Chapter 6 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ
अभ्यास प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
1. भारत की सर्वप्रथम रेलगाड़ी निम्नलिखित में से किन दो स्टेशनों के मध्य चलाई गई थी?
a. मुंबई-कोलकाता
b. मुंबई – थाणे
c. मुंबई-चेन्नई
d. मुंबई – सूरत। (b)
2. पूर्व-पश्चिम गलियारा किन दो नगरों को जोड़ता है?
a. कोलकाता तथा दिल्ली
b. लखनऊ तथा अमृतसर
c. सिल्चर तथा पोरबंदर
d. वाराणसी तथा झाँसी । (c)
3. भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग कौन-सा है?
a. राष्ट्रीय राजमार्ग-2
b. राष्ट्रीय राजमार्ग-3
c. राष्ट्रीय राजमार्ग-7 (अब राष्ट्रीय राजमार्ग-44)
d. राष्ट्रीय राजमार्ग-12 (c)
4. निम्नलिखित में से कौन-सा परिवहन साधन भारत का प्रमुख साधन है?
a. पाइपलाइन
b. सड़क परिवहन
c. रेल परिवहन
d. वायु परिवहन । (b)
5. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 1 को जिस नाम से जाना जाता है, वह है-
a. दिल्ली-जयपुर राजमार्ग
b. शेरशाह सूरी राजमार्ग
c. जयपुर-मुंबई राजमार्ग
d. महात्मा गांधी राजमार्ग । (b)
6. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग संबंधित है-
a. सड़क परिवहन से
b. जल परिवहन से
c. रेल परिवहन से
d. वायु परिवहन से । (a)
7. सीमा सड़क संगठन का गठन किया गया था-
a. सन् 1960 में
b. सन् 1970 में
c. सन् 1980 में
d. सन् 1990 में। (a)
8. निम्नलिखित में से कौन-से दूरस्थ स्थान पूर्व-पश्चिम गलियारे से जुड़े हैं?
a. मुंबई तथा नागपुर
b. मुंबई तथा कोलकाता
c. सिलचर तथा पोरबंदर
d. नागपुर तथा हैदराबाद। (c)
9. भारत में प्रथम रेलगाड़ी चलाई गई थी-
a. सन् 1853 में
b. सन् 1857 में
c. सन् 1863 में
d. सन् 1872 में। (a)
10. कुद्रेमुख खानों से निकलने वाले लौह अयस्क का निर्यात न्यू मंगलौर बंदरगाह से किया जाता है। यह किस राज्य में स्थित है?
a. आंध्र प्रदेश
b. कर्नाटक
c. ओडिशा
d. बिहार । (b)
11. निम्नलिखित में से किस वस्तु का निर्यात भारत से नहीं किया जाता?
a. रत्न व जवाहरात
b. चाय व जूट
c. रसायन व संबंधित उत्पाद
d. कोयला । (d)
12. निम्नलिखित में से किस वस्तु का आयात भारत में नहीं किया ‘जाता?
a. पेट्रोलियम उत्पाद
b. कोयला
c. मशीनरी, वनस्पति तेल
d. मैंगनीज़। (c)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग किसे कहते हैं?
उत्तर – एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग तीव्रगामी परिवहन की आवश्यकता को पूरा करने वाले 4 या 6 लेन के सड़क मार्ग होते हैं। देश के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही इस परियोजना द्वारा 14,279 किमी लंबी सड़कों को बनाया जाना है।
प्रश्न 2. स्वर्णिम चतुर्भुज एक्सप्रेस राजमार्ग से जोड़े जाने वाले नगरों के नाम लिखिए ।
उत्तर – स्वर्णिम चतुर्भुज एक्सप्रेस राजमार्ग द्वारा चार महानगरों- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ा गया है।
प्रश्न 3. रेल परिवहन कहाँ पर अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन का साधन है तथा क्यों?
उत्तर- भारत में उत्तरी विशाल मैदान अपने समतल भू-भाग, सघन जनसंख्या, संपन्न, कृषि, प्रचुर संसाधन एवं तीव्र औद्योगिक व नगरीकरण के कारण रेल परिवहन विकास हेतु अत्यधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।
प्रश्न 4. सीमांत सड़कों का महत्त्व बताएँ ।
उत्तर – देश के सीमांत क्षेत्रों में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित सड़कें सामरिक महत्त्व की सड़कें हैं। इन सड़कों के विकास से देश के दुर्गम क्षेत्रों में अभिगम्यता बढ़ी है तथा ये इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक हुई हैं।
प्रश्न 5. आजकल रेलें इतनी महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
उत्तर – बड़े पैमाने पर माल को ढोने तथा अधिक संख्या में यात्रियों को लाने-ले जाने में रेलों ने महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लिया है।
प्रश्न 6. रेलवे के किन्हीं तीन क्षेत्रों के नाम, उनके मुख्यालयों के नाम के साथ लिखिए।
उत्तर- (i) उत्तर रेलवे – मुख्यालय नई दिल्ली,
(ii) पूर्वोत्तर रेलवे – मुख्यालय गोरखपुर,
(ii) उत्तर मध्य रेलवे – मुख्यालय प्रयागराज ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. रेलवे की विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – चुनौतीपूर्ण समस्याओं के रूप में भौतिक व आर्थिक कारकों ने भारतीय रेलवे नेटवर्क के वितरण प्रतिरूप को निम्नलिखित रूप में प्रभावित किया है-
(i) निर्माण के समय रेलों के लिए विशाल धनराशि आवश्यक होती है।
(ii) रेलों की देखभाल और रख-रखाव पर अत्यधिक व्यय आता है।
(iii) विषम और ऊँचे-नीचे क्षेत्रों में, जहाँ ढलान की प्रवणता अधिक होती है, रेलमार्ग सरलतापूर्वक नहीं बनाए जा सकते।
(iv) दूध जैसे जल्दी खराब हो जाने वाले सामान को ले जाने में रेलें विशेष उपयोगी सिद्ध नहीं होती।
(v) कई बार यात्री भी रेलों के लिए विभिन्न समस्याएँ पैदा कर देते हैं। उनमें से कुछ बिना टिकट के यात्रा करने का प्रयत्न करते हैं जबकि कुछ अन्य चेन खींचकर गाड़ी को व्यर्थ में ही रोकने का प्रयत्न करते हैं। ऐसी कार्यवाही से रेलों के आने-जाने में देरी हो जाती है।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं?
उत्तर- परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश के मानव जीवन के लिए अनिवार्य आवश्यकता है। इनके द्वारा देश की सामाजिक एवं आर्थिक दिशा को गति मिलती है और क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने में सहायता मिलती है इसलिए परिवहन और संचार माध्यम किसी देश की जीवन रेखा और अर्थव्यवस्था के विकास का आधार कहलाते हैं। इसके पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं-
(i) उत्पादक एवं उपभोक्ताओं को मिलाने में सहायक- परिवहन के साधनों द्वारा कच्चा माल कल-कारखानों में भेजा जाता है और तैयार माल उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है। थल परिवहन तथा जल परिवहन की इसमें प्रमुख भूमिका होती है। थल परिवहन में ट्रक एवं रेलों द्वारा माल ढोया जाता है। जल परिवहन में नौगम्य नदियाँ अपनी प्रमुख भूमिका निभाती हैं जिनका देश के भीतरी भागों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। तटीय भागों में विदेशों से माल आयात एवं निर्यात करने में जल परिवहन (जलपोतों द्वारा) का प्रमुख स्थान है। इस प्रक्रिया से आर्थिक विकास को गति मिलती है।
(ii) आवागमन में सहायक- परिवहन के साधन लोगों को उनके गंतव्य तक ले जाने के प्रमुख माध्यम हैं। सड़क परिवहन तो लोगों को उनके दरवाजों तक पहुँचाता है जबकि रेल परिवहन लंबी दूरी की यात्राओं में सहायक है।
(iii) राष्ट्रीय एकता में सहायक- परिवहन के साधन देश के निवासियों को एक-दूसरे से जोड़ने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्हें एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश और एक स्थान से दूसरे को देखने व समझने का अवसर प्रदान करते हैं। इस प्रकार राष्ट्रीय एकता और सामाजिक विकास की भावना बलवती होती है।
(iv) मनोरंजन के साधन- संचार के साधन मानव समुदाय को स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करते हैं मनोरंजन के साथ-साथ उनके ज्ञान में भी वृद्धि होती है और देश-विदेश को जानने व समझने की उनमें जागरूकता उत्पन्न होती है।
(v) संपर्क में सुविधा- संचार के साधन संपर्क स्थापित कराने में सहायक होते हैं। टेलीफोन एवं मोबाइल द्वारा घर बैठे ही विश्व के किसी भी भाग में निवास करने वाले व्यक्ति से संपर्क साधा जा सकता है जो आर्थिक व सामाजिक विकास में सहायक है।
(vi) वैश्वीकरण में वृद्धि- संचार साधनों के माध्यम से देश- विदेश के समाचारों, घटनाओं, परिघटनाओं को घर बैठे ही सुना एवं देखा जा सकता है। इन साधनों ने वैश्वीकरण के द्वार खोल दिए हैं। इनके माध्यम से हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आत्मनिर्भर हो सकते हैं।
प्रश्न 2. भारत में विभिन्न प्रकार की सड़कों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- भारत में सड़कों को छह प्रकारों में विभक्त किया गया है-
(i) स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग- स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग परियोजना की शुरुआत भारत सरकार ने दिल्ली-कोलकाता-चेन्नई- मुंबई-दिल्ली को छह लेन वाले राजमार्ग से जोड़ने के लिए की है। इस परियोजना के अंतगर्त दो गलियारे प्रस्तावित हैं। प्रथम उत्तर-दक्षिण गलियारा, जो श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है तथा द्वितीय पूर्व-पश्चिम गलियारा जो सिलचर (असम) तथा पोरबंदर (गुजरात) को जोड़ता है। इस महा राजमार्ग का प्रमुख उद्देश्य भारत के मेगासिटी (ऐसे नगर जिनकी जनसंख्या दस लाख से अधिक है) के मध्य की दूरी व परिवहन समय को कम करना है। यह राजमार्ग परियोजना, भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकार क्षेत्र के अधीन है।
(ii) राष्ट्रीय राजमार्ग- राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूर स्थित हिस्सों को परस्पर जोड़ते हैं। इनका निर्माण व रख-रखाव केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकार क्षेत्र में आता है। प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम दिशाओं में फैले हुए हैं। दिल्ली व अमृतसर के बीच ऐतिहासिक शेरशाह सूरी मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 सबसे लम्बा राजमार्ग है, दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय राजमार्ग-7 है जो 2,369 किमी लंबा है। यह वाराणसी को जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, बंगलुरु, मदुरै, के रास्ते कन्याकुमारी से जोड़ता है। राष्ट्रीय राजमार्ग-8 दिल्ली व मुंबई को जोड़ता है। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग-15 राजस्थान के अधिकतर हिस्सों को जोड़ता है।
(iii) राज्य राजमार्ग- जिला मुख्यालयों को राज्य की राजधानी से जोड़ने वाली सड़कों को राज्य राजमार्ग कहते हैं।
राज्य तथा केंद्रशासित क्षेत्रों में इन सड़कों का निर्माण एवं देख-रेख राज्य का सार्वजनिक निर्माण विभाग (State PWD) करता है।
(iv) जिला मार्ग- जिला मार्ग ऐसी सड़कों को कहते हैं, जो जिले के विभिन्न प्रशासनिक केंद्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ती हैं। इन सड़कों के निर्माण व रख-रखाव का उत्तरदायित्व जिला परिषद् का होता है।
(v) अन्य सड़कें- सड़कें आती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों तथा गाँवों को शहरों से जोड़ती हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना द्वारा इन सड़कों के विकास को विशेष प्रोत्साहन मिला है। इस परियोजना में कुछ विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें देश के प्रत्येक गाँव को प्रमुख शहरों से पक्की सड़कों (वे सड़कें जिन पर वर्ष भर वाहन चल सकें) द्वारा जोड़ना प्रस्तावित है।
(vi) सीमांत सड़कें- भारत सरकार के अधीन कार्य करने वाले सीमा सड़क संगठन द्वारा देश के सीमांत (अंतर्राष्ट्रीय सीमा) क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण व उनकी देख-रेख की जाती है। सीमा सड़क संगठन सन् 1960 में बनाया गया था, जिसका कार्य उत्तर तथा पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सैन्य दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सड़कों का विकास करना था। इन सड़कों के विकास से दुर्गम क्षेत्रों में आवागमन बढ़ा है तथा ये सड़कें इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक सिद्ध हुई है।
प्रश्न 3. भारतीय सड़क परिवहन किस प्रकार समस्याओं से ग्रस्त है? वर्णन कीजिए।
उत्तर- भारतीय सड़क परिवहन की समस्याएँ
भारतीय सड़क परिवहन अनेक समस्याओं से ग्रसित है। देश में सड़क परिवहन की अनेक समस्याएँ हैं जिन्हें निम्नलिखित रूपों में प्रस्तुत किया जा सकता है भारत में अधिकांश सड़कें इकहरी और ऊँची-नीची हैं, जिन पर दुर्घटना अधिक होती है तथा वाहन शीघ्र खराब हो जाते हैं, फलस्वरूप ईंधन भी अधिक खर्च होता है। यहाँ सड़कों पर मोड़ बहुत ही अधिक हैं। एक अनुमान के अनुसार यदि भारत की सड़कों से मोड़ समाप्त कर उन्हें सीधा कर दिया जाए तो परिवहन व्यय में प्रतिवर्ष लगभग 15 अरब रुपये की महा बचत की जा सकती है।
संक्षेप में, देश में सड़क परिवहन की छह प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं-
(i) भारत में यात्रियों की बढ़ती संख्या और माल ढुलाई की मात्रा को देखते हुए सड़क जाल अपेक्षाकृत कम विकसित है।
(ii) देश में लगभग आधे सड़क मार्ग इकहरे एवं कच्चे हैं जो वाहन संचालन के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
(iii) वर्षाकाल में कच्ची सड़कें कीचड़युक्त होकर वाहनों के लिए अनुपयोगी हो जाती हैं। इन पर प्रतिपल दुर्घटना का भय बना रहता है तथा अधिकांश वाहन खराब होकर बीच सड़क मार्ग में ही अपना पड़ाव डाल लेते हैं और दुर्घटनाओं को निमंत्रण देते हैं।
(iv) भारत में अधिकांश सड़क मार्ग सँकरें हैं जिन पर दो वाहन एक- साथ पार करने में कठिनाई होती है। इससे दुर्घटना में वृद्धि होती है।
(v) देश के अधिकांश नगरों में ट्रक टर्मिनल और ट्रांसपोर्ट नगरों के विकास पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। नगरों के भीतरी भागों में बस टर्मिनल स्थापित किए गए हैं। परिणामस्वरूप वाहनों की भीड़ के कारण-समय अधिक नष्ट होता है।
(vi) राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों के भार क्षमता से अधिक (ओवरलोड होने के कारण सदैव दुर्घटना की आशंका बनी रहती है और घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है। यात्रियों को मजबूरी में धन एवं समय का अपव्यय करना पड़ता है।
मानचित्र संबंधी प्रश्न
प्रश्न 1. भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए।
(i) मुख्य पत्तन हल्दिया समुद्री पत्तन आन्ध्र प्रदेश में स्थित एक महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक बन्दरगाह
(ii) अन्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन
उत्तर-