Chapter 9 मृदा

पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1 और 2 में सबसे उपयुक्त उत्तर को चिह्नित करें।

प्रश्न 1.
शैल कणों के अतिरिक्त मृदा में होते हैं –

  1. वायु और जल
  2. जल और पादप
  3. खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल
  4. जल, वायु और पादप।

उत्तर:
खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल।

प्रश्न 2.
जल धारण क्षमता सबसे अधिक होती है –

  1. बलुई मृदा में।
  2. मृण्मय मृदा में।
  3. दुमटी मृदा में।
  4. बालू और दुमट के मिश्रण में।

उत्तर:
दुमटी मृदा में।

प्रश्न 3.
कॉलम A में दी गई वस्तुओं का कॉलम B में दिये गुणों से मिलान कीजिए –

उत्तर:
(क) → (ii)
(ख) → (iii)
(ग) → (i)
(घ) → (v)
(च) → (iv)

प्रश्न 4.
समझाइए कि मृदा कैसे बनती है?
उत्तर:
मृदा का निर्माण लाखों वर्षों की प्रक्रिया है। पवन, जल और जलवायु की क्रिया से शैलों (चट्टानों) के टूटने से मृदा का निर्माण होता है। यह क्रिया अपक्षय कहलाती है। चट्टानों की दरारों में पानी भर रहता है। तापक्रम कम होने के कारण पानी बर्फ से रूप में बदल जाता है। बर्फ के रूप में आने पर उसका आयतन बढ़ जाता है। जब यह बर्फ चट्टानों में फैलती है तो वायुदाब और ताप की प्रक्रिया द्वारा चट्टानें चटखकर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं जिसके मृदा का निर्माण होता है।

प्रश्न 5.
मृण्मय मृदा किस प्रकार फसलों के लिए उपयोगी है?
उत्तर:
पवन, वर्षा, तापं प्रकाश आर्द्रता कुछ जलवायवी कारक हैं जो मृदा को प्रभावित करते हैं। मृण्मय मृदा में बारीक कणों का अनुपात अपेक्षाकृत अधिक होता है। इस मृदा की जल धारण क्षमता अच्छी है। यह मृदा ह्यूमस से समृद्ध और अत्यधिक उर्वर होती है। अतः यह फसलों के लिए उपयोगी है।

प्रश्न 6.
मृण्मय मृदा और बलुई मृदा के बीच अन्तर बताइए।
उत्तर:
मृण्मय मृदा और बलुई मृदा में अन्तर:

मृण्मय मृदा

बलुई मृदा

मृण्मय मृदा में बारीक कणों का अनुपात अधिक होता है।

बलुई मृदा में बड़े कणों का अनुपात अधिक होता है।

इस मृदा में जल की अन्तः स्रवण दर सबसे कम होती है।

इस मृदा में यह अन्तः स्रवण दर सबसे अधिक होती है।

इसमें ह्यूमस की मात्रा अधिक होती है अत: यह अधिक उपजाऊ है।

इसमें ह्यूमस की मात्रा कम होती है अतः यह अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है।

प्रश्न 7.
मृदा की अनुप्रस्थ काट का चित्र बनाइए और विभिन्न परतों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
मृदा की विभिन्न परतें:

प्रश्न 8.
रजिया ने खेत में अन्तःस्रवण की दर से सम्बन्धित एक प्रयोग किया, उसने देखा कि उसके द्वारा लिए गए मृदा के नमूने में से 200 ml जल को अन्तःस्रवण करने में 40 मिनट लगे। अन्तःस्रवण दर परिकलित कीजिए।
हल:

प्रश्न 9.
समझाइए मृदा प्रदूषण और मृदा अपरदन को किस प्रकार रोका जा सकता है?
उत्तर:
मृदा प्रदूषण को निम्नलिखित प्रकार से रोका जा सकता है –

  1. पॉलीथीन की थैलियों और प्लास्टिक की वस्तुओं के उपयोग पर रोक लगानी चाहिए।
  2. विभिन्न उद्योगों एवं कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों एवं रसायनों को मृदा में निर्मुक्त करने से पहले उन्हें उपचारित किया जाना चाहिए।
  3. पीड़कनाशियों का उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए।
  4. जंगलों की कटाई को रोका जाना चाहिए।
  5. खेतों की अधिक बार जुताई नहीं करनी चाहिए।

मृदा अपरदन को रोकना:

  1. वनों की कटाई और वनोन्मूलन को रोका जाना चाहिए।
  2. हरित क्षेत्रों को बढ़ाने के प्रयास किये जाने चाहिए।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित वर्ग पहेली को दिए गए संकेतों की सहायता से हल कीजिए:
सीधे:
1. इसके बने थैलों के अपशिष्ट से मृदा का प्रदूषण होता है।
2. इस प्रकार की मृदा में सूक्ष्म कणों का अनुपात अपेक्षाकृत अधिक होता है।
4. इस प्रकार की मृदा से सूक्ष्म तथा बड़े कणों की मात्रा लगभग समान होती है।
5. मृदा परिच्छेदिका की परत।
8. वनस्पति न होने पर यह मृदा को उड़ा ले जाती है।
9. इस प्रकार की मृदा सुवातित एवं शुष्क होती है।
10. किसी मृदा द्वारा पानी को रोकने की क्षमता।

ऊपर से नीचे:
2. भूमि की ऊपरी परत, जो पौधों को आधार प्रदान करती है।
3. पवन तथा प्रवाही जल के कारण मृदा पर प्रभाव।
6. मृदा में जल के अवशोषण की प्रक्रिया।
7. किसी स्थान की मृदा की परिच्छेदिका।
उत्तर:

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