सर्वनाम 6

सर्वनाम 6 सर्वनाम शब्द दो शब्दों के मेल से बना है-सर्व + नाम। सर्व का अर्थ है सबका। अतः सर्वनाम का अर्थ है-सबका नाम। जो शब्द संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, वे सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे-मैं, हम, तू, तुम, यह, वह, कोई, कुछ, कौन, क्या, सो आदि सर्वनाम शब्द हैं। अन्य सर्वनाम शब्द […]

समास 6

समास 6 अनेक शब्दों को संक्षिप्त करके नए शब्द बनाने की प्रक्रिया समास कहलाती है; जैसे–चौराहा, पीतांबर आदि। समास के भेद – समास के मुख्यतः छह भेद हैं। तत्पुरुष समास कर्मधारय समास विगु समास अव्ययीभाव समास बहुब्रीहि समास द्वंद्व समास। 1. तत्पुरुष समास – इस समास में उत्तरपद प्रधान होता है और पूर्वपद गौण होता है। तत्पुरुष […]

संधि 6

संधि 6 संधि का अर्थ है-मेल। जब दो वर्षों के मेल से उनके मूल रूप में जो परिवर्तन या विकार आ जाता है, वह संधि कहलाता है; जैसे- नर + ईश = नरेश विद्या + अर्थी = विद्यार्थी उपर्युक्त उदाहरणों में पहले शब्द के अंतिम वर्ण तथा दूसरे शब्द के पहले वर्ण के मेल में […]

संज्ञा के विकार 6

संज्ञा के विकार जो शब्द संज्ञा में विकार या परिवर्तन लाते हैं, वे विकारी तत्व कहलाते हैं। लिंग, वचन तथा कारक के कारण संज्ञा का रूप बदल जाता है। लिंग – संज्ञा शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं। लिंग […]

संज्ञा 6

संज्ञा 6 जिस शब्द के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अथवा भाव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते हैं; जैसे-आयुष, नेहा, गाजियाबाद, पुस्तक, बुढ़ापा, ईमानदारी, गरमी इत्यादि। संज्ञा के तीन भेद होते हैं व्यक्तिवाचक जातिवाचक भाववाचक 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा – जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु के नाम का पता चले, […]

शब्द-विचार 6

शब्द-विचार 6 मनुष्य को अपने मन के भाव/विचार प्रकट करने के लिए भाषा की आवश्यकता होती है। भाषा वाक्यों के मेल से बनती है और वाक्य शब्दों के मेल से बनते हैं। शब्द वर्गों के सार्थक मेल से बनते हैं। इस प्रकार वर्गों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं; जैसे – पुस्तक, कमल, रतन। […]

शब्द-भंडार 6

शब्द-भंडार 6 एक से अधिक वर्षों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। शब्दों के भेद भाषा के शब्द-भंडार में निरंतर वृद्धि होती रहती है। ये शब्द विभिन्न स्त्रोतों से भाषा में मिलकर उसे और समृद्ध बनाते हैं। शब्दों की रचना के मुख्य रूप से निम्नलिखित चार आधार होते हैं। 1. उत्पत्ति के आधार पर […]

विशेषण 6

विशेषण 6 जो शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, वे विशेष्य कहलाते हैं; जैसे—यह रंग-बिरंगी तितली है। नेहा ने सुंदर फ्रॉक पहनी है। पिता जी चार दर्जन केले लाए हैं। लाल सेब मीठे होते हैं। उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर यदि आप ध्यान दें तो आपको पता चलेगा कि वे सभी […]

विराम-चिह्न 6

विराम-चिह्न 6 विराम शब्द का अर्थ है – रुकना या ठहरना। वाक्यों के बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए रुकने का संकेत करने वाले चिह्नों को विराम-चिह्न कहते हैं। हिंदी में प्रयोग किए जाने वाले प्रमुख विराम-चिह्न निम्नलिखित हैं नाम चिह्न 1. पूर्ण विराम 2. अल्प विराम 3. अर्ध विराम 4. प्रश्नवाचक चिह्न 5. विस्मयवाचक […]

वाच्य 6

वाच्य 6 वाच्य का अर्थ है बोलने का विषय । क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा किए गए व्यापार का विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव में से कौन है, उसे वाच्य कहते हैं। वाच्य के भेद – वाच्य के मुख्य तीन भेद हैं। 1. कर्तृवाच्य – जिस वाक्य में कर्ता […]

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