पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में एक अत्यन्त सरल संस्कृत में बाल-गीत है, जिसमें एक बालक चन्दा-मामा को सम्बोधित करते हुए कहता है कि हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो? तुम कहाँ जाते हो? यह नीला आकाश बहुत विशाल है। तुम मेरे घर क्यों नहीं आते हो? हे चन्दामामा ! तुम शीघ्र आओ, मुझे गीत सुनाओ, मेरी प्रसन्नता बढ़ाओ। इस प्रकार एक छोटे बालक द्वारा स्वाभाविक रूप से चन्दामामा के प्रति अपनी इच्छा व्यक्त की गई है।

पाठ के कठिन-शब्दार्थ : 

पाठ का हिन्दी-अनुवाद – 

1. कुत आगच्छसि …………………. आगच्छसि मातुलचन्द्र? 

अन्वयः – मातुलचन्द्र! (त्वं) कुतः आगच्छसि? मातलचन्द्र! (त्वं) कुत्र गमिष्यसि? – अतिशयविस्तृतनीलाकाशः (अस्ति)। क्वचित् अवकाश: नैव दृश्यते। (हे) मातुलचन्द्र ! (त्वं) कथं प्रयास्यसि? (हे) मातुलचन्द्र ! (त्वं) कुतः आगच्छसि?

हिन्दी अनुवाद – हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो? हे चन्दामामा! तुम कहाँ जाओगे? नीला आकाश बहुत विशाल है। कहीं भी खाली स्थान दिखाई नहीं देता है। हे चन्दामामा ! तुम किस प्रकार जाओगे? हे चन्दामामा ! तुम कहाँ से आते हो?

2. कथमायासि न भो! मम गेहम् ………………………… आगच्छसि मातुलचन्द्र? 

अन्वयः – भो! (त्वं) कथम् मम गेहम् न आयासि? मातुल! (त्वं) कथम् स्नेहम् न किरसि? मातुलचन्द्र ! (त्वं) कदा गमिष्यसि! मातुलचन्द्र ! (त्वं) कुतः आगच्छसि!

हिन्दी-अनुवाद – हे (चन्दामामा!) (तुम) मेरे घर क्यों नहीं आते हो? हे मामा ! (तुम) स्नेह (प्रेम) क्यों नहीं | बिखेरते हो? हे चन्दामामा! (तुम) कब आओगे? हे चन्दामामा! (तुम) कहाँ से आते हो?

3. धवलं तव चन्द्रिकावितानम् …………………………. आगच्छसि मातुलचन्द्र?
अन्वयः – मातुलचन्द्र! तव चन्द्रिका-वितानम् धवलम् (अस्ति)। (किं त्वं) तारक-खचितम् सितपरिधानम् मह्यम् दास्यसि? मातुलचन्द्र! कुतः आगच्छसि?

हिन्दी-अनुवाद – हे चन्दामामा ! तुम्हारी फैली हुई चाँदनी सफेद है। (क्या तुम) तारों से सुशोभित अपना सफेद वस्व मुझे दोगे? हे चन्दामामा! (तुम) कहाँ से आते हो?

4. त्वरितमेहि मां श्रावय गीतिम् ………………………. आगच्छसि मातुलचन्द्र? 

अन्वयः – प्रिय मातुल! (त्वम्) त्वरितम् एहि। माम् गीतिम् श्रावय। मे प्रीतिम् वर्धय। मातुलचन्द्र! किं न आयास्यसि? मातुलचन्द्र! कुतः आगच्छसि?

हिन्दी-अनुवाद – हे प्रिय मामा जी! तुम शीघ्र आओ, मुझे गीत सुनाओ! तुम मेरा प्यार बढ़ाओ। हे चन्दामामा ! क्या तुम नहीं आओगे? हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

0:00
0:00