Chapter 17 डाटाबेस कन्सेप्ट

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
DBMS का सम्बन्ध निम्नलिखित में से किससे है? (2012)
(a) डाटा के भण्डारण से
(b) डाटाबेस से डाटा प्राप्त करने से
(c) डाटाबेस की सुरक्षा से
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर
(d) उपरोक्त सभी

प्रश्न 2.
DBMS का पूर्ण रूप क्या है?
(a) डाटाबेस मैनेज सिस्टम
(b) डिस्ट्रीब्यूटिड मैनेजमेण्ट सिस्टम
(c) डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर
(c) डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम का उदाहरण नहीं है?
(a) MS-Word
(b) Oracle
(c) Sybase
(d) MS-Access
उत्तर
(a) MS-Word

प्रश्न 4.
एक टेबल में कितनी प्राइमरी की हो सकती हैं?
(a) दो
(b) तीन
(c) एक
(d) चार
उत्तर
(c) एक

प्रश्न 5.
रिलेशनल डाटाबेस में डाटा किस फॉर्म में स्टोर रहता है?
(a) नम्बर
(b) डिग्री
(C) टेबल
(d) टपल
उत्तर
(d) रिलेशनल डाटाबेस में प्रत्येक रिकॉर्ड को टपल के रूप में स्टोर किया जाता है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
डाटाबेस शब्द का अर्थ समझाइए। (2008)
अथवा
DBMS का पूर्ण रूप लिखिए।
उत्तर
किसी कार्य विशेष से सम्बन्धित सूचनाओं तथा डाटा का व्यवस्थित रूप से एकत्रीकरण ही डाटाबेस कहलाता है। DBMS को पूर्ण रूप डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम है।

प्रश्न 2.
DBMS की व्याख्या संक्षेप में कीजिए। (2015, 13)
उत्तर
डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम प्रोग्राम का एक ऐसा समूह है, जो डाटाबेस को परिभाषित करने, क्रिएट करने व व्यवस्थित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
RDBMS की एक वाक्य में व्याख्या कीजिए। (2016)
उत्तर
रिलेशनल डाटाबेस के रख-रखाव के तरीके को रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम (RDBMS) कहा जाता है।

प्रश्न 4.
रिलेशनल डाटाबेस तन्त्र के गुणों को समझाइए। (2012)
उत्तर
रिलेशनल डाटाबेस तत्र में निम्न गुण पाए जाते हैं।

  1. प्रत्येक टेबल के सभी रिकॉर्ड्स के फिल्ड संख्या एक समान होना चाहिए।
  2. प्रत्येक फाइल में एक ही प्रकार के रिकॉर्ड होते हैं।

प्रश्न 5.
नॉर्मलाइजेशन शब्द को समझाइए। (2012)
उत्तर
रिलेशनल मॉडल के अन्तर्गत नॉर्मलाइजेशन का अर्थ है-डाटाबेस में होने वाली पुनरावृत्ति को कम करना।

प्रश्न 6.
SQL का विकास समय बताइए। (2015)
उत्तर
SQL का विकास 1970 के दशक में डॉ. ई.एफ. कोड ने किया था।

प्रश्न 7.
फाइल में लिखने के लिए SQL के किन्हीं दो स्टेटमेण्ट को समझाइट। (2012)
उत्तर

  1. DELETE इस कमाण्ड का प्रयोग किसी टेबल से अवांछित रॉज अथवा रिकॉर्ड्स को डिलीट करने के लिए किया जाता है।
  2. INSERT किसी टेबल को क्रिएट करने के पश्चात् उस टेबल में डाटा-रिकॉड्र्स को एण्टर करने के लिए INSERT कमाण्ड का प्रयोग होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न ।

प्रश्न 1.
डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम क्या है? इनके मुख्य उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। (2009)
उत्तर
डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम प्रोग्राम का एक ऐसा समूह है, जो डाटाबेस परिभाषित करने, क्रिएट करने तथा मेण्टेन करने के लिए यूजर को योग्य बनाता है। यह उपयोगकर्ता को एक ऐसा वातावरण प्रदान करती है, जिसके माध्यम से डाटा को संग्रहीत करना तथा पुन: प्राप्त करना बहुत ही सुविधाजनक हो जाता है।
डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  1. इसका मूल उद्देश्य प्रयोगकर्ता और डाटाबेस के मध्य एक ऐसा दक्ष और सुविधाजनक वातावरण बनाना है, जिसमें डाटाबेस और प्रयोगकर्ता के मध्य डाटा का आदान-प्रदान सरलता से हो सके।
  2. इसका दूसरा उद्देश्य डाटाबेस के प्रयोगकर्ताओं की जानकारियों का तथा उनके द्वारा की जाने वाली डाटाबेस क्रियाओं का प्रबन्धन करना है।

प्रश्न 2,
रिलेशनल डाटाबेस सिस्टम का वर्णन कीजिए। (2013, 09)
उत्तर
रिलेशनल डाटाबेस में डाटा को द्वि-आयामी सारणियों (Two-dimensional tables) के रूप में संग्रहीत किया जाता है। इन सारणियों को रिलेशन भी कहा जाता है। रिलेशन डाटाबेस के रख रखाव के लिए रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम (RDBMS) की आवश्यकता होती है। RDBMS, DBMS का ही एक प्रकार हैं। रिलेशनल डाटाबेस की मुख्य विशेषता यह है कि एकल डाटाबेस में एक-से-अधिक सारणियों को संग्रहीत किया जा सकता है और ये सारणियाँ आपस में सम्बन्धित होती हैं।

प्रश्न 3.
फंक्शनल डिपेण्डेन्सी पर संक्षिप्त वर्णन कीजिए। (2010)
उत्तर
किसी टेबल का फील्ड A, फील्ड B पर तब फंक्शनली डिपेण्डेण्ट होता है, जब फील्ड A के समस्त मान फील्ड B में उपस्थित हो। इसे हम → (ऐरो सिम्बल) से प्रदर्शित करते हैं।
जैसे B ← A

प्रश्न 4.
निम्नलिखित SQL क्वेरी के उदाहरण दीजिए।
(i) Create
(ii) Select
(iii) Delete
(iv) Update
Student यहाँ टेबल का नाम है।
उत्तर
(i) CREATE TABLE Student (Roll_NO int (5),
(ii) SELECT * FROM Student;
उपरोक्त क्वेरी से Student टेबल का सारा डाटा रिट्रीव किया जाता है।
SELECT Name FROM Student;
उपरोक्त क्वेरी से किसी एक विशेष प्रकार का डाटा रिट्रीव किया जाता है।
(iii) DELETE Student;
(iv) UPDATE Student SET Name =”Shikha” WHERE Roll_No = 1;

प्रश्न 5.
DBMS व RDBMS में बीच कोई दो अन्तर बताइए। (2017)
उत्तर
DBMS व RDBMS के बीच अन्तर निम्न प्रकार है

UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 17 Q.3

लघु उत्तरीय प्रश्न ।।

प्रश्न 1.
डाटाबेस से आप क्या समझते हैं? (2010)
अथवा
डाटाबेस की अवधारणा तथा सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए !(2008)
अथवा
डाटाबेस क्या है? उनके गुणों व अवगुणों का वर्णन कीजिए| (2012)
अथवा
DBMS की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। (2014)
उत्तर
किसी कार्य विशेष से सम्बन्धित सूचनाओं/डाटा का व्यवस्थित रूप से एकत्रीकरण ही डाटाबेस कहलाता है। डाटाबेस डाटा फाइल्स का एक ऐसा समूह है, जो एकीकृत फाइल सिस्टम (Integrated file system) की भाँति होता है तथा डाटा के डुप्लीकेशन (Duplication) को कम करता है, साथ ही कोई भी वांछित सूचना सरलता से एक्सेस करता है।
इस एकीकृत फाइल सिस्टम में अनेक फाइल्स एक दूसरे से सम्बद्ध होते हुए भी पूर्णता का आभास प्रदान करती हैं। टेलीफोन डायरेक्ट्री, इसका एक अच्छा उदाहरण हैं।
उदाहरण यदि आपने किसी इण्डेक्स्ड एड्रेस बुक (Indexed address book) में अपने जानने वाले व्यक्तियों के नाम, टेलीफोन नम्बर एवं एड्रेस को लिख रखा है, तो इसे एक डाटाबेस कहा जा सकता हैं।

DBMS की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. डाटाबेस का निर्माण करना।
  2. नए डाटा को सम्मिलित करना या जोड़ना।
  3. वर्तमान डाटा को सम्पादित करना।
  4. डाटा को अस्थायी एवं स्थायी रूप से डिलीट करना।

प्रश्न 2.
नॉर्मलाइजेशन से आप क्या समझते हैं? 2NF क्या है और उसके लाभ व हानियाँ क्या है? (2010, 08)
अथवा
विभिन्न प्रकार के नॉर्मलाइजेशन के लाभ क्या है? (2012)
अथवा
नॉर्मलाइजेशन क्या है? इससे प्राप्त लाभ को लिखें।
अथवा
नॉर्मलाइजेशन का वर्णन कीजिए। द्वितीय नॉर्मल फॉर्म को समझाइट। (2015, 10)
उत्तर
रिलेशनल मॉडल के अन्तर्गत नॉर्मलाइजेशन का मुख्य कार्य डाटाबेस में होने वाली पुनरावृत्ति (Redundancy) को कम करना है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि डाटा को केवल एक ही बार संग्रहीत करना चाहिए, क्योंकि डाटा को अनेक बार तथा अनेक जगह पर संग्रहीत करने में समय व स्टोरेज दोनों का ही व्यय होता है। डाटा को नॉर्मलाइज करने के लिए टेबल को अन्य टेबल में विभक्त किया जाता है।

(ii) द्वितीय नॉर्मल फॉर्म कोई भी सारणी द्वितीय नॉर्मल फॉर्म (2NF) में तब कहलाई जाती है, जब वह सारणी प्रथम नॉर्मल फॉर्म में हो तथा प्रत्येक एट्रिब्यूट जोकि Non-key है, प्राइमरी की पर फंक्शनली डिपेण्डेण्ट हो।
Table : Employee

Emp_No

Name

Designation

25

Rakesh

Computer Operator

26

Manish

Manager

27

Rakesh

Computer Program

इस टेबल में प्राइमरी की Emp_No है, यहाँ पर एट्रिब्यूट प्राइमरी की पर फंक्शनली डिपेण्डेण्ट नहीं है, इसलिए इसे निम्न प्रकार से विभक्त करेंगे

Emp_No

Name

25

Rakesh

26

Manish

27

Rakesh

Emp_No

Designation

25

Computer Operator

26

Manager

27

Computer Program

अब इस प्रकार से बनी टेबल में कोई Designation हटाया जाता है, तो डाटा नष्ट नहीं होगा।
नॉर्मलाइजेशन से निम्न प्रकार के लाभ होते हैं।

  1. यह डाटा की होने वाली पुनरावृत्ति को कम करता है तथा यह आकार में छोटा होता है, इसलिए इसे स्टोर करने के लिए कम मैमोरी की आवश्यकता होती है।
  2. डाटा की पुनरावृत्ति नहीं होती, डाटा की एक से अधिक विभिन्न प्रतियों को स्टोर करने की सम्भावना कम होती है।

नॉर्मलाइजेशन के प्रयोग से निम्न हानियाँ हैं

  1. डाटा को नॉर्मलाइज्ड करने के लिए अधिक मैमोरी की आवश्यकता होती है।
  2. डाटाबेस में अधिक टेबल होती है, जिन्हें जोड़ना कठिन होता है।

प्रश्न 3.
नॉर्मलाइजेशन के विभिन्न प्रकारों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए। (2010)
उत्तर
यहाँ अनेक प्रकार के नॉर्मल फॉर्म परिभाषित हैं।
(i) प्रथम नॉर्मल फॉर्म डाटा को नॉर्मलाइज करने की प्रक्रिया 1NF से ही आरम्भ होती है। कोई भी टेबल प्रथम नॉर्मल फॉर्म में होती है, यदि कोई भी दो रॉ (Row) एक समान नहीं हो तथा प्रत्येक कोष्ठक में केवल एक ही मान रखा हो।
Table : Course

Course_id

Course_Name

College

101

BCA

Deewan

102

BBA

GBIT

103

MCA

IIMT

उपरोक्त सारणी में प्रस्तुत टेबल 1NF में है, जहाँ प्रत्येक कोष्ठक में एक मान है।

(ii) द्वितीय नॉर्मल फॉर्म इसके लिए लघु उत्तरीय प्रश्न II का प्रश्न 2 देखें।
(iii) तृतीय नॉर्मल फॉर्म कोई भी टेबल तृतीय नॉर्मल फॉर्म (3NF) में तब माना जाता है, जब वह द्वितीय नॉर्मल फॉर्म (2NF) में हो तथा प्रत्येक एट्रिब्यूट Non-key हो, जो केवल प्राइमरी की पर फंक्शनली डिपेण्डेन्ट
हो और किसी पर नहीं। उपरोक्त टेबल Designate को निम्न प्रकार से विभक्त करेंगे।

Desig_No

Designation

1

Computer Operator

2

Manager

3

Computer program

Desig_No

Emp_No

1

25

2

26

3

27

प्रश्न 4.
बॉयस-कोड नॉर्मल फॉर्म (BCNF Boyce-Codd Normal Form) से आपका क्या तात्पर्य है? उदाहरण सहित वर्णन करें। (2008)
उत्तर
BCNF, 3NF का एडवान्स वर्ज़न है। एक टेबल BCNF’ में तब मानी जाती है जब वह 3NF में हो तथा प्रत्येक फंक्शनल डिपेण्डेन्सी में प्रथम टेबल की सुपर की हो।
सारणी को BCNF में होने के लिए निम्न आवश्यकताएँ हैं।
(i) दी गई सारणी में अनेक कैण्डिडेट की हो।
(ii) जहाँ अनेक कैण्डिडेट की कम्पोजिट की (Key) की तरह कार्य करती है।
(iii) जहाँ कैण्डिडेट की एक-दूसरे को ओवरलैप (Overlap) करती है।
(iv) जहाँ एक एट्रिब्यूट समान होता है।
(v) रिलेशन तब BCNF में कहलाया जाता है, जब प्रत्येक डिटरमिनेण्ट एक कैण्डिडेट हो।

सारणी को BCNF में बदलने के लिए
Table : Project

E_Code

Proj_Code

Dept

Depthead

Hours

E101

P27

System

E901

90

E305

P27

Finance

E909

10

E508

P51

Admin

E908

NULL

E101

P51

System

E901

101

E101

P20

System

E901

60

E508

P27

Admin

E908

72

सारणी से Overlapping एट्रिब्यूट को ढूंढिए और Remove कीजिए और कैण्डिडेट की के part को तथा एट्रिब्यूट को जिस पर फंक्शनली डिपेण्डेण्ट हो, दूसरी सारणी में रख दीजिए और बचे हुए एट्रिब्यूट को ग्रुप कर दीजिए। यहाँ पर Dept, E_Code पर डिपेण्डेण्ट है, इसलिए इसे एक सारणी में रखिए।

E_code

Dept

E101

System

E305

Finance

E508

Admin

E101

System

E101

System

E508

Admin

Depthead भी E_Code तथा Dept पर डिपेण्डेण्ट है, लेकिन E_Code कॉमन एट्रिब्यूट है, इसलिए इसे हटा दीजिए।

Depthead

Dept

E901

System

E909

Finance

E908

Admin

E901

System

E901

System

E908

Admin

प्रश्न 5.
SQL पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो। (2016, 14, 10, 07, 06)
अथवा
SQL क्या है? इस पर की जाने वाली डाटा सम्बन्धित मुख्य क्रियाओं को समझाइए।
अथवा
SQL क्या है? किसी उच्चस्तरीय भाषा से यह कैसे भिन्न है? (2008)
अथवा
विस्तार में sQL की व्याख्या करें। (2018)
उत्तर
एस-क्यू-एल (SQL) का पूरा नाम स्ट्रक्चर्ड क्वेरी लैंग्वेज (Structured Query Language) है। यह एक हाई लेवल लैंग्वेज है, जिसका प्रयोग डाटाबेस एवं इससे सम्बन्धित ऑब्जेक्टस; जैसे-टेबल्स (Tables), क्वेरीज (Queries), व्यूज (Views) इत्यादि को क्रिएट (Create) करने, टेबल के स्ट्रक्चर (Structure) को परिवर्तित करने, टेबल में डाटा को इन्सर्ट (Insert), अपडेट (Update) एवं डिलीट (Delete) करने में किया जाता है।
डाटाबेस पर की जाने वाली डाटा सम्बन्धी मुख्य क्रियाएँ निम्न प्रकार हैं।

  1. इन्सर्ट इसका अर्थ होता है-किसी टेबल में डाटा को जोड़ना।
  2. डिलीट इसका अर्थ होता है-किसी टेबल से अवांछित रॉज अथवा रिकॉर्ड्स को मिटाना।
  3. अपडेट इसका अर्थ है-किसी टेबल या व्यू में स्टोर डाटा को अपडेट अर्थात् मॉडिफाइ करना।

SQL एक उच्चस्तरीय भाषा ही है, लेकिन इसमें कुछ अन्तर भी है; जैसे –

  1. इसमें डाटा की पुनरावृत्ति को कम किया जाता है।
  2. इसमें विभिन्न प्रकार की कमाण्ड प्रयोग की जाती है; जैसे- डिलीट, इन्सर्ट, अपडेट आदि।
  3. प्रयोगकर्ता की आवश्यकतानुसार पहले से उपलब्ध डाटाबेस में से डाटा को रिट्रीव (Retrieve) कर सकते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
डाटा क्या है? डाटाबेस क्या है? हमें डाटाबेस की आवश्यकता क्यों होती है? रिलेशनल डाटाबेस की विशेषताएँ समझाइए। (2006)
उत्तर
किसी वस्तु, व्यक्ति या समूह के बारे में किसी तथ्य अथवा जानकारी को डाटा कहा जाता है। किसी व्यक्ति का नाम, किसी वस्तु का वजन तथा मूल्य, किसी कक्षा के विद्यार्थियों की उम्र आदि ये सभी डाटा के उदाहरण हैं। डाटाबेस, सूचनाओं (या डाटा) का एक ऐसा व्यवस्थित संग्रह (Organised collection) होता है, जिससे हम किसी भी सूचना को सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। डाटाबेस व्यवस्थित इसलिए होता है, क्योंकि इसमें किसी भी डाटा या सूचना को एक निश्चित स्थान पर पहले से तय किए हुए रूप में रखा जाता है, ताकि कभी भी आवश्यकता पड़ने पर उसे आसानी से ढूँढ़कर देखा जा सके।

डाटाबेस की आवश्यकता
हाथ से बनाए गए डाटाबेस (हस्तचालित डाटाबेस) में बहुत-सी समस्याएँ होती है; जैसे –

  1. नया डाटा जोड़ने की समस्या
  2. डाटा को बदलने की समस्या
  3. डाटा को अपनी शर्तों के अनुसार प्राप्त करने की समस्या आदि।

इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कम्प्यूटरीकृत डाटाबेस का निर्माण किया गया। इसमें सभी सूचनाएँ कम्प्यूटर पर रखी जाती हैं और कम्प्यूटर की सहायता से ही उनका रख-रखाव तथा प्रोसेसिंग की जाती है।
कम्प्यूटर पर डाटाबेस बनाने के कई कारण हैं, जो निम्नलिखित हैं

  1. कम्प्यूटर पर बड़े आकार का डाटाबेस सरलता से बनाया जा सकता है, क्योंकि उसमें डाटा को संग्रहीत करने की क्षमता अधिक होती है।
  2. कम्प्यूटर की कार्य करने की गति तेज होने के कारण कितने भी बड़े डाटाबेस में से कोई भी इच्छित सूचना निकालना और डाटाबेस पर विभिन्न क्रियाएँ करना आदि कार्य बहुत कम समय में ही सम्पन्न हो । जाते हैं। इतना ही नहीं, तेज गति के कारण उस पर कोई लम्बी-चौड़ी रिपोर्ट निकालना और छापना मिनटों का कार्य होता है।
  3. इसमें हस्तचालित डाटाबेस की तुलना में बहुत कम खर्च आता है।
    रिलेशनल डाटाबेस की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

रिलेशनल डाटाबेस की विशेषताएँ
रिलेशनल डाटाबेस को विशेषताएँ निम्न हैं

  1. डाटाबेस की प्रत्येक फाइल में एक ही तरह के रिकॉर्ड होते हैं।
  2. डाटाबेस की फाइल में प्रत्येक रिकॉर्ड के फील्डों की संख्या समान होती है।
  3. टेबल के प्रत्येक रिकॉर्ड का एक विशेष आइडेण्टीफायर होता है।

प्रश्न 2.
रिलेशनल डाटाबेस मॉडल को विस्तार से समझाएँ। (2018)
उत्तर
रिलेशनल डाटा मॉडल में, डाटा सारणियों के रूप में संग्रहीत किया जाता है। इन डाटा सारणियों में स्तम्भ, सारणी में स्टोर होने वाले डेटा के प्रकार को तथा पंक्तियाँ डेटा को दर्शाती हैं। यह मॉडल डाटाबेस संरचना को सरल बना देता है। इसमें सारणियों (Tables) का उपयोग किया जाता है अर्थात् डाटा को द्विविमीय टेबल्स के रूप में स्टोर किया जाता है। टेबल्स को एक-दूसरे से सम्बद्ध किया जाता है। इसमें पॉइण्टर नहीं होता। टेबल्स में कोई भौतिक सम्बन्ध भी नहीं होता।
UP Board Solutions for Class 12 Computer Chapter 17 Q.2
रिलेशनल डाटा मॉडल के लाभ निम्न हैं

  1. टेबल के रूप में संरचना साधारण होती है, जिसे समझना आसान है।
  2. टेबल्स में डाटा पर सभी प्रकार की क्रियाएँ करना सरल है।
  3. टेबल्स में गणितीय क्रियाएँ करना भी सम्भव होता है।
  4. रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम में एक क्वेरी लैंग्वेज उपलब्ध होती है।
  5. यह डाटा संगठन बहुत फ्लेक्सिबल है।

प्रश्न 3.
रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम क्या है? इसके क्या लाभ हैं? समझाइए (2007)
अथवा
RDBMS पर निबन्ध लिखिए। (2014, 13)
उत्तर
रिलेशनल डाटाबेस में, डाटा को द्वि-आयामी सारणियों के रूप में संग्रहीत किया जाता है। इन सारणियों को रिलेशन (Relation) भी कहा जाता है। रिलेशन डाटाबेस के रख-रखाव के लिए रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम (Relational Database Management System-RDBMS) की आवश्यकता होती हैं।

RDBMS, DBMS का ही एक प्रकार है। रिलेशनल डाटाबेस की मुख्य विशेषता यह है कि एकल डाटाबेस में एक से अधिक सारणियों को संग्रहीत किया जा सकता है और ये सारणियाँ आपस में सम्बन्धित होती है। रिलेशनल डाटाबेस एक ऐसा डाटाबेस है, जोकि रिलेशनल मॉडल पर आधारित है। इस मॉडल के अनुसार, डाटा को विभिन्न टेबल्स में संग्रहीत किया जा सकता हैं।
इस प्रकार के मॉडल के मुख्य गुण निम्नलिखित हैं।
(i) प्रत्येक टेबल के सभी रिकॉर्ड्स का स्ट्रक्चर एक जैसा ही होगा।
(ii) प्रत्येक टेबल के सभी रिकॉर्ड्स के एट्रिब्यूट की संख्या एक जैसी ही होगी।
(iii) टेबल के प्रत्येक रिकॉर्ड का कोई-न-कोई आइडेण्टीफायर होता है। यदि Students का डाटा संग्रहीत करना हो

Roll_No

Name

Address

1

Rajesh

Delhi

2

Ravi

Mumbai

3

Manish

Kolkata

4

Sagar

Meerut

5

Nitin

Modipuram

रिलेशनल डाटाबेस की कुछ सम्बन्धित पदावली निम्नलिखित हैं।

  1. रिलेशन (Relation) इसके अन्तर्गत एक टेबल (Table) तैयार की जाती है, जो एक सिक्वेन्शियल फाइल को निरूपित करती है, जिसमें टेबल की पंक्तियाँ (Rows) फाइल के रिकॉर्ड को इण्डीकेट करती हैं, एवं स्तम्भ (Column) रिकॉर्ड के फील्ड को दर्शाता है। ये टेबल्स रिलेशन ही होते हैं। रिलेशन को उच्चस्तरीय फाइल्स के रूप में समझा जाता हैं।
    • प्रत्येक रिलेशन में एक ही तरह के रिकॉर्ड होते हैं।
    • किसी दिए गए रिलेशन में प्रत्येक रिकॉर्ड के फील्डों की संख्या समान होती है।
    • प्रत्येक रिकॉर्ड का एक अलग पहचानने वाला आइडेण्टीफायर (Identifier) होता है।
  2. टपल (Tuplo) रिलेशन में प्रत्येक रिकॉर्ड को टपल कहा जाता है।
  3. एट्रिब्यूट (Attribute) रिलेशन के सन्दर्भ में प्रत्येक कॉलम् (फील्ड) को एट्रिब्यूट कहते हैं।
  4. डोमेन (Domain) रिलेशन के सन्दर्भ में डोमेन मानों का एक समूह होता है, जिससे किसी कॉलम में दिए गए वास्तविक मानों को व्युत्पन्न किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
नॉर्मलाइजेशन का मुख्य कार्य क्या है? प्रथम तथा द्वितीय नॉर्मल फॉर्म को उदाहरण सहित समझाइए। (2006)
उत्तर
यहाँ अनेक प्रकार के नॉर्मल फॉर्म परिभाषित हैं।
(i) प्रथम नॉर्मल फॉर्म डाटा को नॉर्मलाइज करने की प्रक्रिया 1NF से ही आरम्भ होती है। कोई भी टेबल प्रथम नॉर्मल फॉर्म में होती है, यदि कोई भी दो रॉ (Row) एक समान नहीं हो तथा प्रत्येक कोष्ठक में केवल एक ही मान रखा हो।
Table : Course

Course_id

Course_Name

College

101

BCA

Deewan

102

BBA

GBIT

103

MCA

IIMT

उपरोक्त सारणी में प्रस्तुत टेबल 1NF में है, जहाँ प्रत्येक कोष्ठक में एक मान है।

(ii) द्वितीय नॉर्मल फॉर्म इसके लिए लघु उत्तरीय प्रश्न II का प्रश्न 2 देखें।
(iii) तृतीय नॉर्मल फॉर्म कोई भी टेबल तृतीय नॉर्मल फॉर्म (3NF) में तब माना जाता है, जब वह द्वितीय नॉर्मल फॉर्म (2NF) में हो तथा प्रत्येक एट्रिब्यूट Non-key हो, जो केवल प्राइमरी की पर फंक्शनली डिपेण्डेन्ट
हो और किसी पर नहीं। उपरोक्त टेबल Designate को निम्न प्रकार से विभक्त करेंगे।

Desig_No

Designation

1

Computer Operator

2

Manager

3

Computer program

Desig_No

Emp_No

1

25

2

26

3

27

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