Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 7 मानव व्यवसाय: प्रमुख प्रकार
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव के व्यवसाय कितने प्रकार के हैं?
(अ) दो
(ब) तीन
(स) चार
(द) पांच
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा व्यवसाय प्राथमिक व्यवसाय नहीं है?
(अ) आखेट
(ब) संग्रहण
(स) व्यापार
(द) पशुपालन
प्रश्न 3.
विनिर्माण उद्योग किस व्यवसाय से संबंधित है?
(अ) प्राथमिक
(ब) द्वितीयक
(स) तृतीयक
(द) चतुर्थक
प्रश्न 4.
प्रत्यक्ष सेवा सेक्टर किस प्रकार का व्यवसाय है?
(अ) चतुर्थक
(ब) तृतीयक
(स) द्वितीयक
(द) कोई नहीं
उत्तरमाला:
1. (द), 2. (स), 3. (ब), 4. (ब)
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 5.
प्राथमिक व्यवसाय का उदाहरण बताइए।
उत्तर:
प्राथमिक व्यवसायों में कृषि, आखेट व शिकार, वस्तु संग्रहण, मछली पालन, पशुपालन, लकड़ी काटना व खनन शामिल होते हैं।
प्रश्न 6.
औद्योगिक क्रांति के समय लोग मुख्यतः किस व्यवसाय में संलग्न थे?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति के समय लोग द्वितीयक, तृतीयक घ चतुर्थक व्यवसायों में संलग्न थे।
प्रश्न 7.
द्वितीयक व्यवसायों के नाम बताइए।
उत्तर:
द्वितीयक व्यवसायों में विनिर्माण, प्रसंस्करण व 1 निर्माण की गतिविधियाँ शामिल हैं। इस व्यवसाय में उद्योग धंधे, खाद्य प्रसंस्करण, भवन निर्माण, सड़क निर्माण, दुग्ध उद्योग व विशेषीकृत कृषि शामिल हैं।
प्रश्न 8.
तृतीयक व्यवसायों के नाम बताइए।
उत्तर:
तृतीयक व्यवसायों में परिवहन, व्यापार, वाणिज्य, संचार व सेवाएँ ( बैंक, बीमा के पर्यटन) शामिल हैं।
प्रश्न 9.
पंचम व्यवसाय किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे व्यवसाय जो नवीन व वर्तमान विचारों की रचना व उनके पुनर्गठन की व्याख्या, आंकड़ों की व्याख्या व प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केन्द्रित होती हैं। उन्हें पंचम व्यवसाय कहते हैं।
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 10.
प्राथमिक व्यवसायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जिन व्यवसायों में मनुष्य प्रकृति प्रदत्त संसाधनों-भूमि, जल, वनस्पति व खनिज पदार्थों आदि का सीधा उपयोग करके अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, उन्हें प्राथमिक व्यवसाय कहते हैं। प्राथमिक व्यवसाय सरल, परम्परागत व आदिवासी आर्थिक व सामाजिक संरचना के प्रतीक है। प्राथमिक व्यवसायों ने मानव के अस्तित्व से वर्तमान तक के 95% समय में मानव का पोषण किया है। इन प्राथमिक व्यवसायों में आखेट व शिकार, भोजन व वस्तु संग्रहण, लकड़ी काटना, मछली पकड़ना, पशुपालन, कृषि व खनन को शामिल किया जाता है। विश्व में प्राथमिक व्यवसायों के तीन क्षेत्र मिलते हैं। जिनमें उष्ण कटिबंधीय प्रदेश, समशीतोष्ण कटिबंधीय प्रदेश व शीत प्रदेश शामिल हैं।
प्रश्न 11.
चतुर्थक व्यवसायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थक व्यवसायों में अप्रत्यक्ष सेवाओं को शामिल किया जाता है। इस प्रकार के व्यवसाय विकसित अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्रों में अधिक मिलते हैं। सूचना आधारित तथा अनुसंधान व विकास आधारित सेवायें इस श्रेणी में शामिल की जाती हैं। कार्यालय भवनों, शिक्षण संस्थानों, अस्पतालो. रंगमंची, लेखा कार्य व दलाली की फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी इस वर्ग की सेवाओं से जुड़े हुए हैं। इस प्रकार के व्यवसायों में शोध, प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के कार्य शामिल होते हैं।
प्रश्न 12.
द्वितीयक व्यवसायों को निर्धारित करने वाले कारकों के नाम बताइए।
उत्तर:
द्वितीयक व्यवसायों को निर्धारित करने में प्राकृतिक संसाधनों व सांस्कृतिक संसाधनों दोनों का प्रभाव होता है। इनको निर्धारित करने वाले कारकों में कच्चे माल की उपलब्धता या स्थिति, शक्ति के संसाधन, परिवहन व संचार की सुविधाएँ, पूँजी, बाजार, सरकारी नीतियाँ, श्रम व प्रौद्योगिकीय नवाचार आदि को शामिल किया जाता है। इस प्रकार के व्यवसायों में प्राकृतिक संसाधनों को परिष्कृत व परिवर्तित करके उन्हें अधिक उपयोगी व मूल्यवान बनाया जाता है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 13.
विश्व में किए जाने वाले प्रमुख व्यवसायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव एक क्रियाशील प्राणी है जो अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार की क्रियाएँ करता है। विश्व के विभिन्न भागों में मिलने वाली भौतिक व सांस्कृतिक वातावरण की स्थिति के अनुसार मानव के व्यवसाय भी भिन्न-भिन्न मिलते हैं। मानव द्वारा किए जाने वाले कार्यों का स्वरूप प्रागैतिहासिक काल से वर्तमान तक निरन्तर बदलता रहा है। पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों से सतत् दूरी बढ़ने के आधार पर मानव की जीविका उपार्जन की विधियों व आर्थिक क्रियाओं को निम्न पांच भागों में बांटा गया है–
- प्राथमिक व्यवसाय: आखेट, संग्रहण, कृषि, पशुपालन, खनन आदि।
- द्वितीयक व्यवसाय: विनिर्माण, निर्माण, ऊर्जा-उत्पादन, प्रसंस्करण व अन्य निर्माण।
- तृतीयक व्यवसाय: परिवहन, व्यापार, संचार, प्रशासन, मनोरंजन, बैंक, बीमा, पर्यटन।
- चतुर्थक व्यवसाय: सूचना, शोध, प्रबन्धन, शिक्षा स्वास्थ्य एवं सुरक्षा।
- पंचमक व्यवसाय : कार्यकारी निर्माणकर्ता, अनुसंधान, सरकार, कानूनी व तकनीकी सलाहकार।
1. प्राथमिक व्यवसाय:
जिन व्यवसायों में मनुष्य प्रकृति प्रदत्त संसाधनों-भूमि, जल, वनस्पति एवं खनिज पदार्थों आदि का सीधा उपयोग करके अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, उन्हें प्राथमिक व्यवसाय कहते हैं। इनका सीधा सम्बन्ध प्राकृतिक वातावरण की दशाओं से होता है। इन व्यवसायों में भोजन व कच्चे माल का उत्पादन होता है। प्राथमिक व्यवसायों में निम्न व्यवसाय सम्मिलित होते हैं –
- आखेट या शिकार
- भोजन वे वस्तु एकत्रीकरण,
- लकड़ी काटना
- मछली पकड़ना
- पशुपालन
- कृषि
- खनन आदि।
2. द्वितीयक व्यवसाय:
द्वितीयक व्यवसाय के अन्तर्गत प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का सीधा उपयोग नहीं होता है वरन् उन्हें परिष्कृत व परिवर्तित करके उन्हें अधिक उपयोगी व मूल्यवान बनाते हैं अर्थात् प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का सीधा उपयोग न करके, मनुष्य द्वारा परिष्कृत व परिवर्तित करके उसे उपयोगी योग्य बनाने सम्बन्धी क्रियाएँ द्वितीयक व्यवसाय कहलाते हैं।
- उद्योग-धंधे
- खाद्य प्रसंस्करण
- भवन निर्माण, सड़क आदि
- दुग्ध उद्योग
- विशेषीकृत कृषि आदि द्वितीयक व्यवसायों में शामिल किए जाते हैं।
3. तृतीयक व्यवसाय:
इस व्यवसाय में समुदायों को दी जाने वाली व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक प्रत्यक्ष सेवाएँ सम्मिलित हैं। इसे ‘सेवा श्रेणी’ व्यवसाय भी कहते हैं।
- परिवहन
- व्यापार व वाणिज्य
- संचार
- सेवाएँ (बैंक, बीमा, पर्यटन इत्यादि) आदि तृतीयक व्यवसायों के उदाहरण हैं।
4. चतुर्थक व्यवसाय:
जीन गॉटमैन अप्रत्यक्ष सेवाओं को चतुर्थक व्यवसाय की श्रेणी में शामिल करते हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आधे से ज्यादा कर्मी ज्ञान के इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। सूचना आधारित तथा अनुसंधान व विकास आधारित सेवाओं में इस वर्ग का सम्बन्ध है। कार्यालय भवनों, शिक्षण संस्थाओं, अस्पतालों, रंगमंचों, लेखा कार्य और दलाली की फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी इस अप्रत्यक्ष वर्ग की सेवाओं से सम्बन्ध रखते हैं।
5. पंचमक व्यवसाय:
इसमें वे सेवाएँ आती हैं जो नवीन व वर्तमान विचारों की रचना व उनके पुनर्गठन की व्याख्या, आँकड़ों की व्याख्या व प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केन्द्रित होती हैं। ये व्यवसाय भी तृतीयक व्यवसाय का एक और उप-विभाग है जिसमें विषय विशेषज्ञ, निर्णयकर्ता परामर्शदाता व नीति निर्धारित लोगों को शामिल किया जाता है। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में इनका महत्त्व इनकी संख्या से कहीं अधिक होता है।
प्रश्न 14.
मानव व्यवसायों के विकास के साथ बदलती प्रकृति को समझाइए।
उत्तर:
आदिम मानव अपनी उदरपूर्ति जंगली जानवरों के शिकार एवं वनोत्पादों से करता था। मानव घुमक्कड़ था। धीरे-धीरे मानव के बौद्धिक विकास के कारण वह उपयोगी जानवरों को पालने लगा। पशुओं की चारे की पूर्ति के लिए वह ऋतु-प्रवास करने लगा। मानव की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति पशु उत्पादों से होने लगी। कृषि ने मानव को स्थायीकरण के लिए प्रेरित किया।
पुनर्जागरण काल में खोज, अन्वेषण व तकनीकी विकास के साथ ही आर्थिक विकास ने गति पकड़ी। 18 वीं सदी में जीवाश्म ईंधन की खोज के बाद विश्व में खनन व उद्योग जैसी आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हुआ। मानव के व्यवसायों के विकास का एक क्रम पाया जाता है। इस विकास क्रम को काल के अनुसार निम्न प्रकार से बाँटा जा सकता है –
- प्रागैतिहासिक काल
- प्राचीन काल
- मध्य काल
- आधुनिक काल।
1. प्रागैतिहासिक काल:
इस काल में मानव जंगली जानवरों का शिकार करता था तथा जंगलों से कंद-मूल, फल संग्रहण करता था। मानव जंगली अवस्था में ही रहता था। इस काल में शिकार में कुत्ता मानव का सहायक बना। धीरे-धीरे मानव उपयोगी जानवरों को पालतू बनाकर पालने लगा। जानवरों से मानव को दूध, दही, माँस, चमड़ा, हड्डियाँ आदि उपयोगी चीजें मिलने लगीं। उपयोगी पौधों के बीजों को वोकर उसने खेती करना प्रारम्भ किया। वह झूमिंग कृषि करने लगा। फसलों व पालतू जानवरों की देखभाल वे सुरक्षा के लिए टहनियों, पत्तियों व जानवरों की खालों की झोपड़ियाँ बनाकर रहने लगा। इस काल तक मानव ने मिट्टी से बर्तन बनाने की कला सीख ली थी।
2. प्राचीन काल:
इस काल में कृषि व पशुपालन जैसी आर्थिक क्रियाओं के विकास के साथ मानव के जीवन में स्थायित्व आया। उसकी प्राथमिक आवश्यकताओं की सुगमता से पूर्ति होने लगी। लोहा, ताँबा व काँसा जैसे मजबूत धातुओं की खोज की, जिससे वह उपयोगी हथियार व सामान बनाने लगा। हल व बैलों की मदद से कृषि करने लगा। फसलों को सिंचाई के रूप में पानी देना सीख लिया। इसी काल में ईसा से लगभग 2500 वर्ष पूर्व मोहनजोदड़ो व हड़प्पा सभ्यता सिंधु नदी घाटी में विकसित हुई। मिस्र के पिरामिड उस काल की तकनीकी उन्नति के सूचक हैं। इस काल में कृषि के साथ-साथ कुटीर उद्योगों का भी तेजी से विकास हुआ।
3. मध्यकाले:
600 ईस्वी से 1500 ईस्वी के बीच की अवधि को मध्यकाल के अन्तर्गत शामिल किया जाता है। इस काल में जागीरदारी व सामंतवादी प्रथा का प्रचलन था। कृषि का भी उत्तरोतर विकास होता गया। बढ़ती शिक्षा, व्यापार तथा सांस्कृतिक विकास के कारण लड़े-बड़े नगरों का विकास हुआ। व्यापार में वस्तुओं का विनिमय होता था। ग्रामीण क्षेत्रों से कृषि उत्पाद नगरों में एवं नगरों से निर्मित माल ग्रामीण क्षेत्रों में आता था। इसी काल में भारत में व्यावसायिक, कृषि, कुटीर उद्योग एवं व्यापार का सर्वाधिक विकास हुआ। भारत इस दृष्टि से विश्व का प्रतिनिधित्व करता था।
4. आधुनिक काल:
15वीं सदी से वर्तमान समय तक की अवधि को आधुनिक काल माना जाता है। इस काल में मनुष्य के व्यवस अपने चरमोत्कर्ष तक पहुंच गए। तकनीकी विकास, खोज व आविष्कारों के कारण आधुनिक विकसित मानव व्यवसायों का उदय हुआ। इस काल में मानव प्राथमिक व्यवसायों की तुलना में द्वितीयक, तृतीयक, चतुर्थक व पंचम व्यवसायों से जुड़ने लगा। 19वीं शताब्दी से कृषि में उन्नत बीजी. रसायनो, कीटनाशक दवाओं व उन्नत मशीनों का उपयोग होने लगा। पशुपालन व मत्स्य व्यवसाय विस्तृत व वाणिज्यिके स्तर पर स्वचालित मशीनों द्वारा किया जाने लगा। ऊर्जा के विभिन्न साधना से ऊर्जा की प्राप्ति के कारण वृहत् स्तर पर उद्योगों में विभिन्न वस्तुओं का निर्माण होने लगा।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 15.
अपने गाँव या शहर तथा बड़े शहरों में मानव द्वारा किए जाने वाले व्यवसायों का अवलोकन कीजिए।
उत्तर:
गाँव, शहर व बड़े नगरों में मानव द्वारा किए जाने वाले कार्यों का अवलोकन करने पर विभिन्न कार्यों में लोगों की संलग्नता दृष्टिगत होती है। कुछ लोग प्राथमिक कार्यों में कुछ द्वितीयक कार्यों में संलग्न मिलते हैं। वर्तमान में लोगों के तृतीयक व चतुर्थक क्रियाओं की ओर बढ़ते रुझान का भी पता चलता है। हमारे द्वारा गाँव, शहर व बड़े नगरों का अवलोकन करने पर निम्न दृश्य
दिखाई देते हैं –
प्रश्न 16.
अपने गाँव में प्राथमिक, द्वितीयक व तृतीयक व्यवसाय में लगे लोगों की संख्या का पता लगाइए।
उत्तर:
‘मेरा गाँव राजस्थान में दौसा जिले के बाँदीकुई उपखण्ड में स्थित है जिसका नाम हरनाथपुरा है। यह गाँव बाँदीकुई शहरी क्षेत्र की बाहरी परिधि में स्थित है। इस गाँव की कुल जनसंख्या 900 है। इसमें से लगभग 470 लोग आश्रित जनसंख्या के रूप में मिलते हैं, शेष 430 लोग ही कार्यशील जनसंख्या में आते हैं। इन लोगों में से लगभग 300 लोग प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न हैं। द्वितीयक कार्यों में लगभग 50 लोग एवं तृतीयक क्रियाकलापों में 80 लोग संलग्न मिलते हैं।
नोट: विद्यार्थी अपने गाँव के आंकड़ों के अनुसार रिपोर्ट तैयार करें।
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव भूगोल के अध्ययन का केन्द्र बिन्दु कौन है?
(अ) मानव
(ब) पशु
(स) पक्षी
(द) पृथ्वी
प्रश्न 2.
मानव को स्थायीकरण के लिए किसने प्रेरित किया?
(अ) जानवरों ने
(ब) जलवायु ने
(स) कृषि ने
(द) व्यापार ने
प्रश्न 3.
मोहनजोदड़ो व हड़प्पा सभ्यताओं का विकास किस काल में हुआ था?
(अ) प्रागैतिहासिक काल में
(ब) प्राचीन काल में
(स) मध्यकाल में
(द) आधुनिक काल में
प्रश्न 4.
मानव के व्यवसायों को कितने भागों में बांटा गया है?
(अ) 2
(ब) 3
(से) 4
(द) 5
प्रश्न 5.
कृषि किस प्रकार का व्यवसाय है?
(अ) प्राथमिक
(ब) द्वितीयके
(स) तृतीयक
(द) पंचमक
प्रश्न 6.
निम्न में से जो द्वितीयक व्यवसाय में शामिल नहीं है, वह है –
(अ) विनिर्माण
(ब) प्रसंस्करण
(स) निर्माण
(द) संचार
प्रश्न 7.
निम्न में से जो तृतीयक व्यवसाय है, वह है
(अ) संग्रहण
(ब) ऊर्जा उत्पादन
(स) परिवहन
(द) प्रबन्धन
प्रश्न 8.
अप्रत्यक्ष सेवाओं का सम्बन्ध किससे है?
(अ) प्राथमिक व्यवसाय से
(ब) द्वितीयक व्यवसाय से
(स) तृतीयक व्यवसाय से
(द) चतुर्थक व्यवसाय से
प्रश्न 9.
निम्न में से कौन-सा क्षेत्र समशीतोष्ण कटिबंध का क्षेत्र है?
(अ) अमेजन बेसिन
(ब) टुण्ड्रा प्रदेश
(स) टैगा प्रदेश
(द) भूमध्य सागरीय प्रदेश
प्रश्न 10.
निम्न में से जो पंचम क्रियाकलाप नहीं है, वह है –
(अ) विषय विशेषज्ञ
(ब) निर्णयकर्ता
(स) बैंकिंग
(द) परामर्शदाता
उत्तरमाला:
1. (अ), 2. (स), 3. (ब), 4. (द), 5. (अ), 6. (द), 7. (स), 8. (द), 9. (द), 10. (स)
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए
(क)
स्तम्भ (अ) (कार्य) | स्तम्भ (ब) (सम्बन्धित व्यवसाय) |
(i) खनन | (अ) पंचमक |
(ii) विनिर्माण | (ब) तृतीयक |
(iii) शोध | (स) द्वितीयक |
(iv) पर्यटन | (द) चतुर्थक |
(v) तकनीकी सलाह | (य) प्राथमिक |
उत्तर:
(i) (य) (ii) (स) (iii) (द) (iv) (ब) (v) (अ)
(ख)
स्तम्भ (अ) (विकास) | स्तम्भ (ब) (काल) |
(i) पहिये का आविष्कार | (अ) मध्यकाल |
(ii) कुटीर उद्योगों का विकास | (ब) आधुनिक काल |
(iii) नगरों का विकास | (स) प्राचीन काल |
(iv) तकनीकी विकास | (द) प्रागैतिहासिक काल |
उत्तर:
(i) (द) (ii) (स) (iii) (अ) (iv) (ब)
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आर्थिक क्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर:
मानव की जिन क्रियाओं से आर्थिक वृद्धि होती है, उन्हें आर्थिक क्रियाएँ कहा जाता है।
प्रश्न 2.
मानव की आर्थिक क्रियाएँ भिन्न-भिन्न क्यों मिलती हैं?
उत्तर:
विश्व के विभिन्न प्रदेशों में भौतिक व सांस्कृतिक वातावरण की दशाएँ भिन्न-भिन्न होने के कारण मानव की आर्थिक क्रियाएँ भी भिन्न-भिन्न मिलती हैं।
प्रश्न 3.
व्यवसाय किसे कहा जाता है? अथवा व्यवसाय से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जीवन यापन के लिए की जाने वाली आर्थिक क्रियाओं को व्यवसाय कहते हैं।
प्रश्न 4.
ऋतु प्रवास क्या है?
उत्तर:
मानव के द्वारा पशुचारण की प्रक्रिया के दौरान, चारे या चारागाहों की तलाश में मौसम के अनुसार स्थान बदलने की प्रक्रिया को ऋतु प्रवास कहा जाता है।
प्रश्न 5.
कृषि-क्रियाओं के विकास के साथ कौन-सी सभ्यताएँ विकसित हुई?
उत्तर:
कृषि क्रियाओं के विकास से सिन्धु घाटी सभ्यता (भारत) ह्वांगहो नदी घाटी सभ्यता (चीन), नील नदी घाटी सभ्यता (मिस्र) व दजला-फरात नदियों के बीच मेसोपोटामिया की सभ्यता (इराक) का विकास हुआ।
प्रश्न 6.
मानव व्यवसायों के विकास को किन कालक्रमों में बाँटा गया है?
उत्तर:
मानव व्यवसायों के विकास को चार कालक्रमों प्रागैतिहासिक काल, प्राचीन काल, मध्य काल व आधुनिक काल में बाँटा गया है।
प्रश्न 7.
मनुष्य ने पहिये का आविष्कार किस काल में किया था?
उत्तर:
मनुष्य ने पहिये का आविष्कार नव पाषण काल में किया था।
प्रश्न 8.
प्राचीन काल की उत्कृष्टता का सूचक क्या है?
उत्तर:
मिस्र के पिरामिड प्राचीन काल की उत्कृष्टता (उन्नति) के सूचक हैं।
प्रश्न 9.
मध्यकाल किसे कहा जाता है?
उत्तर:
600 ई. से 1500 ई. के बीच की समय अवधि को मध्यकाल कहा जाता है।
प्रश्न 10.
प्राचीन काल में नगरों का विकास कैसे हुआ?
उत्तर:
प्राचीन काल में बढ़ती शिक्षा, व्यापार व सांस्कृतिक विकास के कारण बड़े-बड़े नगरों का विकास हुआ।
प्रश्न 11.
आधुनिक काल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
15 वीं सदी से वर्तमान समय तक की अवधि को आधुनिक काल माना जाता है।
प्रश्न 12.
चतुर्थक व्यवसायों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चतुर्थक व्यवसायों में सूचना, शोध, प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 13.
प्राथमिक व्यवसाय किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन व्यवसायों में मनुष्य प्रकृति प्रदत्त संसाधनों; यथा-भूमि, जल, वनस्पति व खनिज पदार्थों आदि को सीधा उपयोग करके अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, उन्हें प्राथमिक व्यवसाय कहते हैं।
प्रश्न 14.
प्राथमिक क्रियाएँ अधिक महत्वपूर्ण क्यों हैं?
उत्तर:
क्योंकि प्राथमिक क्रियाएँ मानव जाति के लिए भोजन व उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराती हैं।
प्रश्न 15.
प्राथमिक व्यवसायों के उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
प्राथमिक व्यवसायों के उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में विषुवत रेखीय, आर्द्रवन, उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र कृषि प्रदेश, आर्द्र शुष्क निम्न, अक्षांशीय क्षेत्र, उष्ण कटिबन्धीय उच्च प्रदेश व मरुस्थलीय क्षेत्र शामिल हैं।
प्रश्न 16.
विश्व में आखेट व वस्तु संग्रहण किन-किने क्षेत्रों में होता है?
उत्तर:
विश्व में आखेट व वस्तु संग्रहण एशिया के उत्तरी साइबेरियाई क्षेत्र, नावें, स्वीडन, अलास्का, कनाडा व आस्ट्रेलिया के पश्चिमी भाग में किया जाता है।
प्रश्न 17.
चलवासी पशुचारण की प्रक्रिया कहाँ-कहाँ सम्पन्न होती है?
उत्तर:
चलवासी पशुचारण की प्रक्रिया यूरोप व एशिया के स्टेपीज घास क्षेत्र, उत्तरी अमेरिका के प्रेयरीज घास क्षेत्र, अफ्रीका महाद्वीप के उत्तरी भाग, अधिकांश आस्ट्रेलिया, व दक्षिणी अमेरिका में कम्पास व पम्पास घास प्रदेशीय क्षेत्रों में की जाती है।
प्रश्न 18.
व्यापारिक पशुचारण के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
व्यापारिक पशुचारण मुख्यत: न्यूजीलैण्ड, आस्ट्रेलिया, युरुग्वे व संयुक्त राज्य अमेरिका में किया जाता है।
प्रश्न 19.
विश्व में बागाती कृषि कहाँ-कहाँ की जाती है?
उत्तर:
विश्व में बागाती कृषि मुख्यत: मैडागास्कर द्वीप समूह, ब्राजील के तटीय क्षेत्रों व दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी समुद्री तटीय क्षेत्रों में की जाती है।
प्रश्न 20.
विश्व में जीवन निर्वाह कृषि के क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
विश्व में जीवन निर्वाह कृषि के प्रमुख क्षेत्रों में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, चीन, मध्यवर्ती जापान व हिन्द – चीन क्षेत्र शामिल हैं।
प्रश्न 21.
विस्तृत व्यापारिक कृषि के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
इस प्रकार की कृषि यूरेशिया के स्टेपीज, उत्तरी अमेरिका के प्रेयरीज, अर्जेन्टाइना के पम्पोज, अफ्रीका के वेल्डस, न्यूजीलैण्ड के कैंटरबरी क्षेत्रों में की जाती है।
प्रश्न 22.
विश्व में विनिर्माण उद्योगों के प्रमुख क्षेत्र कौन से है?
उत्तर:
विश्व में विनिर्माण उद्योगों के प्रमुख क्षेत्रों में सिंगापुर, जापान का ओसाका-कोबे क्षेत्र, चीन में शंघाई, लैकाऊ क्षेत्र, भारत में कोलकाता-हल्दिया, कोयम्बटूर-सेलम व मुम्बई-पुणे क्षेत्र, ब्रिटेन का मैनचेस्टर व लंकाशायर ४ात्र, जर्मनी में ड्यूसल डोर्फ, डुइसबर्ग व डार्टमुण्ड क्षेत्र तथा उत्तरी अमेरिका में डेट्रायट व ओटावा क्षेत्र शामिल है।
प्रश्न 23.
द्वितीयक व्यवसाय किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का सीधा उपयोग न करके मनुष्य द्वारा परिष्कृत में परिवर्तित करके उसे उपयोगी व मूल्यवान बनाने से सम्बन्धी क्रियाएँ द्वितीयक व्यवसाय कहलाती हैं।
प्रश्न 24.
द्वितीयक व्यवसाय के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
लौह अयस्क से इस्पात बनाना, गेहूँ से आटा बनाना, कपास से सूती वस्त्र बनाना, गन्ने से चीनी, लकड़ी से फर्नीचर व कागज बनाना द्वितीयक व्यवसाय
के प्रमुख उदाहरण हैं।
प्रश्न 25.
सेवी श्रेणी व्यवसाय से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
तृतीयक व्यवसायों में समुदायों को दी जाने वाली व्यक्तिगत व व्यावसायिक प्रत्यक्ष सेवाएँ शामिल होती हैं। इसी कारण इन व्यवसायों को सेवा श्रेणी के व्यबराय के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 26.
तृतीयक व्यवसाय में संलग्न लोगों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
तृतीयक व्यवसायों में नलसाज, बिजली मिस्त्री. दुकानदार, डॉक्टर, वकील आदि को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 27.
व्यापार से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वस्तुओं के क्रय-विक्रय या आदान-प्रदान (आयात-निर्यात) की प्रक्रिया व्यापार कहलाती है।
प्रश्न 28.
फुटकर व्यापार के नगरीय स्वरूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
फुटकर व्यापार के नगरीय स्वरूपों में श्रृंखला भंडार, डाक आर्डर, सुलभ बाजार केन्द्र व लोक वित योजना को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 29.
संचार के दृश्य-श्रव्य साधन कौन से हैं?
उत्तर:
संचार के दृश्य-श्रव्य साधनों में मि.ल्म, रेडियो, टीवी व मीडिया को शामिल किया गया है।
प्रश्न 30.
उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में पंचमक कायों का महत्व अधिक क्यों है?
उत्तर:
क्योंकि इसमें विषय विशपज्ञों, निर्णयवनां: परामर्शदाताओं व नीति–निर्धारक लोगों की अधिकता लिन है। यह स्थिति किसी भी राष्ट्र के विकास में सहायक स्थिति होती है अत: पंचमक कार्यों का अधिक महत्व है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)
प्रश्न 1.
प्राथमिक क्रियाएँ कौन-कौन सी हैं? ये पर्यावरण पर क्यों निर्भर होती हैं?
उत्तर:
आखेट व शिकार करना, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी काटना, कृषि कार्य करना एवं खनन कार्य आदि प्राथमिक क्रियाएँ हैं। प्राथमिक क्रियाएँ प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर होती हैं क्योंकि ये पृथ्वी के संसाधनों; जैसे-भूमि, जल, वनस्पति, भवन निर्माण सामग्री, खनिजों एवं जीवों के उपयोग से सम्बन्धित होती हैं।
प्रश्न 2.
आदिमकालीन मानव अपना जीवन निर्वाह किस प्रकार करता था?
उत्तर:
मानव सभ्यता के आरम्भिक युग में आदिमकालीन मानव अपने जीवन निर्वाह के लिए अपने समीपवर्ती वातावरण पर निर्भर रहता था। उसका जीवन निर्वाह दो कार्यों द्वारा होता था –
- पशुओं का आखेट करके।
- अपने समीपवर्ती जंगलों से खाने योग्य कंद-मूल एवं जंगली पौधे आदि एकत्रित करके। अतिशीत एवं अत्यधिक गर्म प्रदेशों में रहने वाले लोग आखेट द्वारा जीवन यापन करते थे।
प्रश्न 3.
“आदिमकालीन मानव समाज पूर्णतः जंगली पशुओं पर निर्भर था।” कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आदिमकालीन मानव समाज पूर्णतः पशुओं पर निर्भर इसलिए था क्योंकि इस काल में मानवीय विकास एवं प्रौद्योगिकी का स्तर अत्यधिक निम्न था। अपनी न्यून ज्ञान क्षमता के कारण कृषि प्रक्रिया का विकास नहीं होने से मानव का भोजन मुख्यत: जंगली पशुओं एवं कंद मूल-फलों से जुड़ा था साथ ही मानव ने अपनी सुरक्षा हेतु भी कुछ पशुओं को पालतू बनाया था, उसके आवागमन में भी पशुओं की प्रधानता मिलती थी एवं मानव अपने विविध प्रकार के औजारों का निर्माण भी पशुओं की हड्डियों से करता था।
प्रश्न 4.
प्राचीन काल में मानव के व्यवसायों में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर:
प्राचीन काल में कृषि व पशुपालन जैसी आर्थिक क्रियाओं के विकास के साथ ही मानव के जीवन में स्थायित्व आने लगा। प्राथमिक आवश्यकताओं की सुगमता से पूर्ति होने लगी। लोहे, ताँबे, कांसे जैसी धातुओं की खोज हुई जिससे मानव उपयोगी हथियार के सामान बनाने लगा। हल व बैलों की मदद से कृषि करने लगा। इस काल में मानव ने फसलों में सिंचाई करना सीख लिया था। नगर नियोजन व भवन निर्माण की उत्कृष्ट कला का इस काल में विकास हुआ। कृषि के साथ-साथ इस काल में कुटीर उद्योगों का भी विकास हुआ।
प्रश्न 5.
‘मानव व्यवसायों के वर्गीकरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव के व्यवसायों को मुख्यतः निम्न पाँच भागों में बाँटा गया है –
- प्राथमिक व्यवसाय: आखेट, वस्तु संग्रहण, कृषि, पशुपालन, खनन आदि।
- द्वितीयक व्यवसाय: विनिर्माण, निर्माण, ऊर्जा-उत्पादन, प्रसंस्करण आदि।
- तृतीयक व्यवसाय: परिवहन, व्यापार, संचार, प्रशासन, मनोरंजन, बैंक, बीमा व पर्यटन।
- चतुर्थक व्यवसाय: सूचना, शोध, प्रबन्धन, शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा।
- पंचम व्यवसाय: कार्यकारी निर्णयकर्ता, अनुसंधान, कानूनी व तकनीकी सलाहकार।
प्रश्न 6.
प्राथमिक क्रियाकलापों की प्रधानता वाले समशीतोष्ण कटिबन्धीय प्रदेश कौन-कौन से है?
उत्तर:
प्राथमिक क्रियाकलापों की प्रधानता वाले समशीतोष्ण कटिबन्धीय प्रदेशों में निम्न को शामिल किया गया है –
- सम-शीतोष्ण घास के मैदान (प्रेयरी व स्टेपी)।
- भूमध्यसागरीय तुल्य प्रदेश।
- उत्तरी चीन तुल्य प्रदेश।
- समुद्री चक्रवातीय प्रदेश (पश्चिमी यूरोप प्रकार)।
- महाद्वीपीय चक्रवातीय प्रदेश (उत्तरी-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका)।
- शीतल महाद्वीपीय प्रदेश (पूर्वी यूरोप प्रकार)।
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)
प्रश्न 1.
मध्यकालीन समय में मानवीय व्यवसायों में आए परिवर्तनों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मध्यकाल का समय 600 ई. से 1500 ई. के बीच माना जाता है। इस काल में यूरोप में मानव व्यवसायों की विविधता बढ़ी थी। जागीरदारी व सामंतवादी प्रथाओं के इस दौर में कृषि का उत्तरोतर विकास हुआ। बढ़ती शिक्षा, व्यापार व सांस्कृतिक विकास के कारण इस काल में बड़े-बड़े नगरों का विकास हुआ। व्यापार में वस्तुओं का आदान-प्रदान होने लगा। ग्रामीण क्षेत्रों से कृषि उत्पाद नगरों में एवं नगरों में निर्मित माल ग्रामीण क्षेत्रों में आने लगा। इस काल में वैचारिक स्वंतत्रता के दमन के कारण तकनीकी विकास अधिक नहीं हो सका।
प्रश्न 2.
प्राथमिक व्यवसायों की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्राथमिक व्यवसाय सरल, परम्परागत व आदिम आर्थिक व सामाजिक संरचना के प्रतीक हैं। विश्व में प्राथमिक आर्थिक क्रियाओं में संलग्न व्यक्तियों का वितरण असमान मिलता है। विकसित देशों में 5 प्रतिशत से भी कम श्रमिक प्राथमिक क्रियाओं में लगे हुए हैं। जबकि विकासशील देशों में ये क्रियाएँ श्रम के बहुत बड़े भाग को रोजगार प्रदान करती है। प्राथमिक क्रियाएँ बहुत महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि ये मानव जाति के भोजन व उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराती हैं। प्राथमिक व्यवसायों ने मानव जाति के अस्तित्व से अब तक 95 प्रतिशत से अधिक समय तक मानव का पोषण किया है।
प्रश्न 3.
भोजन संग्रह व आखेट नामक आर्थिक क्रियाओं की विशेषताओं का उल्लेख तथा इसके प्रमुख क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भोजन संग्रह व आखेट व्यवसाय की प्रमुख विशेषताएँ –
- भोजन संग्रह व आखेट नामक आर्थिक क्रियाकलापों को आदिमकालीन मानव द्वारा कठोर जलवायु दशाएँ रखने वाले क्षेत्रों में किया जाता है।
- यह कार्य विश्व के विभिन्न भागों में विभिन्न स्तरों व विभिन्न रूपों में किया जाता है।
- यह व्यवसाय भोजन, वस्त्र, शरण जैसी अत्यन्त महत्वपूर्ण प्राथमिक आवश्यकताओं की आपूर्ति के उद्देश्य से किया जाता है।
- इस व्यवसाय में बहुत कम पूँजी, निम्नस्तरीय तकनीक तथा अधिक मानवीय श्रम की आवश्यकता होती है।
- प्रति व्यक्ति उत्पादकता कम होती है।
भोजन संग्रह व आखेट व्यवसाय के प्रमुख क्षेत्र: उच्च अक्षांशीय क्षेत्रों में स्थित उत्तरी कनाडा, उत्तरी यूरेशिया एवं दक्षिणी चिली तथा निम्न अक्षांशीय क्षेत्रों में स्थित अमेजन बेसिन, कांगो बेसिन, दक्षिणी-पूर्वी एशिया के आन्तरिक भागों में तथा न्यूगिनी में यह व्यवसाय किया जाता है।
प्रश्न 4.
द्वितीयक व्यवसायों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रकृति प्रदत्त संसाधनो का सीधी उपयोग न करके उन्हें परिष्कृत व परिवर्तित कर अधिक उपयोगी व मूल्यवान बनाना द्वितीयक व्यवसाय की श्रेणी में आता है। इस प्रकार के व्यवसायों में विनिर्माण, प्रसंस्करण व निर्माण की गतिविधियाँ शामिल की जाती हैं। ऐसे कार्यों में लौह अयस्क से इस्पात बनाना, गेहूँ से आटा बनाना, कपास से सूती वस्त्र बनाना, गन्ने से चीनी बनाना, लकड़ी से फर्नीचर व कागज बनाना आदि सभी द्वितीयक व्यवसाय के उदाहरण हैं। उद्योग धंधे, खाद्य प्रसंस्करण निर्माण प्रक्रिया, दुग्ध उद्योग व विशेषीकृत कृषि इसी श्रेणी के व्यवसाय होते हैं। इन व्यवसायों को निर्धारित करने में प्राकृतिक संसाधनों व सांस्कृतिक संसाधनों का प्रभाव पड़ता है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 7 निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव के प्राथमिक व्यवसायों के प्रमुख क्षेत्रों को समझाइए।
उत्तर:
विश्व में भूमि उपयोग की भिन्नता की दृष्टि से प्राथमिक व्यवसायों के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं –
1. उष्ण कटिबंधीय प्रदेश –
- विषुवतरेखीय आर्द्रवन (अमेजन-काँगो प्रकार)
- उष्ण कटिबंधीय आर्द्र कृषि प्रदेश (पूर्वी भारत, पूर्वी ब्राजील)
- आर्द्र-शुष्क निम्न अंक्षाशीय संवाना (सूडान, भारत, ब्राजील)
- उष्ण कटिबन्धीय उच्च प्रदेश (इथोपिया प्रकार)
- मरुस्थल (सहारा, अरब, थार, मध्य एशिया, मंगोलिया, पश्चिमी आस्ट्रेलिया, कालाहारी)
2. समशीतोष्ण कटिबंधीय प्रदेश –
- सम-शीतोष्ण घास के मैदान (प्रेयरी व स्टैपी प्रकार)
- भूमध्यसागरीय तुल्य प्रदेश
- उत्तरी चीन तुल्य प्रदेश
- समुद्री चक्रवातीय प्रदेश (प. यूरोप प्रकार)
- महाद्वीपीय चक्रवातीय प्रदेश (उत्तरी-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका प्रकार)
- शीतल महाद्वीपीय प्रदेश (पूर्वी यूरोप प्रकार)
3. शीनु प्रदेश –
- शीतल वन (टैगा, साइबेरिया, कनाडा प्रकार)
- टुण्ड्रा प्रदेश
- ऊँचे पर्वत, विश्व में प्राथमिक व्यवसायों के इन क्षेत्रों व कार्यों को निम्नानुसार मानचित्र में दर्शाया गया है –
प्रश्न 2.
सेवा सेक्टर के स्वरूप को तालिका के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
अथवा
हासागराय यात्री आंतरिक महासागरीय यात्री ।
उत्तर: