Glimpses of the Past Summary and Translation in Hindi
आपके पढ़ने से पूर्व :
यहाँ हमारे देश के सन 1757 से 1857 तक के इतिहास की कुछ चित्रात्मक झलकियाँ हैं। ये तस्वीरें व ‘उक्ति मुखड़े’ आपको उन परिस्थितियों को समझने में मदद करेंगे जिनके कारण 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ था।
(कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद )
1. The Martyrs ………….. India’s martyrs. (Page 36)
कठिन शब्दार्थ : function (फंक्शन) = समारोह, countrymen* (कनट्रिमॅन) = वतन के लोगों, tears (टिअर्स) = पानी/आँसू, recall (रिकोल) = याद करो, sacrifices (सैक्रिफाइसिज) = कुर्बानी, martyrs (माटिर्ज) = शहीद।
हिन्दी अनुवाद :
1. शहीद दिल्ली में एक समारोह में (लता मंगेशकर द्वारा यह गीत गाया गया)
“ए मेरे वतन के लोगो,
जरा आँख में भर लो पानी,
जो शहीद हुए हैं उनकी,
जरा याद करो कुर्बानी।”
2. The Company’s conquests …………. slaves of foreigners! (Page 37)
कठिन शब्दार्थ : superior (सूपिअरिअर) = श्रेष्ठ, weapons (वेपॅन्ज) = हथियार, extending sighted (शोट-साइटिड) = अदूरदर्शी, upstart (अपस्टाट) = नवोदित, merchants (मॅचॅन्ट्स) = व्यापारी, defeat (डिफीट) = हराने, due to (ड्यु टु) = के कारण; constant (कॉन्सटॅन्ट) = लगातार, rivalries (राइवलरिज) = प्रतिद्वन्द्विताएं, subdue (सॅबड्यू) = अधीन करना, for-seeing (फार-सीइंग) = दूरदर्शी, react (रिएक्ट) = प्रतिक्रिया करना, conquests (कांक्वेस्ट्स) = जीत, destiny (डेस्टिनि) = भाग्य, linked (लिंक्ट) = जुड़ा होना, slaves (स्लेव्ज) = दास, foreigners (फॉरेनर्ज) = विदेशियों।
हिन्दी अनुवाद : 2. कंपनी की विजयें ( 1757-1849)
* अपने श्रेष्ठ हथियारों से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी 18वीं शताब्दी के भारत में अपनी शक्ति का विस्तार कर रही थी।
* भारतीय राजा अदूरदर्शी थे।
— “वह नवोदित राजा वाह! अंग्रेजी व्यापारियों को बुलाओ। वे उसे हराने में मेरी सहायता करेंगे।”
— ऐसी लगातार लड़ाइयों के कारण लोगों को शांति नहीं थी।
* (भारतीय राजाओं की) प्रतिद्वन्द्विताओं ने ईस्ट इंडिया कंपनी को सहायता पहुंचाई और यह एक के बाद एक भारतीय राजाओं को अपने अधीन करती चली गई।
* मैसूर का एक दूरदर्शी, बहादुर शासक, टीपू सुलतान, अंग्रेजों से तब तक लड़ा जब तक कि वह लड़ते-लड़ते मर नहीं गया।
* भारतीयों ने इन विजयों पर कैसी प्रतिक्रिया दी?
— “शुक्र है. भगवान का, अब इस देश में शांति है! अब और युद्ध नहीं होंगे और न ही ठगों द्वारा लूटमार होगी!”
* संयुक्त संज्ञा शब्द (compound noun) = दो संज्ञाओं को मिलाकर एक शब्द बनाना जिसका अपना अर्थ हो, जैसे
– country + men = countrymen, class + room = classroom, text + book = textbook, bed + sheet = bedsheet.
— “भगवान ने ही अंग्रेजों को भेजा है!”
— “हमारा भाग्य उनसे जुड़ा है!” |
* “गोरे अंग्रेजों ने हमारे राजाओं को या तो मार दिया है या सिंहासन से हटा दिया है।”
— “कुछ राजा अच्छे नहीं थे किन्तु आखिरकार हमारी धरती के तो थे।”
— “अब हम विदेशियों के दास बन गए हैं।”
3. British Rule (1765-1836) ……………. their business. (Page 38)
कठिन शब्दार्थ : religious (रिलिजेंस)= धार्मिक, preached (प्रीच्ट) = उपदेश दिया, untouchability (अनटचॅबिलॅटि) = अस्पृश्यता, misery (मिजॅरि) = दुःख, scorned (स्कोन्ड) = तिरस्कार किया, profits (प्रॉफिट्स) = लाभ, heavy (हैवि) = भारी, taxes (टैक्सिज) = कर, abandon (अबैनडॅन) = छोड़ना या छिन जाना, arrears (अरिअर्ज) = बकाया होना/कर्जदार होना, natives (नेटिव्ज) = मूल निवासी, unworthy (अनवर्दि) = अयोग्य, incapable (इनकेपॅबल) = अक्षम, import duty (इमपोट ड्यूटि) = आयात शुल्क, .cripple (क्रिपल) = अपंग करने के लिए, inevitably (इनएविटॅबलि) = अवश्यंभावी, famines (फेमिन्ज) = अकाल, starvation (स्टावेशन) = भूख से।
हिन्दी अनुवाद : 3. ब्रिटिश शासन (1765-1836)
* धार्मिक नेताओं ने अस्पृश्यता व बाल-विवाह जैसे विचारों के उपदेश दिये।
— “प्रत्येक वह जो सागर पार जायेगा वह अपने धर्म से अलग हो जायेगा।”
— “विश्व में समस्त दुःख स्त्रियों के कारण हैं।”
* सत्य यह है कि भारतीय स्वाभिमान खो चुके थे। अंग्रेज उनको तिरस्कृत करते थे।
— “मूल निवासी विश्वास के अयोग्य हैं व ईमानदारी में अक्षम हैं।”
— “सच है सरकार किन्तु मैं ईमानदार हूँ।”
* व्यापारी होने के कारण अंग्रेजों ने तुरन्त लाभ चाहा, उनके भारी करों ने किसानों को उनके खेत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
— “किन्तु आपके आदमी मेरी सारी फसल ले जा रहे हैं।”
— “तुम अभी भी बकाये/कर्जे में हो। यदि तुम अगले सप्ताह तक नहीं चुकाओगे तो मैं तुम्हें निश्चय ही जेल भेज दूंगा।”
— अवश्यंभावी अकाल आए अर्थात् ऐसे समय में अकाल और पड़े। 1822 से 1836 के बीच 15 लाख भारतीय भूख से मर गए।
* फिर भी अंग्रेजों ने अन्य तरीके निकाल लिए जिन्होंने उनको अधिक लाभ दिया।
— “जो सामान इंग्लैण्ड में निर्मित किया गया उस पर जब भारत में लाया जाए तो कोई आयात शुल्क नहीं लगना चाहिए।”
— “एक अच्छा विचार!”
— ईस्ट इंडिया कम्पनी के कानूनों ने भारतीय उद्योगों को अपंग बनाना आरम्भ कर दिया।
* अंग्रेजी नीतियों ने विशेषज्ञ हस्तशिल्पियों व उनके व्यवसाय को बर्बाद कर दिया।
4. Ram Mohan Roy ……………. his subjects. (Page 39)
कठिन शब्दार्थ : despise (डिस्पाइज) = उपेक्षा करना, ancient (एनरॉन्ट) = प्राचीन, culture (कल्चर) = संस्कृति, greater achievements (ग्रेटर अचीवमॅन्ट्स ) = महान उपलब्धियाँ, superstitions (सूपॅस्टिशन्ज) = अंधविश्वास, essence (ऐसन्स) = सार, suspicious (सॅस्पिशंस) = संदेही, subjects (सबजिक्ट्स) = प्रजा, responsibility (रिस्पॉन्सबिलॅटि) = उत्तरदायित्व, owes (ओज) = यह अहसास कि
आप उसके लिए कुछ करें।
कुछ निश्चित शब्दों से पूर्व in’ लगाने से विपरीतार्थक शब्द बन जाता है, जैसे
1. capable (क्षमतावान) = incapable (अक्षम)
2. complete (पूर्ण) = incomplete (अपूर्ण)
3. active (क्रियाशील) = inactive (अक्रियाशील)
4. dependence (निर्भरता) = independence (स्वतंत्रता)।
हिन्दी अनुवाद : 4. राम मोहन राय (1772-1833)
* राममोहन राय बंगाल के एक विद्वान व्यक्ति, समझ गए कि देश में क्या गलत हो रहा था।
— “हमें अपनों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, हमारी प्राचीन संस्कृति महान है और हम अधिक महान उपलब्धियाँ प्राप्त करने में समर्थ हैं। हमें पहले अपने समाज को अवश्य सुधारना चाहिए। अंधविश्वास हमें बरबाद कर रहे हैं।”
* उन्होंने अपनी पत्नी उमा को बताया—
— “गायें अलग-अलग रंग की हैं, किन्तु उनके दूध का रंग एक जैसा है। विभिन्न गुरुओं के विभिन्न विचार हैं किन्तु प्रत्येक धर्म का सार एक जैसा है।”
* वे विज्ञान व आधुनिक ज्ञान की ओर आकर्षित थे।
— “ज्ञान व्यावहारिक व वैज्ञानिक होना चाहिए।”
— उन्होंने समाचार पत्र आरम्भ किये थे किन्तु संदेही अंग्रेजों ने 1823 में उनको रोक दिया।
* उन्होंने सागर पार किये और यह देखने इंग्लैंड गए कि अंग्रेजों को किस चीज ने शक्तिशाली बनाया था। वहाँ उन्होंने उनको बताया
— “हम आपको शासक के रूप में स्वीकार करते हैं और आपको भी हमें प्रजा के रूप में स्वीकार करना चाहिए। किन्तु आपको एक शासक का अपनी प्रजा के प्रति जो दायित्व होता है, उसको अवश्य याद रखना चाहिए।”
5. Oppression (1765-1835)………………………………………..plains of India. (Page 40)
कठिन शब्दार्थ : oppress (अप्रेस) = अत्याचार/दमन, exporting (इक्स्पोटिंग) = निर्यात कर रहा था, prospered (प्रॉस्पॅर्ड) = समृद्ध हुआ, weavers (वीवर्ज) = बुनकर, bleaching (ब्लीचिंग) = (यहाँ) सींचना।
हिन्दी अनुवाद : 5. अत्याचार/दमन/उत्पीड़न (1765-1835)
* किन्तु अंग्रेजों ने भारतीयों पर अत्याचार जारी रखा। 1818 में उन्होंने ‘नियम तृतीय’ (Regulation III) पारित किया था। इसके अन्तर्गत, एक भारतीय को अदालत में पेश किए बिना जेल भेजा जा सकता था।
* अंग्रेज अधिकारी भारत में हमेशा ऊँचा वेतन पाते रहे और निजी व्यवसाय में भी भरपूर पैसा कमाते रहे।
* 1829 तक ब्रिटेन भारत को 7 करोड़ रुपये मूल्य के ब्रिटिश सामान निर्यात कर रहा था।
— ब्रिटिश लोग कंपनी की लूट पर समृद्ध हो रहे थे जबकि भारतीय उद्योगों की मृत्यु होने लगी थी।
* गवर्नर जनरल बेन्टिक ने वापिस घर (इंग्लैण्ड) सूचना दी कि
— “कपास बुनकरों (किसानों) की हड्डियाँ भारत की भूमि को सींच रही हैं।”
6. Dissatisfaction (1835-56) ……………… drive them out. (Page 41)
कठिन शब्दार्थ : petty (पेटि) = छोटे, incidentally (इनसिडेन्टॅलि) = संयोग से, intellectuals (इंटेलेक्चुअल्ज) = बुद्धिजीवियों, grievances (ग्रीवेंन्सिज) = शिकायत/व्यथा, conquered (कॉन्कॅर्ड) = जीत लिया, puppets (पपिट्स) = कठपुतलियाँ, converting (कॅनवॅटिंग) = धर्म परिवर्तन करा रहे थे।
हिन्दी अनुवाद : 6. असंतुष्टता (1835-56)
* भारत में शिक्षा फारसी व संस्कृत में थी। 1835 में मैकॉले नाम के एक अंग्रेज ने परिवर्तन का सुझाव दिया।
— “हमें मूल निवासियों को अंग्रेजी भाषा से पढ़ाना चाहिए।”
— “मैं सहमत हूँ।” .
* अंग्रेजी शिक्षा ने लिपिक तैयार कर दिये जिन्हें अंग्रेजों ने अपने अधीन छोटे कार्य दे दिये। (संयोग से) इसने बद्धिजीवियों की एक नई पीढी भी पैदा कर दी।
“हमें अपने भाइयों (भारतवासियों) को अवश्य शिक्षित करना चाहिए।” “और उनकी भौतिक परिस्थितियों को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए।”
“उसके लिए हमें अपनी शिकायत ब्रिटिश संसद को प्रेषित करनी चाहिए।”
* एक शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं, जैसे subject के अर्थ
1. अध्ययन का विषय
2. नागरिक, (बहु.) प्रजा
3. चर्चा का विषय
4. कर्ता।
* 1856 तक अंग्रेज पूरा भारत विजित कर चुके थे।
* उन्होंने भारतीयों की आवश्यकता की जरा भी परवाह नहीं की।
— “हमारे राजा तो कठपुतलियां बन चुके हैं और हम अपना पुराना धंधा खो चुके हैं।”
— “और भूमि भी।”
— “वे हमारे भाइयों (भारतवासियों) का धर्म परिवर्तन कर रहे हैं।”
— “आप केवल बातें करते हैं ! उन्हें खदेड़ने के लिए कुछ करो!”
7. The Sparks (1855-57)…………………the patriots. (Page 42)
कठिन शब्दार्थ : ruin (रुइन) = बर्बाद करना, peasants (पेजेन्ट्स) = किसान, desperate (डेसपरट) = हताश, rebellion (रिबेलिअन) = विद्रोह, massacred (मैसॅकॅर्ड) = कत्ल कर दिये, discontent (डिसकॅनटेन्ट) = असंतोष, brewing (ब्रूइंग) = पैदा हो रहा था, mansions (मैनशन्ज) = विशाल भवन, pittance (पिटन्स) = अल्पवेतन, abolish (अबॉलिश) = उन्मूलन, revolted (रिवाल्टिड) – विद्रोह कर दिया, stripped of (स्ट्रिप्ट ऑफ) = उतार लेना, adjutant* (एजुटॅन्ट) = सेना अधिकारी; executed (एक्सिक्यूटिड) = फांसी लगा दी, humiliated (ह्यूमिलिएटिड) = अपमान किया, grease (ग्रीस) = चिकना पदार्थ, fat (फैट) = चरबी, circulated (सॅक्यूंलेटिड) = प्रसारित की, masses (मैसिज) = जनसाधारण, patriots (पैट्रिऑट्स) = राष्ट्रभक्त।।
हिन्दी अनुवाद : 7. चिंगारी (1855-57)
* करों ने किसानों को बर्बाद करना जारी रखा। बंगाल में संथाल लोग जो कि नये भूमि कानून के अन्तर्गत अपनी भूमि खो चुके थे हताश हो गए। 1855 में
उन्होंने विद्रोह कर दिया और यूरोपियन लोगों का कत्ले आम कर दिया और उनके समर्थकों का भी यही हाल कर दिया।
* ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में भी असंतोष बढ़ रहा था।
— “गोरे सैनिक तो भारी-भरकम वेतन, रहने को विशाल भवन व नौकर-चाकर प्राप्त करते हैं।”
— “जबकि हम अल्पवेतन व धीमी पदोन्नति प्राप्त करते हैं।”
— “अंग्रेज हम से समुद्र पार करने को कहते हैं जो हमारे धर्म के विरुद्ध है। यह टोपीवाला कौन होता है हमारी युगों पुरानी परम्परा का उन्मूलन करने वाला?”
— “हमें अंग्रेजों को अवश्य बाहर निकालना चाहिए।”
— सिपाही मंगल पांडे ने अपने रेजीमॅन्ट के सैन्य अफसर पर आक्रमण कर दिया और उसे फांसी लगा दी गई थी।
* हजारों अन्य सिपाहियों ने भी विद्रोह कर दिया था। उनसे उनकी वर्दी उतार ली गई थी, अपमान किया गया था और बेड़ियां डाल दी गई थीं।
* कुछ ही अंग्रेजों ने भारतीय परम्पराओं या लोगों के मस्तिष्क को जानने की परवाह की थी।
— “अरे! गर्वीले ब्राह्मण सैनिको, क्या तुम यह जानते हो कि जिस कारतूस की ग्रीस को तुम्हें काटना होता है
वह गाय व सूअर की चर्बी से बना होता है।”
— “क्या?”
— “गौरे लोगों ने हमें भी धोखा दिया है!”
* शीघ्र ही एक गांव से दूसरे गांव रोटियां भेजी गईं, लोगों को यह बताने के लिए कि उनका सम्राट उनकी सेवाएँ चाहता है।
— “हाँ, मेरे गाँव के सभी व्यक्ति तैयार रहेंगे।”
* ठीक वैसे ही भारतीय सैनिकों में कमल के फूल बांटे गए।
— “विदेशियों को मृत्यु!”
— जनसाधारण ने राष्ट्रभक्तों को सभी सहायता व शरण दी।
* ‘adj’ से आरम्भ होने वाले शब्दों में ‘d’ साइलेंट (Silent) हो जाता है।
जैसे-1. adjective = एजिक्टिव
2. adjust = अजस्ट
3. adjacent = अजेसन्ट
4. adjunct = एजंक्ट।