Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासा
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न – अभ्यास
  प्रश्न 1.
  
  उच्चारणं कुरुत –
  मन्त्री – कर्मकरा: – निर्माणम्
  
  जिज्ञासा – भ्रात्रा – पित्रे .
  
  भ्रातृणाम् – उद्घाटनार्थम् – पितृभ्याम्
  
  नेतरि – अपृच्छत् – चिन्तयन्ती
  
  उत्तर:
  
  स्वयं उच्चारण कीजिए।
  प्रश्न 2.
  
  अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत –
  (क) कस्याः महती जिज्ञासा वर्तते ?
  
  (ख) मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?
  
  (ग) सेतोः निर्माण के अकुर्वन् ?
  
  (घ) सेतोः निर्माणाय कर्मकराः प्रस्तराणि कुतः आनयन्ति ?
  
  (ङ) के सर्वकाराय धनं प्रयच्छन्ति ?
  
  उत्तर:
  
  (क) अनारिकायाः
  
  (ख) सेतोः उद्घाटनार्थम्
  
  (ग) कर्मकराः
  
  (घ) पर्वतेभ्यः
  
  (छ) प्रजाः ।
  प्रश्न 3.
  
  रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
  (क) अनारिकायाः प्रश्नः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति।
  
  (ख) मन्त्री सेतो: उद्घाटनार्थम् आगच्छति।
  
  (ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणम् कुर्वन्ति।
  
  (घ) पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतोः निर्माणं भवति।
  
  (ङ) जनाः सर्वकाराय देशस्य विकासार्थं धनं ददति।
  
  उत्तर:
  
  (क) कस्याः प्रश्नः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति?
  
  (ख) मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?
  
  (ग) के सेतो: निर्माणम् कुर्वन्ति ?
  
  (घ) केभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतो: निर्माण भवति?
  
  (ङ) जनाः कस्मै देशस्य विकासार्थं धनं ददति ?
  प्रश्न 4.
  
  उदाहरणानुसारं रूपाणि लिखत- .
 
  उत्तर:
 
  प्रश्न 5.
  
  कोष्ठकेभ्यः समुचितपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
  (क) अहं प्रातः ……….. सह भ्रमणाय गच्छामि। (पित्रा/पितुः)
  
  (ख) बाला आपणात् ………….. फलानि आनयति । (धातु:/भाने)
  
  (ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणस्य ………… भवन्ति । (कर्तारम/कर्तारः)
  
  (घ) मम ……………. तु एतेषां प्रश्नानाम् उत्तराणि अददात्। (पिता/पितरः)
  
  (ङ) तव ………. कुत्र जीविकोपार्जनं कुरुतः ? (भ्रातरः/धातरी)
  
  उत्तर:
  
  (क) पित्रा
  
  (ख) भ्रात्रे
  
  (ग) कर्तारः
  
  (घ) पिता
  
  (ङ) भ्रातरौ।
  प्रश्न 6.
  
  चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत –
   
  
  उत्तर:
  
  अयम् वर्षाकालः अस्ति।
  
  वर्षायाम् बाला: छत्रम् धारयन्ति ।
  
  ते बसयानम् आरोहन्ति।
  प्रश्न 7.
  
  अधोलिखितानि पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत –

बहुविकल्पी प्रश्न
निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् शुद्धम् उत्तरं चित्वा लिखत –
  प्रश्न 1.
  
  कस्याः प्रश्नः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति ?
  
  (क) अम्बिकायाः
  
  (ख) लतायाः
  
  (ग) मालायाः
  
  (घ) अनारिकायाः।
  
  उत्तर:
  
  (घ) अनारिकायाः।
  प्रश्न 2.
  
  मन्त्री कस्य उद्घाटनार्थम् आगच्छति ?
  
  (क) सेतोः
  
  (ख) आपणस्य
  
  (ग) विद्यालयस्य
  
  (घ) मन्दिरस्य।
  
  उत्तर:
  
  (क) सेतोः
  प्रश्न 3.
  
  ‘अवदत्’ पदे कः लकार: ?
  
  (क) लट्
  
  (ख) लृट्
  
  (ग) लङ्
  
  (घ) लोट्।
  
  उत्तर:
  
  (ग) लङ्
  प्रश्न 4.
  
  ‘पार्वे’ पदस्य विपरीतार्थकपदम् किम् अस्ति?
  
  (क) नीचैः
  
  (ख) सदा
  
  (ग) दूरे
  
  (घ) बहिः।
  
  उत्तर:
  
  (ग) दूरे
  प्रश्न 5.
  
  ‘प्रश्नान्’ पदे का विभक्तिः ?
  
  (क) प्रथमा
  
  (ख) द्वितीया
  
  (ग) तृतीया
  
  (घ) चतुर्थी।
  
  उत्तर:
  
  (ख) द्वितीया।
Summary
1. बालिकाया: ………… भ्रमति । (पृष्ठ 75)
हिन्दी सरलार्थ – बालिका अनारिका के मन में हमेशा बहुत अधिक जिज्ञासा होती है। इसलिए वह बहुत अधिक प्रश्न पूछती है। उसके प्रश्नों से सबकी बुद्धि चक्र की तरह घूम जाती है।
2. प्रातः उत्थाय …………. मन्त्री ददाति? (पृष्ठ 75-76)
हिन्दी सरलार्थ – सुबह उठकर उसने अनुभव किया कि उसका मन प्रसन्न नहीं है। मनोरंजन के लिए वह घूमने के लिए घर से बाहर चली गई और देर तक घूमती रही। घूमते समय उसने देखा कि रास्ते सजे हुए हैं। क्या कारण है’ यह सोचती हुई उसे याद आया कि आज तो मन्त्री जी आएंगे। वे क्यों आएंगे इस विषय में उसकी जिज्ञासा शुरू हुई। उस जिज्ञासा को शांत करने के लिए वह घर लौट आई और पिता से पूछा-पिताजी ! मन्त्री जी क्यों आ रहे हैं। पिता बोले-पुत्रि | नदी के ऊपर जो नया पुल बना है, उसके उदघाटन के लिए मंत्री जी आ रहे हैं। अनारिका ने फिर पूछा-क्या मन्त्री जी ने पल का निर्माण किया है? पिता ने कहा-नहीं मजदूरों ने किया है। फिर अनारिका का प्रश्न था-यदि मजदूरों ने पुल का निर्माण किया है, तब मंत्रीजी क्यों आ रहे हैं। पिता बोलेक्योंकि वे हमारे देश के मंत्री हैं। पिताजी ! पुल के निर्माण के लिए पत्थर कहाँ से आते हैं ? क्या उन्हें मंत्री जी देते हैं।
3.विरक्तभावेन पिता ………………. आगच्छति? (पृष्ठ 76)
हिन्दी सरलार्थ – विरक्त भाव से पिता ने उत्तर दिया-अनारिका ! पत्थर लोग पर्वतों से लाते हैं। “पिताजी ! तो क्या, इसके लिए मंत्री जी धन देते हैं ? उसके पास धन कहाँ से आता है। इन प्रश्नों को सुनकर पिता बोले-अरे ! प्रजा सरकार को धन देती है। हैरान अनारिका ने फिर पूछा-पिताजी ! यदि मजदूर पर्वतों से पत्थर लाकर पुल बनाते हैं, प्रजा सरकार को धन देती है, तो मंत्री जी पुल के उद्घाटन के लिए क्यों आ रहे हैं।
4. बहून् प्रश्नान् …..प्रश्नाः सन्ति । (पृष्ठ 76)
हिन्दी सरलार्थ – अनेक प्रश्नों के उत्तर देते हुए पिता बोले-पहले ही मैंने कहा था कि वे ही देश के मंत्री हैं। बहुत ज्यादा प्रश्न करती हो। चलो, तैयार होकर विद्यालय जाओ। अब भी अनारिका के मन में बहुत प्रश्न हैं।