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Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 5 जनसंख्या प्रवास एवं मानव विकास

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विश्व का सबसे बड़ा शरणार्थी देश कौन-सा रहा है?
(अ) संयुक्त राज्य अमेरिका
(ब) जापान
(स) कनाडा
(द) केन्या

प्रश्न 2.
एक ही देश या राज्यों के विभिन्न प्रदेशों की ओर होने वाले प्रवास को कहते हैं –
(अ) अप्रवास
(ब) उत्प्रवास
(स) अन्तर्राष्ट्रीय
(द) अन्तर्देशीय

प्रश्न 3.
अन्तक्षेत्रीय प्रवास किसके मध्य होता है?
(अ) ग्राम से नगर की ओर
(ब) नगर से उपनगर की ओर
(स) नगर से महानगर की ओर
(द) ये सभी

प्रश्न 4.
वर्ष 2015 की मानव विकास रिपोर्ट में भारत कौन-से स्थान पर है?
(अ) 130वाँ
(ब) 138वाँ
(स) 120वाँ
(द) 135वाँ

प्रश्न 5.
मानव विकास सूचकांक की रिपोर्ट कौन-सा संगठन जारी करता है?
(अ) WTO
(ब) UNDP
(स) WHO
(द) UNO

उत्तरमाला:
1. (अ), 2. (द), 3. (द), 4. (ब), 5. (ब)

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 6.
मानव विकास सूचकांक का मूल्य न्यूनतम से अधिकतम किन अंकों के मध्य होता है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक का मूल्य न्यूनतम 0 से अधिकतम 1 के मध्य होता है।

प्रश्न 7.
मानव विकास रिपोर्ट, यू.एन.डी.पी. (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) द्वारा क़िस वर्ष से प्रकाशित की जा रही है?
उत्तर:
1990 से।

प्रश्न 8.
मानव विकास की दृष्टि से भारत का कौन सा राज्य सर्वोच्च स्थान रखता है?
उत्तर:
केरल।

प्रश्न 9.
प्रवसन के कितने प्रकार हैं?
उत्तर:
प्रवसन के दो प्रकार हैं – उत्प्रवास व आप्रवास।

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 10.
प्रवास को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी मानव या मानव समुदाय द्वारा अपने स्थान को त्यागकर किसी अन्य स्थान पर जाकर रहने या बसने की प्रक्रिया प्रवास कहलाती है। प्रायः मानव या मानव समुदाय विभिन्न प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक कारकों से प्रभावित होकर प्रवास करता है। प्रवास एक प्रकार की भौगोलिक या स्थानिक प्रवासिता होती है, जो किसी एक भौगोलिक इकाई तथा दूसरी भौगोलिक इकाई के मध्य देखने को मिलती है।

प्रश्न 11.
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवसन किसे कहते हैं?
उत्तर:
विश्व के एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में या एक देश से दूसरे देश में लोगों के होने वाले प्रवास कों अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास कहा जाता है। इस प्रकार का प्रवास प्राचीन काल से वर्तमान काल तक जारी है जिसके लिए कोई न कोई कारण जिम्मेदार रहा है। लोगों का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थानान्तरण मुख्यतः आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं धार्मिक कारणों से हुआ है।

प्रश्न 12.
मानव विकास सूचकांक (एच.डी.आई.) किसे कहते हैं?
उत्तर:
लोगों के विकल्पों को परिवर्द्धित करने की प्रक्रिया मानव विकास कहलाती है। मानव विकास के विविध आयामों के मापन के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित विभिन्न संकेतकों के स्तर को मानव विकास सूचकांक कहा जाता है अर्थात् मानव विकास सूचकांक आधारभूत मानव विकास की औसत उपलब्धियों का एक सरल संश्लिष्ट सूचकांक है जिसमें विभिन्न देशों का स्थान (पदानुक्रम) निर्धारित किया जाता है।

प्रश्न 13.
एशिया में कौन से देश उच्च मानव विकास की श्रेणी में आते हैं?
उत्तर:
एशिया में जापान, इजराइल, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, ईरान, मलेशिया आदि राष्ट्र उच्च मानव विकास की श्रेणी में आते हैं।

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 14.
मानव विकास की संकल्पना को विस्तार से समझाइये।
उत्तर:
मानव विकास का अर्थ: मानव विकास एक ऐसे विकास के रूप में प्रयुक्त होता है जो लोगों के जीवन में सुधार लाता है और उनके लिए विकल्पों में वृद्धि करता है। इस अवधारणा में सभी प्रकार के विकास का केन्द्र बिन्दु मानव होता है।

मानव विकास की संकल्पना:
मानव विकास की संकल्पना एकाकी न होकर एक बहुआयामी संकल्पना है। इस संकल्पना में अनेक पक्ष शामिल हैं जिनमें आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, संस्थागत, मनोवैज्ञानिक, पारिस्थितिकीय एवं नैतिकता जैसे पक्ष शामिल हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोगों की आर्थिक दशाओं में सुधार करने व मानव कल्याण में वृद्धि करने तथा जीवन की गुणवत्ता में अभिवृद्धि करने के प्रयास किये जाते हैं।

जनकल्याण केवल धन से ही सम्भव नहीं होता अपितु आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास जन कल्याण के पक्ष होते हैं। मानव विकास के तीन महत्वपूर्ण पक्ष होते हैं – लोगों के जीवन की गुणवत्ता, अवसरों तक पहुँच व लोगों की स्वतंत्रता। जीवन की गुणवत्ता का मापन करने हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य व संसाधनों तक पहुँच को आधार माना जाता है। एक लम्बे समय तक किसी देश के विकास के स्तर को केवल आर्थिक वृद्धि के रूप में देखा जाता था लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश लोगों के जीवन में परिवर्तन से कोई सम्बन्ध नहीं था।

इसी तथ्य को आधार मानकर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक व प्रौढ अमर्त्य सेन ने मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन किया था। मानव विकास का विचार, समता, सतत् पोषणीयता, उत्पादकता एवं सशक्तिकरण की संकल्पनाओं पर आधारित है। समता प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों की समान पहुँच, को, सतत् पोषणीयता टिकाऊ विकास के स्वरूप को, उत्पादकता मानव श्रम अथवा मानव कार्य को जबकि सशक्तिकरण मानव के विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्राप्त करने के स्वरूप को दर्शाती है।

प्रश्न 15.
उच्च मानव विकास और निम्न मानव विकास समूह के देशों के मध्य पाये जाने वाले अन्तरों को विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
उच्च मानव विकास व निम्न मानव विकास समूह के देशों में निम्नलिखित अन्तर देखने को मिलते हैं –

अन्तर का आधार उच्च मानव विकास समूह के देश निम्न मानव विकास समूह के देश
1. मानव विकास सूचकांक 1. इस प्रकार के समूह वाले देशों में मानव विकास सूचकांक 0.71 से अधिक मिलता 1. इस प्रकार के समूह वाले देशों में मानव विकास सूचकांक 0.5 से कम होता है।
2. आर्थिक स्वरूप 2. इस समूह के देशों में आर्थिक स्वरूप मजबूत होने से विकसित दशाएँ दृष्टिगत होती हैं। 2. इस प्रकार के मानव विकास समूह में आर्थिक स्वरूप का स्तर निम्न होने से पिछड़ी दशाएँ दृष्टिगत होती हैं।
3. शिक्षा का स्तर 3. उच्च मानव विकास समूह के राष्ट्रों में शिक्षा का उच्च प्रतिशत मिलता है। 3. इस समूह के राष्ट्रों में शिक्षा का स्तर निम्न प्रतिशत को दर्शाता है।
4. चिकित्सा का स्वरूप 4. उच्च सूचकांक वाले राष्ट्रों में चिकित्सा सुविधाएं उन्नत होती हैं। 4. निम्न मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्रों में चिकित्सा सुविधाओं की दयनीय स्थिति देखने को मिलती है।
5. जन्म दर 5. उच्च मानव विकास समूह के राष्ट्रों में जन्म दर न्यूनतम व कुछ राष्ट्रों में तो घटती हुई मिलती है। 5. न्यून मानव विकास समूह के राष्ट्रों में उच्च जन्म दर मिलती है।
6. मृत्यु दर 6. ऐसे राष्ट्रों में मृत्यु दर को चिकित्सा सुविधाओं के द्वारा कम कर लिया गया है। 6. इन राष्ट्रों में अभी भी उच्च मृत्यु दर का स्वरूप देखने को मिलता है।
7. आयु संरचना 7. इन राष्ट्रों में प्राय: उच्च आयु वर्गों में अधिक जनसंख्या मिलती है। 7. इस प्रकार के समूह के राष्ट्रों में निम्न  आयु वर्गों में अधिक जनसंख्या देखने को मिलती है।
8. व्यावसायिक संरचना 8. उच्च मानव विकास समूह के राष्ट्रों में अधिकांश जनसंख्या द्वितीयक व तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न मिलती है। 8. निम्न विकास समूह के राष्ट्रों में अधिकांश जनसंख्या प्राथमिक क्रियाकलापों में संलग्न मिलती है।
9. जनसंख्या वृद्धि दर 9. इस समूह के राष्ट्रों में न्यून जनसंख्या वृद्धि दर मिलती है। 9. इन समूह के राष्ट्रों में उच्च जनसंख्या वृद्धि दर मिलती है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 16.
विश्व मानचित्र में सभी देशों को उनके कोटि क्रम के अनुसार मानव विकास सूचकांक मान के साथ प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
विश्व मानचित्र में निम्नलिखित देशों को उनके कोटि क्रम के अनुसार मानव विकास सूचकांक मान के साथ प्रदर्शित किया गया है –

देश मानव विकास सूचकांक
नावें 0.955
आस्ट्रेलिया 0.938
संयुक्त राज्य अमेरिका 0.937
जर्मनी 0.920
स्वीडेन 0.916
स्विटजरलैंड 0.913
जापान 0.912
फ्रांस 0.893
युनाइटेड किंगडम 0.875
अर्जेन्टीना 0.811
क्यूबा 0.780
मलेशिया 0.769
ईरान 0.742
ब्राजील 0.730
श्रीलंका 0.715
चीन 0.699
थाईलैण्ड 0.690
मिस्र 0.662
इण्डोनेशिया 0.629
भारत 0.554
केन्या 0.519
पाकिस्तान 0.515
बांग्लादेश 0.515
म्यांमार 0.498
नेपाल 0.463
जाम्बिया 0.448
चाड 0.340
नाइजर 0.304

स्रोत: HDR Report UNDP

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनसंख्या प्रवास के कितने पक्ष होते हैं?
(अ) 2
(ब) 3
(स) 4
(द) 5

प्रश्न 2.
यूरोप से उत्प्रवास का प्रमुख कारण क्या रहा है?
(अ) संसाधनों की कमी
(ब) संसाधनों की अधिकता
(स) अधिक जनसंख्या
(द) उच्च तकनीक

प्रश्न 3.
प्राचीनकाल में भारत से पड़ोसी देशों की ओर प्रवास का मुख्य कारण क्या था?
(अ) क्षेत्र विस्तार
(ब) धार्मिक प्रसार
(स) व्यापार
(द) रोजगार प्राप्ति

प्रश्न 4. विकास की संकल्पना है –
(अ) एकांकी संकल्पना
(ब) द्विआयामी संकल्पना
(स) त्रिआयामी संकल्पना
(द) बहुआयामी संकल्पना

प्रश्न 5.
मानव विकास की संकल्पना का प्रतिपादक कौन है?
(अ) थाम्पसन
(ब) माल्थस
(स) रिकार्डो
(द) महबूब-उल-हक

प्रश्न 6.
प्रथम मानव विकास प्रतिवेदन का प्रकाशन कब हुआ था?
(अ) 1960 में
(ब) 1990 में
(स) 2004 में
(द) 2015 में

प्रश्न 7.
मानव विकास सूचकांक की दृष्टि से विश्व का अग्रणी राष्ट्र कौन-सा है?
(अ) नार्वे
(ब) जापान
(स) आस्ट्रेलिया
(द) स्वीडन

प्रश्न 8.
मानव विकास की दृष्टि से एशिया का अग्रणी राष्ट्र कौन-सा है?
(अ) श्रीलंका
(ब) भारत
(स) मलेशिया
(द) जापान

प्रश्न 9.
अति उच्च मानव विकास की श्रेणी में कितने राष्ट्र शामिल हैं?
(अ) 24
(ब) 35
(स) 47
(द) 63

प्रश्न 10.
मध्यम मानव विकास श्रेणी का सूचकांक कितना है?
(अ) 0 – 71 से अधिक
(ब) 0.50 से 0.70 तक
(स) 0.50 से कम
(द) 1 से अधिक

उत्तरमाला:
1. (द), 2. (अ), 3. (ब), 4. (द), 5. (द), 6. (ब), 7. (अ), 8. (द), 9. (स), 10. (ब)

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न

निम्नलिखित में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए –
(क)

स्तम्भ (अ)
(प्रवास)
स्तम्भ (ब)
(प्रवास का प्रकार)
(i) एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र को (अ) अन्तर्राज्यीय प्रवास
(ii) एक राज्य से दूसरे राज्य को (ब) अन्त: राष्ट्रीय प्रवास
(iii) एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप के (स) अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास
(iv) एक ही राष्ट्र के अन्दर विभिन्न क्षेत्रों में (द) अन्तरमहाद्वीपीय प्रवास
(v) प्राकृतिक आपदा या संकट के दौरान किसी दूसरी जगह रहना। (य) वैध प्रवास
(vi) निश्चित नियमों व कानून के तहत होने वाला प्रवास (र) शरणार्थी

उत्तर:
(i) (स) (ii) (अ) (iii) (द) (iv) (ब) (v) (र) (vi) (य)

(ख)

स्तम्भ (अ)
(राष्ट्र)
स्तम्भ (ब)
(मानव विकास सूचकांक मूल्य)
(i) नार्वे (अ) 0.916
(ii) भारत (ब) 0.920
(iii) जापान (स) 0.938
(iv) जर्मनी (द) 0.554
(v) स्वीडन (य) 0.955
(vi) आस्ट्रेलिया (र) 0.912

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रवास हेतु उत्तरदायी कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
प्रवास हेतु उत्तरदायी कारकों में प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक कारक शामिल हैं।

प्रश्न 2.
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार प्रवास क्या है?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार ‘प्रवसन एक प्रकार की भौगोलिक या स्थानिक प्रवसिता है जो एक भौगोलिक इकाई तथा दूसरी भौगोलिक इकाई के मध्य देखने को मिलती है, जिनमें रहने का मूल स्थान अथवा पहुँचने का स्थाने दोनों भिन्न होते हैं।

प्रश्न 3.
बोग महोदय ने प्रवास को किस प्रकार परिभाषित किया है?
उत्तर:
बोग महोदय के अनुसार, “एक मानव समुदाय या समूह द्वारा अपने स्थान को त्यागकर किसी अन्य स्थान पर जाकर रहना या बसना ही प्रवसन कहलाता है।“

प्रश्न 4.
उत्प्रवास से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
स्थानान्तरण की वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक स्थान से मनुष्य दूसरे स्थान को जाते हैं अर्थात् अपने वर्तमान निवास स्थान को छोड़कर किसी दूसरे स्थान की ओर जाना।

प्रश्न 5.
आवास क्या होता है?
उत्तर:
आगमन की प्रक्रिया जिसके द्वारा बाहरी स्थानों से मानव किसी प्रदेश या स्थान के अन्दर आकर स्थायी रूप से बसते हैं।

प्रश्न 6.
जनसंख्या प्रवास के कौन-कौन से पक्ष हैं?
उत्तर:
प्रत्येक जनसंख्या प्रवास के 5 पक्ष हैं। जिनमें देश पक्ष, काल पक्ष, कारण पक्ष, संख्या पक्ष व स्थिरता पक्ष शामिल है।

प्रश्न 7.
यूरोप महाद्वीप से अन्य क्षेत्रों की ओर प्रवास क्यों हुआ है?
उत्तर:
यूरोप महाद्वीप में संसाधनों की कमी तथा जीवन स्तर के गिरने के कारण अन्य देशों की ओर प्रवास हुआ है।

प्रश्न 8.
यूरोपीय लोगों का प्रवास किन क्षेत्रों की ओर हुआ है?
उत्तर:
यूरोपीय लोगों को प्रवास मुख्यत: उष्ण कटिबंधीय एवं शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों की ओर हुआ है।

प्रश्न 9.
एशियाई देशों से प्रवास क्यों हुआ है?
उत्तर:
एशियाई देशों से जलवायु की दशाओं में परिवर्तन होने, नवीन प्रजाति द्वारा प्राचीन प्रजाति को बाहर धकेलने व रोजगार की प्राप्ति हेतु प्रवास हुआ है।

प्रश्न 10.
चीनी लोगों ने कहाँ उत्प्रवास किया है?
उत्तर:
चीनी लोगों ने एशिया के दक्षिणी-पूर्वी भागों (मंचूरिया, कोरिया, मलेशिया थाईलैण्ड, हिन्देशिया, वियतनाम, फिलीपीन्स, म्यांमार) अमेरिका व अफ्रीकन देशों की ओर उत्प्रवास किया है।

प्रश्न 11.
जापानी लोगों ने कहाँ उत्प्रवास किया है?
उत्तर:
जापानी लोगों ने मुख्यतः हवाई द्वीप, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, मंचूरिया, कोरिया, मलेशिया आदि राष्ट्रों की ओर उत्प्रवास किया है।

प्रश्न 12.
आन्तरिक प्रवसन किसे कहते हैं?
अथवा
अंतर्देशीय प्रवास क्या है?
उत्तर:
एक ही देश के विभिन्न राज्यों या प्रदेशों के मध्य लोगों के एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर होने वाले प्रवसन को आन्तरिक प्रवसन कहते हैं।

प्रश्न 13.
अंतर्देशीय प्रवास को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
अंतर्देशीय प्रवास को दो भागों-अन्तर्घान्तीय व स्थानीय प्रवास में बाँटा गया है।

प्रश्न 14.
अन्तर्राज्यीय प्रवास से क्या तात्पर्य है?
अथवा
अन्तर्मान्तीय प्रवसन से क्या आशय है?
उत्तर:
किसी देश के अन्दर एक राज्य से दूसरे राज्य यो एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त की ओर होने वाले प्रवास को अन्तर्राज्यीय/अन्तर्घान्तीय प्रवास कहा जाता है।

प्रश्न 15.
स्थानीय प्रवास क्या होता है?
अथवा
अन्तः राज्यीय प्रवास क्या है?
उत्तर:
स्थानीय प्रवास में लोगों का स्थानान्तरण देश के एक ही प्रान्त में विभिन्न जनपदों के मध्य होता है।

प्रश्न 16.
स्थानीय प्रवास की धाराएं कौन-सी हैं?
उत्तर:
स्थानीय प्रवास ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर या नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर होता है।

प्रश्न 17.
प्रवास के कौन-कौन से परिणाम होते हैं?
उत्तर:
प्रवास के सामाजिक, आर्थिक, जनसांख्यिकीय व पर्यावरणीय परिणाम होते हैं।

प्रश्न 18.
मानव विकास का विचार किन संकल्पनाओं पर आधारित है?
उत्तर:
मानव विकास का विचार समता, सतत् पोषणीयता, उत्पादकता व सशक्तिकरण की संकल्पनाओं पर आधारित है।

प्रश्न 19.
मानव विकास से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
लोगों के जीवन विकल्पों के परिवर्द्धन की प्रक्रिया और जनकल्याण के स्तर को ऊपर उठाना ही मानव विकास है।

प्रश्न 20.
मानव विकास सूचकांक में देशों को किन श्रेणियों में बाँटा गया है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक की दृष्टि से देशों को अति उच्च मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्र, उच्च मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्र, मध्यम मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्र व निम्न मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्रों में बाँटा गया है।

प्रश्न 21.
उच्च मानव विकास की श्रेणी में शामिल राष्ट्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
उच्च मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्रों में नावें, आस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैण्ड, जर्मनी, स्वीडन, स्विट्जरलैण्ड, जापान, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम व अर्जेंटीना शामिल हैं।

प्रश्न 22.
मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।
अथवा
मानव विकास के स्तम्भ बताइये।
उत्तर:
मानव विकास के चार प्रमुख घटक, स्तम्भ अथवा कारक निम्न हैं –

  1. समता
  2. सतत् पोषणीयता
  3. उत्पादकता एवं
  4. सशक्तीकरण

प्रश्न 23.
मानव विकास के संदर्भ में समता की विचारधारा क्या है?
उत्तर:
मानव विकास के संदर्भ में समता की विचारधारा से आशय यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था हो।

प्रश्न 24.
मानव विकास के संदर्भ में उत्पादकता का क्या आशय है?
उत्तर:
मानव विकास के संदर्भ में उत्पादकता का आशय मानवीय कार्यक्षमता में निरन्तर वृद्धि करने से है।

प्रश्न 25.
सशक्तीकरण से क्या आशय है?
उत्तर:
अपने विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्राप्त करना सशक्तीकरण कहलाता है।

प्रश्न 26.
केरल में उच्च मानव विकास सूचकांक क्यों मिलता है?
उत्तर:
केरल में मानव विकास सूचकांक के सर्वोच्च होने के लिए उच्च साक्षरता दर का महत्वपूर्ण स्थान है।

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)

प्रश्न 1.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार प्रवसन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार “प्रवसन एक प्रकार की भौगोलिक या स्थानिक प्रवासिता है, जो एक भौगोलिक इकाई तथा दूसरी भौगोलिक इकाई के मध्य देखने को मिलती है, जिनमें रहने का मूल स्थान अथवा पहुँचने का स्थान दोनों भिन्न होते हैं। इस प्रकार का प्रवसन अधिकतर स्थायी होता है, क्योंकि इसमें मानव का निवास स्थान स्थायी रूप से परिवर्तित हो जाता है।”

प्रश्न 2.
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवसन की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विश्व में एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में या एक देश से दूसरे देश में लोगों के होने वाले प्रवास को अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास कहते हैं। लोगों का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थानान्तरण अधिकतर आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं धार्मिक कारणों से हुआ है। प्राचीन काल से वर्तमान काल तक मनुष्य किसी न किसी कारण से प्रभावित होकर स्थानान्तरण करता रहा है। वर्तमान में स्थानान्तरण रोजगार प्राप्ति के लिए भी किया जा रहा है।

प्रश्न 3.
यूरोपियन क्षेत्रों से उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों की ओर सम्पन्न हुए प्रवास को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यूरोपियन क्षेत्रों से उत्तरी अमेरिका एवं दक्षिणी अमेरिका के समुद्र तटीय उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में जहाँ सुगमता से जाया जा सकता था, उन क्षेत्रों की ओर प्रवास हुआ था तथा एशिया महाद्वीप के दक्षिणी-पूर्वी भाग में आकर कपास, गन्ना, गर्म मसाले, तम्बाकू, कहवा, चाय-चावल आदि व्यापारिक फसलों का उत्पादन प्रारम्भ किया था। इन बागानों पर मजदूरी करवाने के लिए यूरोपीय लोग अन्य देशों से बन्धुआ मजदूर पकड़कर लाते थे।

प्रश्न 4.
प्राचीन काल में भारतीय क्षेत्र में हुए प्रवास को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत के समीपवर्ती देशों में प्राचीन काल में अपने धार्मिक उपदेशों के प्रचार के लिए कई लोग विभिन्न देशों में गये। बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए बौद्ध भिक्षु प्राचीन काल में म्यांमार, श्रीलंका, मलेशिया, हिन्देशिया, आदि देशों में प्रवसन कर गये। भारत पर अंग्रेजों के शासनकाल के समय अंग्रेजों ने अपने कृषि बागानों पर मजदूरी करवाने हेतु भारतीयों को दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, फिजी, त्रिनिडाड स्थानान्तरित किया जो वहीं के स्थायी निवासी हो गए।

प्रश्न 5.
स्थानीय प्रवास की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्थानीय प्रवसन में लोगों का स्थानान्तरण देश में एक ही प्रान्त के विभिन्न जनपदों के मध्य होता रहता है। ग्रामीण लोग शहरों में मजदूरी के लिए या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते रहते हैं। स्थानीय प्रवसन एक ग्राम से नगर की ओर या नगर से ग्राम की ओर हो सकता है। नगरों से मिलने वाली विभिन्न सुविधाएं इन्हें आकर्षित करती हैं। यथा-मुम्बई में हजारों लोग प्रतिदिन 100 से 200 किमी तक प्रवास करते हैं।

प्रश्न 6.
मानव विकास सूचकांक की दृष्टि से किस-किस श्रेणी में कितने-कितने राष्ट्र हैं?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक की दृष्टि से अति उच्च मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्रों में 47, उच्च मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्रों में 47, मध्यम मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्रों में 47 व निम्न मानव विकास सूचकांक वाले राष्ट्रों में 35 देशों को शामिल किया गया है।

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)

प्रश्न 1.
जनसंख्या प्रवास की संकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या प्रवास एक प्राचीन कालीन प्रक्रिया है जिसका प्रमुख कारण मानव के एक सामाजिक प्राणी होने के साथ-साथ एक गतिशील प्राणी होना है। जनसंख्या की गतिशीलता मानव विकास की प्रत्येक अवस्था की विशेषता रही है। मानव प्राचीनकाल से ही प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक व सामाजिक कारकों से प्रभावित होकर एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर प्रवास करता रहा है।

किन्तु वर्तमान में मानव की गतिशीलता को अधिक अवसर प्राप्त हैं जो मानवीय इच्छा का कारण है। प्रवास की प्रक्रिया चुने गए स्थानों एवं छोड़े गए स्थानों दोनों को ही विभिन्न समाजों के सामाजिक, व्यावसायिक तथा जनांकिकी संरचना में परिवर्तन के कारण के रूप में समझा जाता है। प्रवास अनुकूल एवं प्रतिकूल दशाओं का परिणाम होता है।

प्रश्न 2.
प्रवास के विभिन्न पक्षों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या प्रवास के 5 पक्ष होते हैं, जिनमें विभिन्न दृष्टिकोणों से किसी प्रवास पर विचार किया जाता है। इन पक्षों में देश पक्ष, काल पक्ष, कारण पक्ष, संख्या पक्ष व स्थिरता पक्ष शामिल हैं। इन सभी पक्षों का संक्षिप्त विवरण अग्रानुसार है –

  1. देश पक्ष: इसमें यह विचार किया जाता है कि जनसंख्या किस प्रदेश या क्षेत्र से कहाँ को प्रवास करती है। इस पक्ष के आधार पर अन्तर्महाद्वीपीय प्रवास, अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास, अन्तर्राज्यीय प्रवास एवं स्थानीय प्रवास प्रमुख हैं।
  2. काल पक्ष: इसमें दीर्घकालीन प्रवास, सामयिक प्रवास, दैनिक प्रवास आदि का अध्ययन किया जाता है। यह पक्ष समय को आधार मानता है।
  3. कारण पक्ष: इसमें जनसंग प्रवास के कारणों पर विचार किया जाता है। भौतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा राजनैतिक कारण आदि प्रमुख हैं।
  4. संख्या पक्ष: प्रवास के संख्या पक्ष में इस बात का विचार किया जाता है कि किसी देश से बाहर जाने वाली प्रवासित या उत्प्रवासी जनता और बाहरी देशों से आने वाली अप्रवासी जनता की संख्या कितनी है। इस आधार पर वृहद् संख्यक, मध्यम एवं लघु संख्यक प्रवास निर्धारित होता है।
  5. स्थिरता पक्ष: ऐसे प्रवास जिनमें प्रवासी जनता नये देशों में जाकर स्थायी प्रकार से बस जाती है। अमेरिका, दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अफ्रीका आदि में यूरोपीय लोग स्थाई प्रकार से बस गये।

प्रश्न 3.
एशियाई देशों से सम्पन्न हुए प्रवास को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एशिया महाद्वीप एक विशाल महाद्वीप है। इस महाद्वीप में जलवायु की दशाओं के परिवर्तन व नवीन प्रजातियों द्वारा प्राचीन प्रजातियों को बाहर खदेड़ने के कारण प्रवसन की प्रक्रिया सम्पन्न हुई है। एशिया में प्रवास की यह प्रक्रिया प्राचीन काल से ही जारी है। 18 वीं शताब्दी में बढ़ती जनसंख्या दबाव की स्थिति के कारण चीन, भारत एवं जापान के लोग अपने पड़ोसी देशों में प्रवासित हो गए थे। 20वीं शताब्दी के पहले एशिया के चीन से दक्षिणी-पूर्वी भाग में स्थित देशों-मंचूरिया, कोरिया, मलेशिया, थाईलैण्ड, हिन्देशिया, वियतनाम, फिलीपीन्स, म्यांमार आदि देशों की ओर जनसंख्या का प्रवास हुआ था।

जापानी लोगों ने 1880-1900 के मध्य हवाई द्वीप, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, आस्ट्रेलिया व मंचूरिया की ओर प्रवास किया था। भारतीय क्षेत्र से भी प्रवास अपने पड़ोसी देशों की ओर प्राचीनकाल में धार्मिक कारणों से हुआ था। धार्मिक प्रचार-प्रसार के लिए अनेक लोगों ने श्रीलंका, इण्डोनेशिया, तिब्बत, म्यांमार आदि राष्ट्रों की ओर प्रवास किया था। आधुनिक काल में भारत से रोजगार की प्राप्ति हेतु बाहरी राष्ट्रों की ओर प्रवास हो रहा है।

प्रश्न 4.
मानव विकास सूचकांक के आधार पर विश्व को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक के आधार पर विश्व को मुख्यतः निम्नलिखित भागों में बाँटा गया है –

1. उच्च मानव विकास श्रेणी
2. मध्यम मानव विकास श्रेणी
3. निम्न मानव विकास श्रेणी।

  1. उच्च मानव विकास श्रेणी: इस श्रेणी में मानव विकास का स्कोर 0.71 से अधिक मिलता है। इस श्रेणी में विश्व के 94 देश शामिल हैं। वर्तमान में नार्वे सबसे अग्रणी राष्ट्र है। इसके अलावा आस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैण्ड जर्मनी एवं सभी पश्चिमी देशों के साथ जापान, इजराइल, सिंगापुर, हाँगकाँग, कोरिया, चिली, युरुग्वे, संयुक्त अरब अमीरात भी इस प्रथम श्रेणी में मुख्यतः शामिल है।
  2. मध्यम मानव विकास श्रेणी: इस श्रेणी में मानव विकास का स्कोर 0.5 से 0.70 के बीच मिलता है। इस श्रेणी में 47 देश शामिल हैं, जिनमें चीन, थाईलैण्ड, मंगोलिया, फिलिपींस, भारत, इण्डोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश आते हैं।
  3. निम्न मानव विकास श्रेणी: इस श्रेणी में मानव विकास का स्कोर 0.5 से कम मिलता है। इसमें 35 देश शामिल हैं। कांगो, चाड, म्यांमार, रवांडा, सूडान, इथियोपिया, अफगानिस्तान, गिनी, नाइजर, नेपाल, जाम्बिया आदि न्यूनतम स्तर पर रहने वाले राष्ट्र हैं।

RBSE Class 12 Geography Chapter 5 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रवास के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
अथवा
प्रवास के विविध प्रारूपों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रवास की प्रक्रिया देश, काल, कारण, संख्या व स्थिरता आदि पक्षों का परिणाम होती है। इन पक्षों के परिणामस्वरूप लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर आवागमन होता है। मानव के इस आवागमन के कारण उत्प्रवास व आप्रवास का स्वरूप उत्पन्न होता है। मानव के इस स्थानान्तरण को मुख्यतः अग्रलिखित भागों में बाँटा गया है –

सम्पूर्ण विश्व में प्रवसन का स्वरूप या तो आन्तरिक होता है या फिर बाहरी। इसी आधार पर प्रवास को मुख्यत: दो भागों में बाँटा गया है –

  1. अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास
  2. अन्तर्देशीय या आन्तरिक प्रवास

1. अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास: एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप या एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र की ओर होने वाले प्रवास को अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास कहते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास की प्रक्रिया के लिए सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व धार्मिक कारण उत्तरदायी होते हैं। वर्तमान में विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास का जो स्वरूप दृष्टिगत होता है उसमें रोजगार प्राप्ति व उच्च वेतन प्राप्ति हेतु किया गया प्रवास मुख्य है।

2. अंतर्देशीय प्रवास: एक ही देश के विभिन्न भागों/राज्यों या प्रदेशों के मध्य लोगों का जो आवागमन होता है उसे आन्तरिक या अंतर्देशीय प्रवास कहा जाता है। इस प्रकार के प्रवास को पुनः दो भागों में बाँटा गया है –

  • अन्तर्घान्तीय प्रवास: एक ही देश में विभिन्न भागों के मध्य इस प्रकार का प्रवसन होता है। भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य के मध्य; जैसे- उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा से कई लोग दिल्ली आकर बस गये राजस्थान से बहुत से लोग, महाराष्ट्र गुजरात, आदि राज्यों में जाकर बस गये।
  • स्थानीय/अन्तः प्रान्तीय प्रवास: जब एक ही राज्य/प्रान्त के अन्दर लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर आवागमन होता है तो ऐसे प्रवास को स्थानीय या अन्त: प्रान्तीय प्रवास कहा जाता है। इस प्रकार के प्रवास में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास होता है।

प्रश्न 2.
प्राचीनकालीन मानव जातियों के प्रवास को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मध्य एशिया को मानव को उत्पत्ति स्थल माना जाता है। यहाँ पर ही प्रजातियों के विकसित होने की प्रक्रिया सम्पन्न हुई। प्रायः प्रत्येक नवीन प्रजाति ने अपने से पुरानी प्रजाति को बाहर की ओर धकेला है। इसी कारण प्राचीन कालीन प्रवास का उदय हुआ था। विश्व में सम्पन्न हुए प्राचीनकालीन प्रवास के क्षेत्रों के आधार पर इसे निम्न भागों में बाँटा गया है –

  1. एशियाई क्षेत्रों से सम्पन्न हुआ प्रवास।
  2. यूरोपियन क्षेत्रों से सम्पन्न हुआ श्वास।
  3. अफ्रीकन क्षेत्रों से सम्पन्न हुआ प्रवास।

1. एशियाई प्रवास: एशिया मानव प्रजातियों को उत्पत्ति स्थल रहा है। यहाँ जलवायु परिवर्तन व नवीन प्रजातियों द्वारा पुरानी प्रजातियों को बाहर खदेड़ने के कारण प्रवसन हुआ है। एशियाई प्रवसन का स्वरूप मुख्यत: तीन क्षेत्रों से देखने को मिलता है –

  • चीनी क्षेत्र से: चीन से बहुत सारे लोगों ने 20 वीं शताब्दी से पूर्व मंचूरिया, कोरिया, मलेशिया, थाईलैण्ड, हिन्देशिया, वियतनाम, फिलीपीन्स की ओर प्रवसन किया है।
  • जापानी क्षेत्र से: जापान में अधिक जनसंख्या के दबाव के कारण सन् 1880-1900 के मध्य हवाई द्वीप, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, आस्ट्रेलिया, मंचूरिया, कोरिया व मलेशिया की ओर प्रवसन हुआ था।
  • भारतीय क्षेत्र से: भारत से प्रवास मुख्यतः धार्मिक प्रचार-प्रसार हेतु म्यांमार, श्रीलंका, मलेशिया, हिन्देशिया की ओर हुआ है। अंग्रेजों के शासन काल में अंग्रेजों द्वारा बंधुआ मजदूरों के रूप में भी भारतीय लोगों का दक्षिणी अफ्रीका, मॉरीशस, फिजी, त्रिनिडाड आदि क्षेत्रों की ओर ले जाने से प्रवसन हुआ था।

2. यूरोपियन क्षेत्र: यूरोपियन क्षेत्र से सम्पन्न हुआ प्रवास यूरोप में संसाधनों की कमी व जीवन स्तर के गिरने के दबाव का कारण था। यूरोप से लोगों का मुख्यतः दो क्षेत्रों की ओर प्रवास हुआ था–

  1. उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों की ओर
  2. शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों की ओर
    • उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र: यूरोपियन लोगों ने उष्ण कटिबंध क्षेत्रों के रूप में उत्तरी अमेरिका व दक्षिणी अमेरिका के समुद्रतटीय उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की ओर प्रवास किया था। साथ ही इन्होंने एशिया के उन क्षेत्रों की ओर भी प्रवास किया था जहाँ उष्ण कटिबंधीय जलवायु के कारण कपास, गन्ने, गर्म मसाले, तम्बाकू, कहवा व चाय का उत्पादन संभव था।
    • शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र: इन क्षेत्रों में मिलने वाली जलवायु की अनुकूलता यूरोपियन प्रवास का कारण बनी। ऐसे क्षेत्रों में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, दक्षिणी अफ्रीका, न्यूजीलैण्ड आदि शामिल है जहां यूरोपियन लोग जाकर बस गए थे।

3. अफ्रीकी प्रवास: अफ्रीकन क्षेत्रों से प्रवास की प्रक्रिया मुख्यतः दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी तटीय क्षेत्रों व उत्तरी अमेरिका के पूर्वी समुद्र तटीय क्षेत्रों की ओर सम्पन्न हुई है। वैश्विक प्रवसन की इस प्रक्रिया को अगले पृष्ठ पर दिये गए रेखाचित्र के माध्यम से दर्शाया गया है।

प्रश्न 3.
प्रवास के परिणामों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
प्रवसन की प्रक्रिया मिले-जुले परिणामों का प्रतिफल होती है? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
प्रवास के आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय व जनांकिकीय परिणामों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रवसन की प्रक्रिया से जिस स्थान से लोग जाते हैं तथा जहाँ जाकर रहने लगते हैं उन दोनों ही स्थानों पर प्रवासित जनसंख्या में प्रभाव पड़ता है। प्रवास के परिणाम/प्रभाव निम्नानुसार हैं –

  1. जनांकिकीय प्रभाव-प्रवास से जनसंख्या संतुलन बिगड़ता है। जिस स्थान से लोग जाते हैं वहाँ की जनसंख्या कम एवं जहाँ जाकर बसते हैं वहाँ की जनसंख्या अधिक हो जाती है। इसके अलावा लिंगानुपात पर भी असर पड़ता है।
  2. सामाजिक प्रभाव/परिणाम-प्रवसन के कारण संस्कृति का प्रसार, प्रवासी लोग अपने साथ अपनी तकनीक, धर्म, परम्पराएँ एवं रीति-रिवाज, भाषा आदि लेकर जाते हैं। जिसका प्रभाव उन लोगों पर पड़ता है एवं उस स्थान विशेष की संस्कृति का प्रभाव प्रवासित लोगों पर पड़ता है। ये अपनी तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके वहाँ के आर्थिक स्तर को ऊँचा उठाते हैं।
  3. सांस्कृतिक प्रभाव/परिणाम-प्रवासी लोगों की वेशभूषा, रहन-सहन, खान-पान, भाषा आदि के अनुसार ही उस क्षेत्र विशेष की संस्कृति धीरे-धीरे-परिवर्तित हो जाती है। जैसा कि अंग्रेजों के आगमन से हमारी भारतीय संस्कृति परिवर्तित हो गई।
  4. आर्थिक प्रभाव/परिणाम-प्रवासी लोगों की कार्यकुशलता, तकनीकी ज्ञान आदि के कारण उन क्षेत्रों के आर्थिक संसाधनों के विदोहन से उस देश या स्थान का आर्थिक स्तर उच्च हो जाता है।

    जैसे यूरोपियन लोगों के आने से अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया आदि काफी विकसित हो गए हैं। प्रवसन से जनसंख्या दबाव, बेरोजगारी, निर्धनता आदि समस्याएँ भी बढ़ जाती हैं। जबकि जिस देश या स्थान से लोग प्रवसन करते हैं वहाँ इन समस्याओं में कमी आने लगती है।

  5. पर्यावरणीय प्रभाव-प्रवसने की प्रक्रिया के कारण पर्यावरणीय प्रभावों के रूप में अधिक जनसांख्यिकीय संकेन्द्रण से पर्यावरणीय प्रदूषण, कच्ची बस्तियों में वृद्धि जैसे प्रभाव दृष्टिगत होते हैं।
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