Chapter 20 बाल कल्याण की आधुनिक गतिविधियाँ, संगठन

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
शिशु सुरक्षा के संगठन हैं।
(a) भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी
(b) यूनिसेफ
(c) कस्तूरबा गाँधी ट्रस्ट
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 2.
यूनीसेफ की स्थापना कब हुई थी? (2005, 16)
(a) वर्ष 1945
(b) वर्ष 1949
(c) वर्ष 1946
(d) वर्ष 1944
उत्तर:
(c) वर्ष 1946

प्रश्न 3.
यूनीसेफ का मुख्यालय कहाँ है?
(a) पेरिस
(b) न्यूयॉर्क
(C) टोकियो
(d) हेग
उत्तर:
(b) न्यूयॉर्क

प्रश्न 4.
यूनीसेफ का क्या कार्य है? (2014)
(a) वन जीवों की सुरक्षा करना.
(b) माता एवं शिशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा करना
(c) सैनिकों की सुरक्षा करना
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(b) माता एवं शिशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा करना

प्रश्न 5.
भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मुख्य कार्यालय है।
(a) दिल्ली
(b) कोलकाता
(C) मुम्बई
(d) हैदराबाद
उत्तर:
(a) दिल्ली

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान, भारत सरकार के किस मन्त्रालय के अन्तर्गत कार्यरत् है?
(a) महिला एवं बाल विकास मन्त्रालय
(b) युवा मामले का मन्त्रालय
(c) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(a) महिला एवं बाल विकास मन्त्रालय

प्रश्न 7.
एकीकृत बाल विकास योजना का लक्ष्य है।
(a) छ: वर्ष तक के बच्चों को पोषण
(b) गर्भवती महिलाओं को उत्तम स्वास्थ्य
(c) स्तनपान कराने वाली माताओं का पोषण
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(d) उपरोक्त सभी

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक, 25 शब्द)

प्रश्न 1.
बाल कल्याण से क्या तात्पर्य है? (2005)
अथवा
बाल कल्याण संगठन के कार्य क्या है? (2018)
उत्तर:.
शिशु के जन्म एवं उसके उचित पालन-पोषण के लिए नियमों एवं उपायों का व्यवस्थित अध्ययन एवं उस अध्ययन का क्रियान्वयन करना बाल कल्याण कहलाता है।

प्रश्न 2.
रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा मातृ एवं बाल कल्याण के लिए क्या कार्य किया जाता है?
उत्तर:
यह सोसायटी अनाथालय एवं अस्पतालों में असहाय लोगों को नि:शुल्क दूध एवं दवाइयाँ आदि सामग्री वितरित करती है।

प्रश्न 3.
कस्तूरबा गाँधी ट्रस्ट के द्वारा मातृ एवं बाल कल्याण के लिए कौन-सा कार्य किया जाता है?
उत्तर:
यह संस्था गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव के बाद प्रत्येक प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करती है; जैसे-नि:शुल्क दूध एवं दवा का वितरण, प्रसव सम्बन्धी जागरूकता फैलाना इत्यादि।

प्रश्न 4.
भारत में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड’ किस मन्त्रालय के अधीन कार्य करता है?
उत्तर:
भारत में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड केन्द्रीय मानव संसाधन मन्त्रालय के अधीन कार्य करता है।

प्रश्न 5.
शिशु कल्याण योजनाएँ कौन-कौन सी हैं? (2006)
उत्तर:
एकीकृत बाल विकास सेवा योजना, इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना, जननी सुरक्षा योजना आदि केन्द्र प्रायोजित मातृ एवं बाल कल्याण योजनाएँ हैं।इसके अतिरिक्त मातृ-शिशु कल्याण केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि की स्थापना भी बाल कल्याण कार्यक्रम के अंग हैं।

प्रश्न 6.
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ पर बनाए गए हैं? (2009)
उत्तर:
हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्रों के सभी विकास खण्डों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए गए हैं।

प्रश्न 7.
बाल कल्याण कार्यक्रमों की सफलता हेतु दो सुझाव बताइए।
उत्तर:
बाल कल्याण कार्यक्रमों की सफलता हेतु दो सुझाव निम्नलिखित हैं।

  1. कार्यक्रमों के समय-समय पर निरीक्षण हेतु एक उत्तरदायी एवं निरपेक्ष संस्था की व्यवस्था होनी चाहिए।
  2. बाल कल्याण कार्यक्रमों एवं नीतियों के क्रियान्वयन में स्थानीय संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक, 50 शब्द)

प्रश्न 1.
बाल कल्याण कार्यक्रमों के असन्तोषजनक परिणामों के कारणों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद से ही भारत जैसे देश में विभिन्न संस्थाओं एवं सरकार द्वारा बाल कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए गए हैं, लेकिन आज भी इन योजनाओं का लाभ पूरी तरह से वांछित लोगों तक नहीं पहुँच पाता है, इसके निम्नलिखित कारण हैं।

  1. मातृ एवं शिशु कल्याण के कार्यक्रम बन तो जाते हैं, लेकिन वे फाइलों में ही बन्द पड़े रहते हैं, उनका क्रियान्वयन उचित तरीके से नहीं हो पाता है।
  2. बाल कल्याण कार्यक्रम के लिए देश के लगभग प्रत्येक कोने में केन्द्र स्थापित किए गए, लेकिन इन केन्द्रों में आवश्यक सामग्री प्राप्त नहीं हो पाती है।
  3. दूध पिलाने वाली माताओं के लिए नि:शुल्क दिया जाने वाला दूध, औषधि एवं अन्य सामग्री चोरी कर ली जाती है।
  4. अनेक केन्द्रों पर कुशल कर्मी नहीं हैं और जहाँ कुशल कर्मी हैं, तो वे ठीक से अपना काम नहीं करते हैं।
  5. अशिक्षा के कारण ग्रामीण महिलाएँ इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पाती हैं।
  6. इन सबके अतिरिक्त अस्पतालों में अशिक्षित एवं गरीब ग्रामीणों से अवैध | वसूली की जाती है। उनसे सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार नहीं किया जाता है, जिससे परेशान होकर वे अस्पताल जाने से डरते हैं।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (5 अंक, 100 शब्द)

प्रश्न 1.
बाल कल्याण संगठन और संस्थाओं के प्रकार। (2018)
अथवा
बाल कल्याण से आपका क्या अभिप्राय है? विभिन्न बाल कल्याणकारी योजनाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए। ‘बाल कल्याण आन्दोलन’ का उल्लेख करें (2006, 17)
अथवा
विभिन्न आधुनिक मातृ एवं शिशु कल्याण संगठनों एवं सेवाओं के बारे में विस्तार से लिखिए। (2006)
अथवा
बाल कल्याण संगठन क्या हैं? बाल कल्याण संगठन के कार्यों का वर्णन कीजिए। (2011)
अथवा
बाल कल्याण से आपका क्या अभिप्राय है? बाल कल्याण के लिए आजकल शासकीय और अशासकीय कौन-कौन सी योजनाएँ हैं? वर्णन कीजिए। | (2009, 10, 16)
उत्तर:
ऐसे कार्यक्रम, जिनसे बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित किया जा सके, बाल कल्याण कार्यक्रम कहलाता है। बाल कल्याण कार्यक्रम के | अन्तर्गत माताओं की देखभाल भी शामिल होती है, क्योंकि जब माँ स्वस्थ होगी तभी बच्चा भी स्वस्थ होगा। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विभिन्न नगरों एवं ग्रामों में बाल कल्याण की योजनाओं को जरूरतमन्दों तक पहुँचाने के लिए विभिन्न संस्थाओं एवं संगठनों की स्थापना की गई है। ये संगठन सरकारी एवं गैर-सरकारी दोनों प्रकार के होते हैं। सरकार द्वारा व्यापक रूप से बॉल कल्याण के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। विभिन्न संगठनों एवं सरकार द्वारा संचालित बाल कल्याण कार्यक्रम का योगदान इस प्रकार है।

बाल कल्याण संगठन
इन संगठनों का सामान्य परिचय निम्नलिखित है

यूनीसेफ
द्वितीय विश्वयुद्ध से पीड़ित माताओं एवं । बच्चों के कल्याण के लिए इस संगठन की बाल कल्याण संगठन स्थापना वर्ष 1946 में की गई। इसके द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी सहायता दी जाती है। संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं बालकों के पोषण के सम्बन्ध में यह संगठन विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health संस्थाएँ। Organisation) और खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organisation) की भी सहायता करता है।

केयर
इसके द्वारा बाल कल्याण के कार्य किए जाते हैं। यह संस्था मुख्यतः पोषण सम्बन्धी समस्याओं के समाधान का कार्य करती है।

भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी
इस संगठन का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। भारत में मातृ एवं बाल कल्याण के क्षेत्र में सर्वप्रथम इसी संगठन ने अपना योगदान दिया। यह संस्था अनाथालय एवं अस्पतालों में असहाय लोगों को निःशुल्क सामग्री वितरित करती है।

कस्तूरबा गाँधी ट्रस्ट
कस्तूरबा गाँधी ट्रस्ट विभिन्न नगरों एवं गाँवों में महिलाओं एवं शिशुओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार से सहायता करती है। यह संस्था प्रसवपूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव के बाद उत्पन्न समस्याओं के समाधान के बारे में ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने का भी काम करती है।

विकलांगों हेतु शिक्षा-प्रबन्धन संस्थाएँ
प्रत्येक समाज में कुछ ऐसे व्यक्ति होते हैं, जो अपने धन का उपयोग करके विकलांगों के लिए शिक्षा व्यवस्था का प्रबन्धन करते हैं। ऐसे परोपकारी व्यक्तियों एवं समाज सेवकों के कारण ही विकलांग बच्चे अपने जीवन में कुछ आनन्द प्राप्त कर पाते। हैं। भारत के अनेक नगरों में मूक-बधिर स्कूल स्थापित किए जा चुके हैं।

सरकार द्वारा संचालित बाल कल्याण कार्यक्रम
इन संगठनों के अतिरिक्त सरकार की ओर से भी विभिन्न स्तर पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

नगरों में बाल कल्याण सम्बन्धी योजनाएँ
विभिन्न नगरों में अनेक मातृ-शिशु कल्याण केन्द्र खोले गए हैं, जहाँ माँ और बच्चा दोनों के स्वास्थ्य की देखभाल की जाती है। इन केन्द्रों में विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं ।

प्रसव पूर्व की सुरक्षा इन केन्द्रों पर प्रसव से पूर्व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच के साथ नि:शुल्क परामर्श दिए जाते हैं, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।

प्रसव के दौरान की सुरक्षा प्रसव के लिए इन केन्द्रों पर सुव्यवस्थित प्रसवगृह की व्यवस्था की गई है, जहाँ प्रसव के दौरान महिलाओं को कुशल चिकित्सक एवं प्रशिक्षित नर्मों की सेवाएँ मिलती रहती हैं। ये सारी सुविधाएँ महिलाओं को नि:शुल्क दी जाती हैं।

प्रसव के बाद की सुरक्षा प्रसव के बाद माँ एवं बच्चा दोनों की नियमित जाँच की जाती है तथा रोगग्रस्त होने पर उनका नि:शुल्क उपचार किया जाता है।

गाँवों में बाल कल्याण सम्बन्धी योजनाएँ
सरकार के द्वारा गाँवों में जगह-जगह सामुदायिक विकास केन्द्रों की स्थापना की गई, जो लोगों को स्वास्थ्य से सम्बन्धित शिक्षा देते थे। इसके अतिरिक्त विकासखण्डों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आज लगभग सभी विकासखण्डों में प्राथमिक केन्द्र खोले जा चुके हैं। यहाँ ग्रामीणों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इन केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव के बाद देखभाल सम्बन्धी परामर्श दिया जाता है।

जन-स्वास्थ्य परिचारिका (स्वास्थ्यचर) जनस्वास्थ्य परिचारिकाओं द्वारा घर-घर जाकर स्वास्थ्य सम्बन्धी शिक्षा दी जाती है। ये ग्रामीण महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान एवं प्रसव के बाद दिए जाने वाले आहार के बारे में जानकारी देती हैं। प्रत्येक स्वास्थ्य परिचारिका को लगभग 200 गर्भवती महिलाओं, 200 शिशुओं और 700 बालकों, जिनकी आयु 3 से 4 वर्ष हो, की देखभाल करनी होती है।

दाइयों को प्रशिक्षित करना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव कराने के लिए प्रशिक्षित दाइयों की आवश्यकता होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में दाइयों के लोग घर पर भी प्रसव करा लेते हैं। अत: इनका प्रशिक्षित होना अतिआवश्यक है। इस प्रकार ग्रामीण महिलाएँ इन प्रशिक्षित दाइयों के सहयोग से अपने तथा अपने शिशु की रक्षा कर सकती हैं।

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