Chapter 7 Equilibrium (साम्यावस्था).
पाठ के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
एक द्रव को सीलबन्द पात्र में निश्चित ताप पर इसके वाष्प के साथ साम्य में रखा जाता है। पात्र का आयतन अचानक बढ़ा दिया जाता है।
(क) वाष्प-दाब परिवर्तन का प्रारम्भिक परिणाम क्या होगा?
(ख) प्रारम्भ में वाष्पन एवं संघनन की दर कैसे बदलती है?
(ग) क्या होगा, जबकि साम्य पुनः अन्तिम रूप से स्थापित हो जाएगा, तब अन्तिम वाष्प दाब क्या होगा?
उत्तर
(क) प्रारम्भ में वाष्प दाब घटेगा क्योंकि वाष्प का समान द्रव्यमान बढ़े आयतन में वितरित होता है।
(ख) बन्द पात्र में नियत ताप पर वाष्पन की दर नियत रहती है संघनन की दर प्रारम्भ में निम्न होगी।
(ग) अन्तिम रूप से स्थापित साम्य में संघनन की दर वाष्पन की देर के समान होती है। अन्तिम वाष्प दाब पहले के समान रहता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित साम्य के लिए K, क्या होगा, यदि साम्य पर प्रत्येक पदार्थ की सान्द्रताएँ हैं– [SO2]⇌ 0.60 M, [O2] ⇌ 0.82 M एवं [SO3]⇌ 1.90 M
2SO2(g) +O2(g) ⇌ 2SO3(g)
उत्तर

प्रश्न 3.
एक निश्चित ताप एवं कुल दाब 105 Pa पर आयोडीन वाष्प में आयतनानुसार 40% आयोडीन परमाणु होते हैं।
I2(g) ⇌ 2(g)
साम्य के लिए Kp की गणना कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से प्रत्येक अभिक्रिया के लिए साम्य स्थिरांक Kcको व्यंजक लिखिए-
(i) 2NOCl(g) ⇌ 2NO(g) + Cl2(g)
(ii) 2Cu(NO3)2(s) ⇌ 2CuO(s) + 4NO2(g) + O2(g)
(iii) CH3COOC2H5(g) + H2O(l) ⇌ CH2COOH(aq) + C2H5OH(aq)
(iv) Fe3+ (aq) + 3OH– (aq) ⇌ Fe(OH)3 (s)
(v) I2(s) + 5F2 ⇌ 2IF5
उत्तर
प्रश्न 5.
Kp के मान से निम्नलिखित में से प्रत्येक साम्य के लिए Kc का मान ज्ञात कीजिए-
(i) 2NOCI(g) ⇌ 2NO(g) + Cl2(g); K, ⇌ 1.8×10-2 at 500 K
(ii) CaCO3(s) ⇌ CaO(s) + CO2(g); K, ⇌ 167 at 1073 K
उत्तर
प्रश्न 6.
साम्य NO(g) +O3(g) ⇌NO2(g) +O2(g) के लिए 1000 K पर Kc ⇌ 6.3×1014 है। साम्य में अग्र एवं प्रतीप दोनों अभिक्रियाएँ प्राथमिक रूप से द्विअणुक हैं। प्रतीप अभिक्रिया के लिए Kc क्या है?
उत्तर
प्रश्न 7.
साम्य स्थिरांक का व्यंजक लिखते समय समझाइए कि शुद्ध द्रवों एवं ठोसों को उपेक्षित क्यों किया जा सकता है? मोलों की संख्या
उत्तर
शुद्ध ठोस या शुद्ध द्रव के आण्विक द्रव्यमान तथा घनत्व नियत ताप पर निश्चित होते हैं, अतः इनके मोलर सान्द्रण नियत होते हैं। यही कारण है कि इन्हें साम्य स्थिरांक के व्यंजक में उपेक्षित किया जा सकता है।
प्रश्न 8.
N2 एवं O2 के मध्य निम्नलिखित अभिक्रिया होती है
2N2(g) +O2(g) ⇌ 2N2O(g)
यदि एक 10L के पात्र में 0.482 मोल N, एवं 0.933 मोल O2, रखे जाएँ तथा एक ताप, जिस पर N20 बनने दिया जाए तो साम्य मिश्रण का संघटन ज्ञात कीजिए। Kc ⇌ 2.0×10-37|
उत्तर
प्रश्न 9.
निम्नलिखित अभिक्रिया के अनुसार नाइट्रिक ऑक्साइड Br2 से अभिक्रिया कर नाइट्रोसिल ब्रोमाइड बनाती है-
2NO(g) + Br2(g) ⇌ 2NOBr(g)
जब स्थिर ताप पर एक बन्द पात्र में 0.087 मोल NO एवं 0.0437 मोल Br2 मिश्रित किए जाते हैं, तब 0.0518 मोल NOBr प्राप्त होती है। NO एवं Br2 की साम्य मात्रा ज्ञात कीजिए।
उत्तर
0.0518 मोल NOBr का निर्माण 0.0518 मोल NO तथा 0.0518/2 ⇌ 0.0259 मोल Br2 से होता है।
अतः साम्य पर,
NO की मात्रा ⇌ 0.087-0.0518 ⇌ 0.0352 mol
Br2 की मात्रा ⇌ 0.0437-0.0259 ⇌ 0.0178 mol
प्रश्न 10.
साम्य 2SO2(g) +O2(g) ⇌ 2SO3(g) के लिए 450K पर Kp ⇌ 2.0×1010/bar है। इस ताप पर Kc का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 11.
HI(g) का एक नमूना 0.2 atm दाब पर एक फ्लास्क में रखा जाता है। साम्य पर HI(g) का आंशिक दाब 0.04 atm है। यहाँ दिए गए साम्य के लिए Kp का मान क्या होगा?
2HI(g) ⇌ H2(g) +I2(g)
उत्तर
प्रश्न 12.
500 K ताप पर एक 20L पात्र में N2 के 1.57 मोल, H2 के 1.92 मोल एवं NH3 के 8.13 मोल
का मिश्रण लिया जाता है। अभिक्रिया N2(g) +3H2(g) ⇌ 2NH3(g) के लिए Kc का मान 1.7×102 है। क्या अभिक्रिया-मिश्रण साम्य में है? यदि नहीं तो नेट अभिक्रिया की दिशा क्या होगी?
उत्तर
प्रश्न 13.
एक गैस अभिक्रिया के लिए
इस व्यंजक के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर
4NO(g) +6H2O(g) ⇌ 4NH3 (g) +5O2(g)
प्रश्न 14.
H2O का एक मोल एवं CO का एक मोल 725 K ताप पर 10L के पात्र में लिए जाते हैं। साम्य पर 40% जल (भारात्मक) CO के साथ निम्नलिखित समीकरण के अनुसार अभिक्रिया करता है-
H2O(g) + CO(g) ⇌ H2(g) + CO2(g)
अभिक्रिया के लिए साम्य स्थिरांक की गणना कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 15.
700 K ताप पर अभिक्रिया H2(g) +I2(g) ⇌ 2HI(g) के लिए साम्य स्थिरांक 54.8 है। यदि हमने शुरू में HI(g) लिया हो, 700 K ताप साम्य स्थापित हो तथा साम्य पर 0.5 mol L-1HI(g) उपस्थित हो तो साम्य पर H2(g) एवं I2(g) की सान्द्रताएँ क्या होंगी?
उत्तर
प्रश्न 16.
CI, जिसकी सान्द्रता प्रारम्भ में 0.78M है, को यदि साम्य पर आने दिया जाए तो प्रत्येक की साम्य पर सान्द्रताएँ क्या होंगी?
2ICI(g)⇌ I2(g)+ Cl2(g); Kc = 0.14
उत्तर
प्रश्न 17.
नीचे दर्शाए गए साम्य में 899K पर Kp का मान 0.04 atm है। C2H6 की साम्य पर सान्द्रता क्या होगी यदि 4.0 atm दाब पर C2H6 को एक फ्लास्क में रखा गया है एवं साम्यावस्था पर आने दिया जाता है?
C2H6(g) ⇌ C2H4(g) + H2(g)
उत्तर
प्रश्न 18.
एथेनॉल एवं ऐसीटिक अम्ल की अभिक्रिया से एथिलं ऐसीटेट बनाया जाता है एवं साम्य को इस प्रकार दर्शाया जा सकता है
CH3COOH (l)+C2H5H(l) ⇌ CH3COOC2H5(l) + H2O (l)
(i) इस अभिक्रिया के लिए सान्द्रता अनुपात (अभिक्रिया-भागफल) Qc लिखिए (टिप्पणी : यहाँ पर जल आधिक्य में नहीं है एवं विलायक भी नहीं है)
(ii) यदि 293 K पर 1.00 मोल ऐसीटिक अम्ल एवं 0.18 मोल एथेनॉल प्रारम्भ में लिए जाएँ तो अन्तिम साम्य मिश्रण में 0.171मोल एथिल ऐसीटेट है। साम्य स्थिरांक की गणना कीजिए।
(iii) 0.5 मोल एथेनॉल एवं 10 मोल ऐसीटिक अम्ल से प्रारम्भ करते हुए 293 K ताप पर कुछ । समय पश्चात् एथिल ऐसीटेट के 0.214 मोल पाए गए तो क्या साम्य स्थापित हो गया?
उत्तर
प्रश्न 19.
437K ताप पर निर्वात मैं PCI का एक नमूना एक फ्लास्क में लिया गया। साम्य स्थापित ‘ होने पर PCl5 की सान्द्रता 0.5×10-1molL-1 पाई गई, यदि Kc का मान 8.3×10-3 है तो साम्य पर PCl3 एवं Cl2 की सान्द्रताएँ क्या होंगी?
PCl5(g) ⇌ PCl3(g) + Cl2(g)
उत्तर
प्रश्न 20.
लौह अयस्क से स्टील बनाते समय जो अभिक्रिया होती है, वह आयरन (II) ऑक्साइड का कार्बन मोनोक्साइड के द्वारा अपचयन है एवं इससे धात्विक लौह एवं CO2 मिलते हैं।
FeO(s) + CO(g) ⇌ Fe(s) + CO2(g); Kp = 0.265 atm at 1050K
1050K पर CO एवं CO2 के साम्य पर आंशिक दाब क्या होंगे, यदि उनके प्रारम्भिक आंशिक दाब हैं-
PCO = 1.4 atm एवं pCO2= 0.80 atm.
उत्तर
प्रश्न 21.
अभिक्रिया N2(g)+3H2(g) ⇌ 2NH2(g) के लिए (500 K पर) साम्य स्थिरांक Kc= 0.061 है। एक विशेष समय पर मिश्रण का संघटन इस प्रकार है- 3.0 mol L-1N2, 2.0 mol L-1H2 एवं 0.5 mol L-1NH3 क्या अभिक्रिया साम्य में है? यदि नहीं तो साम्य स्थापित करने के लिए अभिक्रिया किस दिशा में अग्रसरित होगी?
उत्तर
प्रश्न 22.
ब्रोमीन मोनोक्लोराइड BrCI विघटित होकर ब्रोमीन एवं क्लोरीन देता है तथा साम्य स्थापित होता है-
2BrCI(g) ⇌ Be2(g)+Cl2(g) इसके लिए 500K पर Kc = 32 है। यदि प्रारम्भ में BrCI की सान्द्रता 3.3×10-3molL-1 हो तो साम्य पर मिश्रण में इसकी सान्द्रता क्या होगी?
उत्तर
प्रश्न 23.
1127 K एवं 1 atm दाब पर CO तथा CO2 के गैसीय मिश्रण में साम्यावस्था पर ठोस कार्बन में 90.55% (भारात्मक) CO है।
C(s)+CO2(g) ⇌ 42CO(g)
उपर्युक्त ताप पर अभिक्रिया के लिए Kc के मान की गणना कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 24.
298K पर NO एवं O2 से NO2 बनती है-
NO(g) +[latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex]O2(g) ⇌ NO2(g)
अभिक्रिया के लिए (क) ∆G⊖ एवं (ख) साम्य स्थिरांक की गणना कीजिए-
∆fG⊖ (NO2)= 52.0 kJ/mol
∆fG⊖ (NO) = 87.0 kJ/mol
∆fG⊖ (O2) = 0 kJ/mol
उत्तर
प्रश्न 25.
निम्नलिखित में से प्रत्येक साम्य में जब आयतन बढ़ाकर दाब कम किया जाता है, तब बतलाइए कि अभिक्रिया के उत्पादों के मोलों की संख्या बढ़ती है या घटती है या समान रहती है?
(क) PCl2(g) ⇌ PCl3(g) + Cl2(g)
(ख) CaO(s) + CO2(g) ⇌ CaCO3(s)
(ग) 3Fe(s) + 4H2O(g) ⇌ Fe3O4(s) + 4H2(g)
उत्तर
लोशातेलिए सिद्धान्त के अनुसार दाब कम करने पर उत्पादों के मोलों की संख्या
(क) बढ़ेगी,
(ख) घटेगी,
(ग) समान रहेगी।
प्रश्न 26.
निम्नलिखित में से दाब बढ़ाने पर कौन-कौन सी अभिक्रियाएँ प्रभावित होंगी? यह भी बताएँ कि दाब परिवर्तन करने पर अभिक्रिया अग्र या प्रतीप दिशा में गतिमान होगी?
(i) COCl2(g) ⇌ CO(g);+ Cl2(g)
(ii) CH4(g) + 2S2(g) ⇌ CS2(g) + 2H2S(g)
(iii) CO2(g) + C(s) ⇌ 2C0(g)
(iv) 2H2(g) + CO(g) ⇌ CH3OH(g)
(v) CaCO3(s) ⇌ CaO(s) + CO2(g)
(vi) 4NH3(g) + 5O2(g) ⇌ 4NO(g) + 6H2O(g)
उत्तर
वे अभिक्रियाएँ प्रभावित होंगी जिनमें (n, #n,) हो। अत: अभिक्रियाएँ (i), (iii), (iv), (v) तथा (vi) प्रभावित होंगी। ला-शातेलिए सिद्धान्त के अनुसार हम अभिक्रियाओं की दिशा प्रागुप्त कर सकते हैं।
- np = 2, nr = 1 अर्थात् np > nr, अतः अभिक्रिया पश्चे दिशा में होगी।
- np = 3, nr = 3 अर्थात् np = nr, अतः अभिक्रिया दाब से प्रभावित नहीं होगी।
- np = 2, nr = 1 अर्थात् np >nr, अतः अभिक्रिया पश्च दिशा में होगी।
- np = 1, nr = 3 अर्थात् np <nr, अत: अभिक्रिया अग्र दिशा में होगी।
- np = 1, nr = 0 अर्थात् np > nr, अत: अभिक्रिया पश्च दिशा में होगी।
- np = 10, nr = 9 अर्थात् np >nr, अतः अभिक्रिया पश्च दिशा में होगी।
प्रश्न 27.
निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए 1024 K पर साम्य स्थिरांक 1.6 x 105 है।
H2(g)+ Br2(g) ⇌ 2HBr(g)
यदि HBr के 10.0 bar सीलयुक्त पात्र में डाले जाएँ तो सभी गैसों के 1024 K पर साम्य दाब ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 28.
निम्नलिखित ऊष्माशोषी अभिक्रिया के अनुसार ऑक्सीकरण द्वारा डाइहाइड्रोजन गैस | प्राकृतिक गैस से प्राप्त की जाती है-
CH4(g) + H2O(g) ⇌ CO(g) + 3H2(g)
(क) उपर्युक्त अभिक्रिया के लिए Kp का व्यंजक लिखिए।
(ख) Kp एवं अभिक्रिया मिश्रण का साम्य पर संघटन किस प्रकार प्रभावित होगा, यदि?
(i) दाब बढ़ा दिया जाए।
(ii) ताप बढ़ा दिया जाए।
(iii) उत्प्रेरक प्रयुक्त किया जाए।
उत्तर
(ख)
- ला-शातेलिए सिद्धान्त के अनुसार साम्य पश्च दिशा में विस्थापित होगा।
- चूँकि दी गयी अभिक्रिया ऊष्माशोषी है, अत: साम्य अग्र दिशा में विस्थापित होगा।
- साम्यावस्था भंग नहीं होगी लेकिन साम्यावस्था शीघ्र प्राप्त होगी।
प्रश्न 29.
साम्य 2H2(g) + CO(g) ⇌ CH2OH(g) पर प्रभाव बताइए|
(क) H2 मिलाने पर
(ख) CH3OH मिलाने पर
(ग) CO हटाने पर
(घ) CH3OH हटाने पर।
उत्तर
ला-शातेलिए सिद्धान्त के अनुसार,
(क) साम्यावस्था अग्र दिशा में विस्थापित होगी।
(ख) साम्यावस्था पश्च दिशा में विस्थापित होगी।
(ग) साम्यावस्था पश्च दिशा में विस्थापित होगी।
(घ) साम्यावस्था अग्र दिशा में विस्थापित होगी।
प्रश्न 30.
473 K पर फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइड PCls के विघटन के लिए K. का मान 8.3×10-3 है। यदि विघटन इस प्रकार दर्शाया जाए तो
PCl2(g) ⇌ PCl3(g) + Cl2(g); ∆rH⊖ = 124.0 kJ mol-1
(क) अभिक्रिया के लिए Kc क़ा व्यंजक लिखिए।
(ख) प्रतीप अभिक्रिया के लिए समान ताप पर Kc का मान क्या होगा?
(ग) यदि
(i) और अधिक PCl5 मिलाया जाए,
(ii) दाब बढ़ाया जाए तथा
(iii) ताप बढ़ाया जाए तो Kc पर क्या प्रभाव होगा?
उत्तर
प्रश्न 31.
हेबर विधि में प्रयुक्त हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस से प्राप्त मेथेन को उच्च ताप की भाप से क्रिया कर बनाया जाता है। दो पदों वाली अभिक्रिया में प्रथम पद में CO एवं H2 बनती हैं। दूसरे पद में प्रथम पद में बनने वाली CO और अधिक भाप से अभिक्रिया करती है।
CO(g) + H2O(g) ⇌ CO2(g) + H2(g)
यदि 400°C पर अभिक्रिया पात्र में co एवं भाप का सममोलर मिश्रण इस प्रकार लिया जाए कि pCO = PH2O = 4.0 bar, H2 का साम्यावस्था पर आंशिक दाब क्या होगा? 400°C पर Kp = 10.1
उत्तर
प्रश्न 32.
बताइए कि निम्नलिखित में से किस अभिक्रिया में अभिकारकों एवं उत्पादों की सान्द्रता सुप्रेक्ष्य होगी-
(क) Cl2(g) ⇌ 2Cl(g) Kc=5×10-39
(ख) Cl2(g) + 2NO(g) ⇌ 2NOCI(g) Kc = 3.7×108
(ग) Cl2(g) + 2NO2(g) ⇌ 2NO2Cl(g) Kc = 1.8
उत्तर
अभिक्रिया (ग) जिसके लिए Kन उच्च और न निम्न में अभिकारकों तथा उत्पादों की सान्द्रता सुप्रेक्ष्य होगी।
प्रश्न 33.
25°C पर अभिक्रिया 3O2(g)⇌ 2O3 (g) के लिए K. का मान 2.0 x 10-50है। यदि वायु में 25°C ताप पर O2 की साम्यावस्था सान्द्रता 1.6 x 10-2 है तो की सान्द्रता क्या होगी?
उत्तर
प्रश्न 34.
Co(g) +3H2(g)⇌CH4(g) + H2O(g) अभिक्रिया एक लीटर फ्लास्क में 1300 K पर साम्यावस्था में है। इसमें CO के 0.3 मोल, H2 के 0.01 मोल, H2O के 0.02 मोल एवं CH4 की अज्ञात मात्रा है। दिए गए ताप पर अभिक्रिया के लिए Kc का मान 3.90 है। मिश्रण CH4 की मात्रा ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 35.
संयुग्मी अम्ल-क्षारक युग्म का क्या अर्थ है? निम्नलिखित स्पीशीज के लिए संयुग्मी अम्ल/क्षारक बताइए- HNO2, CN–, HClO4, F–, OH–,CO2-3 एवं S2-
उत्तर
संयुग्मी अम्ल-क्षार युग्म (Conjugate acid-base pair)-अम्ल-क्षार युग्म जिसमें एक प्रोटॉन का अंतर होता है, संयुग्मी अम्ल-क्षार युग्म कहलाता है। अम्ल-HNO2,HClO4
क्षारक- CN–, F–, OH–, CO2-3 एवं S2-
इनके संयुग्मी अम्ल/क्षारक निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 36.
निम्नलिखित में से कौन-से लूइस अल ही
H2O, BF3, H+ एवं NH4+
उत्तर
BF3, H+ तथा NH4+.
प्रश्न 37.
निम्नलिखित ब्रान्स्टेड अम्लों के लिए संयुग्मकों कैमून लिखिए-
HF, H2SO4 एवं HCO3–
उत्तर
F–,HSO4– तथा CO2-3
(संयुग्मी क्षारक ⇌ संयुग्मी अम्ल –H+)
प्रश्न 38.
ब्रान्स्टेड क्षारकों NH2–, NH2 तथा HCOO– के संयुग्मी अम्ल लिखिए
उत्तर
NH3, NH+4, HCOOH
(संयुग्मी अम्ल ⇌ संयुग्मी क्षारक +H+)
प्रश्न 39.
स्पीशीज H2O, HCO2–, HSO4– ता NH2 ब्राम्स्टेड अम्ल तथा क्षारक-दोनों की भाँति व्यवहार करते हैं। प्रत्येक के संयुग्मी अम्ल लथा-क्षकबाइए।
उत्तर
प्रश्न 40.
निम्नलिखित स्पीशीज को लूइस अम्ल तथा क्षारक में वर्गीकृत कीजिए तथा बताइए कि ये किस प्रकार लूइस अम्ल-क्षारक के समान कार्य करते हैं—
(क) OH–
(ख) F–
(ग) H+
(घ) BCl3
उत्तर
(क) OH– इलेक्ट्रॉन युग्म दान कर सकता है, अतः यह लुइस क्षारक है।
(ख) F– इलेक्ट्रॉन युग्म दान कर सकता है, अतः यह लुइस क्षारक है।
(ग) H+ इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण कर सकता है, अतः यह लुइस अम्ले है।
(घ) BCl3 इलेक्ट्रॉन न्यून स्पीशीज है, अतः यह लुइस अम्ल है।
प्रश्न 41.
एक मृदु पेय के नमूने में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता 3.8 x 10-3 M है। उसकी pH परिकलित कीजिए।
उत्तर
pH=-log[H+]=-log(3.8×10-3)= 2.42
प्रश्न 42.
सिरके के नमूने की pH 3.76 है, इसमें हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात कीजिए।
उत्तर
∴ log [H+]=-3.76
या [H+] = antilog (-3.76) = antilog 4.24 = 1.74×10-4 M
प्रश्न 43.
HF, HCOOH तथा HCN का 298K पर आयनन स्थिरांक क्रमशः 6.8 x 10-4, 1.8 x 10-4 तथा 4.8 x 10-9 है। इनके संगत संयुग्मी क्षारकों के आयनन स्थिरांक ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 44.
फीनॉल का आयनन स्थिरांक 1.0 x 10-10 है। 0.05 M फीनॉल के विलयन में फीनॉलेट आयन की सान्द्रता तथा 0.01 M सोडियम फीनेट विलयन में उसके आयनन की मात्रा ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 45.
H2S का प्रथम आयनन स्थिरांक 9.1×10-8 है। इसके 0:1 M विलयन में HS– आयनों की सान्द्रता की गणना कीजिए तथा बताइए कि यदि इसमें 0.1 M HCl भी उपस्थित हो तो | सान्द्रता किस प्रकार प्रभावित होगी? यदि H2S का द्वितीय वियोजन स्थिरांक 1.2×10-13 हो तो सल्फाइड S2- आयनों की दोनों स्थितियों में सान्द्रता की गणना कीजिए।
उत्तर
प्रथम परिस्थिति के अनुसार,
प्रश्न 46.
ऐसीटिक अम्ल का आयनन स्थिरांक 1.74 x10-5 है। इसके 0.05 M विलयन में वियोजन की मात्रा, ऐसीटेट आयन सान्द्रता तथा pH का परिकलन कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 47.
0.01 M कार्बनिक अम्ल [HA] के विलयन की pH, 4.15 है। इसके ऋणायन की सान्द्रता, अम्ल का आयनन स्थिरांक तथा pKa, मान परिकलित कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 48.
पूर्ण वियोजन मानते हुए निम्नलिखित विलयनों के pH ज्ञात कीजिए
(क) 0.003 M HCI
(ख) 0.005 M NaOH
(ग) 0.002 M HBr
(घ) 0.002 M KOH
उत्तर
प्रश्न 49.
निम्नलिखित विलयनों के pH ज्ञात कीजिए–
(क) 2 ग्राम TIOH को जल में घोलकर 2 लीटर विलयन बनाया जाए।
(ख) 0.3 ग्राम Ca(OH)2 को ज़ल में घोलकर 500 mL विलयन बनाया जाए।
(ग) 0:3 ग्राम NaOH को जल में घोलकर 200 mL विलयन बनाया जाए।
(घ) 13.6 MHCI के 1 mL को जल से तनुकरण करके कुल आयतन 1 लीटर किया जाए।
उत्तर
प्रश्न 50.
ब्रोमोऐसीटिक अम्ल की आयनन की मात्रा 0.132 है। 0.1 M अम्ल की pH तथा pKa का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 51.
0.005 M कोडीन (C18H21NO3) विलयन की pH 9.95 है। इसका आयनन स्थिरांक ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 52.
0.001 M ऐनिलीन विलयन का pH क्या है? ऐनिलीन का आयनन स्थिरांक 4.27×10-10 है। इसके संयुग्मी अम्ल का आयनन स्थिरांक ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 53.
यदि 0.05 M ऐसीटिक अम्ल के pKa का मान 4.74 है तो आयनने की मात्रा ज्ञात कीजिए। यदि इसे
(अ) 0.01 M
(ब) 0.1 M HCI विलयन में डाला जाए तो वियोजन की मात्रा किस प्रकार प्रभावित होती है?
उत्तर
प्रश्न 54.
डाइमेथिल ऐमीन का आयनन स्थिरांक 5.4×10-4 है। इसके 0.02 M विलयन की आयनन की मात्रा की गणना कीजिए। यदि यह विलयन NaOH प्रति 0.1 M हो तो डाइमेथिल ऐमीन का प्रतिशत आयनन क्या होगा?
उत्तर
प्रश्न 55.
निम्नलिखित जैविक द्रवों, जिनमें pH दी गई है, की हाइड्रोजन आयन सान्द्रता परिकलित कीजिए-
(क) मानव पेशीय द्रव, 6.83
(ख) मानव उदर द्रव, 1.2
(ग) मानव रुधिर, 7.38
(घ) मानव लार, 6.4
उत्तर
प्रश्न 56.
दूध, कॉफी, टमाटर रस, नींबू रस तथा अण्डे की सफेदी के pH का मान क्रमशः 6.8, 5.0, 4.2, 2.2 तथा 7.8 हैं। प्रत्येक के संगत H+ आयन की सान्द्रता ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 57.
298 K पर 0.561 g, KOH जल में घोलने पर प्राप्त 200 mL विलयन की pH तथा पोटैशियम, हाइड्रोजन तथा हाइड्रॉक्सिल आयनों की सान्द्रताएँ ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 58.
298 K पर Sr(OH)2 विलयन की विलेयता 19.23 g/L है। स्ट्रांशियम तथा हाइड्रॉक्सिल आयन की सान्द्रता तथा विलयन की pH ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 59.
प्रोपेनोइक अम्ल का आयनन स्थिरांक 1.32 x 10-5 है। 0.05 M अम्ल विलयन के आयनन की मात्रा तथा pH ज्ञात कीजिए। यदि विलयन में 0.01 MHCI मिलाया जाए तो उसके आयनन की मात्रा ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 60.
यदि सायनिक अम्ल (HCNO) के 0.1 M विलयन की pH 2.34 हो तो अम्ल के आयनन स्थिरांक तथा आयनन की मात्रा ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 61.
यदि नाइट्रस अम्ल का आयनन स्थिरांक 4.5×10-4 है तो 0.04 M सोडियम नाइट्राइट विलयन की pH तथा जलयोजन की मात्रा ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 62.
यदि पिरीडिनीयम हाइड्रोजन क्लोराइड के 0.02 M विलयन का pH 3.44 है तो पिरीडीन का आयनन स्थिरांक ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 63.
निम्नलिखित लवणों के जलीय विलयनों के उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय होने की प्रागुक्ति कीजिए
NaCI, KBr, NaCN, NH4NO3, NaNO2 तथा KF
उत्तर
NaCN, NaNO2, KF विलयन क्षारीय प्रकृति के होते हैं क्योंकि ये प्रबल क्षारक तथा दुर्बल अम्ल के लवण होते हैं। NaCl, KBr विलयन उदासीन प्रकृति के होते हैं क्योंकि ये प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षारक के लवण होते हैं। NH4NO3 विलयन अम्लीय प्रकृति का होता है क्योंकि यह प्रबल अम्ल तथा दुर्बल क्षारक को लवण होता है।
प्रश्न 64.
क्लोरोऐसीटिक अम्ल का आयनन स्थिरांक 1.35×10-3 है। 0.1 M अम्ल तथा इसके 0.1 M सोडियम लवण की pH ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 65.
310 K पर जल का आयनिक गुणनफल 2.7×10-14 है। इसी तापक्रम पर उदासीन जल की pH ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 66.
निम्नलिखित मिश्रणों की pH परिकलित कीजिए-
(क) 0.2 M Ca(OH)2 का 10 mL + 0.1 M HCI का 25 mL
(ख) 0.01 M H2SO4 का 10 mL+ 0.01 M Ca(OH)2 का 10 mL
(ग) 0.1 MH2SO4 का 10 mL + 0.1 M KOH का 10.mL
उत्तर
प्रश्न 67.
सिल्वर क्रोमेट, बेरियम क्रोमेट, फेरिक हाइड्रॉक्साइड, लेड क्लोराइड तथा मयूरस आयोडाइड विलयन के 298 K पर निम्नलिखित दिए गए विलेयता गुणनफल स्थिरांक की सहायता से विलेयता ज्ञात कीजिए तथा प्रत्येक आयन की मोलरता भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 68.
Ag2CrO4 तथा AgBr का विलेयता गुणनफल स्थिरांक क्रमशः 1.1 x 10-12तथा 5.0×10-13 हैं। उनके संतृप्त विलयन की मोलरता का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 69.
यदि 0-002 M सान्द्रता वाले सोडियम आयोडेट तथा क्यूप्रिंक क्लोरेट विलयन के समान आयतन को मिलाया जाए तो क्या कॉपर आयोडेट का अवक्षेपण होगा? (कॉपर आयोडेट के लिए Ksp = 7.4×10-8)
उत्तर
प्रश्न 70.
बेन्जोइक अम्ल का आयनन स्थिरांक 6.46 x 10-5 तथा सिल्वर बेन्जोएट का Ksp 2.5×10-13 है। 3.19 pH वाले बफर विलयन में सिल्वर बेन्जोएट जल की तुलना में कितना गुना विलेय होगा?
उत्तर
प्रश्न 71.
फेरस सल्फेट तथा सोडियम सल्फाइड के सममोलर विलयनों की अधिकतम सान्द्रता बताइए जब उनके समान आयतन मिलाने पर आयरन सल्फाइड अवक्षेपित न हो।
(आयरन सल्फाइड के लिए Ksp = 6.3×10-18)।
उत्तर
प्रश्न 72.
1 ग्राम कैल्सियम सल्फेट को घोलने के लिए कम से कम कितने आयतन जल की आवश्यकता होगी? (कैल्सियम सल्फेट के लिए Ksp = 9.1×10-6)
उत्तर
प्रश्न 73.
0.1 MHCI में हाइड्रोजन सल्फाइड से संतृप्त विलयन की सान्द्रता 1.0×10-19 M है। यदि इस विलयन का 10 mL निम्नलिखित 0.04 M विलयन के 5 mL में डाला जाए तो किन विलयनों से अवक्षेप प्राप्त होगा? FeSO4, MnCl2, ZnCl2 एवं CaCl2
उत्तर