Chapter 1 शब्द परिचयः – I

पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में चित्रों के माध्यम से अकारान्त पुंल्लिङ्ग शब्दों का परिचय कराया गया है। जिन शब्दों के अन्त में ‘अ’ स्वर आता है, वे अकारान्त शब्द कहलाते हैं। पुरुष जाति का ज्ञान कराने वाले शब्द पुंल्लिङ्ग कहलाते हैं। जैसे – राम, मोहन, वृक्ष, बालक, वृद्ध आदि। पाठ में अकारान्त पुंल्लिङ्ग शब्दों के साथ प्रयोग में आने वाले सर्वनाम शब्दों का तथा कर्ता पद के साथ प्रयुक्त क्रियाओं (धातुओं) का भी प्रायोगिक ज्ञान कराया गया है। 

संज्ञा शब्दों में जो लिङ्ग, विभक्ति एवं वचन होता है, वही सर्वनाम में भी होता है। जैसे-एषः चषकः। यहाँ ‘चषकः’ संज्ञा शब्द पुंल्लिग, प्रथमा विभक्ति व एकवचन का रूप है, अतः ‘एषः’ सर्वनाम भी पुंल्लिग, प्रथमा विभक्ति व एकवचन का रूप है। इसी प्रकार कर्ता जिस पुरुष एवं वचन का होता है, क्रिया भी उसी पुरुष एवं वचन की आती है। जैसेबालकः पठति। सः क्रीडति। ते गच्छन्ति। आवां वदावः। यूयम् चलथ।

पाठ के कठिन-शब्दार्थ :

पाठ का हिन्दी अनुवाद :

एषः कः? एषः ……………………………….. स: वस्त्रं सीव्यति। 

हिन्दी-अनुवाद : 

यह क्या (कौन) है?
यह गिलास है। 
क्या यह बड़ा है? 
नहीं, यह छोटा है।
वह कौन है? 
वह दर्जी है।’ 
दर्जी क्या करता है?
क्या वह खेलता है?
‘नहीं, वह कपड़ा सिलता (सीता) है। 

विशेष – यहाँ सभी वाक्य एकवचन में प्रयुक्त हुए हैं।

2. एतौ कौ? 
एतौ शुनको …………………………………………………. तौ क्षेत्रं कर्षतः। 

हिन्दी-अनुवाद – ये दो कौन हैं?
ये दो कुत्ते हैं।
क्या ये दोनों गरजते हैं? 
नहीं, ये दोनों जोर से भौंकते हैं।
वे दो कौन हैं? 
वे दो बैल हैं। 
क्या वे दोनों दौड़ रहे (दौड़ते) हैं?
नहीं, वे दोनों खेत जोत रहे (जोतते) हैं। 

विशेष – उपर्युक्त सभी वाक्यों में द्विवचन का प्रयोग हुआ है।

3. एते के? 
एते स्यूताः …………………………………………………………. नहि ते हसन्ति। 

हिन्दी-अनुवाद :

ये (सब) कौन हैं?
ये थैले हैं। 
क्या ये हरे रंग के हैं? 
नहीं, ये नीले रंग के हैं।
वे कौन हैं? 
वे वृद्ध (बूढ़े) हैं। 
क्या वे गा रहे (गाते) हैं?
नहीं, वे हँस रहे (हँसते) हैं। 

विशेष – उपर्युक्त सभी वाक्यों में बहुवचन का प्रयोग हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

0:00
0:00