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2 The Address

About The Story 

यह लघु कहानी एक ऐसी लड़की का मर्मस्पर्शी वर्णन है जो कि हॉलैंड में युद्ध के बाद अपनी माँ की वस्तुओं (कीमती वस्तुओं) की खोज में जाती है। जब वह उन वस्तुओं को ढूँढ़ लेती है तब वे वस्तुएँ उसके प्रारम्भिक जीवन की यादों को जागृत कर देती हैं। फिर भी वह उन सब वस्तुओं को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने का निश्चय करती है।

Summary Of The Lesson :

This short and moving story is divided into pre-war and post-war periods. It was in 1940 that the Germans invaded Holland and annexed it. Holland had to surrender because the German attack was sudden and unexpected. Large number of the jews were forced to leave Holland. The narrator is the daughter of Mrs S. During the war, they, being the jews, have to move from Holland. 

She hands over all her precious belongings to Mrs Dorling, her old acquaintance. When the war is over, the narrator is displaced and decides to meet Mrs Dorling. She remembers her address, Number 46, Marconi Street, Holland. On reaching there, she rings the bell. She introduces herself to Mrs Dorling. But she refuses to recognize her. Mrs Dorling was wearing the cardigan of Mrs S. at that time. The narrator recognizes it. Mrs Dorling says, ‘Have you come back?’ She does not let her come in. 

She asks the narrator to come another time. The narrator remembers about her mother who died during the war. She pays a second visit to Mrs Dorling. This time, Mrs Dorling’s daughter fifteen year old admits her. There she finds all her mother’s belongings in a pitiable condition.

The belongings were included green knitted cardigan, wooden table cloth, white tea pot, spoons, forks and knives. She becomes unhappy. She does not wait for Mrs Dorling. She made up her mind to leave the house. She boards her train and comes back to her little room. She now decides to forget the address as well as her mother’s belongings.

पाठ का सारांश 

यह मर्मस्पर्शी लघु कहानी युद्ध के पूर्व तथा युद्धोत्तर काल में विभाजित है। यह 1940 की एक घटना थी जिसमें जर्मन लोगों ने हालैंडवासियों पर हमला करके उसे हड़प लिया। हॉलैंड को आत्मसमर्पण करना पड़ा क्योंकि जर्मन हमला अचानक तथा अप्रत्याशित था। हॉलैंड से भारी संख्या में यहूदियों को देश छोड़कर जाना पड़ा। वर्णनकर्ता श्रीमती एस. की पुत्री है। युद्ध के दौरान उनको यहूदी होने के कारण हॉलैंड से बाहर जाना पड़ा। वह (श्रीमती एस.) अपनी सभी बहुमूल्य वस्तुओं को अपनी एक परिचित महिला श्रीमती डोर्लिंग को सौंप देती है। 

जब युद्ध समाप्त हो जाता है, तब वर्णनकर्ता बेघर हो जाती है, वह श्रीमती डोर्लिंग से मिलने का निश्चय करती है। उसे उनका पता याद है – संख्या 46, मार्कोनी स्ट्रीट, हॉलैंड। वहाँ पहुँच कर वह घंटी बजाती है। वह श्रीमती डोर्लिंग को अपना परिचय देती है। लेकिन वह उसे (वर्णनकर्ता को) पहचानने से इंकार कर देती है।

श्रीमती डोर्लिंग ने उस समय श्रीमती एस. का कार्डीगन पहन रखा था। वर्णनकर्ता उसको (अपनी माँ के कार्डीगन को) पहचान लेती है। श्रीमती डोर्लिंग (उससे) कहती है कि ‘क्या तुम वापस आ गई हो ?’ वह उसको अंदर नहीं आने देती है। वह वर्णनकर्ता से फिर कभी आने के लिए कहती है। वर्णनकर्ता अपनी माँ के बारे में याद करती है जो कि युद्ध के दौरान मर गई थी। वह एक बार फिर श्रीमती डोर्लिंग से मिलने जाती है। 

इस बार श्रीमति डोर्लिंग की पन्द्रह वर्षीय बेटी उसका स्वागत करती है। वहाँ वह अपनी माँ की सभी वस्तुओं को दयनीय दशा में पाती है। उन वस्तुओं में हाथ का बुना हरा कार्डिगन (ऊनी जैकट), लकड़ी की मेज पर रखने वाला मेजपोश, सफेद चायदानी,चम्मचे, काँटे तथा चाकू शामिल थे। वह उदास हो जाती है। वह श्रीमती डोर्लिंग का इन्तजार नहीं करती। उसने उस मकान से जाने का मन बना लिया। वह रेल में बैठती है और पुनः अपने छोटे से कमरे में वापस आ जाती है। वह अब उस पते के साथ-साथ अपनी माँ की सभी वस्तुओं को भूल जाने का निश्चय करती है।

Word Meanings And Hindi Translation 

Do you still ……. ‘Only me.’ (Page 10) 

Word Meanings : poignant(पॉइन्यन्ट) = causing sadness or pity, करुणाजनक। account (अ’काउन्ट) = description, वर्णन। belongings (बि’लॉङि ) = a person’s movable possessions, चल संपत्ति। objects(ऑब्जिक्ट्स् ) = things, वस्तुएँ। evoke(इ’वोक्) = to produce, जागृत करना। memories (मेमरिज्) = something that one remembers, यादें, स्मृतियाँ। earlier (अलिअर्) = old, पुरानी। resolves (रिज़ॉल्व्ज् ) = determines, निश्चय करती है। searchingly (सर्चिलि ) = trying to find out, खोजपूर्वक।

chink (चिङ्क्) = a narrow opening, दरार। prevent (प्रिवेन्ट) = to stop, रोकना। absolutely (ऐब्सलूट्लि) = completely, पूरी तरह से। sign (साइन्) = mark, चिह्न। recognition (रेकग्’निश्न्) = being recognized, पहचान। stare (स्टेअर्) = to look at, घूरना। silence(साइलन्स्) = without any noise, शांति। perhaps (प’हैप्स्) = possibly, शायद। mistaken(मि’स्टेकन्) = wrong, गलत। fleetingly (फ्लीटिड्लि ) = for a very short time, सरसरी निगाह से। probable (प्रॉबब्ल्) = likely, शायद, संभवतया। knitted (निटिड्) = made through knitting needles, बुना गया। wooden (वुड्न्) = made of wood, लकड़ी का। pale (पेल्) = dim, धुंधला। cardigan (काडिगन्) = ऊनी जैकेट।

हिन्दी अनुवाद – मैंने पूछा, ‘क्या आप मुझे अब भी जानती हैं ?’ उस औरत ने मेरी ओर खोज भरी दृष्टि से देखा। उसने थोड़ा-सा दरवाजा खोला। मैं उसके और अधिक नजदीक आई और सीढ़ी पर खड़ी हो गई। ‘नहीं, मैं तुम्हें नहीं जानती।’ ‘मैं श्रीमती एस. की पुत्री हूँ।’ उसने अपना हाथ दरवाजे पर इस प्रकार रखा मानो वह उसको और ज्यादा खुलने से रोकना चाहती हो। उसके चेहरे पर पहचानने जैसा कोई चिह्न नहीं था। वह शांतिपूर्वक मुझे एकटक देखती रही।

मैंने सोचा, शायद, मैं गलती पर थी, शायद यह स्त्री वह (मेरी माँ की परिचित) न हो। मैंने उसको केवल एक बार ही सरसरी निगाह से देखा था और वह भी वर्षों पहले। यह बहुत ही सम्भव था कि मैंने गलत घंटी बजा दी हो। वह स्त्री दरवाजे से दूर खिसक गई और एक तरफ खड़ी हो गई। उसने मेरी माँ के हाथ से बुना हुआ हरा कार्डीगन पहन रखा था।

उसके लकड़ी के बटन धुलाई के कारण धुंधले पड़ गए थे। उसने देखा कि मैं (उसके) कार्डीगन की तरफ देख रही हूँ और उसने पुनः अपने आप को पहले की भाँति दरवाजे के पीछे आधा छुपा लिया। लेकिन अब मैं यह जान चुकी थी कि मैं सही थी। मैंने पूछा, ‘अच्छा, आप मेरी माँ को जानती हैं ?’ उस स्त्री ने कहा, ‘क्या तुम वापस आ गई हो ? मैंने सोचा था कि कोई भी वापस नहीं आ पाएगा।’ ‘केवल मैं ही (वापस आई हूँ।)’ 

A door …………………….. suitcase or bag. (Page 11) 

Word Meanings : passage (पैसिज्) = a long, narrow way, गलियारा। musty (मस्टी) = having an unpleasant smell, सीलनभरी। smell (स्मेल्) = stink, बदबू। emerged (इ’मजूड्) = appeared, प्रकट हुई। regret (रि ‘ग्रेट) = to feel sorry, पश्चाताप। specially(स्पेशलि) = particularly, विशेष रूप से। convenient (कन्’वीनिअन्ट्) = suitable, सुविधाजनक। dded (नॉडिड्) = moved her head in agreement, सहमति में सिर हिलाया। cautiously (काँशस्लि) = carefully, सावधानीपूर्वक। disturbed (डिस्टब्ड्) = interrupted, बाधित होना। step (स्टेप्) = stair, सीढ़ी। bay window (बे विन्डो) = बाहर की तरफ खुलने वाली खिड़की। 

stared (स्टेअर्ड) = looked at, घूरकर देखा। enamel(इ नम्ल) = a type of paint, एक प्रकार का पेंट करने का रंग। jamb (जॉम्ब्) = the side piece of a door, द्वार का पाखा। bit (बिट्) = slightly, a little, हल्का सा। struck (स्ट्रक्) = came to my mind, अचानक मेरे दिमाग में आया। various (वेरिअस्) = several, कई। apparently (अ पैरट्लि ) = clearly, स्पष्ट रूप से। acquaintance (अ’क्वेन्टन्स्) = familiar, परिचित।

renewed (रि’न्यूड्) = started again, फिर से शुरू किया। contact (कॉनटैक्ट) = relation, संबंध। antique (ऐन्टीक्) = very old, पुरानी। trouble (ट्रब्ल) = difficulty, कष्ट। lugging (लगिंग्) =dragging, घसीटना। vases (वाज़ेज) = flowerpots, फूलदान। crick(क्रिक्) = a pain in back, कमरदर्द। pityingly (पिटिइंग्लि) = in a pathetic manner, करुणाजनक रूप से। dared (डेअड्) = asked strongly, साहस किया। insisted (इन् ‘सिस्टेड्) = stressed, जोर दिया। necessary(नेससरि) = needed, आवश्यक। insult (इन् ‘सल्ट्) = remark that hurts dignity, अपमानजनक कथन या कार्य। risk (रिस्क्) = danger, जोखिम।

हिन्दी अनुवाद – उस स्त्री के पीछे की ओर गलियारे में एक दरवाजा खुला और बंद हो गया। एक सीलनभरी बदबू आई। ‘मुझे खेद है कि मैं तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं कर सकती।’ ‘मैं यहाँ विशेष रूप से रेलगाड़ी से आई हूँ। मैं क्षणभर के लिए आपसे बातें करना चाहती हूँ।’ स्त्री ने कहा, ‘अभी मेरे लिए बात कर पाना संभव नहीं है। मैं तुमसे नहीं मिल सकती (बात नहीं कर सकती।) तुम फिर कभी आना।’ उसने अपनी गर्दन हिलायी तथा सावधानीपूर्वक दरवाजा बंद कर दिया ताकि मकान में उपस्थित किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो।

मैं जिस सीढ़ी पर खड़ी थी वहीं खड़ी रही। दीवार के बाहर की तरफ स्थित खिड़की का पर्दा हिला। किसी ने मेरी ओर घूरा तथा शायद यह पूछा कि मैं क्या चाहती थी। उस स्त्री ने कहा, ‘अरे, कुछ नहीं। कुछ भी तो नहीं।’ मैंने नामपट्टिका की तरफ दोबारा देखा। इस पर सफेद चमकीले रंग के ऊपर काले अक्षरों में डोर्लिंग (नाम) लिखा था। और उस द्वार के पाखे में, थोड़ा-सा ऊपर नंबर (मकान का नंबर) लिखा था – संख्या 46 जब मैं धीरे-धीरे स्टेशन की तरफ वापस जा रही थी तब मैंने अपनी माँ के बारे में सोचा, जिन्होंने मुझे यह पता वर्षों पहले दिया था। यह युद्ध के पूर्वार्द्ध की बात थी। मैं घर पर कुछ दिन के लिए ठहरी थी तथा तुरंत यह बात मेरे दिमाग में आई कि कमरों में कुछ-न-कुछ परिवर्तन हो गया है। मैंने बहुत-सी वस्तुओं को गायब पाया। मेरी माँ

आश्चर्यचकित थीं कि मैंने इतनी जल्दी यह सब-कुछ (परिवर्तन, चीजों का गायब होना) देख लिया। तब उन्होंने मुझे श्रीमती डोलिंग के बारे में बताया। मैंने उसके बारे में कभी नहीं सुना था लेकिन वह स्पष्ट रूप से मेरी माँ की पुरानी परिचित थी जिससे वह वर्षों से नहीं मिल पाई थी। वह अचानक से ही (युद्ध के समय में) प्रकट हुई तथा अपने संपर्क को ताजा बनाया। तब से वह नियमित रूप से आती रही। मेरी माँ ने कहा, ‘जब भी वह यहाँ से जाती है, कुछ-न-कुछ अपने साथ अपने घर ले जाती है। वह एक बार में ही मेज पर के चाँदी के सारे बर्तन ले गई थी। और फिर उन प्राचीन प्लेट्स को भी ले गई जो वहाँ पर टंगी रहती थी। उन बड़े-बड़े फूलदानों को प्रयासपूर्वक खींचकर ले जाने में उसे काफी कष्ट हो रहा था, और मुझे चिंता है कि क्रॉकरी से उसकी कमर में दर्द हो गया होगा।’ 

मेरी माँ ने करुणाजनक ढंग से अपना सिर हिलाया। ‘मुझमें उससे पूछने का कभी भी साहस नहीं हुआ। उसने स्वयं ही मुझे यह सुझाव दिया। उसने तो (मुझसे) अनुरोध भी किया। वह मेरी सभी उत्तम चीजों को बचाना चाहती थी। वह कहती है कि यदि हमें यह स्थान छोड़ना पड़ गया तो हम सब चीजों को खो देंगे।’ मैंने पूछा, ‘क्या आप इस बात से सहमत थीं कि वह सब कुछ (सम्भालकर) रख लेगी ?’  मेरी माँ चिल्लाई, जैसे कि क्या यह पूछना आवश्यक है ? इस प्रकार की बातें करना अपमान होगा। और उस जोखिम के बारे में सोचो जो कि वह (हम लोगों के लिए) उठा रही थी, ‘जब भी वह हमारे घर से जाती तो वह भरा हुआ सूटकेस या थैला ले जाया करती थी।’ 

My mother ……….. for her. (Page 12) 

Word Meanings : entirely(इन्’टाइअलि) = completely, पूर्ण रूप से। convinced (कन् ‘विन्स्ट् ) = satisfied, सन्तुष्ट। reprovingly (रिप्रूविंगलि) = rebukingly, डाँटते हुए। attention (अ’टेन्श्न् ) = watch carefully, ध्यान देना। familiar (फ़ मिलिअर्) = known, परिचित। further (फरदर) = to a greater degree, इससे अधिक आगे। upset (अप्’सेट्) = worry, चिंतित करना। sight (साइट) = scene, दृश्य। precious (प्रेशस्) = valuable, कीमती। downstairs (डाउन्’स्टेअज्) = on a lower floor, निचली मंजिल पर। broad (ब्रॉड्) = wide, चौड़ी। beckoned (बेकन्ड्) = gave a signal, इशारा किया। 

picked up (पिक्ट् अप्) = lifted up, ऊपर की तरफ उठाया। coat rack (कोट रैक) = a framework for holding things, कोट को रखने वाली अलमारी। shapeless (शेपलस्) = not having a clear shape, बेढंगा। case (केस्) = box, suitcase, बक्सा, सूटकेस। initially (इनिशलि) = of the beginning, आरम्भ। liberation (लिबरेशन्) = freedom, आजादी। absolutely (ऐब्सलूट्लि ) = completely, पूर्णरूपेण। stored (स्टॉड्) = kept for future use, रखा हुआ। stuff (स्टफू) = things, वस्तुएँ। naturally (नैचलि) = of course, स्वाभाविक रूप से। afraid (अ’फ्रेड्) = frightened, डरी हुई। confronted (कन्’फ्रन्टिड्) = faced with, सामना करते हुए। connection (क’नेक्श्न् ) = relation, संबंधा existed

(इग् ‘जिस्टेड्) = remained, मौजूद था। cupboards (कबड्स्) = almirahs, अलमारियाँ। in vain (इन वेन्) = uselessly, व्यर्थ में। endured (इन’ड्युअड्) = tolerated, सहन किया। gradually (ग्रैजुअलि) = slowly, धीरे-धीरे। normal (नॉम्ल) = usual, सामान्य। bread was getting to be a lighter colour= जो रोटी युद्ध के दौरान महँगी और दुर्लभ हो गई थी, अब सुलभ और सस्ती हो गई। unthreatened (अन्’थ्रेट्न्ड ) = without any threat, बिना किसी भय के। glancing (ग्लान्सिंग) = taking a brief look, एक झलक देखना। curious (क्यूअरिअस्) = eager, उत्सुक। possessions (प’ज़ेशन्ज्) = belongings, चल संपत्ति। touch (टच्) = to feel, महसूस करना, छूना। errand (एरन्ड्) = work, short journey, कार्य।

हिन्दी अनुवाद – ऐसा प्रतीत हुआ मानो मेरी माँ ने देख लिया था कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त नहीं थी। उन्होंने मेरी तरफ देखा और उसके बाद हमने इस बारे में और कभी भी बात नहीं की। . इसी बीच मैं रास्ते में दिखाई देने वाली चीजों पर बहुत ज्यादा ध्यान न देते हुए स्टेशन पर आ पहुँची। युद्ध के पश्चात् मैं पहली बार फिर से परिचित स्थानों पर घूम रही थी, पर मैं जरूरत से ज्यादा आगे नहीं जाना चाहती थी। मैं स्वयं को मूल्यवान समय की (प्राचीन समय की) स्मृतियों से भरे उन गलियों तथा मकानों के दृश्यों से परेशान नहीं करना चाहती थी।

रेलगाड़ी में वापस मैंने पुनः श्रीमती डोर्लिंग को अपने सामने देखा जैसा मैंने उन्हें पहली बार मिलने पर देखा था। जिस दिन मेरी माँ ने मुझे उसके (श्रीमती डोर्लिंग के) बारे में बताया था, यह उससे दूसरे दिन की सुबह की बात है। मैं देरी से उठी थी और सीढ़ियों से नीचे आते समय मैंने अपनी माँ को किसी को विदा करते हुए देखा। वह एक चौड़ी कमर वाली स्त्री थी।
मेरी माँ ने (उससे) कहा, ‘यह मेरी बेटी है।’ उसने मुझे अपने पास बुलाने के लिए इशारा किया।

उस स्त्री ने अपनी गर्दन हिलाई तथा कोट-रैक के नीचे से सूटकेस उठाया। उसने भूरे रंग का कोट तथा टोप पहन रखा था। भारी-भरकम सूटकेस से घर से बाहर की तरफ जाने में उसे हो रही कठिनाई को देखकर मैंने (अपनी माँ से) पूछा ‘क्या वह (यहाँ से) बहुत दूर रहती है ?’ मेरी माँ ने कहा, ‘मार्कोनी स्ट्रीट में, संख्या – 46 याद रखना।’ मैंने इसे याद रखा। लेकिन मैंने वहाँ जाने के लिए बहुत लंबे समय तक इंतजार किया।

आरंभ में स्वतंत्रता के बाद मैं उस इकट्ठे किए गए सामान में बिल्कुल भी रुचि नहीं रखती थी और शायद स्वाभाविक रूप से मैं इससे डरी हुई थी। उन सब चीजों से सामना करने से डरी हुई थी जो उस रिश्ते से सम्बन्धित थीं जो कि अब रहा ही नहीं; वे चीजें अलमारियों तथा बक्सों में भरी पड़ी थीं तथा वे अपने स्थान पर पुनः स्थापित किए जाने का व्यर्थ में ही इंतजार कर रही थीं; वे इतने लंबे समय तक इसलिए जीवित रहीं क्योंकि वे ‘वस्तुएँ’ थीं।

लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ फिर से सामान्य हो गया। रोटी जो युद्ध के दौरान महँगी और दुर्लभ हो गई थी, अब सुलभ और सस्ती हो गई थी; वहाँ एक बिस्तर था जिस पर तुम निर्भीकता से सो सकते थे (जिस पर सोते समय युद्ध के दौरान बम गिरने का भय रहता था); एक कमरा था जिससे वही दृश्य देखा जा सकता था जिसको प्रतिदिन देखने के तुम आदी थे। (युद्ध के दौरान सारा दृश्य ही बदल जाता है- बारुद का धुंआ और गंध तथा लाशें दिखाई देती हैं)

और एक दिन मैंने देखा कि मैं (अचानक ही) उन सब चीजों को पुनः देखने के लिए उत्सुक थी जो कि अब भी उस पते पर विद्यमान होनी चाहिए। मैं उन चीजों को देखना, छूना तथा याद करना चाहती थी।
श्रीमती डोर्लिंग के घर के लिए मेरी प्रथम असफल यात्रा के बाद, मैंने दोबारा कोशिश करने का निश्चय किया। अब की बार लगभग 15 साल की एक लड़की ने मेरे लिए दरवाजा खोला। मैंने उससे पूछा कि क्या उसकी माँ घर पर है। उसने कहा, ‘नहीं मेरी माँ किसी आवश्यक कार्य से बाहर गई हुई हैं।’ मैंने कहा, ‘कोई बात नहीं, मैं उनके लिए प्रतीक्षा करूंगी।’ 

I followed…………… at me. (Page 13) 

Word Meanings : passage (पैसिज्) = a long, narrow way, गलियारा। old-fashioned (ओल्ड् फैश्न्ड् ) = usual in the past but not now, पुराने जमाने में प्रचलित। Hanukkah = the feast of lights, a Hebrew festival in December, यहूदियों का प्रकाश उत्सव। cumbersome (कम्बसम्) = heavy and difficult to carry, भारी। candlestick (कैन्ड्ल्स्टिक्) = an object for holding candles, मोमबत्तीदान। horrified (हॉरिफाइड्) = frightened, डरी हुई। midst (मिड्स्ट्) = among, के बीच में। oppressed (अ’प्रेस्ट) = troubled, परेशान किया। strange (स्ट्रेन्ज्) = unusual, असामान्य, अजीब। atmosphere (ऐट्मस्फिअर्) = वातावरण। tasteless (टेस्ट्ल स्) = not attractive, भद्दे तरीके से। arranged (अरेन्ज्ड् ) = व्यवस्थित थीं, लगाई गई थीं। muggy (मगि) = smell of dampness, सीलनभरी बदबू। 

scarcely (स्के अस्लि ) = hardly, मुश्किल से। dared (डेअर्ड) = had courage, साहस दिखाया। rubbed (रब्ड्) = pressed, रगड़ा। warm (वॉम्) = गर्म। followed (फॉलोड) = दिलचस्पी ली। lines of the pattern (लाइन्स ऑव दी पेटन्) = बनावट के तरीके में। edge (एज्) = end, किनारे पर। mark (माक्) = sign, निशान, चिह्न। pour (पॉ(र्)) = served, उड़ेल दी, परोस दी। lid (लिड्) = the top part of the tea-pot, चायदान का ढक्कन। strange (स्ट्रेन्ज्) = unknown, अजीब। antique (ऐन्’टीक्) = very old, प्राचीन। fancied (फैन्सिड्) = imagined, कल्पना की। pewter (प्यूटर) = made of zinc, grey metal made by mixing tin with lead used for making mugs, dishes etc. जस्ते की बनी हुई। questioningly (क्वेस्चनिलि ) = as if asking a question, जैसे कि प्रश्न पूछ रही हो।

हिन्दी अनुवाद – मैं उस लडकी के पीछे-पीछे गलियारे में गयी। दर्पण के पास में ही एक पुराने फैशन का लोहे का कैंडल होल्डर टँगा था। हमने कभी भी उसका इस्तेमाल नहीं किया था क्योंकि यह एक अकेली मोमबत्ती की अपेक्षा कहीं अधिक भारी था। उस लड़की ने पूछा, क्या आप बैठेंगी नहीं ? उसने बैठक का दरवाजा खोल दिया और मैं उसके पीछे अंदर गई। मैं भयभीत-सी होती हुई रुक गई। मैं एक ऐसे कमरे में थी जिसको मैं जानती भी थी और नहीं भी जानती थी। मैंने स्वयं को उन चीजों के बीच में पाया जिनको मैं पुनः देखना तो चाहती थी किंतु जिन्होंने मुझे एक विचित्र वातावरण में परेशान कर दिया था। 

अथवा इसलिए (परेशान कर दिया) क्योंकि वे सभी चीजें बेहूदे ढंग से व्यवस्थित की गई थीं अथवा भद्दा फर्नीचर था या फिर सीलन भरी बदबू जो वहाँ पर फैली हुई थी’, मुझे पता नहीं लेकिन मैं उन्हें अपने चारों ओर देखने का बमुश्किल ही साहस कर पाई। लड़की ने एक कुर्सी सरकाई। मैं कुर्सी पर बैठ गई तथा ऊनी मेजपोश को टकटकी लगाकर देखने लगी। मैंने उसको रगड़ा। रगड़ने से मेरी अँगुलियाँ गर्म हो गईं। मैं ऊनी मेजपोश की डिजाइन की लाइनों को देखने लगी। उसके किनारे पर कहीं एक जला हुआ निशान होना चाहिए जिसकी कभी भी मरम्मत नहीं की गई थी। लड़की ने कहा, ‘मेरी माँ शीघ्र ही वापस आती होंगी। मैंने उनके लिए पहले ही चाय बना दी है। क्या आप चाय का एक प्याला लेंगी ?’ ‘धन्यवाद।’

मैंने ऊपर की तरफ देखा। लड़की ने मेज पर चाय के प्याले रख दिए। उसकी पीठ चौड़ी थी, उसकी माँ की ही तरह। उसने सफेद रंग के चायदान से (कपों में) चाय उड़ेली। मुझे याद आया, उस चायदान के ढक्कन पर सुनहरी किनारी थी। उसने एक बक्सा खोला तथा कुछ चम्मचें बाहर निकाली।मैंने स्वयं को कहते हुए सुना ‘यह एक सुंदर बक्सा है।’ यह एक अजीब सी आवाज थी। जैसे कि मानो इस कमरे में प्रत्येक आवाज भिन्न हो जाती हो।

‘अरे ! तुम इनके बारे में जानती हो ?’ वह मेरी ओर घूम गयी और मुझे मेरी चाय दी। वह हँसी ‘मेरी माँ कहती है कि यह पुरानी शैली की है। हमारे पास ऐसी और भी बहुत सी वस्तुएँ हैं।’ उसने कमरे के चारों ओर संकेत किया। ‘तुम स्वयं ही देख लो।’ मुझे उसके हाथ का अनुसरण करने की जरूरत नहीं थी। मैं जानती थी कि वह किन चीजों के बारे में कह रही थी। मैंने चाय की मेज पर शांत जीवन को देखा। जब मैं छोटी थी तब मैं हमेशा कांसे की प्लेट पर सेब की कल्पना किया करती थी। उसने कहा, ‘हम इसका प्रयोग प्रत्येक चीज के लिए करते हैं। एक बार तो हमने वहाँ दीवार पर टंगी हुई तश्तरियों में भी भोजन किया था। मैं इसको (इस तरह भोजन करना) बहुत ज्यादा पसंद करती थी। लेकिन इसमें कोई विशेष बात नहीं थी।’ मैंने मेजपोश पर जले हुए का निशान ढूँढ लिया। लड़की ने प्रश्न भरी दृष्टि से मेरी ओर देखा। 

‘Yes’, I said, …. ………….. the easiest. (Pages 13-14) 

Word Meanings : to touching (टू टचिङ्) = स्पर्श करने की। used to (यूज्ड टु) = habitual,आदी हो गई हो। hardly (हाड्लि) = almost not, मुश्किल से। lent (लेन्ट्) = given to someone, किसी को दे दिया। unnatural (अन् ‘नैचल्) = unexpected, अप्राकृतिक। sound (साउन्ड्) = voice, आवाज। probably (प्रॉबब्लि) = almost certainly, संभवतया। bored (बॉड्) = feeling tired, ऊब गयी। forks (फ़ॉक्स्) = काँटे। cutlery (कट्लरि) = भोजन करने के छरी, काँटे, चम्मचे इत्यादि।silver (सिल्वर) = चाँदी के बर्तन। bet (बेट) = an act of betting, शर्त लगाना। intently (इन् ‘टेट्लि ) = purposefully, इरादे से, उद्देश्य से।

hesitated (हेजिटेटिड्) = paused before she spoke, हिचकिचाई। sideboard (साइड्बॉड्) = a type of low cupboard used for storing plates, etc. तश्तरियों आदि को रखने की नीची मेज। pulled (पुल्ड्) = dragged, खींचा। jingling (जिङ्गलिंङ) = a ringing sound like small bells, खनखनाहट।familiar (फ़ ‘मिलिअर्) = well-known, जाना-पहचानाinstantly (इन्स्ट ट्ल ) = without delay, immediately, तुरंत।value (वैल्यू) = importance, महत्त्वsevered (सेवरड्) = cut-off, अलग हुआ।surroundings (स’राउन्डिङ्ग्) = environment, वातावरण।shreds (शेड्स्) = pieces, टुकड़े।resolved (रिजॉल्वड्) = decided, निश्चय किया।

हिन्दी अनुवाद – मैंने कहा, ‘हाँ, तुम इस घर में इन सब संदर चीजों को देखने को इतनी ज्यादा आदी हो चकी हो कि तुम मुश्किल से ही अब उनकी ओर देखती हो। तुम उनको केवल तब ही देखती हो जब कोई चीज खो जाती है, क्योंकि उसकी मरम्मत की जानी है अथवा उदाहरणार्थ तुमने उन्हें किसी को उधार दे दिया है।’ मैंने पुनः स्वयं की अस्वाभाविक आवाज को सुना और मैं (अपनी ही आवाज की) सुनती गई : ‘मुझे याद है एक बार मेरी माँ ने मुझसे पूछा था कि क्या मैं चाँदी की वस्तुओं पर पॉलिश करने में उनकी मदद करूँगी।

यह बहुत समय पहले की बात है और शायद मैं उस दिन ऊब गई थी अथवा शायद मुझे घर पर ठहरना पड़ा था क्योंकि मैं बीमार हो गई थी, क्योंकि उन्होंने मुझे पहले कभी (मदद करने के लिए) नहीं कहा था। मैंने उससे पूछा कि उनका तात्पर्य किन चाँदी की वस्तुओं से है और उन्होंने आश्चर्यचकित होते हुए उत्तर दिया कि उनका तात्पर्य चम्मचों, काँटों तथा चाकुओं से था। और यह एक विचित्र बात थी, मैं इस बात को नहीं जानती थी कि जिस कटलरी से हम प्रतिदिन भोजन करते थे वे चाँदी की थी। लड़की पुनः हँसी। ‘मैं शर्त लगा सकती हूँ कि तुम इस बात को भी नहीं जानती हो (कि यह कटलरी भी चाँदी की है’), मैंने दृढ़तापूर्वक उसकी ओर देखा।

उसने पूछा, ‘हम किस चीज से भोजन करते हैं ?’ ‘अच्छा, क्या तुम जानती हो ?’ वह हिचकिचाई। वह साइडबोर्ड की तरफ गई तथा एक दराज को खोलना चाहा। ‘मैं देखूगी। वह इसमें रखी है।’ मैं उछल पड़ी, ‘मुझे समय का ध्यान नहीं रहा। मुझे ट्रेन पकड़नी है।’ उसका हाथ दराज के ऊपर था। ‘क्या आप मेरी माँ की प्रतीक्षा करना नहीं चाहती ? ‘नहीं, मझे जाना होगा।’ मैं दरवाजे तक गयी। लड़की ने दराज को खींचकर पूरा खोल दिया। ‘मैं रास्ता स्वयं ढूँढ सकती हूँ।’ जैसे ही मैं गलियारे से चली तभी मैंने काँटों तथा चम्मचों की खनखनाहट की आवाज सुनी।

सड़क के कोने पर जाकर, मैंने उस नामपट्टिका की ओर देखा। इस पर लिखा था – मार्कोनी स्ट्रीट। मैं मकान संख्या- 46 पर ही थी। पता सही था। लेकिन मैं अब इसे और अधिक याद रखना नहीं चाहती थी। मैं वहाँ पर वापस नहीं जाऊँगी क्योंकि वे सभी चीजें जो आपके पुराने समय के परिचित जीवन की यादों से जुड़ी रहती हैं, वे उसी समय अपना मूल्य खो देती हैं जब हम उनको स्वयं से अलग कर लेते हैं, आप उनको दोबारा विचित्र वातावरण में देखते हैं।

और मैं उन सब चीजों का उस छोटे से किराए के कमरे में क्या करती जहाँ खिड़कियों पर अभी भी काले पड़कर चीथड़े हो चुके कागजों के टुकड़े लटक रहे हैं और थोड़ी-सी ही कटलरी की आवश्यकता थी जो मेरी छोटी-सी मेज . की दराज में समा सकती थी ? मैंने उस पते को भूल जाने का निश्चय किया। मुझे उन सब चीजों के बारे में भूल जाना था और शायद यही सबसे ज्यादा आसान होता।

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