पाठ-सार – प्रस्तुत पाठ में फूलों के उत्सव का वर्णन हुआ है। यह उत्सव ‘फूलवालों की सैर’ नाम से प्रसिद्ध है। पाठ में बताया गया है कि भारत देश में विभिन्न प्रकार के उत्सव मनाये जाते हैं। उनमें से प्रमुख यह पुष्पोत्सव है। इसका आयोजन देहली के मेहरौली क्षेत्र में अक्टूबर के महीने में होता है।
इसमें फूलों से निर्मित पंखे विशेष आकर्षण का केन्द्र होते हैं। ये पंखे गुलाब, कनेर, गैंदा, चमेली आदि के फूलों से बनाये जाते हैं। यह उत्सव विगत दो सौ वर्षों से चला आ रहा है। इस पाठ में सप्तमी विभक्ति के प्रयोग तथा उसमें बनने वाले रूपों का ज्ञान भी कराया गया है।
पाठ के कठिन-शब्दार्थ :
- उत्सवप्रियः = उत्सवों का प्रेमी।
- कुत्रचित् = कहीं पर।
- शस्योत्सवः = फसलों का उत्सव।
- पशूत्सवः (पशु + उत्सवः) = पशुओं का उत्सव।
- यानोत्सव = गाड़ियों का उत्सव।
- अन्यतमः = कई में से एक।
- पुष्पोत्सवः = फूलों का उत्सव।
- इति नाम्ना = इस नाम से।
- अवसरे = अवसर पर।
- पुष्पनिर्मितानि = फूलों से बने हुए।
- व्यजनानि = पंखे।
- पुष्पव्यजनाति = फूलों के पंखे।
- समाधिस्थले = दरगाह।
- अर्पयन्ति = अर्पित करते हैं।
- पाटलपुष्पैः = गुलाब के फूलों से।
- कर्णिकारपुष्पैः = कनेर के फूलों से।
- जपापुष्पैः = जवाकुसुम के फूलों से/गुड़हल के फूलों से।
- मल्लिकापुष्पैः = चमेली के फूलों से।
- नयन्ति = ले जाते हैं।
- यावत् = तक।
- प्रचलति = चलता है।
- पतङ्गानाम् = पतंगों का।
- उड्डयनम् = उड़ाना।
- मल्लयुद्धम् = कुश्ती।
पाठ के गद्यांशों का हिन्दी-अनुवाद एवं पठित-अवबोधनम् –
1. उत्सवप्रियः भारतदेशः ……………………. नाम्ना प्रसिद्धः अस्ति।
हिन्दी-अनुवाद – भारतदेश उत्सव-प्रिय है। यहाँ कहीं पर फसलों का उत्सव होता है, कहीं पर पशुओं का उत्सव होता है, कहीं पर धार्मिक उत्सव होता है और कहीं पर वाहनों का उत्सव होता है। इनमें से ही एक ‘पुष्पोत्सव’ (फूलों का उत्सव) प्रमुख है। यह उत्सव ‘फूलवालों की सैर’ नाम से प्रसिद्ध है।
पठित-अवबोधनम् –
निर्देश: – उपर्युक्तं गद्यांशं पठित्वा एतदाधारितप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखतप्रश्ना:
(क) उत्सवप्रियः कः देशः? (एकपदेन उत्तरत)
(ख) अन्यतमः उत्सवः कः? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) पुष्पोत्सवः केन नाम्ना प्रसिद्धः अस्ति? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(घ) ‘यानोत्सवः’ इत्यस्य सन्धिविच्छेदं कुरुत।
(ङ) ‘एतेषु’ इत्यत्र का विभक्तिः?
उत्तराणि :
(क) भारतदेशः।
(ख) पुष्पोत्सवः।
(ग) पुष्पोत्सवः ‘फूलवालों की सैर’ इति नाम्ना प्रसिद्धः अस्ति।
(घ) यान + उत्सवः।
(ङ) सप्तमी।
2. देहल्याः मेहरौलीक्षेत्रे ………………… व्यजनानि नयन्ति।
हिन्दी-अनुवाद – देहली नगर के मेहरौली क्षेत्र में अक्टूबर के महीने में इस (पुष्पोत्सव) का आयोजन होता है। इस अवसर पर वहाँ अनेक प्रकार के फूल दिखाई देते हैं। परन्तु फूलों से बने हुए पंखे (इस उत्सव का) प्रमुख आकर्षण हैं। लोग इन फूलों के पंखों को योगमाया के मन्दिर में और बख्तियार काकी की समाधि स्थल (दरगाह) पर अर्पित करते हैं। कुछ (पंखे) गुलाब के फूलों से निर्मित, कुछ कनेर के फूलों से, अन्य गुड़हल के फूलों से, दूसरे चमेली के फूलों से तथा अन्य गेंदे के फूलों से निर्मित पंखों को ले जाते हैं।
पठित-अवबोधनम् –
प्रश्ना :
(क) पुष्पोत्सवस्य आयोजनं कस्मिन् मासे भवति? (एकपदेन उत्तरत)
(ख) जनाः पुष्पव्यजनानि कस्मिन् मन्दिरे नयन्ति? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) पुष्पोत्सवस्य प्रमुखम् आकर्षणं किम् अस्ति? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(घ) ‘तत्र बहुविधानि मा दृश्यन्ते।’ रिक्तस्थानं पूरयत।
(ङ) ‘अर्पयन्ति’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् अस्ति?
उत्तराणि :
(क) ऑक्टोबर्मासे।
(ख) योगमायामन्दिरे।
(ग) पुष्पोत्सवस्य प्रमुखम् आकर्षणं पुष्पनिर्मितानि व्यजनानि अस्ति।
(घ) पुष्पाणि।
(ङ) जनाः।
3. अयम् उत्सवः ……………………. सोत्साहसं च प्रचलति।
हिन्दी अनुवाद – यह उत्सव तीन दिनों तक चलता है। इन दिनों में पतंगों का उड़ाना, अनेक खेल और कुश्ती भी। चलती है। गत (पिछले) दो सौ वर्षों से पुष्पोत्सव लोगों को आनन्द देता आ रहा है। बीच में यह परम्परा स्थगित हो गई थी। परन्तु स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद यह सुन्दर परम्परा पुनः प्रारम्भ हो गई। पुष्पोत्सव आज भी उल्लासपूर्वक और उत्साहपूर्वक चलता है।
पठित-अवबोधनम् –
प्रश्ना:
(क) पुष्पोत्सवः कति दिवसं यावत् प्रचलति? (एकपदेन उत्तरत)
(ख) अद्यापि सोल्लासं कः प्रचलति? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) पुष्पोत्सवः कति वर्षेभ्यः जनान् आनन्दयति? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(घ) ‘परम्परा’ इत्यस्य विशेषणपदं किम्?
(ङ) “मध्ये इयं परम्परा स्थगिता आसीत्।” अत्र सर्वनामपदं किम्?
उत्तराणि :
(क) दिवसत्रयम्।
(ख) पुष्पोत्सवः।
(ग) पूष्पोत्सवः विगतेभ्यः द्विशतवर्षेभ्यः जनान् आनन्दयति।
(घ) मनोहारिणी।
(ङ) इयम्।