Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ
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अध्याय-6 द्वितीयक क्रियाएँ
1. निर्माण की सबसे छोटी इकाई है-
(1) कुटीर उद्योग
(2) लघु उद्योग
(3) वृहद् उद्योग
(4) इनमें से कोई नहीं (1)
2. रूहर कोयला क्षेत्र कौनसे देश में स्थित है-
(1) जापान
(2) इटली
(3) फ्रांस
(4) जर्मनी (4)
3. निम्न में से आधारभूत उद्योग है-
(1) सूती वस्त्र
(2) चीनी
(3) लौह इस्पात
(4) रसायन (3)
4. संयुक्त राज्य अमेरिका का कौनसा क्षेत्र "जंग का कटोरा' के नाम से प्रसिद्ध है-
(1) शिकागों
(2) डेट्राइट
(3) पीट्स बर्ग
(4) गैरी (3)
5. कौनसी अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है-
(1) पूंजीवाद
(2) मिश्रित
(3) समाजवाद
(4) इनमें से कोई नहीं (1)
6. रसायन आधारित उद्योग है-
(1) पेट्रोरसायन
(2) नमक, गंधक
(3) कृत्रिम रेशे, प्लास्टिक निर्माण
(4) उपरोक्त सभी (4)
7. पशु आधारित उद्योग है-
(1) चमड़ा
(2) ऊनी वस्त्र
(3) हाथीदांत
(4) उपरोक्त सभी (4)
8. निम्न में से धुँए की चिमनी वाला उद्योग है-
(1) भारी इंजीनियरिंग
(2) धातु पिघलाने वाले उद्योग
(3) रसायन निर्माण
(4) उपरोक्त सभी (4)
9. विनिर्माण से आशय किसी वस्तु का है।
उत्तर- उत्पादन
10. कच्चे लोहे में …………… मिलाकर इस्पात तैयार किया जाता है-
उत्तर- मैंगनीज
11. विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है …………………
उत्तर- हाथ से बनाना ।
12. महान झील औद्योगिक प्रदेश ………………….. देश में स्थित है।
उत्तर- संयुक्त राज्य अमेरिका
13. सिलिकॉन घाटी USA के ……………. नगर के पास स्थित है।
उत्तर- सेन फ्रांसिस्को
14. द्वितीयक क्रियाएँ किसे कहते है ? उदाहरण लिखिए।
उत्तर- प्रकृति में पाये जाने वाले कच्चे माल को परिष्कृत कर मूल्यवान बनाना द्वितीयक क्रिया कहलाती है।
उदा. विनिर्माण, प्रंसस्करण, निर्माण ( अवसंरचना) उद्योग ।
15. यंत्रीकरण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर - यंत्रीकरण से तात्पर्य है किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए मशीनों का प्रयोग करना।
16. वनों पर आधारित तीन उद्योगों के नाम लिखिए।
उत्तर- फर्नीचर उद्योग, कागज उद्योग, लाख उद्योग
17. विश्व के महत्वपूर्ण निर्माण उद्योगों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर - लौह इस्पात, वस्त्र, मोटर गाड़ी, पेट्रो रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग आदि ।
18. कृषि कारखाने किसे कहते है ?
उत्तर - कृषि व्यापार फार्म जो आकार में बड़े यंत्रीकृत, रसायनों पर निर्भर एवं अच्छी संरचना वाले होते है कृषि कारखाने कहलाते है । इसका वितपोषण वह व्यापार करता है जिसकी मुख्य रूचि कृषि के बाहर हो ।
19. प्रौद्योगिकी ध्रुव किसे कहते है । उदाहरण लिखिए ।
उत्तर- वह उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग जो प्रादेशिक संकेन्द्रित, आत्मनिर्भर एवं उच्च विशिष्टता लिए होते है प्रौद्योगिकी ध्रुव कहलाते है।
उदा. सेन फ्रांसिस्को के समीप सिलिकन घाटी, सिएटल के समीप सिलिकन वन ।
20. सूती वस्त्र उद्योग कम विकसित/विकासशील देशों में क्यों स्थानांतरित हो रहा है।
उत्तर- श्रम लागत कम होने के कारण।
21. आधुनिक निर्माण/ विनिर्माण की चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- 1. एक जटिल प्रौद्योगिक तंत्र
2. अधिक पूंजी
3. बडे संगठन
4. प्रशासकीय अधिकारी वर्ग की प्रमुख भूमिका |
22. स्वच्छंद उद्योग की चार विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- 1. इनकी स्थापना किसी भी स्थान पर की जा सकती है।
2. यह उद्योग संघटक पूर्जो पर निर्भर है जो कहीं से भी प्राप्त कर सकते है।
3. प्रदूषण नहीं फैलातें है ।
4. इनमें उत्पादन कम मात्रा में होता है एवं श्रमिकों की कम आवश्यकता होती है।
उदाहरण- इलेक्ट्रॉनिक उद्योग ।
23. आधारभूत एवं गैर आधार भूत उद्योगों में अन्तर बताइये ।
उत्तर- वे उद्योग जिनके उत्पाद को अन्य वस्तुएं बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाया जाता है आधारभूत उद्योग कहलाते है ।
उदाहरण- लौह-इस्पात उद्योग ।
- वे उद्योग जिनसे उत्पादित सामान प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ता द्वारा उपयोग
किया जाता है गैर आधारभूत उद्योग कहलाते है।
उदाहरण - बिस्कुट, चाय, साबुन वाले उद्योग ।
24. परम्परागत वृहद औद्योगिक प्रदेश की पहचान के चार बिन्दु लिखिए।
उत्तर- 1. रोजगार की अधिक उपलब्धता
2. पर्यावरण प्रदूषण
3. उच्च गृह घनत्व
4. बेरोजगारी की समस्या, उत्प्रवास, विश्वव्यापी मांग कम होने से कारखाने बन्द होने के कारण पवरित्यक्त भूमि के क्षेत्र |
25. उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग की चार विशेषताएं बताइये ।
उत्तर- 1. गहन शोध एवं विकास द्वारा उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीरियरिंग उत्पादों का
निर्माण |
2. उच्च, दक्ष एवं विशिष्ट व्यावसायिक श्रमिकों (सफेद कॉलर) का योगदान अधिक होता है।
3. इसमें यंत्र मानव, कम्प्यूटर आधारित डिजाइन तथा निर्माण, धातु पिघलाने एवं शोधन के इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण आदि कार्य सम्मिलित है।
4. इन उद्योगों के लिए नियोजित व्यवसाय पार्क का निर्माण किया जा रहा है।
26. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर- 1. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग
सरकार का नियंत्रण, समाजवादी देशों में।
2.
निजी क्षेत्र के उद्योग
व्यक्तिगत निवेशकों का नियंत्रण, पूंजीवादी देशों में अधिक।
3.
संयुक्त क्षेत्र के उद्योग
निजी व सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के संयुक्त प्रयासों से संचालित ।
27. प्राथमिक एवं द्वितीयक क्रियाओं में तीन अन्तर लिखिए ।
उत्तर-
प्राथमिक क्रियाएँ | द्वितीयक क्रियाएँ |
1. पर्यावरण से प्राप्त पदार्थो का सीधा उपयोग किया जाता है। | 1. पर्यावरण से प्राप्त पदार्थों को परिष्कृत करके उपयोग किया जाता है। |
2. प्राप्त उत्पाद कम मूल्यावान होते है। | 2. प्राप्त उत्पाद अधिक मूल्यवान होते है। |
3. कम पूंजी की आवश्यकता होती है। उदा. कृषि, आखेट, खनन | अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है। उदा. विनिर्माण प्रसंस्करण । |
28. आकार के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए ।
उत्तर-
1. कुटीर उद्योग
स्थानीय कच्चे माल का उपयोग
परिवार के सदस्य ही श्रमिक के रूप में कार्य करते है।
अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं ।
उदा. खाद्य पदार्थ, चटाइयाँ, बर्तन, औजार ।
2. लघु उद्योगः-
कारखाना घर से बाहर होता है।
- अर्द्धकुशल श्रमिक व यंत्रों का उपयोग।
- स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध होता है।
उदा. कूलर बनाना, चमड़ा उद्योग, एल्युमिनियम की सामग्री बनाना आदि ।
3. वृहद उद्योग
विशाल बाजार, कुशल श्रमिक, की आवयकता ।
- विभिन्न प्रकार का कच्चा माल व उच्च तकनीक की आवश्यकता ।
- अधिक पूंजी की आवश्यकता ।
- अधिक उत्पादन।
उदा. लौह-इस्पात उद्योग सूती वस्त्र उद्योग चीनी उद्योग ।
29. कच्चे माल पर आधारित उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए ।
उत्तर- 1. कृषि आधारित - चीनी, अचार, मसाले, तेल, पेय ।
2. खनिज आधारित- लौह इस्पात, एल्युमिनियम तांबा, सीमेंट ।
3. वनों पर आधारित - इमारती लकड़ी, कागज उद्योग बांस |
4. पशु आधारित उद्योग- चमड़ा, ऊनी वस्त्र, हाथी दांत ।
30. विश्व में लौह-इस्पात उद्योग के स्थानीयकरण के कारक एवं वितरण को बताइये।
उत्तर- विश्व में लौह-इस्पात उद्योग के स्थानीयकरण के प्रमुख कारक निम्नलिखित है-
1. कच्चे माल की उपलब्धता - लौह अयस्क, कोयला, मैंगनीज ।
2. बाजार का समीप होना ।
3. विशाल संघटित संयन्त्रों का उपयोग करना ।
4. पूंजी, परिवहन श्रमिकों की उपलब्धता ।
विश्व में लौह इस्पात उद्योग का वितरण -
1. संयुक्त राज्य अमेरिका:-
उत्तर अप्लेशियन प्रदेश (पीट्सबर्ग) महान झील क्षेत्र (शिकागों गैरी इरी, क्लीवलैंड, लोरेन, ब्फैलो)
- एटलांटिक तट (स्पैरोज पोइंट, मोरिस विले)
2. ग्रेट ब्रिटेन - बरमिंघम, शैफील्ड
3. सोवियत रूस - मास्को, सेंटपीट्सबर्ग, तुला ।
4. यूक्रेन - क्रिबोइरॉग, दोनेत्सक
5. जापान - नागासाकी, टोकियो, योकोहामा
6. चीन - शंघाई तियनस्तिन, बुहान
7. भारत- जमशेदपुर, दुर्गापुर, राउरकेला, भिलाई बोकारो।
31. अफ्रीका में अपरिमित प्राकृतिक संसाधन है फिर भी औद्योगिक दृष्टि से यह बुहत पिछड़ा महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए।
उत्तर- अफ्रीका महाद्वीप के औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा होने के निम्न कारण है-
1. अधिकतर देश सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े हुए है इसलिए मूलभूत संरचनाओं का विकास नहीं हुआ है।
2. इस महाद्वीप में उच्च तकनीकी ज्ञान व पर्याप्त पूंजी के अभाव में औद्योगिक क्षेत्रों का विकास नहीं हो पाया है।
3. प्रतिकूल जलवायु व विषम उच्चावच के कारण परिवहन मार्गों का विकास नहीं हुआ।
32. सूती कपड़ा उद्योग के विकास एवं वितरण पर भौगोलिक निबन्ध लिखिए।
उत्तर- सूती कपड़ा उद्योग के विकास के प्रमुख कारक निम्नलिखित है-
1. श्रमिकों की आवश्यकता।
2. यंत्रों का प्रयोग करना ।
3. पूंजी की आवश्यकता होना।
4. कच्चे माल के रूप में कपास की उपलब्धता ।
5. आयातित कपास से वस्त्र निर्माण करना।
6. कृत्रिम रेशे से प्रतिस्पर्धा करना ।
7. परिवहन की उपलब्धता।
8. उत्तम जलवायु
वितरणः-
विश्व में सूती वस्त्र उत्पादन के प्रमुख केन्द्र संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन आदि देशों में है। भारत में गुजरात एवं महाराष्ट्र वस्त्र उत्पादन करने की दृष्टि से प्रमुख उत्पादक राज्य है।
33. उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाले किन्हीं चार कारकों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर- 1. बाजार तक अभिगम्यता – उद्योगों की स्थापना में प्रमुख कारक उसके द्वारा उत्पादित माल के लिए बाजार का उपलब्ध होना है। बाजार से तात्पर्य उस क्षेत्र में तैयार वस्तुओं की मांग एवं उस क्षेत्र के निवासियों में खरीदने की क्षमता अर्थात् क्रय शक्ति है।
2. कच्चे माल की प्राप्ति तक अभिगम्यता :- उद्योगों के लिए कच्चा माल अपेक्षाकृत सस्ता एवं सरलता से परिवहन योग्य होना चाहिए। भारी वजन, सस्ते मूल्य एवं वजन घटने वाले पदार्थो पर आधारित उद्योग कच्चे माल के स्त्रोत स्थल के समीप ही स्थित होते है । यथा- इस्पात, चीनी एवं सीमेण्ट उद्योग ।
3. श्रम आपूर्ति तक अभिगम्यता:- उद्योगों की अवस्थिति में कुशल श्रमिकों की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण कारक है।
4. शक्ति के साधनों तक अभिगम्यता:- वे उद्योग जिनमें अधिक ऊर्जा अर्थात् शक्ति की आवश्यकता होती है वे ऊर्जा के स्त्रोतों के समीप ही स्थापित किये जाते है। यथा एल्यूमिनियम उद्योग ।