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Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

अभ्यासः

प्रश्न 1.
अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत

(क) “जटायो! पश्य” इति का वदति?
उत्तर:
“जटायो! पश्य” इति सीता वदति।

(ख) जटायुः रावणं किं कथयति?
उत्तर:
जटायु रावणम् अकथयत्-“परदाराभिमर्शनात् नीचां मतिं निवर्तय। चीरः तत् न समाचरेत् यत् परः अस्य विगर्हयेत्।।”

(ग) क्रोधवशात् रावणः किं कर्तुम् उद्यतः अभवत्?
उत्तर:
क्रोधवशात् रावणः वामेनाङ्केन वैदेही संपरिष्वज्य तलेन आशु जटायुम् अभिजघान पात?

(घ) पतगेश्वरः रावणस्य कीदृशं चापं सशरं बभज?
उत्तर:
पतगेश्वरः रावणस्य मुक्तामणिविभूषितं सशरं चापं बभञ्ज।

(ङ) हताश्वो हतसारथिः रावणः कुत्र अपतत्?
उत्तर:
हताश्वो हतसारथिः रावणः भुवि अपतत्।

प्रश्न 2.
उदाहरणमनुसृत्य णिनि-प्रत्ययप्रयोगं कृत्वा पदानि रचयत यथा-
गुण + णिनि = गुणिन् (गुणी)
दान + णिनि = दानिन् (दानी)
उत्तर:
(क) कवच + णिनि = कवचिन् (कवची)
(ख) शर + णिनि = शरिन् (शरी)
(ग) कुशल + णिनि = कुशालिन् (कुशली)
(घ) धन + णिनि = धनिन् (धनी)
(ङ) दण्ड + णिनि = दण्डिन (दण्डी)

प्रश्न 3.
रावणस्य जटायोश्च विशेषणानि सम्मिलितरूपेण लिखितानि तानि पृथक्-पृथक् कृत्वा लिखत-
युवा, सशरः, वृद्धः, हताश्वः, महाबलः, पतगसत्तमः, भग्नधन्वा, महागृध्रः, खगाधिपः, क्रोधमूर्छितः, पतगेश्वरः, सरथः, कवची, शरी।
रावणः – जटायः
युवा – वृद्धः
उत्तर:
(क) सशरः – (क) महाबलः
(ख) हताश्वः – (ख) पतगसत्तमः
(ग) भग्नधन्वा – (ग) महागृध्रः
(घ) क्रोधमूर्छितः – (घ) खगाधिपः
(ङ) सरथः – (ङ) पतगेश्वरः
(च) कवची – (छ) शरी

प्रश्न 4.
सन्धि/सन्धिविच्छेदं वा कुरुत यथा
च + आदाय = चादाय
उत्तर:
(क) हत + अश्वः = हताश्वः
(ख) तुण्डेन + अस्य = तुण्डेनास्य
(ग) बभञ्ज + अस्य = बभञ्जास्य
(घ) अङ्केन + आदाय = अङ्केनादाय
(ङ) खग + अधिपः = खगाधिपः

प्रश्न 5.
‘क’ स्तम्भे लिखितानां पदानां पर्यायाः ‘ख’ स्तम्भे लिखिताः। तान् यथा समयोजयत
‘क’ स्तम्भः – ‘ख’ स्तम्भः
(क) कवची – (1) अपतत्
(ख) आशु – (2) पक्षिश्रेष्ठः
(ग) बिरथः – (3) पृथिव्याम्
(घ) पपात – (4) कवचधारी
(ङ) भुवि – (5) शीघ्रम्
(च) पतगसत्तमः – (5) रथविहीनः
उत्तर:
(क) कवची – (1) कवचधारी
(ख) आशु – (2) शीघ्रम्
(ग) बिरथः – (3) रथविहीनः
(घ) पपात – (4) अपतत्
(ङ) भुवि – (5) पृथिव्याम्
(च) पतगसत्तमः – (5) पक्षिश्रेष्ठः

प्रश्न 6.
अधोलिखितानां पदानां/विलोमपदानि मञ्जूषायां दत्तेषु पदेषु चित्वा यथासमक्षं लिखत
मन्दम्, पुण्यकर्मणा, हसन्ती, अनार्य, अनतिक्रम्य, प्रदाय, देवेन्द्रेण, प्रशंसेत् दक्षिणेन, युवा।
उत्तर:
पदानि – विलोमशब्दाः
(क) विलपन्ती – हसन्ती
(ख) आर्य – अनार्य
(ग) राक्षसेन्द्रेण – देवेन्द्रेण
(घ) पापकर्मणा – पुण्यकर्मणा
(ङ) क्षिप्रम् – मन्दम्
(च) विगर्हयेत – प्रशंसेतु
(छ) वृद्धः – युवा
(ज) आदाय – प्रदाय
(झ) वामेन – दक्षिणेन
(ञ) अतिक्रम्य – अनतिक्रम्य

प्रश्न 7.
(क) अधोलिखितानि विशेषणपदानि प्रयुज्य संस्कृतवाक्यानि रचयत
उत्तर:
(i) शुभाम् = जटायुं रावणं शुभां गिरम् व्याजहार।
(ii) हतसारथिः = हतसारथिः रावणः भुवि अपतत्।
(iii) कवची = रावणः कवची आसीत्।
(iv) खगाधिपः = खगाधिपः जटायुः रावणस्य गात्रे व्रणान् अकरोत्।
(v) वामेन = रावणः वामेन अङ्केन वैदेहीम् अधारयत्।।

(ख) उदाहरणमनुसृत्य समस्तपदं रचयत-
उत्तर:
यथा-त्रयाणां लोकानां समाहारः = त्रिलोकी।
(i) पञ्चानां वटानां समाहारः = पञ्चवटी।
(ii) सप्तानां पदानां समाहारः = सप्तपदी।
(iii) अष्टानां भुजानां समाहारः = अष्टभुजी।
(iv) चतुर्णां मुखानां समाहारः = चतुर्मुखी।

Summary Translation in Hindi and English

1. सा तदा करुणा वाचो विलपन्ती सुदुःखिता।
वनस्पतिगतं गृधं ददर्शायतलोचना।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-तब करुण वाणी में विलाप करती हुई, अत्यन्त दुःखी तथा विशाल नेत्रों वाली सीता ने विशाल वृक्ष पर स्थित जटायु को देखा।
Meaning in English-Then Sita, who was lamenting in pitiful words who was very sad and was having long and beautiful eyes, saw Jatayu sitting on a big tree.

2. जटायो पश्य मामार्य हियमाणामनाथवत्।
अनेन राक्षसेन्द्रेण करुणं पापकर्मणा।

शब्दार्थ (Word-meanings)

NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit Shemushi Chapter 10 जटायोः शौर्यम् 2

हिन्दी सरलार्थ हे आर्य जटायु! दुष्कर्म करने वाले इस राक्षसराज रावण के द्वारा अनाथ की तरह ले जाई जाती हुई मुझे देखो।

Meaning in English-Oh gentleman Jatayu! See me being carried away forcibly like an orphan by Ravana-a king of demons who is engaged in doing evil deeds.

3. तं शब्दमवसुप्तस्तु जटायुरथ शुश्रुवे।
निरीक्ष्य रावणं क्षिप्रं वैदेहीं च ददर्श सः।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-तब सोए हुए उस जटायु ने वह शब्द सुना तथा रावण को देखकर शीघ्र ही उसने सीता को देखा।

Meaning in English–Then that Jatayu, who was asleep, heard those words and having seen Ravana he quickly saw Sita.

4. ततः पर्वतशृङ्गाभस्तीक्ष्णतुण्डः खगोत्तमः।
वनस्पतिगतः श्रीमान्च्याजहार शुभां गिरम्।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-तब पर्वत-शिखर के समान कान्ति वाले, तीक्ष्ण चोंच वाले, वृक्ष पर स्थित शोभायुक्त तथा श्रेष्ठ पक्षी उस जटायु ने सुन्दर वाणी में इस प्रकार कहा।
Meaning in English: Then attractive like the peak of a mountain and having sharp beak, that beautiful bird Jatayu who .. was sitting on the big tree spoke thus, in very fine words.

5. निवर्तय मतिं नीचां परदाराभिमर्शनात्
न तत्समाचरेद्धीरो यत्परोऽस्य विगर्हयेत्।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-पराई स्त्री स्पर्श दोष से अपनी नीच बुद्धि (विचारधारा) को तुम हटा लो। बुद्धिमान् मनुष्य को ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए जिससे अन्य लोग उसकी निन्दा करें।

Meaning in English-You should divert your mean thinking as that of touching another’s wife. A wise man should not behave in such a manner for which, he may be blamed by others.

6. वृद्धोऽहं त्वं युवा धन्वी संस्थः कवची शरी।
न चाप्यादाय कुशली वैदेहीं मे गमिष्यसि।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-मैं तो वृद्ध हूँ लेकिन तुम युवक हो, रथ सहित हो, कवचधारी तथा बाण धारण किए हो, फिर भी तुम सीता को लेकर कुशलतापूर्वक (सुरक्षित) यहाँ से नहीं जा सकोगे।

Meaning in English-I am old but you are young, archer, sitting on the chariot, having armour and arrows also, even then.. you will not be able to go from here safe taking Sita with you.

7. तस्य तीक्ष्णनखाभ्यां तु चरणाभ्यां महाबलः।
चकार बहुधा गात्रे व्रणान्पतगसत्तमः।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit Shemushi Chapter 10 जटायोः शौर्यम् 8

हिन्दी सरलार्थ-तब उस उत्तम एवं अत्यन्त शक्तिशाली पक्षी ने अपने तीक्ष्ण नाखूनों तथा दोनों पैरों से रावण के शरीर पर अनेक प्रकार के प्रहारों से घाव कर दिए।

Meaning in English-Then that powerful and beautiful bird Jatayu attacked valiantly with his sharp nails and feet and made wounds on his body.

8. ततोऽस्य सशरं चापं मुक्तामणिविभूषितम्।
चरणाभ्यां महातेजा बभजास्य महद्धनुः।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-तब अत्यन्त तेजस्वी उस जटायु ने मुक्तामणि से विभूषित तथा बाण सहित उसके चाप और विशाल धनुष को अपने दोनों पैरों से तोड़ दिया।

Meaning in English-Then that very glorious Jatayu, with his feet broke into pieces his very big bow alongwith the arrows, the bow which was decorated with precious pearls.

9. स भग्नधन्वा विरथो हताश्वो हतसारथिः।
अङ्केनादाय वैदेहीं पपात भुवि रावणः।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-तब रथहीन वह रावण जिसका धनुष टूट गया था तथा घोड़े एवं सारथी मारे जा चुके थे, सीता जी को गोद में लेकर पृथ्वी पर गिर पड़ा।

Meaning in English-Then that Ravana, whose bow was broken, devoid of chariot and whose charioteer and horses were killed, took Sita in his lap and fell down on the earth.

10. सपरिष्वज्य वैदेही वामेनाङ्केन रावणः।
तलेनाभिजघानाशु जटायुं क्रोधमूर्छितः।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-तब अंत्यन्त ऋद्ध उस रावण ने सीता को बाईं गोंद में धारण करके तलवार की मूठ से शीघ्र ही जटायु पर खतरनाक आघात किया।
Meaning in English-Ravana kept Sita at his left side and in a fit of anger, blew hard on Jatayu with the edge of his sword.

11. जटायुस्तमतिक्रम्य तुण्डेनास्य खगाधिपः।
वामबाहून्दश तदा व्यपाहरदरिन्दमः।।

शब्दार्थ (Word-meanings)

हिन्दी सरलार्थ-तब उस पक्षीराज जटायु ने शत्रुनाशी अपनी चोंच से झपट कर आघात किया और रावण की बाँयी दशों भुआजों को नष्ट कर लिया।

Meaning in English-Then the king of birds, Jatayu swooped down and pierced the ten left arms of Ravana with his enemy killer beak.

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