Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
अभ्यास प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
1. बहुराष्ट्रीय कंपनी का उद्देश्य होता है-
a. न्यूनतम लागत
b. अधिकतम लाभ
c. नवीनतम बाजारों की खोज
d. ये सभी । (d)
2. आयात पर कर है-
a. व्यापार अवरोधक
b. व्यापार संवर्धक
c. a और b दोनों
d. इनमें से कोई नहीं। (a)
3. वर्ष ………………. के दौरान आर्थिक नीतियों में दूरगामी परिवर्तन किए गए।
a. 1981
b. 1991
c. 2001
d. 2006 (b)
4. गत कुछ वर्षों से हमारा बाजार पूर्णतः ……………… हो गया है।
a. विकसित
b. परिवर्तित
c. संकुचित
d. इनमें से कोई नहीं । (a)
5. बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में दूरस्थ देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम था-
a. उत्पादन
b. उपभोग
c. व्यापार
d. परिवहन । (c)
6. देशों को जोड़ने से वैश्वीकरण के परिणाम होंगे-
a. उत्पादकों के बीच कम प्रतिस्पर्धा होगी
b. उत्पादकों के बीच अधिक प्रतिस्पर्धा होगी
c. उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा में परिवर्तन नहीं होगा
d. उपर्युक्त में से कोई नहीं । (b)
7. राष्ट्रों के मध्य माल व सेवा, निवेश व तकनीक के आदान-प्रदान किए जाने की प्रक्रिया को कहा जाता है-
a. निजीकरण
b. वैश्वीकरण
c. उदारीकरण
d. प्रतिस्पर्धा । (b)
8. भारत सरकार ने 1991 में व्यापार नियमों को उदार क्यों बनाया?
a. सरकार विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा के बराबर बनाए रखना चाहती थी।
b. सरकार पश्चिमी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहती थी।
C. सरकार चाहती थी कि भारतीय उत्पादक विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा करें।
d. सरकार चाहती थी कि सभी को सामाजिक-आर्थिक न्याय मिले। (c)
9. वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में दुत आवागमन देखा गया है-
a. देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का
b. देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
c. देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का
d. उपर्युक्त में से कोई नहीं । (b)
10. विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग है-
a. नए कारखानों की स्थापना
b. स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना
c. स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना
d. उपर्युक्त में से कोई नहीं । (b)
11. वैश्वीकरण ने अधिकतर किसके सुधार में सहायता पहुँचाई है-
a. सभी लोगों के
b. विकसित देशों के लोगों के
c. विकासशील देशों के श्रमिकों के
d. उपर्युक्त में से कोई नहीं (b)
12. जब कोई कंपनी एकाधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण रखती है तो उसे क्या कहते हैं?
a. लघु कंपनी
b. राष्ट्रीय कंपनी
c. बहुराष्ट्रीय कंपनी
d. सार्वजनिक कंपनी । (c)
13. बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उत्पादन प्रक्रिया विश्वभर में क्यों फैली हुई है?
a. ताकि उत्पादन की लागत कम हो और बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अधिक लाभ कमा सकें
b. प्रौद्योगिकी की लागत वसूल सकें
c. ताकि विश्व में एकाधिकार कायम कर सकें
d. उपर्युक्त सभी। (a)
14. भारत में केंद्र और राज्य सरकारों ने विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए कौन से कदम उठाए हैं?
a. विश्वस्तरीय बिजली, पानी, परिवहन आदि की सुविधाएँ प्रदान करना
b. प्रथम पाँच वर्ष में कोई कर न लेना
c. श्रम कानूनों को लचीला करना
d. उपर्युक्त सभी। (d)
15. बड़ी कंपनियों में दूरस्थ उत्पादकों के संबंध में क्या निर्धारण करने की प्रचंड क्षमता होती है?
a. मूल्य
b. गुणवत्ता
c. आपूर्ति व श्रम शर्तें
d. ये सभी। (d)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बहुराष्ट्रीय कंपनी से क्या आशय है?
उत्तर – एक बहुराष्ट्रीय कंपनी वह कंपनी है जो एक से अधिक देशों में स्थित अपनी इकाइयों के उत्पादन पर नियंत्रण अथवा स्वामित्व रखती है।
प्रश्न 2. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ मुख्यतः अपने कार्यालय कहाँ स्थापित करती हैं?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ मुख्यतः उन प्रदेशों में अपने कार्यालय तथा उत्पादन स्थापित करती हैं, जहाँ उन्हें उत्पादन के लिए सस्ता श्रम एवं अन्य संसाधन मिल सके।
प्रश्न 3. बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर- बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुख्य उद्देश्य उत्पादन लागत में कमी करना तथा अधिकतम लाभ कमाना है।
प्रश्न 4. निवेश किसे कहते हैं?
उत्तर – परिसंपत्तियों जैसे भूमि, भवन, मशीन और अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं।
प्रश्न 5. बीसवीं शताब्दी के मध्य तक उत्पादन की मुख्य विशेषता क्या थी?
उत्तर – बीसवीं शताब्दी के मध्य तक उत्पादन देश की सीमाओं के अंदर तक ही सीमित था ।
प्रश्न 6. बीसवीं शताब्दी में भारत में आयात-निर्यात का स्वरूप क्या था?
उत्तर- भारत से कच्चे माल एवं खाद्य पदार्थों का निर्यात होता था और निर्मित माल का आयात होता था।
प्रश्न 7. दूरस्थ देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम क्या था?
उत्तर – दूरस्थ देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम व्यापार था।
प्रश्न 8. विदेशी निवेश किसे कहते हैं?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं।
प्रश्न 9. निवेश क्यों किया जाता है?
उत्तर- विदेशी निवेश इस आशा से किया जाता है कि खरीदी गई परिसंपत्तियाँ लाभ अर्जित करेंगी।
प्रश्न 10. बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सबसे सरल रास्ता क्या है?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सबसे सरल रास्ता स्थानीय कंपनियों को खरीदना और उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना है।
प्रश्न 11. विदेश व्यापार का मूलभूत कार्य क्या होता है?
उत्तर – विदेश व्यापार का मूलभूत कार्य घरेलू बाजारों अर्थात् अपने देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करना होता है।
प्रश्न 12. विदेश व्यापार का मुख्य लाभ क्या है?
उत्तर – विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या एकीकरण में सहायक होता है।
प्रश्न 13. वैश्वीकरण क्या है?
उत्तर- विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है।
प्रश्न 14. वैश्वीकरण की प्रक्रिया में कौन मुख्य भूमिका निभा रहा है?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रही हैं।
प्रश्न 15. प्रौद्योगिकी ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को किस प्रकार उत्प्रेरित किया है?
उत्तर – प्रोद्योगिकी में तीव्र उन्नति ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को उत्प्रेरित किया है। उदाहरण के लिए, विगत पचास वर्षों में परिवहन प्रौद्योगिकी के विकास ने लंबी दूरियों तक वस्तुओं की तीव्र आपूर्ति को कम लागत पर संभव किया है।
प्रश्न 16. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के विकास में योगदान देने वाले मुख्य घटक बताइए।
उत्तर- टेलीफोन, मोबाइल फोन, फैक्स, कंप्यूटर, ई-मेल, वॉयस मेल, इंटरनेट आदि ।
प्रश्न 17. आयात पर कर को व्यापार अवरोधक क्यों माना जाता है?
उत्तर- आयात पर कर को इसलिए व्यापार अवरोधक माना जाता है क्योंकि यह व्यापार पर कुछ प्रतिबंध लगाता है।
प्रश्न 18. सरकारें व्यापार अवरोधक का प्रयोग किसलिए करती हैं?
उत्तर – सरकारें व्यापार अवरोधक का प्रयोग विदेश व्यापार को नियमित करने ( वृद्धि / कटौती करने) और देश में किस प्रकार की वस्तुएँ कितनी मात्रा में आयातित होनी चाहिए, यह निर्णय करने के लिए कर सकती हैं।
प्रश्न 19. सूचना प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण से किस प्रकार जुड़ी हुई है? व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- विश्व के सभी देशों से सम्पर्क साधने और इसके परिणामस्वरूप विचारों, व्यापार आदि को बढ़ावा देने के रूप में सूचना प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण से जुड़ी हुई है।
प्रश्न 20. भारत सरकार ने नवीन आर्थिक नीति की घोषणा कब की थी?
उत्तर- भारत सरकार ने नवीन आर्थिक नीति की घोषणा वर्ष 1991 में की थी।
प्रश्न 21. विदेश व्यापार के उदारीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – सरकार द्वारा विदेश व्यापार से अवरोधों अथवा प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को विदेश व्यापार का उदारीकरण कहते हैं।
प्रश्न 22. क्या आप मानते हैं कि फोर्ड मोटर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है। क्यों?
उत्तर- हाँ, फोर्ड मोटर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है क्योंकि मूल रूप से अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर्स विश्व के 26 देशों में अपना व्यापार कर रही है। यह विश्व की सबसे बड़ी मोटरगाड़ी निर्माता कंपनी है।
प्रश्न 23. विदेशी निवेश क्या है? फोर्ड मोटर्स ने भारत में कितना निवेश किया था?
उत्तर – किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा दूसरे देश में किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं। फोर्ड मोटर्स ने भारत में ₹ 1700 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
प्रश्न 24. भारत में फोर्ड मोटर्स द्वारा कारों के निर्माण से उत्पादन किस प्रकार परस्पर संबंधित होगा?
उत्तर – भारत में फोर्ड मोटर्स द्वारा कारों के निर्माण से उत्पादन परस्पर इस प्रकार संबंधित होगा कि भारत की अनेक छोटी-छोटी कंपनियाँ संयुक्त रूप से फोर्ड मोटर्स कम्पनी के साथ विनिर्माण केंद्रों का संचालन कर सकेंगी।
प्रश्न 25. कॉल सेंटर से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – कॉल सेंटर पर्याप्त दूर संचार सुविधाओं व इंटरनेट से सुसज्जित होता है जो विदेशी ग्राहकों को सूचना एवं मदद उपलब्ध कराता है।
प्रश्न 26. बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा निवेश किया?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने शहरी इलाकों के उद्योगों जैसे सेलफोन, मोटर गाड़ियों, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, ठंडे पेय पदार्थों और जंक खाद्य पदार्थों और बैंकिंग क्षेत्रों में ज्यादा निवेश किया है।
प्रश्न 27. भारत की कौन-कौन सी कंपनियाँ बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ हैं?
उत्तर – भारत की टाटा मोटर्स (मोटर गाड़ियाँ), इंफोसिस (आई०टी०), रैनबैक्सी ( दवाइयाँ), एशियन पेंट्स (पेंट), सुंदरम फास्नर्स ( नट और बोल्ट) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ बन चुकी हैं।
प्रश्न 28. वैश्वीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- अधिक विदेश व्यापार और अधिक विदेशी निवेश के कारण विभिन्न देशों के बाजारों एवं उत्पादनों में एकीकरण हो रहा है। विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है।
प्रश्न 29. प्रतिस्पर्धा से भारत के लोगों को कैसे लाभ हुआ है?
उत्तर – प्रतिस्पर्धा से भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद तथा अन्य कई उत्पाद बहुत सस्ते हो गए हैं तथा भारतीय व्यापार में भी वृद्धि हुई है।
प्रश्न 30. वैश्वीकरण को बढ़ावा देने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर – वैश्वीकरण को बढ़ावा देने वाले कारकों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उच्च प्रौद्योगिकी, यातायात के विकसित साधन, विश्व व्यापार संगठन, सूचना प्रौद्योगिकी आदि प्रमुख हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत में उत्पादन संयंत्र स्थापित करके फोर्ड मोटर्स जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ केवल भारत जैसे देशों के विशाल बाजार का ही लाभ नहीं उठाती हैं, बल्कि कम उत्पादन लागत का भी लाभ प्राप्त करती हैं। कथन की व्याख्या करें।
उत्तर – सामान्यतः बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन संयंत्र स्थापित करती हैं जो बाजार के निकट हो, जहाँ कम लागत पर कुशल व अकुशल श्रमिक उपलब्ध हों अन्य जहाँ उत्पादन के विभिन्न कारकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो तथा संबंधित देशों की सरकारी नीतियाँ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अनुकूल हों। इन समस्त सुविधाओं की उपलब्धता के कारण भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक पसंदीदा देश बन गया है। भारत में न केवल विशाल जनसंख्या के कारण विशाल बाजार उपलब्ध है, बल्कि कम लागत पर कुशल व अकुशल दोनों ही प्रकार के श्रमिक उपलब्ध हैं। फोर्ड मोटर्स जैसी अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भी भारत में इन्हीं सुविधाओं का लाभ उठाया है।
प्रश्न 2. न्यायसंगत वैश्वीकरण के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर— न्यायसंगत वैश्वीकरण के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-
(i) श्रमिक कानूनों का उचित कार्यान्वयन ।
(ii) छोटे उत्पादकों को कार्य निष्पादन के लिए सहायता प्रदान करना।
(iii) आवश्यकता पड़ने पर व्यापार अवरोधकों का प्रयोग करना ।
प्रश्न 3. बहुराष्ट्रीय कंपनी से क्या आशय है? यह अपने कारखाने कहाँ स्थापित करती है?
उत्तर – एक बहुराष्ट्रीय कंपनी एक से अधिक देशों में स्थित अपनी इकाइयों के उत्पादन पर नियंत्रण अथवा स्वामित्व रखती है। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उन प्रदेशों में कारखाने स्थापित करती हैं जहाँ उन्हें उत्पादन के लिए सस्ता श्रम एवं अन्य संसाधन मिल सकते हैं। उत्पादन लागत में कमी करने तथा अधिक लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ ऐसा करती हैं। वे वैश्विक स्तर पर अपने उत्पाद एवं सेवाएँ बेचती हैं। सामान्यतः ये कंपनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं जो बाजार के नजदीक हों, जहाँ कम लागत पर कुशल एवं अकुशल श्रम उपलब्ध हो और जहाँ उत्पादन के अन्य कारकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो ।
प्रश्न 4. संयुक्त उत्पादन से स्थानीय कंपनियों को क्या लाभ होता है?
उत्तर- संयुक्त उत्पादन से स्थानीय कंपनियों को दोहरा लाभ प्राप्त होता है। प्रथम, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अतिरिक्त निवेश के लिए धन प्रदान कर सकती हैं और मशीनें व कच्चा माल आदि खरीदने के लिए पर्याप्त मात्रा में व्यय कर सकती हैं। द्वितीय, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उत्पादन की नवीनतम प्रौद्योगिकी अपने साथ ला सकती हैं।
प्रश्न 5. बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किस प्रकार उत्पादन परस्पर संबंधित हो रहा है?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विभिन्न तरीकों से अपने उत्पादन कार्य का प्रसार कर रही हैं और विश्व के अनेक देशों की स्थानीय कंपनियों के साथ पारस्परिक संबंध स्थापित कर रही हैं। स्थानीय कंपनियों के साथ साझेदारी द्वारा आपूर्ति के लिए स्थानीय कंपनियों का प्रयोग करके और स्थानीय कंपनियों से निकट प्रतिस्पर्धा करके अथवा उन्हें खरीदकर बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ दूरस्थ स्थानों के उत्पादन पर अपना प्रभाव जमा रही हैं। परिणामतः दूर-दूर स्थानों पर फैला उत्पादन परस्पर संबंधित हो रहा है।
प्रश्न 6. वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण कहलाती है। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। विभिन्न देशों के बीच अधिक से अधिक वस्तुओं और सेवाओं तथा निवेश और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान हो रहा है। विगत कुछ दशकों की तुलना में विश्व के अधिकांश भाग अपेक्षाकृत एक-दूसरे के अधिक संपर्क में आए हैं।
प्रश्न 7. प्रतिस्पर्धा से भारत के लोगों को कैसे लाभ हुआ है?
उत्तर – प्रतिस्पर्धा से भारत के लोगों को निम्नलिखित रूप से लाभ हुए हैं-
(i) उपभोक्ताओं को उत्तम कोटि की वस्तुएँ कम कीमत पर उपलब्ध होने लगी हैं।
(ii) विभिन्न प्रकार की कंपनियों के विस्तार के लिए नए-नए अवसरों का सृजन होने लगा है।
(ii) अनेक शीर्ष भारतीय कंपनियों ने नवीनतम प्रौद्योगिकी और उत्पादन प्रणाली में निवेश किया है और अपने उत्पादन मानकों को ऊँचा उठाया है। अनेक भारतीय कंपनियाँ विश्व स्तर पर अपने क्रियाकलापों का विस्तार कर रही हैं।
(iv) विगत वर्षों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में अपने निवेश में वृद्धि की है।
(v) उन क्षेत्रों में जहाँ नए उद्योग स्थापित हुए हैं, रोजगार के नए अवसरों का सृजन हुआ है।
(vi) इन उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली कंपनियों का भी विस्तार हुआ है।
प्रश्न 8. भारत में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए कोई तीन उपाय सुझाइए ।
उत्तर- भारत में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए तीन उपाय निम्नलिखित हैं-
(i) व्यापार नियमों को उदार बनाना ।
(ii) निवेश के लिए उपयुक्त वातावरण बनाना ।
(iii) प्रतिस्पद्र्धायुक्त नीतियों का निर्माण करना।
प्रश्न 9. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अन्य कंपनियों से किस प्रकार अलग हैं?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अन्य कंपनियों से निम्नलिखित रूप से अलग हैं-
(i) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ एक से अधिक देशों में अपनी औद्योगिक इकाइयाँ / कार्यालय स्थापित करती हैं जबकि स्थानीय कंपनियों की औद्योगिक इकाइयाँ / कार्यालय एक ही देश में स्थापित किए जाते हैं।
(ii) स्थानीय कंपनियों की तुलना में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का पूँजी निवेश बहुत अधिक होता है।
(iii) बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादन की माँग और पूर्ति बहुत बड़े पैमाने पर होती है, जबकि अन्य कंपनियों की इकाइयाँ छोटी होती हैं। इनमें निवेश कम होता है और श्रमिकों की संख्या भी कम होती है। कच्चा माल प्रायः स्थानीय स्रोतों से प्राप्त किया जाता है और उत्पादों की बिक्री कुछ ही देशों या बहुराष्ट्रीय निगमों की आपूर्ति तक सीमित रहती हैं।
प्रश्न 10. अतीत में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्यम क्या था? अब यह अलग कैसे है?
उत्तर- अतीत में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्यम व्यापार था। अब और पहले का व्यापार निम्नलिखित दृष्टियों से भिन्न है-
(i) पहले व्यापार का आकार या क्षेत्र सीमित था लेकिन अब इसका व्यापक विस्तार हो गया है।
(ii) पहले केवल आवश्यक वस्तुओं का ही आयात-निर्यात होता था। अब इसका स्वरूप बदल गया है और आयात-निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में विविधता आ गयी है।
(iii) पहले व्यापारियों को प्रायः वस्तुओं का सोने-चाँदी में भुगतान हो जाया करता था लेकिन अब आयात का निर्यात से भुगतान किया जाता है।
प्रश्न 11. विदेश व्यापार और विदेशी निवेश में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर- दो या दो से अधिक देशों में वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान विदेश व्यापार कहलाता है। इसमें आयात व निर्यात ( पुनर्निर्यात सहित ) सम्मिलित होते हैं।
विदेशी निवेश का अर्थ है- किसी एक देश अथवा बहुराष्ट्रीय निगम द्वारा किसी एक या अनेक देशों में औद्योगिक या अन्य सेवाओं यथा भूमि, भवन, मशीन व अन्य उपकरणों पर किए गए व्यय में पूँजी लगाना। इसका उद्देश्य अधिक लाभांश प्राप्त करना होता है।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों की समीक्षा कीजिए।
उत्तर- भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण का सकारात्मक प्रभाव- भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं-
(i) स्थानीय व विदेशी उत्पादकों के मध्य प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं विशेषकर शहरी क्षेत्र में रह रहे धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इन उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प उपलब्ध हैं। वे अब अनेक वस्तुओं और सेवाओं की उत्कृष्टता, गुणवत्ता तथा कम कीमत से लाभान्वित हो रहे हैं। परिणामस्वरूप, ये लोग पहले की तुलना में आज अपेक्षाकृत अच्छे जीवनस्तर का आनंद प्राप्त कर रहे हैं।
(ii) बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने शहरी क्षेत्रों में सेलफोन, मोटर गाड़ियों, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, ठंडे पेय पदार्थों, जंक खाद्य पदार्थों एवं बैंकिंग जैसी सेवाओं के निवेश में रुचि दिखाई है, जिससे शहरी क्षेत्रों में पढ़े-लिखे लोगों एवं कुशल श्रमिकों के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।
(ii) बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कंपनियों के लाभ में वृद्धि हुई है।
(iv) प्रमुख भारतीय कंपनियों द्वारा नवीनतम तकनीक व उत्पादन प्रणाली अपनाए जाने के कारण बढ़ती प्रतिस्पर्धा से लाभ हुआ है। कुछ भारतीय कंपनियों ने विदेशी कंपनियों के साथ सहयोग कर लाभ अर्जित किया है।
(v) विदेश व्यापार घरेलू बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभाव – भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं-
(i) भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभावों के परिणामस्वरूप कुछ छोटे उद्योगों जैसे बैटरी, संधारित्र, प्लास्टिक, खिलौने, टायर, डेयरी उत्पाद और खाद्य तेल आदि को बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।
(ii) कई उद्योग बंद हो गए, जिसके कारण अनेक श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।
(iii) वैश्वीकरण तथा प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन में बहुत परिवर्तन ला दिया है। बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के कारण अधिकांश नियोक्ता आजकल श्रमिकों को रोजगार देने में लचीलापन पसंद करते हैं। इसका अर्थ है कि अब श्रमिकों का रोजगार सुनिश्चित एवं सुरक्षित नहीं रह गया है।
(iv) नियोक्ता श्रम लागतों में निरंतर कटौती कर रहे हैं। वे कम वेतन पर श्रमिकों से अधिक समय तक काम ले रहे हैं।
(v) वैश्वीकरण ने धनिक एवं निर्धन वर्ग के मध्य अंतर में और अधिक वृद्धि की है।
प्रश्न 2. वैश्वीकरण को स्पष्ट करते हुए इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका का विस्तार से वर्णन कीजिए ।
उत्तर-
वैश्वीकरण का अर्थ
विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। इस प्रक्रिया में एक देश की अर्थव्यवस्था विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ एकीकृत हो जाती है। भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका अर्थ इससे भी अधिक है। भारत के सन्दर्भ में वैश्वीकरण के अंतर्गत निम्नलिखित बातें सम्मिलित की जाती हैं-
अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोलना, नियंत्रण को धीरे- धीरे कम करना, बहुराष्ट्रीय कंपनियों को निवेश सुविधाएँ प्रदान करना, मात्रात्मक प्रतिबंधों को धीरे-धीरे समाप्त करना, आयात उदारीकरण कार्यक्रमों को व्यापक आधार पर लागू करना तथा निर्यात संवर्धन को प्रोत्साहित करना। वर्ष 1991 की औद्योगिक नीति के फलस्वरूप वैश्वीकरण को प्रोत्साहन मिला है।
विदेश व्यापार घरेलू बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में उत्पादक केवल अपने देश के बाजारों में ही अपने उत्पाद नहीं बेच सकते हैं, बल्कि अन्य देशों के बाजारों से भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इसी प्रकार दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं का आयात कर सकते हैं।
सामान्यतः व्यापार के खुलने से वस्तुओं का एक बाजार से दूसरे बाजार में आवागमन होता है। बाजार में वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं। दो बाजारों में एक ही वस्तु का मूल्य एक समान होने लगता है। अब दो देशों के उत्पादक हजारों मील दूर होकर भी एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इस प्रकार विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या उनके एकीकरण में सहायक होता है। उदाहरण के लिए भारत में सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग उपकरणों का बहुतायत में उत्पादन होता है। विश्व के विभिन्न देशों में इन वस्तुओं का निर्यात किया जाएगा, यदि वे इनकी माँग करते हैं। दूसरी तरफ, भारत में खाद्य तेल, खनिज तेल व जीवनरक्षक दवाइयों की कमी भी है। ये वस्तुएँ भारत में विभिन्न देशों से आयात की जाएँगी। इस प्रकार, विदेश व्यापार से विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में सहायता मिलेगी।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं जो बाजार के नजदीक हों, जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो।
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ संबंधित देशों की स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती हैं। संयुक्त उत्पादन से स्थानीय कंपनी को दोहरा लाभ होता है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों को खरीदकर उसके बाद उत्पादन का प्रसार करती हैं। अपार संपदा वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ आसानी से स्थानीय कंपनियों को खरीद लेती हैं।
विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का ऑर्डर देती हैं। वस्त्र, जूते-चप्पल एवं खेल के सामान ऐसे उत्पाद हैं, जिनका विश्वभर में बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादन किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ फिर इन्हें अपने ब्रांड के नाम से ग्राहकों को बेचती हैं। इस प्रकार वैश्वीकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
प्रश्न 3. विदेश व्यापार किस प्रकार विभिन्न देशों के बाजारों का एकीकरण कर रहा है? उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर- विदेश व्यापार दूसरे देशों में बाजारों को सहूलियत देता है लेकिन प्रत्येक देश उन्हीं वस्तुओं का आयात करता है जिनका निर्माण वह नहीं करता या जिन वस्तुओं का उत्पादन कम है। इसी प्रकार निर्यात भी उन वस्तुओं का किया जाता है जो आवश्यकता से अधिक हों या दूसरे देशों की तुलना में उनका उत्पादन सस्ते दामों पर किया जा रहा हो।
सामान्यतः विदेश व्यापार के खुलने से वस्तुओं का एक बाजार से दूसरे बाजार में आवागमन होता है। बाजार में वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं। विभिन्न बाजारों में एक ही वस्तु का मूल्य एक समान होने लगता है। अब दो देशों के उत्पादक एक-दूसरे से हजारों मील दूर होकर भी एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इस प्रकार विदेश व्यापार 50 विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या उनके एकीकरण में सहायक होता है। उदाहरण के लिए भारत में सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र, सॉफ्टवेयर, इंजीनियरिंग उपकरणों का बहुतायत में उत्पादन होता है। विश्व के विभिन्न देशों में इन वस्तुओं का निर्यात किया जाता है।
विभिन्न देशों के बीच हो रहा परस्पर व्यापार अथवा विदेश व्यापार विभिन्न देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम रहा है। विदेश व्यापार घरेलू बाजारों अर्थात् अपने देश के बाजारों को बाहर के बाजारों से संबंध स्थापित करने का उत्पादकों को अच्छा अवसर प्रदान करता है। विदेश व्यापार विश्व के अन्य देशों के बाजारों में उत्पादकों को प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करता है। दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं के आयात से खरीददारों के सम्मुख संबंधित वस्तुओं के घरेलू उत्पादन के अन्य विकल्पों का विस्तार होता है।