Chapter 9 सप्तभगिन्यः

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत-


उत्तरम्:
शिक्षकसहायतया स्वयमेव कुर्युः।

प्रश्न 2.
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-
(क) अस्माकं देशे कति राज्यानि सान्ति?
उत्तरम्:
अष्टविंशतिः।

(ख) प्राचीनेतिहासे काः स्वाधीनाः आसन्?
उत्तरम्:
सप्तभागिन्यः।

(ग) केषां समवायः ‘सप्तभगिन्यः’ इति कथ्यते?
उत्तरम्:
सप्तराज्यानाम्।

(घ) अस्माकं देशे कति केन्द्रशासित प्रदेशाः सन्ति?
उत्तरम्:
सप्त।

(ङ) सप्त भगिनी-प्रदेशे कः उद्योगः सर्वप्रमुखः?
उत्तरम्:
वंशोद्योगः।

प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तराणि लिखत-
(क) भगिनीसप्तके कानि राज्यानि सन्ति?
उत्तरम्:
अरुणाचल प्रदेशः, असमः, मणिपुरम्, मिजोरमः, मेघालय, नागालैण्डः, त्रिपुरा।

(ख) इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः इति किमर्थ कथ्यन्ते?
उत्तरम्:
इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः सामजिक, सांस्कृतिक परिदृश्यानां साम्याद कथ्यन्ते।

(ग) सप्तभगिनी -प्रदेशे के निवसन्ति?
उत्तरम्:
सप्तभगिनी प्रदेशे गारो-खासी-नागा-मिजो वहवः जन जातीयाः निवसन्ति।

(घ) एतत्प्रादेशिकाः कैः निष्णाताः सन्ति?
उत्तरम्:
एतत्प्रादेशिकाः बहुभाषाभिः समन्विताः पर्वपरम्पराभिः परिपूरताः स्वलीला कलाभिश्च निष्णाता: सन्ति।

(ङ) वंशवृक्षवस्तूनाम् उपयोगः कुत्र क्रियते?
उत्तरम्:
वंशवृक्षवस्तूनाम् उपयोगः आवस्त्राभूषणेभ्यः गृह निर्माण पर्यन्तं प्रायः वंश वृक्ष निर्मितानां वस्तूनाम् उपयोगः क्रियतेः।

प्रश्न 4.
रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) वयं स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामि?
उत्तरम्:
वयं कस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामि।

(ख) सप्तभगिन्यः प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः?
उत्तरम्:
काः प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः।

(ग) प्रदेशेऽस्मिन् हस्तशिल्पानां बाहुल्यं वर्तते?
उत्तरम्:
प्रदेशेऽस्मिन् केषाम् बाहुल्यं वर्तते?

(घ) एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थ स्वर्गसदृशानि?
उत्तरम्:
एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थ कानि।

प्रश्न 5.
यथानिर्देशमुत्तरत-
(क) ‘महोदये! मे भगिनी कथयति’- अत्र ‘मे’ इति सर्वनामपदं कस्यै प्रयुक्तम्?
उत्तरम्:
स्वरा।

(ख) समाजिक-सांस्कृतिकपरिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तोपाधिना प्रथितानि- अस्मिन् वाक्ये प्रथितानि इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्?
उत्तरम्:
उक्तोपाधिना।

(ग) एतेषां राज्यानां पुनः सङ्घघटनम् विहितम् – अत्र ‘सङ्घघटनम्’ इति कर्तृपदस्य क्रियापदं किम्?
उत्तरम्:
कर्ता-राज्याणं, क्रिया-विहितम्।

(घ) अत्र वंशवृक्षाणां प्राचुर्यम् विद्यते – अस्मात् वाक्यात् ‘अल्पता’ इति पदस्य विपरीतार्थकं पदं चित्वा लिखत?
उत्तरम्:
प्राचुर्यम्।

(ङ) ‘क्षेत्रपरिमाणैः इमानि लघूनि वर्तन्ते’ – वाक्यात् ‘सन्ति’ इति क्रियापदस्य समानार्थकपदं चित्वा लिखत?
उत्तरम्:
वर्तन्ते।

प्रश्न 6(अ).
पाठात् चित्वा तद्भवपदानां कृते संस्कृतपदानि लिखत-

NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 9 सप्तभगिन्यः Q6.1
उत्तरम्:

प्रश्न 6(आ).
भिन्नप्रकृतिकं पदं चिनतु-
(क) गच्छति, पठति, धावति, अहसत्, क्रीडति।
(ख) छात्रः सेवकः, शिक्षकः, लेखिका, क्रीडकः।
(ग) पत्रम्, मित्रम्, पुरपम्, आम्र, नक्षत्रम्।
(घ) व्याघ्रः, भल्लूकः, गजः, कपोतः, वृषभः, सिंहः।
(ङ) पृथिवी, वसुन्धरा, धारित्री, यानम्, वसुधा।
उत्तरम्:
(क) अहसत्
(ख) लेखिका
(ग) आम्रः
(घ) कपोतः
(ङ) यानम्

प्रश्न 7.
विशेष्य-विशेषणानम् उचितं मेलनम् कुरुत-

उत्तरम्:

योग्यता-विस्तार
अद्वयं मत्रयं चैव न-त्रि-युक्तं तथा द्वयम्।
सप्तराज्यसमूहोऽयं भगिनीसप्तकं मतम्।।

यह राज्यों के नामों को याद रखने का सरल तरीका है। इसका अर्थ असे आरम्भ होने वाले दो में से आरम्भ होने वाले तीन, न से नगालैण्ड और त्रि से त्रिपुरा का बोध होता है। इसी प्रकार उठारह पुराणों के नाम याद रखने के लिए यह श्लोक प्रसिद्ध है।

मद्वयं भद्वयं यैव ब्रत्रयं वचतुष्टयम्।
अ-ना-प-लिंग कूस्कानि पुराणानि प्रचक्षते॥

‘सप्तभागिनी’ इस उपनाम का सर्वप्रथम प्रयोग 1972 में श्री ज्योति प्रसाद से किया ने आकाशवाणी के साथ भेंटवार्ता के क्रम में किया था।
इनके अन्तर्गत आने वाले राज्यों का उल्लेख प्राचीन ग्रन्थों में भी प्राप्त होता है।
यथा – महाभारत, रामायण, पुराण आदि।

इन राज्यों की राजधानी क्रमशः इस प्रकार है-
अरुणाचल प्रदेश – इटानगर
असम – दिसपुर
मणिपुर – इम्फाल
मिजोरम – ऐजोल
मेघालय – शिलाङ्ग्
नगालैण्ड – कोहिमा
त्रिपुरा – अगरतला

बिहू, मणिपुरी, नानक्रम आदि इस प्रदेश के प्रमुख नृत्य हैं। नगा, मिजो, खासी, असमी, बांग्ला, पदम, बोडो, गारो, जयन्यिा आदि यहाँ प्रमुख भाषाएँ हैं। सप्तसंख्या पर कुछ अन्य प्रचलित नाम हैं-

सप्तसिन्धु – ‘सप्त भागिनी’ के समान सप्तसिन्धु हैं-सिन्धु, शुतुद्री (सतलुज), इरावती (इरावदी), विस्सता (झेलम), विपाशा (व्यास), असिक्नी (चिनाब) और सरस्वती।।

सप्तपर्वत – महेन्द्र, मलय, हिमवान्, अर्बुद, विन्ध्य सह्याद्रि, श्रीशैल।

सप्तर्षि – मरीचि, पुलस्त्य, अंगिरा, क्रतु, अत्रि, पुलह, वसिष्ठ।
कृष्णनाथ की पुस्तक अरुणाचल यात्रा (वाग्देवी प्रकाश बीकानेर 2002) पठनीय है।

परियोजना-कार्यम्
पाठ में स्थित अद्वयं……….वाली पहेली से सातों राज्यों राज्यों के नाम को समझो।

Class 8 Sanskrit Chapter 9 सप्तभगिन्यः Summary

पाठ परिचय
भारतवर्ष अपनी भौगोलिक विशेषताओं का एक अनोखा संगम है। ‘सप्तभगिनी’ यह एक उपमाना हैं उत्तरपूर्व के सात राज्य विशेष को उक्त उपाधि दी गयी है। इन राज्यों का प्राकृतिक सौन्दर्य अत्यन्त विलक्षण है। इन्हीं के सांस्कृतिक और सामाजिक वैशिष्ट्य को ध्यान में रखकर प्रस्तुत पाठ का सृजन किया गया है।

शब्दार्थ:
बाढ़म् – हाँ, अच्छा; ज्ञानुम् – जानने हेतु; कति – कितने; भगिनी – बहन; अतिरिच्य – अलावा; भवतु – अच्छा; समवायः – समूह पथितः – प्रसिद्ध; प्रतीकात्मकः – सांकेतिक; कदाचित् – सम्भवतः; साम्याद् – समानता के कारण उक्तोपाधिना – कई गई उपाधि से; नाम्नि – नाम में; संशयः – संदेह; अपरतः – दूसरी और क्षेत्रपरिमाणैः – क्षेत्रफल से; बृहत्तराणि – बड़े स्वाधीनाः – स्वतन्त्र; महत्त्वाधायिनी – महत्त्व को रखने वाली; प्रभृतिभिः – आदि से; विहितम् – विधिपूर्वक किया गया; पुष्पस्तवकसदृशानि – फूलों के गुच्छे के समान; हृद्या – हृदय को प्रिय लगने वाली; सावहितमनसा – सावधान मन से; ऊर्जस्विनः – ऊर्जा युक्त; पूरिपूरिताः – पूर्ण; आम् – हाँ; अवाप्त – प्राप्त; सार्द्धम् – साथ; चलतु – चलो।

मूलपाठः
अध्यापिका-सुप्रभातम्………….सर्वे-कथम्? कथम्?

सरलार्थः
अध्यापिका – सुप्रभात।

छात्रगण – सुप्रभात। सुप्रभात।

अध्यापिका – ठीक है। आज क्या पढ़ा है?

छात्रगण – हम सब अपने देश के राज्यों (प्रदेशों) के विषय में जानना चाहते हैं।

अध्यापिका – ठीक हैं बोलो। हमारे देश में कितने राज्य हैं?

सायरा – चौबीस, महोदया।

सिल्वी – नहीं, नहीं महोदया ! पच्चीस राज्य हैं।

अध्यापिका – दूसरा कोई भी?

स्वरा – (बीच में ही) महोदय! मेरी बहन कहती है-कि हमारे देश में अट्ठाईस राज्य हैं। इसके अलावा सात केन्द्रशासित प्रदेश भी है।

अध्यापिका – सही जानती है तुम्हारी बहन ! उचित है, क्या तुम सब जानते हो कि इस सब राज्यों में सात राज्यों का एक समूह है जो (साब बहनें) इस नाम से प्रसिद्ध है।

सभी – आश्चर्य सहित परस्पर देखते हुए) सात बहनें? सात बहनें?

निकोलस – ये सात राज्य (सात बहनें) क्यों कहे जाते हैं?

अध्यापिका – यह प्रयोग सांकेतिक है। सम्भवतः सामाजिक व सांस्कृतिक परिदृश्यों की समानता से यह उपाधि प्रसिद्ध हैं।

समीक्षा – मेरा कतहल शान्त नहीं हो रहा है। सनाए तो वे कौन-से राज्य हैं?

अध्यापिका – मेरा कुतूहल शान्त नहीं हो रहा है। सुनाए तो वे कौन-से राज्य हैं?

अध्यापिका – सुनिए।

दो ‘अ’ (‘अं’ से आरम्भ होने वाले), तीन ‘म’ (‘म) से आरम्भ होने वाले, एक ‘न’ (‘न’ से आरम्भ होने वाला) तथा एक ‘त्रि’ (‘त्रि’ से आरम्भ होने वाला) से युक्त ये दो। यह सात राज्यों का समूह भगिनीसप्तम माना गया है। इस प्रकार भगिनी सप्तक मेंये राज्य हैं-

  1. अरुणाचल प्रदेश
  2. असम
  3. मणिपुर
  4. मिजोरम
  5. मेघालय
  6. नागालैण्ड
  7. त्रिपुरा।

जबकि क्षेत्रफल में ये छोटे हैं फिर भी गुण और गौरव की दृष्टि से बहुत बड़े हैं।
सभी-कैसे? कैसे?

अध्यापिका-इमाः सप्तभागिन्यः………………….स्वर्ग सदृशानिं इति।

सरलार्थः
ये सात बहनें अपने प्राचीन इतिहास में प्राय: स्वतन्त्र ही दिखाती हैं। किसी भी शासक ने इन्हें अपने अधीन नहीं किया था। अनेक संस्कृति की विशेषता वाली भारत भूमि में इन बहनों की संस्कृति विशेष महत्व वाली है।

तन्वी – यह शब्द सबसे पहले कब प्रयुक्त हुआ?

अध्यापिका – सुनने में मधुर लगने वाला यह शब्द सबसे पहले पिछली शताब्दी के बहत्तरवे वर्ष (1972) में त्रिपुरा राज्य के उद्घाटन के क्रम में किसी ने फैलाया। इस समय फिर से इन राज्यों का संगठन किया गया।

स्वरा – दूसरी भी कोई विशेषता है इनकी?

अध्यापिका – अवश्य ही है। पर्वत, वृक्ष, पुष्प आदि प्राकृतिक सम्पदाओं से समृद्ध हैं ये राज्य। ये भारत रूपी वृक्ष में फूलों के गुलदस्ते के समान सुशोभित हैं।

राजीव – आप। जैसे घर में बहन सबसे अधिक प्रिय और मनोहर होती है। वैसे ही भारत रूपीघर में ये सात बहनें सबसे मनोहर है।

अध्यापिका – तुम्हारे मनमें आई हुई यह भावना बहुत कल्याण वाली है, परन्तु सभी ऐसा नहीं समझते है। ठीक है, इनके विषय में कुछ विशेष कथनीय है। सावधान मन से सुनिए-यह प्रदेश जनजातियों से बहुत है। गारे,खासी, नगा, मिजो आदि अनेक जनजातियाँ यहाँ रहती हैं। शरीर में इस प्रदेश के लोग अनेक भाषाओं से युक्त, पर्यों की परम्पराओं वाले, अपने करतबों और कलाओं मे कुशल हैं।

मालती – महोदया! वहाँ तो बाँस के पेड़ भी पाए जाते हैं।

अध्यापिका – हाँ। इस प्रदेश में हस्तकला की प्रमुखता है। यहाँ वस्त्रों व आभूषणों से लेकर गृहनिर्माण तक अवसर बाँस के पेड़ से बनी वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि यहाँ बाँस के पेड़ों की अधिकता है। अब यहाँ का बाँस उद्योग अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि पा चुका है।

अभिनव – क्या बहनों वाला प्रदेश बहुत आकर्ष है।

सलीम – क्या यह प्रदेश भ्रमण के लिए उचित है।

सभी छात्र – (जोर से) महोदया! आगमी अवकाश में हम वहीं जाना चाहते है।

स्वरा – आप भी हमारे साथ चलिए।

अध्यापिका – यह विचार मुझे प्रिय है। ये राज्य भ्रमण के लिए स्वर्ग के समान है।

0:00
0:00

casibom-casibom-casibom-sweet bonanza-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-bahis siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-bahis siteleri-bahis siteleri-güvenilir bahis siteleri-aviator-sweet bonanza-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-lisanslı casino siteleri-lisanslı casino siteleri-lisanslı casino siteleri-lisanslı casino siteleri-lisanslı casino siteleri-bahis siteleri-casino siteleri-deneme bonusu-sweet bonanza-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren yeni siteler-güvenilir bahis siteleri-güvenilir casino siteleri-lisanslı casino siteleri-slot siteleri-yeni slot siteleri-aviator-bahis siteleri-casino siteleri-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu-deneme bonusu veren yeni siteler-güvenilir bahis siteleri-güvenilir casino siteleri-slot siteleri-lisanslı casino siteleri-yeni slot siteleri-casibom-grandpashabet-grandpashabet-aviator-aviator-aviator-aviator-aviator-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-sweet bonanza-deneme bonusu-deneme bonusu veren yeni siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-deneme bonusu veren siteler-bahis siteleri-bahis siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-casino siteleri-casino siteleri-güvenilir casino siteleri-güvenilir casino siteleri-lisanslı casino siteleri-slot siteleri-slot siteleri-slot siteleri-yeni slot siteleri-yeni slot siteleri-