Chapter 13 ध्वनि

पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 157

प्रश्न 1.
अपने विद्यालय में आपको कैसे ज्ञात होता है कि कालांश (पीरियड), समाप्त हो गया है?
उत्तर:
जब घण्टी बजती है तब हम समझ जाते हैं कि पीरियड समाप्त हो गया है।

प्रश्न 2.
आँखों पर पट्टी बँधे होने पर भी उस खिलाड़ी को कैसे पता चला जाता है कि उसके सबसे समीप कोई खिलाड़ी है।
उत्तर:
जब समीप वाला खिलाड़ी आवाज (ध्वनि) करता है तो उसकी आवाज सुनकर आँखों पर पट्टी बँधे होने पर भी वह अनुमान लगा लेता है कि उसके समीप कोई खिलाड़ी है।

प्रश्न 3.
अपने आस-पास सुनाई देने वाली ध्वनियों की एक सूची बनाइए।
उत्तर:
आस-पास सुनाई देने वाली ध्वनियाँ:

  1. टेम्पो, बस, रिक्शा आदि के हॉर्नों की ध्वनि।
  2. रेलगाड़ी की ध्वनि।
  3. गली में आने-जाने वाले हॉकरों की ध्वनि।
  4. मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारे में बजने वाली लाउडस्पीकर की ध्वनि।
  5. म्यूजिक सिस्टम, टी.वी. आदि की ध्वनि।

प्रश्न 4.
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है? यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे पहुँचती है? कुछ ध्वनियाँ दूसरों की अपेक्षा प्रबल क्यों होती है?
उत्तर:
(1) जब कोई वस्तु कम्पन करती है तो ध्वनि उतपन्न होती है।

(2) वायु में रखी कोई वस्तु जब कम्पन करती है तब वस्तु की सतह के सम्पर्क वाले वायु के कण कम्पन करने लगते हैं। प्रत्येक कम्पित कण इन कम्पनों को अपने सम्पर्क वाले अन्य कणों में स्थानान्तरित करते चले जाते हैं। इन कम्पनों के फलस्वरूप ध्वनि एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचती है। इस प्रकार ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

(3) प्रबलता ध्वनि का वह गुण है जिससे ध्वनि कान को तीव्र या मन्द सुनाई देती है। ध्वनि की प्रबलता ध्वनि के कम्पन्न आयाम पर निर्भर करती है। वे ध्वनियाँ जिनका आयाम दूसरी ध्वनियों की अपेक्षा अधिक होगा वे दूसरों की अपेक्षा प्रबल होंगी।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 158

ध्वनि कम्पित वस्तुओं द्वारा उत्पन्न होती है।

प्रश्न 1.
विद्यालय की घण्टी को जब बज न रही हो, छूकर देखिए। आप कैसा अनुभव करते हैं?
उत्तर:
घण्टी में कुछ नहीं होता है।

प्रश्न 2.
जब वह ध्वनि उत्पन्न कर रही हो तो उसे पुनः छूकर देखिए। क्या आप इसे कम्पित होता हुआ अनुभव कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, वह इस समय कम्पन कर रही होती है।

क्रियाकलाप 13.1

प्रश्न 1.
क्या आप कम्पनों का अनुभव करते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम कम्पनों का अनुभव करते हैं।

प्रश्न 2.
प्लेट पर फिर से छड़ी से चोट मारिए तथा चोट मारने के तुरन्त बाद इसे अपने हाथों से कसकर पकड़ लीजिए। क्या आप अब भी ध्वनि सुन पाते हैं?
उत्तर:
नहीं, अब हम ध्वनि नहीं सुन पाते हैं।

प्रश्न 3.
जब प्लेट ध्वनि उत्पन्न करना बन्द कर दे तब इसे फिर से छूकर देखिए। क्या अब आप अपने कम्पनों का अनुभव कर पाते हैं?
उत्तर:
नहीं, अब हम अपने कम्पनों का अनुभव नहीं कर पाते हैं। अब कोई कम्पन नहीं है।

क्रियाकलाप 13.2

प्रश्न 1.
क्या आपको कोई ध्वनि सुनाई देती है?
उत्तर:
हाँ, रबड़ के छल्ले को खीचने से ध्वनि उत्पन्न होती है।

प्रश्न 2.
क्या रबड़ का छल्ला कम्पन करता है?
उत्तर:
हाँ, रबड़ का छल्ला कम्पन करता है।

क्रियाकलाप 13.3

प्रश्न 1.
क्या आप ध्वनि सुन पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, बहुत कम ध्वनि सुनाई देती है।

प्रश्न 2.
थाली पर पुनः आघात कीजिए और तब इसे छूकर देखिए। क्या आप थाली का कंपित होता अनुभव करते है।
उत्तर:
हाँ, थाली कम्पन कर रही है।

प्रश्न 3.
थाली पर पुनः आघात कीजिए। जल की सतह को देखिए। क्या आप वहाँ पर कोई तरंगें देख पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, जल की सतह पर वृत्ताकार तरंगें बन रही हैं।

प्रश्न 4.
अब थाली को पकड़िए। आप जल की सतह पर क्या परिवर्तन देखते हैं? क्या आप इस परिवर्तन की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
अब, पानी की सतह पर कोई तरंगें नहीं हैं। तरंगें अदृश्य हो गईं; क्योंकि थाली को पकड़ने से अवरोध उत्पन्न हो गया। इन विनाशी तरंगों के परिवर्तन का कारण थाली को पकड़ना है।

प्रश्न 5.
क्या इससे वस्तु के कम्पनों को ध्वनि के साथ जोड़ने का कोई संकेत मिलता है?
उत्तर:
हाँ, वस्तु में होने वाले कम्पन ध्वनि उत्पन्न करते हैं। यह ध्वनि और कम्पन के बीच सम्बन्ध को दर्शाता है।

क्रियाकलाप 13.4

प्रश्न 1.
नारियल का खोखला खोल लीजिए और इससे एक वाद्य यंत्र ‘एकतारा’ बनाइए। इस वाद्ययन्त्र को बजाइए और इसके कम्पायमान भाग को पहचानिए।
उत्तर:
इस वाद्ययन्त्र का कम्पायमान भाग तना हुआ तार है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 159

प्रश्न 1.
सुपरिचित वाद्ययन्त्रों की एक सूची बनाइए और इनके कम्पायमान भागों को पहचानिए। कुछ उदाहरण निम्नांकित सारणी में दिए गए हैं। शेष सारणी को पूरा कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
क्या आप इस प्रकार के कुछ अन्य वाद्ययन्त्रों के नाम बता सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ढपली, ड्रम, बोन्गो, ड्रम।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 160

प्रश्न 1.
जब हम बोलते हैं तो क्या हमारे शरीर का कोई भाग कंपित होता है?
उत्तर:
हाँ, जब हम बोलते हैं तो हमारे वाक्-तन्तु कंपित होते हैं।

मनुष्यों (मानवों) द्वारा उत्पन्न ध्वनि

प्रश्न 1.
कुछ समय तक जोर से बोलिए या गाना गाइए अथवा भौरे की तरहगुंजन कीजिए। अपने हाथ को अपने कंठ पर रखिए। क्या आपको कुछ कम्पनों का अनुभव होता है?
उत्तर:
हाँ, जब कम्पन होते हैं तब ध्वनि उत्पन्न होती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 161

ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है

प्रश्न 1.
जब आप कुछ दूरी पर खड़ी अपनी सहेली को पुकारती है तो आपकी सहेली आपकी आवाज को सुन पाती है। उसके पास तक आपकी ध्वनि कैसे पहुँचती है?
उत्तर:
मेरी ध्वनि मेरी सहेली तक हवा के माध्यम द्वारा पहुँचती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 161-162

क्रियाकला 13.7

प्रश्न 1.
क्या गिलास में से वायु खींचने पर घंटी की ध्वनि धीमी हो जाती है।
उत्तर:
हाँ, गिलास में से वायु खींचने पर घंटी की आवाज धीमी हो जाती है।

प्रश्न 2.
गिलास को अपने मुँह से हटाइए। क्या ध्वनि फिर से प्रबल हो जाती है?
उत्तर:
हाँ, ध्वनि फिर से प्रबल हो जाती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 162

प्रश्न 1.
क्या आप ऐसा सोच सकते हैं कि ऐसा क्यों हुआ?
उत्तर:
हाँ, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ध्वनि को संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। प्रथम स्थिति में, जब गिलास से वायु निकाल ली गई तो ध्वनि की गति धीमी हो गई। द्वितीय स्थिति में, जब गिलास से वायु खींचना रोक दिया तो ध्वनि फिर से प्रबल हो गई क्योंकि गिलास में पुनः वायु आने लगी।

प्रश्न 2.
क्या यह सम्भव है कि गिलास में वायु की मात्रा कम होने और घण्टी की प्रबलता कम होने में कोई सम्बन्ध है?
उत्तर:
हाँ, गिलास में वायु की मात्रा/आयतन कम होने से ध्वनि की प्रबलता घट जाती है।

प्रश्न 3.
क्या ध्वनि द्रवों में संचरित होती है?
उत्तर:
हाँ, ध्वनि द्रवों में भी संचरित होती है।

क्रियाकलाप 13.8

प्रश्न 1.
क्या आप घण्टी की ध्वनि सुन पाते हैं? क्या इससे पता चलता है कि ध्वनि का संचरण द्रवों में हो सकता है?
उत्तर:
हाँ, हम घण्टी की ध्वनि सुन पाते हैं। हाँ, इससे पता चलता है कि ध्वनि का संचरण द्रवों में हो सकता है।

क्रियाकला 13.9

प्रश्न 1.
क्या आप खरोंचने की ध्वनि सुन पाते हैं? अपने आस-पास खड़े हुए मित्रों से पूछिए कि क्या वे भी इस ध्वनि को सुन पाए?
उत्तर:
हाँ, हम खरोंचने की ध्वनि सुन सकते हैं। लेकिन मेरे आस-पास खड़े हुए मित्र इस ध्वनि को नहीं सुन पाए।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 163

प्रश्न 1.
क्या आप कह सकते हैं कि ध्वनि डोरियों में भी गमन कर सकती है?
उत्तर:
हाँ, हम कह सकते हैं कि ध्वनि धातुओं की डोरियों में गमन कर सकती है।

प्रश्न 2.
अब तक हमने सीखा कि कम्पायमान वस्तुएँ ध्वनि उत्पन्न कर सकती हैं तथा वह किसी माध्यम में सभी दिशाओं में संचरित हो सकती है। इस ध्वनि को हम सुनते कैसे हैं?
उत्तर:
जब ध्वनि हमारे कान में प्रवेश करती है तो यह एक नली से गुजर कर कर्ण पटह तक पहुँचती है। ध्वनि के कम्पन कर्ण पटह को कम्पित कर देते हैं। कर्ण पटह कम्पनों को आंतर कर्ण तक भेज देता है। वहाँ से संकेतों को मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है। इस प्रकार हम ध्वनि सुन पाते हैं।

क्रियाकलाप 13.10

प्रश्न 1.
देखिए अन्न के दानों का क्या होता है? अन्न के दाने ऊपर और नीचे क्यों उछलते हैं?
उत्तर:
अन्न के दाने तनी हुई रबड़ के ऊपर, ऊपर और नीचे तेजी से उछलते हैं। अन्न के दाने ऊपर और नीचे इसलिए उछलते हैं क्योंकि तानित रबड़ में कम्पन हो रहे हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 164

कंघन का आयाम, आवर्तकाल तथा आवृत्ति

प्रश्न 1.
यदि कोई वस्तु एक सेकण्ड में 20 दोलन पूरे करती है तो इसकी आवृत्ति क्या होगी?
उत्तर:
इस वस्तु की आवृत्ति 20 हर्ट्ज होगी।

प्रश्न 2.
ध्वनि उत्पन्न करने वाली वस्तु को देखे बगैर भी आप अनेक सुपरिचित ध्वनियों को पहचान सकते हैं। यह कैसे सम्भव हो पाता है?
उत्तर:
यह ध्वनियों के आयामों और आवृत्तियों की पहचान के द्वारा सम्भव है।

प्रश्न 3.
क्या हम ध्वनियों में उनके आयामों तथा आवृत्तियों के आधार पर अन्तर कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम ध्वनियों में उनके आयामों तथा आवृत्तियों के आधार पर अन्तर कर सकते हैं।

प्रबलता तथा तारत्व

क्रियाकलाप 13.11

प्रश्न 1.
क्या गिलास पर जोर से आघात करने पर ध्वनि अधिक प्रबल हो जाती है?
उत्तर:
हाँ, गिलास पर जोर से आघात करने पर ध्वनि अधिक प्रबल हो जाती है।

प्रश्न 2.
किस स्थिति में आयाम अधिक है?
उत्तर:
पहली स्थिति में आयाम अधिक है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 165

प्रश्न 1.
किसी बच्चे की ध्वनि की तुलना एक वयस्क से कीजिए। क्या इनमें कुछ अन्तर है?
उत्तर:
हाँ, दोनों की ध्वनि में अन्तर है।

प्रश्न 2.
मैं चकित हूँ कि मेरी आवाज मेरे अध्यापक से भिन्न क्यों है?
उत्तर:
मनुष्य की आवाज, आवाज के आयाम पर निर्भर करती है। यदि कम्पनों का आयाम अधिक होता है तब ध्वनि की तीक्ष्णता/तारत्व अधिक प्रबल होती है। जब आयाम कम होता है तो ध्वनि मन्द होती है। यही कारण है कि बूझो की आवाज उसके अध्यापक से भिन्न है क्योंकि दोनों की आवाजों के आयाम भिन्न हैं।

पाठ्य-पुस्तक या # 166

प्रश्न 1.
आप प्रतिदिन बच्चों तथा वयस्कों की आवाजें सुनते हैं। क्या आप उनकी आवाजों में कोई अन्तर पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम उनकी आवाजों में अन्तर पाते हैं।

प्रश्न 2.
क्या आप कह सकते हैं कि बच्चे की आवाज की आवृत्ति वयस्क की आवृत्ति से अधिक है?
उत्तर:
बच्चे की आवाज उच्च तारत्व की होती है जबकि । वयस्क की आवाज निम्न तारत्व की होती है। यद्यपि वयस्क की ध्वनि प्रबल और बच्चे की ध्वनि दुर्बल होती हैं। यही कारण है कि बच्चे की आवाज की आवृत्ति वयस्क की आवृत्ति से अधिक होती है।

श्रव्य तथा अश्रव्य ध्वनियाँ

प्रश्न 1.
क्या हम सभी कंपायमान वस्तुओं की ध्वनियाँ सुन सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, हम सभी कंपायमान वस्तुओं की ध्वनियाँ सुन सकते हैं। हम केवल 20 हर्ट्स से 20,000 हर्ट्ज के बीच की
आवृत्ति वाली ध्वनियाँ सुन सकते हैं।

शोर तथा संगीत

प्रश्न 1.
हम अपने चारों ओर विभिन्न प्रकार की ध्वनियाँ सुनते हैं। क्या ध्वनि सदैव सुखद होती है? क्या ध्वनियाँ कभी-कभी आपको कष्ट पहुँचाती हैं?
उत्तर:
हाँ, हम अपने चारों ओर विभिन्न प्रकार की ध्वनियाँ सुनते हैं। नहीं, ये सभी ध्वनियाँ, सदैव सुखद नहीं होती हैं। कुछ ध्वनियाँ हमें सुखद लगती हैं और कुछ अच्छी नहीं लगती हैं।

प्रश्न 2.
क्या निर्माण स्थल से आने वाली ध्वनियाँ सखद प्रतीत होती हैं?
उत्तर:
नहीं, निर्माण स्थल से आने वाली ध्वनियाँ सुखद प्रतीत नहीं होती हैं। वास्तव में ये ध्वनियाँ अप्रिय होती हैं।

प्रश्न 3.
क्या आपको बसों ओर ट्रकों के हॉर्न (horns) की ध्वनियाँ अच्छी लगती हैं?
उत्तर:
नहीं, बसों और ट्रकों के हॉर्न की ध्वनियाँ हमें अच्छी नहीं लगती हैं। ये ध्वनियाँ भी अप्रिय लगती हैं।

प्रश्न 4.
कक्षा में यदि सभी विद्यार्थी एक साथ बोलें तो खान टोने वाली प्रतनिको म्या कहेंगे?
उत्तर:
यदि, कक्षा में सभी विद्यार्थी एक साथ बोलें तो उत्पन्न होने वाली ध्वनि को हम शोर कहेंगे।

प्रश्न 5.
लेकिन यदि संगीत अत्यन्त प्रबल हो जाए, तब भी क्या ये संगीत रहेगा?
उत्तर:
नहीं, यदि संगीत अत्यन्त प्रबल हो जाए, तब ये संगीत नहीं रहेगा।

ध्वनि प्रदूषण

प्रश्न 1.
क्या आप ध्वनि प्रदूषण के कुछ स्रोतों की सूची बना सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ध्वनि प्रदूषण के कुछ स्रोत निम्नलिखित हैं –

  1. निर्माण स्थल से आने वाली ध्वनियाँ।
  2. बसों और ट्रकों के हॉर्न से उत्पन्न ध्वनियाँ।
  3. टी.वी. के चलने, रेडियो तथा लाउडस्पीकर के उच्च आवाज में बजने से उत्पन्न ध्वनियाँ।
  4. पटाखों के फटने से उत्पन्न ध्वनि।
  5. कारखानों में मशीनों के चलने से उत्पन्न ध्वनि।
  6. कूलर एवं वातानुकूलक आदि सभी ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं।

प्रश्न 2.
घर में कौन-से स्रोत ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न कर सकते हैं?
उत्तर:
घर में ऊँची आवाज में चलाए गए टेलिविजन, ट्रान्जिस्टर तथा रेडियो, रसोई घर के कुछ उपकरण, कूलर, वातानुकूलकं आदि ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न कर सकते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 167

ध्वनि प्रदूषण को सीमित रखने के उपाय

प्रश्न 1.
ध्वनि को नियन्त्रित करने के लिए हमें ध्वनि के स्रोतों पर नियन्त्रण करना चाहिए। यह कैसे किया जा सकता है?
उत्तर:
इसके लिए वायुयानों के इंजनों, यातायात के वाहनों, औद्योगिक मशीनों तथा घरेलू उपकरणों में ध्वनि अवरोधक/आवाज कम करने के यन्त्र लगाने चाहिए।

प्रश्न 2.
आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण को कैसे नियन्त्रित किया जा सकता है?
उत्तर:
आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण को निम्न प्रकार से नियन्त्रित किया जा सकता है –

  1. ध्वनि उत्पन्न करने वाले क्रियाकलापों को आवासीय क्षेत्र से दूर स्थापित करना चाहिए।
  2. ध्वनि उत्पन्न करने वाले उद्योगों को आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित करना चाहिए।
  3. स्वचालित वाहनों के हॉर्न का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
  4. टेलीविजन तथा संगीत निकायों की ध्वनि प्रबलता कम रखनी चाहिए।
  5. सड़कों तथा भवनों के आसपास पेड़ लगाने चाहिए, जिससे कि ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके।

पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सही उत्तर चुनिएध्वनि संचरित हो सकती है –

  1. केवल वायु या गैसों में।
  2. केवल ठोसों में।
  3. केवल द्रवों में।
  4. ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।

उत्तर:
ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।

प्रश्न 2.
निम्न में से किस वाक् ध्वनि कीआवृत्ति न्यूनतम होने की सम्भावना है –

  1. छोटी लड़की की।
  2. छोटे लड़के की।
  3. पुरुष की।
  4. महिला की।

उत्तर:
छोटी लड़की की।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने ‘T’ तथा गलत कथन के सामने ‘F’ पर निशान लगाइए –

  1. ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती। (T/F)
  2. किसी कम्पित वस्तु के प्रति सेकण्ड होने वाले दोलनों की संख्या को इसका आवर्तकाल कहते हैं। (T/F)
  3. यदि कम्पन का आयाम अधिक है तो ध्वनि मंद होती है। (T/F)
  4. मानव कानों के लिए श्रव्यता का परास 20 Hz से 20,000 Hz है। (T/F)
  5. कम्पन की आवृत्ति जितनी कम होगी तारत्व उतना ही अधिक होगा। (T/F)
  6. अवांछित या अप्रिय ध्वनि को संगीत कहते हैं। (T/F)
  7. ध्वनि प्रदूषण आंशिक श्रवण अशक्तता उत्पन्न कर सकता है। (T/F)

उत्तर:

  1. सत्य।
  2. असत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।
  6. असत्य।
  7. सत्य।

प्रश्न 4.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. किसी वस्तु द्वारा एक दोलन को पूरा करने में लिए गए समय को …….. कहते हैं।
  2. प्रबलता कम्पन के ……… से निर्धारित होती है।
  3. आवृत्ति का मात्रक …….है।
  4. अवांछित ध्वनि को ……… कहते हैं।
  5. ध्वनि की तीक्ष्णता कम्पनों की …….. से निर्धारित होती है।

उत्तर:

  1. आवर्तकाल।
  2. आयाम।
  3. हों।
  4. शोर।
  5. आवृत्ति।

प्रश्न 5.
एक दोलक 4 सेकण्ड में 40 बार दोलन करता है। इसका आवर्तकाल तथा आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
आवर्तकाल-एक दोलन को पूरा करने में लगा समय –

प्रश्न 6.
एक मच्छर अपने पंखों को 500 कम्पन प्रति सेकण्ड की औसत दर से कम्पित करके ध्वनि उत्पन्न करता है। कम्पन का आवर्तकाल कितना है?
हल:
500 कम्पन करने में लगा समय = 1 सेकण्ड

प्रश्न 7.
निम्न वाद्ययन्त्रों में उस भाग को पहचानिए जो ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कम्पित होता है –

  1. ढोलक।
  2. सितार।
  3. बाँसुरी।

उत्तर:

  1. ढोलक – तनी हुई झिल्ली।
  2. सितार – तने हुए तार।
  3. बाँसुरी – वायु स्तम्भ।

प्रश्न 8.
शोर तथा संगीत में क्या अन्तर है? क्या कभी संगीत शोर बन सकता है?
उत्तर:

  1. शोर: कानों को अप्रिय लगने वाली अवांछित ध्वनि को शोर कहते हैं।
  2. संगीत: सुस्वर ध्वनि को संगीत कहते हैं। यह सुखद होती है।

हाँ, संगीत की कभी-कभी शोर बन सकता है यदि संगीत अत्यन्त प्रबल हो जाए।

प्रश्न 9.
अपने वातावरण में ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों की सूची बनाइए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत:

  1. वाहनों की ध्वनियाँ।
  2. पटाखों का फटना (विस्फोट)।
  3. कारखानों में मशीनों के चलने से उत्पन्न आवाज।
  4. तेज गति से चलने वाले कूलर।
  5. ऊँची आवाज में चलाए जाने वाले. टी.वी., रेडियो, लाउडस्पीकर आदि।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए कि ध्वनि प्रदूषण मानव के लिए किस प्रकार से हानिकारक है?
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण मानव के लिए निम्न प्रकार से हानिकारक है –

  1. ध्वनि प्रदूषण से अनेक स्वास्थ सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे-अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, तनाव, चिन्ता इत्यादि।
  2. व्यक्ति के सुनने की क्षमता अस्थायी अथवा स्थायी रूप से कम हो जाती है।

प्रश्न 11.
माता-पिता एक मकान खरीदना चाहते हैं। उन्हें एक मकान सड़क के किनारे पर तथा दूसरा सड़क से तीन गली छोड़कर देने का प्रस्ताव किया गया है। आप अपने माता-पिता को कौन-सा मकान खरीदने का सुझाव देंगे? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हम अपने माता-पिता को सड़क से तीन गली छोड़कर मकान खरीदने का प्रस्ताव देंगे। इस मकान में ध्वनि प्रदूषण, शोर आदि सड़क के किनारे बने मकान की अपेक्षा कम होगा। क्योंकि सड़क के किनारे बने मकान में वाहनों की ध्वनियाँ काफी अधिक सुनाई देंगी। इससे स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं तथा सुनने की क्षमता भी प्रभावित होगी। इसके अतिरिक्त वायु प्रदूषण भी काफी होगा। अतः सड़क से तीन गली छोड़कर मकान लेना ही उचित रहेगा।

प्रश्न 12.
मानव वाक्यन्त्र का चित्र बनाइए तथा इसके कार्य की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य में वाक्यन्त्र श्वास नली के ऊपरी सिरे पर होता है। इसका कार्य ध्वनि उत्पन्न करना है। वाक्यन्त्र के आर-पार दो तनित अवस्था में वाक्-तन्तु होते हैं उनके बीच में वाय के निकलने के लिए एक संकीण झिरी बनी होती है। जब
फेफड़ों से वायु झिरों में होकर बाहर निकलती है तो वाक्-तन्तु कम्पित होते हैं।

वाक्-तन्तुओं के कम्पित होने से ध्वनि उत्पन्न होती है। वाक्-तन्तुओं से जुड़ी माँसपेशियाँ तन्तुओं को तना हुआ या ढीला कर सकती हैं। जब वाक्-तन्तु तने हुए या पतले होते हैं तब वाक् ध्वनि का प्रकार उस वाक्-ध्वनि से भिन्न होता है जब वे ढीले व मोटे होते हैं।

प्रश्न 13.
आकाश में तड़ित तथा मेघ गर्जन की घटना एक समय पर तथा हमसे समान दूरी पर घटित होती है। हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देता है। क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हमें तड़ित पहले दिखाई देने तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देने का कारण यह है कि वायु में प्रकाश की चाल = (3 × 108 मी/सेकण्ड), ध्वनि की चाल (330/सेकण्ड) से काफी अधिक है। इसलिए हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देती है।

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