2 Wind

• कविता के विषय में-पवन तेज प्रवाह से चलती है और अत्यधिक विनाश करती है। हम इसके साथ मित्रता कैसे कर सकते हैं?
कवि के विषय में-सुब्रमनिया भारती (1882-1921) एक महान तमिल कवि हैं, जो कि स्वतन्त्रता प्राप्ति पूर्व युग में अपनी राष्ट्र-भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।

• अनुवादक के विषय में-ए.के. रामानुजन कन्नड़ व अंग्रेजी भाषा के एक कवि हैं, जो उनके . क्लासिकल व आधुनिक कविताओं के अनुवादन के लिए अच्छे से जाने जाते हैं।

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद 

1. Wind, come……………………………………………………them all.

कठिन शब्दार्थ : softly (सॉफ्ट्ल ) = धीरे से, shutters (शट(र)ज्) = झिलमिली, शटर, scatter (स्कैट(र)) = बिखेरना, poking fun at (पोक्ङ् फन ऐट) = खिल्ली उड़ाना, weaklings (वीक्लङ्ज) = कमजोरों, frail (फ्रेल) = कमजोर, जल्द टूटने वाला, crumbling (क्रम्ब्लु ङ्) = भुरभुरे, टूटने वाले, rafter (राफ्ट(र)) = कड़ी/शहतीर (लकड़ी का), winnows (विनोज) = फटकना, ओसाना, crushes (क्रश्ज ) = रौंदता है।

हिन्दी अनुवाद : पवन, धीरे-धीरे चलो।

खिड़कियों की झिलमिली को मत तोड़ो। कागजों को मत बिखेरो। शेल्फ (ताक) पर रखी पुस्तकों को नीचे न गिराओ। वहाँ, देखो तुमने क्या कर दिया – तुमने उन सभी को नीचे गिरा दिया। तुमने पुस्तकों के पृष्ठों को फाड़ दिया। तुम पुनः वर्षा ले आई। कमजोरों की खिल्ली उड़ाने में तुम बहुत चतुर हो।

कमजोर टूटते हुए घर, टूटते हुए दरवाजे, टूटते हुए शहतीर। टूटती हुई लकड़ी, टूटते हुए शरीर, टूटता हुआ जीवन। टूटते हुए दिल पवन देव इन सभी को फटकता व रौंदता है। भावार्थ-ताकतवर से आप कितना ही अनुनय-विनय करें लेकिन वह कमजोरों की खिल्ली ही उड़ाता है, उन्हें रौंदने की ही चेष्टा करता है। 

2. He won’t……………….every day. 

कठिन शब्दार्थ : firmly (फम्लि) = मजबूती से, steadfast (स्टेड्फास्ट्) = विश्वसनीय एवं निष्ठावान/वफादार, blow out (ब्लो आउट) = बुझाना (वायु वेग से), roar (रॉ(र)) = तेजी से जलते हुए (आग), flourish (फ्लरिश्) = बढ़ते जाना, praise (प्रेज) = प्रशंसा करना। 

हिन्दी अनुवाद : वह (पवन देव) वे कार्य नहीं करेंगे जो आप उनसे करने को कहेंगे।

अतः, आइए, मजबूत घर बनाएँ। हम दरवाजों को मजबूती से बन्द करें। शरीर को मजबूत बनाने का अभ्यास करें। हृदय को विश्वासी व निष्ठावान बनाएँ। यह करें, तो (और) पवन देव हमारे मित्र बन जाएँगे। पवन कमजोरी से (धीमे) जल रही अग्नि को बुझा देती है। वह (पवन देव) शक्तिशाली आग को तेजी से जलाते हैं व बढ़ाते हैं। उनकी मित्रता अच्छी है। हम उनकी नित्यप्रति प्रशंसा करते हैं। भावार्थ-अतः हमें स्वयं को शारीरिक, मानसिक व अन्य सभी तरह से मजबूत बनाना चाहिए। फिर ताकतवर भी आपसे मित्रता करेगा। यह संसार का नियम है कमजोर को और कमजोर करते हैं व ताकतवर को और ताकतवर करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

0:00
0:00