Chapter 5 कण्टकेनैव कण्टकम् Hindi Translation

Chapter 5 कण्टकेनैव कण्टकम् पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में मध्यप्रदेश के डिण्डोरी जिले में परधानों के बीच प्रचलित एक लोककथा है। यह कथा पञ्चतन्त्र की शैली में रचित है। इस कथा में यह स्पष्ट किया गया है कि संकट में पड़ने पर चतुराई एवं प्रत्युत्पन्नमतित्व से बाहर निकला जा सकता है।  पाठ के गद्यांशों का […]

Chapter 4 सदैव पुरतो निधेहि चरणम् Hindi Translation

Chapter 4 सदैव पुरतो निधेहि चरणम् पाठ-परिचय – श्रीधरभास्कर वर्णेकर के द्वारा विरचित प्रस्तुत गीत में चुनौतियों को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ने का आह्वान किया गया है। इसके प्रणेता राष्ट्रवादी कवि हैं और इस गीत के द्वारा उन्होंने जागरण तथा कर्मठता का सन्देश दिया है। कवि कहता है कि अरे मनुष्य! तू सदैव आगे […]

Chapter 3 डिजीभारतम् Hindi Translation

Chapter 3 डिजीभारतम् पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ ‘डिजिटलइण्डिया’ के मूल भाव को लेकर लिखा गया निबन्धात्मक पाठ है। इसमें वैज्ञानिक प्रगति के उन आयामों को छुआ गया है, जिनमें हम एक ‘क्लिक’ द्वारा बहुत कुछ कर सकते हैं। आज इन्टरनेट ने हमारे जीवन को कितना सरल बना दिया है। हम भौगोलिक दृष्टि से एक-दूसरे के […]

Chapter 2 बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता Hindi Translation

Chapter 2 बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ संस्कृत के प्रसिद्ध कथाग्रन्थ ‘पञ्चतन्त्रम्’ के तृतीय तन्त्र ‘काकोलूकीयम्’ से संकलित है। पञ्चतंन्त्र के मूल लेखक विष्णु शर्मा हैं। इसमें पाँच खण्ड हैं जिन्हें ‘तन्त्र’ कहा गया है। इनमें गद्य-पद्य रूप में कथाएँ दी गयी हैं जिनके पात्र मुख्यतः पशु-पक्षी हैं।  पाठ के […]

Chapter 1 सुभाषितानि Hindi Translation  

Chapter 1 सुभाषितानि पाठ-परिचय – ‘सुभाषित’ शब्द ‘सु + भाषित’ इन दो शब्दों के मेल से सम्पन्न होता है। सु का अर्थ सुन्दर, मधुर तथा भाषित का अर्थ वचन है। इस तरह सुभाषित का अर्थ सुन्दर/मधुर वचन है। प्रस्तुत पा नीतिशतकम्, मनुस्मृतिः, शिशुपालवधम्, पञ्चतन्त्रम् से रोचक और विचारपरक श्लोकों को संगृहीत किया गया है। पाठ […]

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