Chapter 6 जनसंख्या
In Text Questions and Answers
पृष्ठ 55
प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या के असमान वितरण का क्या कारण है?
उत्तर:
भारत एक विशाल देश है। यहाँ अनेक भौगोलिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। इनके कारण भारत में जनसंख्या का असमान वितरण पाया जाता है। प्रमुख कारण निम्न प्रकार हैं-
(1) धरातल-भारत के पर्वतीय भागों में धरातल ऊबड़-खाबड़ तथा मिट्टी अनुपजाऊ होने के कारण कम जनसंख्या पाई जाती है, जबकि तटीय मैदान तथा नदियों की घाटियों व डेल्टा में समतल व उपजाऊ भूमि होने के कारण अधिक जन-घनत्व पाया जाता है।
(2) सिंचाई के साधन-सिंचाई के साधन वर्षा की कमी की पूर्ति करते हैं। इसलिए कृषि कार्यों में उपयोगी है। जिस क्षेत्र में सिंचाई के साधन सुगम तथा पर्याप्त होते हैं, वहाँ जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। उदाहरण के लिए, भारत के मैदानी भाग में नहरी सिंचाई के अत्यधिक विकास के कारण उत्तर प्रदेश, पंजाब व हरियाणा में कम वर्षा होते हुए भी जनसंख्या का घनत्व अधिक पाया जाता है।
(3) मृदा-उपजाऊ मृदा (जलोढ़, काली) वाले क्षेत्र कृषि के लिए बहुत उपयुक्त होते हैं । अतः ये बहुत घनी जनसंख्या वाले हैं। उत्तरी मैदान तथा डेल्टा क्षेत्रों की मिट्टी उपजाऊ है।
(4) जलवायु दशाएँ-अति विषम जलवायु वाले क्षेत्र लोगों के निवास के योग्य नहीं होते। ये क्षेत्र आर्थिक क्रियाओं के लिए भी उपयुक्त नहीं हैं। अतः बहुत कम और बहुत अधिक वर्षा वाले क्षेत्र सामान्यतः विरल जनसंख्या वाले होते हैं। थार मरुस्थल तथा हिमालय में आच्छादित क्षेत्र में इसी कारण कम जनघनत्व पाया जाता है।
(5) दुर्गम वन-उत्तर-पूर्वी भारत तथा देश के अन्य भागों के घने वनों वाले क्षेत्रों में जनसंख्या विरल है।
(6) आर्थिक क्रियाएँ-औद्योगिक क्षेत्रों तथा बंदरगाह के क्षेत्रों में आर्थिक क्रियाओं के कारण जनसंख्या घनत्व अधिक है।
पृष्ठ 58
प्रश्न 1.
वृद्धि दर में कमी के बावजूद प्रत्येक दशक में लोगों की संख्या में नियमित रूप से वृद्धि हो रही है। ऐसा क्यों?
उत्तर:
भारत में 1951 से 1981 तक जनसंख्या वृद्धि-दर लगातार बढ़ती रही है; किन्तु 1981 से वृद्धि दर धीरे धीरे कम हो रही है लेकिन इसके बावजूद प्रत्येक दशक में लोगों की संख्या में नियमित रूप से वृद्धि हो रही है। इसका कारण यह है कि जब तक वृद्धि दर धनात्मक रहेगी तब तक लोगों की संख्या में वृद्धि होती रहेगी। वृद्धि-दर ऋणात्मक अथवा शून्य होने पर ही लोगों की संख्या में वृद्धि नहीं होगी।
पृष्ठ 60
प्रश्न 1.
सबसे अधिक महिला साक्षरता दर कौनसे राज्य की है और क्यों?
उत्तर:
सबसे अधिक महिला साक्षरता दर केरल राज्य की है। इसका कारण यह है कि यहाँ लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई को लड़कों के बराबर दर्जा दिया जाता है।
Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनें-
(i) निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में प्रवास, आबादी की संख्या, वितरण एवं संरचना में परिवर्तन लाता है-
(क) प्रस्थान करने वाले क्षेत्र में
(ख) आगमन वाले क्षेत्र में
(ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में
(ii) जनसंख्या में बच्चों का एक बहुत बड़ा अनुपात निम्नलिखित में से किसका परिणाम है-
(क) उच्च जन्म-दर
(ख) उच्च मृत्यु-दर
(ग) उच्च जीवन दर
(घ) अधिक विवाहित जोड़े।
उत्तर:
(क) उच्च जन्म-दर
(iii) निम्नलिखित में से कौनसा एक जनसंख्या वृद्धि का परिमाण दर्शाता है-
(क) एक क्षेत्र की कुल जनसंख्या
(ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(ग) जनसंख्या वृद्धि की दर
(घ) प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या।
उत्तर:
(ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(iv) 2001 की जनगणना के अनुसार एक ‘साक्षर’ व्यक्ति वह है-
(क) जो अपने नाम को पढ़ एवं लिख सकता है।
(ख) जो किसी भी भाषा में पढ़ एवं लिख सकता है।
(ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष या उससे अधिक है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।
(घ) जो पढ़ना-लिखना एवं अंकगणित, तीनों जानता है।
उत्तर:
(ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष या उससे अधिक है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दें-
(i) जनसंख्या वृद्धि के महत्त्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि के महत्त्वपूर्ण घटक-जनसंख्या वृद्धि के तीन महत्त्वपूर्ण घटक हैं। इसका वर्णन निम्न प्रकार है-
- जन्म-दर-एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में जितने जीवित बच्चों का जन्म होता है, उसे ‘जन्म-दर’ कहते हैं। यह जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख घटक है, क्योंकि भारत में हमेशा जन्म-दर, मृत्यु-दर से अधिक होती
- मृत्यु-दर-एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में मरने वालों की संख्या को ‘मृत्यु-दर’ कहा जाता है। वर्तमान में मृत्यु-दर में तेज गिरावट हुई है। भारत की जनसंख्या में वृद्धि की दर का मुख्य कारण यही है।
- प्रवास-लोगों के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास, जनसंख्या को प्रभावित करता है। इससे अनेक संरचनात्मक परिवर्तन भी आते हैं।
(ii) 1981 से भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर क्यों घट रही है?
उत्तर:
1981 से भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर निम्नलिखित कारणों से घट रही है-
- जन्म दर नियंत्रण
- साक्षरता में वृद्धि
- परिवार नियोजन कार्यक्रम।
(iii) आयु संरचना, जन्म-दर एवं मृत्यु-दर को परिभाषित करें।
उत्तर:
(1) आयु संरचना-आयु संरचना से तात्पर्य किसी देश की जनसंख्या को विभिन्न वर्गों के अनुसार कई आयु समूहों में विभाजित करना है। इससे विभिन्न आयु समूहों के लोगों की संख्या का पता चलता है। किसी देश की आबादी को सामान्यतः तीन वर्गों में बाँटा जाता है-
(a) बच्चे (सामान्यतः 15 वर्ष से नीचे)
(b) वयस्क (15 से 59 वर्ष के बीच)
(c) वृद्ध (59 वर्ष से ऊपर)।
(2) जन्म-दर-एक वर्ष में प्रति 1000 व्यक्तियों पर जीवित शिशुओं की संख्या जन्म-दर कहलाती है।
(3) मृत्यु-दर-एक वर्ष में प्रति 1000 व्यक्तियों पर मरने वालों की जनसंख्या मृत्यु-दर कहलाती है।
(iv) प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन का एक कारक है।
उत्तर:
प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन का एक प्रमुख कारक है। प्रवास का अर्थ है लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाना। प्रवास दो प्रकार का होता है-(1) आन्तरिक व (2) अन्तर्देशीय।
आन्तरिक प्रवास से देश की जनसंख्या के आकार में तो परिवर्तन नहीं होता लेकिन जनसंख्या का वितरण अवश्य प्रभावित होता है। अंतर्देशीय प्रवास में जनसंख्या का आकार प्रभावित होता है। आन्तरिक प्रवास के कारण भारत के नगरों और शहरों की जनसंख्या स्थायी रूप से बढ़ती रहती है। भारत में लोग रोजगार के अवसरों और बेहतर सुविधा की खोज में शहर की ओर स्थानान्तरित होते हैं। प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। ये केवल जनसंख्या के आकार को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि उम्र एवं लिंग के दृष्टिकोण से भी नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या की संरचना को परिवर्तित करता है।
प्रश्न 3.
जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन के बीच अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन में अन्तर-
जनसंख्या वृद्धि | जनसंख्या परिवर्तन |
1. जनसंख्या वृद्धि का अर्थ होता है, किसी विशेष समय के अन्तराल में, जैसे 10 वर्षों के भीतर, किसी देश/राज्य के निवासियों की संख्या में परिवर्तन। | 1. जनसंख्या परिवर्तन का अर्थ है, आबादी की संख्या, वितरण एवं संघटन में परिवर्तन। जनसंख्या परिवर्तन को तीन कारक निर्धारित करते हैं-(i) जन्म-दर, (ii) मृत्यु-दर और (iii) प्रवसन। |
2. इस प्रकार के परिवर्तन को दो प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है-(i) सापेक्ष वृद्धि, (ii) प्रति वर्ष होने वाले प्रतिशत परिवर्तन के द्वारा। | 2. जनसंख्या परिवर्तन गुणात्मक भी हो सकता है। |
3. इस प्रक्रिया में जनसंख्या आकार में परिवर्तन आता है। | 3. इस प्रक्रिया में जनसंख्या वितरण एवं व्यावसायिक संरचना में परिवर्तन आता है। |
प्रश्न 4.
व्यावसायिक संरचना एवं विकास के बीच क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
व्यावसायिक संरचना एवं विकास के बीच सम्बन्ध-व्यावसायिक संरचना और विकास के बीच एक म्बन्ध होता है। विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के अनुसार किए गए जनसंख्या के वितरण को व्यावसायिक संरचना कहा जाता है। किसी भी देश में विभिन्न व्यवसायों को करने वाले भिन्न-भिन्न लोग होते हैं। व्यवसायों को सामान्यतः (i) प्राथमिक, (ii) द्वितीयक एवं (iii) तृतीयक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
- प्राथमिक व्यवसाय- इनमें कृषि, पशुपालन, वृक्षारोपण एवं मछली पालन तथा खनन आदि क्रियाएँ शामिल
- द्वितीयक व्यवसाय- इसमें उत्पादन करने वाले उद्योग, भवन एवं निर्माण कार्य आते हैं।
- तृतीयक व्यवसाय- इसमें परिवहन, संचार, वाणिज्य, प्रशासन तथा सेवाएँ शामिल होती हैं।
इनमें प्राथमिक व्यवसाय की अधिक जनसंख्या वाले देशों में विकास का स्तर नीचे होता है, जबकि द्वितीयक तथा तृतीयक व्यवसाय की अधिकता वाले देशों में विकास का स्तर ऊँचा होता है।
विकसित देशों में द्वितीयक एवं तृतीयक क्रियाकलापों में कार्य करने वाले लोगों की संख्या का अनुपात अधिक होता है। विकासशील देशों में प्राथमिक क्रियाकलापों में कार्यरत लोगों का अनुपात अधिक होता है। भारत में कुल जनसंख्या का 64 प्रतिशत भाग केवल कृषि कार्य करता है। द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की संख्या का अनुपात क्रमशः 13 तथा 20 प्रतिशत है। इसीलिए भारत विकसित देशों की श्रेणी की बजाय विकासशील देशों की श्रेणी में आता है। वर्तमान समय में बढ़ते हुए औद्योगीकरण एवं शहरीकरण में वृद्धि होने के कारण द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रों में व्यावसायिक परिवर्तन हआ है।
प्रश्न 5.
स्वस्थ जनसंख्या कैसे लाभकारी है?
उत्तर:
स्वस्थ जनसंख्या देश के लिए बहुत लाभकारी होती है।
- जनसंख्या स्वस्थ होने पर उसकी कार्यक्षमता भी अधिक होती है तथा वह अधिक उत्पादन कर पाती है। इससे राष्ट्रीय आय में स्वतः ही वृद्धि हो जाती है।
- स्वस्थ जनसंख्या देश का महत्त्वपूर्ण संसाधन होती है। वह आश्रित जनसंख्या के अनुपात को कम करती है। सरकार को उन पर कम खर्चा करना पड़ता है।
- स्वस्थ जनसंख्या ही देश के प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करने में सक्षम होती है। इस प्रकार स्वस्थ जनसंख्या विकास की प्रक्रिया को प्रभावित करती है।
- स्वस्थ जनसंख्या से उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ती है।
- स्वस्थ जनसंख्या से देश का आर्थिक एवं सामाजिक विकास तीव्र गति से होने लगता है।
प्रश्न 6.
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) राष्ट्रीय जनसंख्या नीति तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या को रोकने तथा जनसंख्या के गुणात्मक विकास के लिए भारत सरकार द्वारा सन् 2000 में अपनायी गई एक नीति है।
(2) यह जनसंख्या के आर्थिक विकास, सामाजिक विकास तथा पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष ध्यान देती है।
(3) राष्ट्रीय जनसंख्या नीति के प्रमुख लक्ष्य निम्न हैं-
- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना।
- शिशु मृत्यु-दर को प्रति 1,000 में 30 से कम करना।
- व्यापक स्तर पर टीकारोधी बीमारियों से बच्चों को छुटकारा दिलाना।
- लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- परिवार नियोजन को एक जन-केन्द्रित कार्यक्रम बनाने के लिए नीतिगत ढाँचा प्रदान करना।