचारः पद शब्दों के मूल रूप को प्रातिपदिक कहते हैं। उनके साथ सुप् व तिङ् प्रत्यय लगने पर वे शब्द पद कहलाते हैं। इन विकारी शब्दों के अतिरिक्त ऐसे भी…