Chapter 7 – नए की जन्म कुंडली

प्रश्न 1. लेखक ने कविता को हमारी भारतीय परंपरा का विचित्र परिणाम क्यों कहा है? 

उत्तर: लेखक ने कविता को हमारी भारतीय परंपरा का विचित्र परिणाम कहा है। ऐसा उन्होंने इसलिए कहा है क्योंकि जो कवि होते है वह अपने मन के विचारों को काफी गंभीरता पूर्वक व्यक्त करते हैं। कवियों के दो प्रमुख स्वाभाविक तत्व धूप और हवा होते हैं। कवि कविताओं को लिखते वक़्त अपनी इन्द्रियों की सहायता से आंतरिक यात्रा करते हैं। कवि अपनी कविताओं के जरिए अपने विचारों को समाज के समक्ष प्रस्तुत करते हैं।

प्रश्न 2. ‘सौंदर्य में रहस्य न हो तो वह एक खूबसूरत चौखटा हैं।’ व्यक्ति के व्यक्तित्व के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: सौंदर्य बस एक सुंदर चौखटा होता है, यह बात असत्य है ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि सौंदर्य में किसी प्रकार का रहस्य नहीं होता है। यह बस एक खोखले ढांचे के समान है। ऐसा सौंदर्य जिसमें कोई रहस्य छुपा नहीं होता, वह आकर्षक प्रतीत नहीं होता है। यदि सौंदर्य में रहस्य हो तो वह आकर्षक लगता है। कवि यह लिखकर हमें समझाने का प्रयास करते हैं। लेखक यह मानते है कि पंक्तियों में मर्मवचन नहीं हो तो उसमें रहस्य भी नहीं रहता है। रहस्य के होने पर सौंदर्य और रोचक प्रतीत होता है।

प्रश्न 3. सामान्य-असामान्य तथा साधारण-असाधारण के अंतर को व्यक्ति और लेखक के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: व्यक्ति को पहले लेखक ने असाधारण और असामान्य माना है। लेखक ऐसा इसलिए मानते हैं क्योंकि मानव अपने एक विचार या एक कार्य के लिए अपने परिवार को छोड़ देता है तो यह उसकी असाधारण और असामान्यता का परिचय हुआ। मनुष्य अपने भीतर इतना साहस रखता है कि वह क्रोध में किए गए अपने विचारों का भी समर्थन करता है। लेखक मानते हैं कि साधारण व्यक्तियों में ऐसा साहस नहीं होता है। साधारण व्यक्ति अपनी परिस्थितियों से समझौता करके जैसे तैसे अपना जीवन काट लेते हैं।  दूसरा लेखक खुद को साधारण मानता है। लेखक कहता है कि वह अपने दोस्तों के जैसे ही सफल नहीं हो सका। उसने अपनी इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास कभी नहीं किया। वह अपने उग्र विचारों को भी सफल नहीं कर सका। लेखक कहता है कि आज उसकी समाज के लोग इज्जत करते हैं लेकिन वह अपने मित्रों के जैसे जीवन नहीं जी सका।

प्रश्न 4. ‘उसकी पूरी जिंदगी भूल का एक नक्शा है।’ इस कथन के द्वारा लेखक व्यक्ति के बारे में क्या कहना चाहता है? 

उत्तर: ‘उसकी पूरी जिंदगी भूल का एक नक्शा है।’ इस कथन के माध्यम से लेखक एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताता है जिसने जीवन भर कठिन परिश्रम किया परंतु उसे कभी सफलता प्राप्त नहीं हुई। उस व्यक्ति ने जीवन भर छोटी-छोटी सफलताओं के लिए भी कड़ी मेहनत की लेकिन उस वह भी नहीं मिली। व्यक्ति हमेशा असफल होकर निराश हो गया था। लेखक बताता है कि व्यक्ति ने बहुत प्रयास किए परंतु उन प्रयासों में हुई भूलों से उसने सीख नहीं ली और वो ही उसकी असफलता का कारण बन गया। व्यक्ति असफल रहा फिर भी हमें उससे सीखना चाहिए। ज्यादातर लोग असफलता के भय से कोशिश भी नहीं करते पर उस व्यक्ति ने बार-बार हारने के बाद भी कोशिश की। वह व्यक्ति कभी सफलता नहीं मिलने से भयभीत नहीं हुआ इसलिए ऐसा व्यक्ति अपने आप में श्रेष्ठ है।

5. पिछले बीस वर्षों की सबसे महान घटना संयुक्त परिवार का ह्वास है- क्यों और कैसे? 

उत्तर: पिछले बीस वर्षों की सबसे महान घटना संयुक्त परिवार का ह्वास है और यह भारत में हुई है। संयुक्त परिवार समाज के लिए आवश्यक है। मनुष्यों के शिक्षा, संस्कार, अच्छा चरित्र आदि यह सभी उसके परिवार से ही उसे प्राप्त होता है लेकिन आज के आधुनिक भारत में यह सब नष्ट हो चुका है और ऐसा होने के कारण इसके परिणाम भी हमारे समक्ष प्रस्तुत हैं। संयुक्त परिवार का ह्वास होने से मनुष्य सामाजिक तौर पर विकसित नहीं हो पा रहा है। लेखक का कहना है कि भारत की राजनीति या साहित्यों में ऐसी कोई योजना नहीं है जिससे संयुक्त परिवारों के ह्वास को रोका जा सके। इसी वजह से लेखक संयुक्त परिवार के ह्वास को बड़ी घटना मानते हैं।

प्रश्न 6. इन वर्षों में सबसे बड़ी भूल है, ‘राजनीति के पास समाज-सुधार का कोई कार्यक्रम न होना – इस संदर्भ में आप अपने विचार लिखिए।

उत्तर: लेखक जो कह रहे हैं वह बिल्कुल सत्य है। अभी के समय में राजनीति में समाज के सुधार के लिए कोई साधन नहीं है। भारत देश की राजनीति ने समाज में सुधार तो नहीं किया परंतु समाज में भेदभाव जरूर पैदा किया हैं। समाज में जाति, धर्म, रंग के नाम पर भेदभाव राजनीति की वजह से ही आए हैं। भारत की राजनीति की यह सबसे बड़ी गलती है। अगर राजनीति ने भेदभाव कि जगह विकास का कार्य किया होता तो आज भारत सबसे श्रेष्ठ होता।

प्रश्न 7. ‘अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती घर में नहीं, घर के बाहर दी गई।’ इससे लेखक का क्या अभिप्राय है? 

उत्तर: इस वाक्य से लेखक का यह अभिप्राय है की चाहे घर पर हो या बाहर दोनों ही जगह व्यक्तियों के साथ अन्याय होना सम्भव है परन्तु इस समाज में व्यक्ति घर में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाता। व्यक्ति घर के अन्याय को अन्याय की संज्ञा नहीं देता क्योंकि वह उसके अपने उसके साथ करते हैं और वह यह भी सोचता है कि परिवार के खिलाफ जाकर वह कहा खुश रह पाएगा। वही अन्याय जब उसके साथ बाहर होता है तो वह उसके खिलाफ आवाज उठाने को तैयार हो जाता है क्योंकि वह उसका कोई अपना नहीं होता जो उसे बांध पाए।

प्रश्न 8. जो पुराना है, अब वह लौटकर आ नहीं सकता। लेकिन नए ने पुराने का स्थान नहीं लिया। इस नए और पुराने के अंतर्दवंदव को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस नए और पुराने के अंतर्दवंदव एक-दूसरे से भिन्न हैं। इस दुनिया का यह नियम है कि नए बनकर पुराना कभी वापस नहीं आएगा। लेखक का कहना है कि समाज की पुरानी रीतियाँ अब बस नाम भर की रह गई हैं और कभी वापस नहीं आ सकती हैं। उनकी जगह नई परम्पराओं ने ले ली परंतु यह भी ध्यान देने वली बात है कि यह परंपराएं एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं इसलिए यह एक दूसरे की जगह कभी नहीं ले सकते बल्कि यह अपनी अलग जगह बना रहे है। लोग अब पुरानी परम्पराओं को भूलकर नई परम्पराओं को अपना रहे हैं। पुरानी रीतियों को रूढ़िवादी होने का दर्जा दे दिया गया है। पुरानी सभ्यता अपना अस्तित्व खोज रही है क्योंकि नई परम्परा उसे अपनाने को तैयार नहीं है।

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