वाक्य-विचार 6

वाक्य-विचार 6 मनुष्य अपने भावों या विचारों को वाक्य में ही प्रकट करता है। वाक्य सार्थक शब्दों के व्यवस्थित और क्रमबद्ध समूह से बनते हैं, जो किसी विचार को पूर्ण रूप से प्रकट करते हैं। अर्थ प्रकट करने वाले सार्थक शब्दों के व्यवस्थित समूह को वाक्य कहते हैं; जैसे-ओजस्व कमरे में टी.वी. देख रहा है। […]

वर्ण-विचार 6

वर्ण-विचार 6 बोलते समय हम जिन ध्वनियों का उच्चारण करते हैं। वही ध्वनियाँ वर्ण या अक्षर कहलाती हैं। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है। इस प्रकार- वर्ण उस ध्वनि को कहते हैं जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते। लिखित भाषा में प्रयुक्त किए जाने वाले वर्ण प्रत्येक भाषा में अलग-अलग होते हैं। हिंदी भाषा में […]

वचन 6

वचन 6 संज्ञा या सर्वनाम शब्द के जिस रूप से उसकी संख्या का पता चले, वह वचन कहलाता है। वचन के भेद – वचन दो प्रकार के होते हैं। एकवचन – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के एक होने का बोध होता है, उसे एक वचन कहते हैं; जैसे-कपड़ा, […]

मुहावरे और लोकोक्तियाँ 6

मुहावरे और लोकोक्तियाँ 6 ‘मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है-अभ्यास। हिंदी भाषा को सुंदर और प्रभावशाली बनाने के लिए हम मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग करते हैं। मुहावरा ऐसा शब्द-समूह या वाक्यांश होता है जो अपने शाब्दिक अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है। विशेष अर्थ […]

भाषा, लिपि और व्याकरण 6

भाषा, लिपि और व्याकरण 6 मनुष्य बोलकर अपने भावों को व्यक्त करता है तथा आवश्यकता पढ़ने पर वह लिखकर भी मन की बात को स्पष्ट करता है। इन दोनों का मूल आधार ‘भाषा’ ही है। भाषा शब्द भाष धातु से बना है। इसका अर्थ है-बोलना। मनुष्य जिन ध्वनियों को बोलकर अपनी बात कहता है, उसे […]

प्रत्यय 6

प्रत्यय 6 शब्दों के अंत में लगाए गए शब्दांश प्रत्यय कहलाते हैं; जैसे नेहा पढ़ाकू है। दुकानदार दालों में मिलावट करते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों को आपने देखा। इनमें मूल शब्दों के अंत में शब्दांश जोड़कर नए शब्द बनाए हैं, जैसे पढ़ + आकू, मिल + आवटे। हिंदी में प्रत्यय के […]

पत्र-लेखन 6

पत्र-लेखन 6 पत्र-लेखन विचारों के आदान-प्रदान को सशक्त माध्यम है। इसी के माध्यम से लोग अपने मन की बात अपने से दूर रहने वाले व्यक्ति तक पहुँचाते हैं। पत्र-लेखन एक कला है। पत्र लिखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट व सरस होनी चाहिए। पत्र भेजने वाले का […]

निबंध-लेखन 6

निबंध-लेखन 6 निबंध का अर्थ है-बँधा हुआ यानी एक सूत्र में बँधी हुई रचना। जब किसी विषय पर क्रमबद्धता के साथ विचारों को प्रकट किया जाता है, तो ऐसा लेख निबंध कहलाता है। निबंध किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। साधारण रूप से निबंध के विषय परिचित होते हैं यानी जिनके बारे में […]

क्रिया 6

क्रिया 6 ‘क्रिया’ का अर्थ होता है-करना। प्रत्येक भाषा के वाक्य में क्रिया का बहुत महत्त्व होता है। प्रत्येक वाक्य क्रिया से पूरा होता है। क्रिया किसी कार्य के करने या होने को दर्शाती है। क्रिया को करने वाला कर्ता कहलाता है। जिन शब्दों से किसी काम के करने या होने का पता चले, वे […]

काल 6

काल 6 काल का अर्थ है – समय। क्रिया के जिस रूप से उसके होने के समय का बोध हो उसे काल कहते हैं। काल के भेद – काल के तीन भेद होते हैं। 1. भूतकाल – क्रिया के जिस रूप से उसके बीते हुए समय का बोध हो, वह भूतकाल कहलाता है; जैसे नेहा ने गीत […]

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