Chapter 8 त्रिवर्णः ध्वजः
पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में एक विद्यालय में आयोजित स्वतन्त्रता दिवस समारोह के प्रसंग में छात्र परस्पर में वार्तालाप करते हैं तथा हमारे देश के राष्ट्रीय प्रतीक तिरंगे झंडे के महत्त्व का सुन्दर वर्णन करते हैं। इसमें तिरंगे झंडे के तीन रंगों-केसरिया, सफेद तथा हरे रंग का महत्त्व बतलाते हुए कहा गया है कि तिरंगे झंडे में सबसे ऊपर केसरिया रंग है जो शौर्य एवं वीरता का सूचक है।
बीच में सफेद रंग सत्य तथा शान्ति का सूचक है एवं नीचे हरा रंग समृद्धि का सूचक है। इन तीनों रंगों का अन्य महत्त्व भी पाठ में बतलाया गया है। झंडे के बीच में नीले रंग का अशोक चक्र है जो न्याय तथा प्रगति का प्रवर्तक है। वस्तुतः यह झंडा हमारे राष्ट्र गौरव का प्रतीक है। इसलिए स्वतन्त्रता दिवस और गणतन्त्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया जाता है।
पाठ का हिन्दी अनुवाद :
1. (केचन बालकाः काश्चन ……………………………………………. परस्परं संलपन्ति।)
देवेश:-अद्य स्वतन्त्रता-दिवस: ……………………………………… मोदकानि मिलिष्यन्ति।
हिन्दी अनुवाद – (कुछ बालक और कुछ बालिकाएँ स्वतन्त्रता दिवस के ध्वजारोहण समारोह में उत्साहपूर्वक जाते हुए परस्पर में वार्तालाप करते हैं।)। देवेश-आज स्वतन्त्रता दिवस है। हमारे विद्यालय के प्राचार्य ध्वजारोहण करेंगे और छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करेंगे। अन्त में लड्डू मिलेंगे।
2. डेविडः-शुचे! जानासि ……………………………………………… च एते त्रयः वर्णाः।
हिन्दी अनुवाद – डेविड-शुचि! तुम जानती हो? हमारा झंडा कैसा है? शुचि-हमारे देश का झंडा तिरंगा है। सलीम-रुचि! यह तिरंगा कैसे है? रुचि-इस झंडे में तीन रंग हैं, इसलिए यह तिरंगा है। क्या तुम इन रंगों के नाम जानते हो? सलीम-अरे! केसरिया, सफेद और हरा-ये तीन रंग हैं।
3. देवेश:-अस्माकं ध्वजे एते त्रयः ………………………………………………… अन्यदपि महत्त्वम्?
हिन्दी अनुवाद – देवेश-हमारे झंडे में ये तीन रंग क्या सूचित करते हैं? सलीम-सुनिए, केसरिया रंग शौर्य का, सफेद रंग सत्य का और हरा रंग समृद्धि का सूचक है। शुचि-क्या इन रंगों का अन्य भी महत्त्व है?
4. डेविड-आम्! कथं न? ध्वजस्य …………………………………….. एव एतत् गृहीतम्।
हिन्दी अनुवाद – डेविड-हाँ, क्यों नहीं? झंडे के ऊपर स्थित केसरिया रंग त्याग और उत्साह का सूचक है। मध्य में स्थित सफेद रंग सात्त्विकता और पवित्रता का द्योतक है। नीचे स्थित हरा रंग पृथ्वी के सौन्दर्य और उर्वरकता को बताने वाला है।
तेजिन्दर – शुचि! झंडे के बीच में एक नीले रंग का चक्र है?
शुचि – हाँ, हाँ। इसे अशोक चक्र कहा जाता है। यह प्रगति और न्याय का प्रवर्तक है। सारनाथ में अशोक स्तम्भ है। उसी से इसे लिया गया है।
5. प्रणव: – अस्मिन् चक्रे चतुर्विंशतिः ……………………………………….. जयतु भारतम्।
हिन्दी अनुवाद – प्रणव-इस चक्र में चौबीस (24) तीलियाँ हैं। मेरी-भारत की संविधान सभा में 22 जुलाई, 1947 ई. वर्ष को सम्पूर्ण रूप से इस झंडे को स्वीकार किया गया।
तेजिन्दर – हमारा तिरंगा झंडा स्वतन्त्रता और राष्ट्र-गौरव का प्रतीक है। इसीलिए ही स्वतंत्रता-दिवस और गणतन्त्र-दिवस को इस झण्डे को समारोहपूर्वक फहराया जाता है।
तिरंगे झंडे की जय हो, भारत की जय हो।
पाठ के कठिन-शब्दार्थ :
- त्रिवर्णः ध्वजः = तीन रंगों वाला झंडा (तिरंगा झंडा)।
- संलपन्ति = वार्तालाप करते हैं/करती हैं।
- प्रस्तोष्यन्ति = प्रस्तुत करेंगे/करेंगी।
- मोदकानि = लड्डू।
- ऊर्जस्वितायाः = ऊर्जा की।
- अराः = तीलियाँ।
- उत्तोलनम् = ऊपर उठाना/फहराना।
- कीदृशः = कैसा।
- केशरवर्णः = केसरी रंग।
- श्वेतः = सफेद।
- हरितः = हरा।
- शृणु = सुनो।
- अन्यदपि (अन्यत् + अपि) = और भी।
- उपरि = ऊपर।
- शुचितायाः = ईमानदारी, पवित्रता का।
- अधः = नीचे।
- वसुन्धरायाः = पृथ्वी का।
- उर्वरतायाः = उपजाऊपन का।
- प्रवर्तकम् = सूचक।
- जातम् = हो गया।