Class 12 Hindi Chapter 9 रुबाइयाँ, गज़ल

(I) रुबाइयाँ

(II) गजल

फ़िराक गोरखपुरी

अभ्यास

पाठ के साथ

  1. शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है?

उत्तर शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह मानता है। एक नन्हीं-सी बच्ची अपने भाई के हाथों पर राखी बाँधती है। वह बच्ची रस की पुतली है,

उसकी उमंग और चपलता देखते बनती है। उसके हाथ में जो राखी है, उसके लच्छे से एक चमक निकल रही है, जो आकाश में चमकती बिजली की भंगिमा दे जाती है।

दूसरी ओर कवि रक्षाबंधन के दिन आसमान में काले-काले बादलों की छटा को दर्शाता है। ये बादल उस नन्ही बच्ची के हाथों में रखी राखी में बिजली की चमक पैदा करते हैं।

2. खुद का परदा खोलने से क्या आशय है?

उत्तर शायर वैसे लोगों की चर्चा करता है, जो दूसरों को बदनाम करने में अपना समय व्यतीत करते हैं।

वह मानता है कि ऐसे लोगों को सोचना चाहिए कि वे जो कर रहे हैं उसका असर क्या हो रहा है? जो दूसरों की निंदा करते हैं, उनका व्यक्तित्व भी लोगों के सामने आ जाता है। लोग निंदा करने वाले लोगों से दूरी बनाने लगते हैं। शायर मानता है कि दूसरों की बदनामी करने से पहले निंदा करने वाले को इस पर विचार करना चाहिए।

  1. 'किस्मत हमको रो लेवे है, हम किस्मत को रो ले हैं'-इस पंक्ति में शायर की किस्मत के साथ तना-तनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए।

उत्तर शायर स्वयं का तथा अपनी किसमत का एक ही काम मानतः है। शायर अपनी किस्मत पर रोता है कि उसकी किस्मत अच्छी नहीं, वह जीवन में जो चाहता है उसे नहीं मिला। उसकी किस्मत भी इसी प्रकार रो रही है कि उसे जिसकी तलाश थी, वह व्यक्ति नहीं मिला शायद दूसरा ही उसके सामने है।

शायर इस स्थिति में यही मानता है कि किसमत हमारे ऊपर रोती है और हम किस्मत पर रोते हैं।

  1. टिप्पणी करें

(क) गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता।

(ख) सावन की घटाएँ व रक्षाबंधन का पर्व।

उत्तर (क) माँ जब अपने बच्चे को अपनी गोद में लेती है, तब वह उसे चंद्रमा के समान सुंदर और आकर्षक लगता है। वह अपने बच्चे पर ममता लुटाती रहती है। माँ की गोदी में बच्चा जब चाँद को देखता है, तब वह उसे खिलौना मानकर अपने हाथों में लेने के लिए मचल उठता है। लेकिन एक माँ के लिए तो उसकी संतान ही चाँद है। इसलिए माँ ने बच्चों को आइना दिखाकर कहा कि ले देख चाँद।

(ख) सावन मास की पूर्णिमा और रक्षाबन्धन के त्योहार में अटूट संबंध है। प्रत्येक वर्ष इसी पावन दिवस पर यह पावन त्योहार मनाया जाता है। आकाश में सब उसकी उमंग और चपलता देखते बनती है। उसके हाथ में जो राखी है, उसके लच्छे से एक चमक निकल रही है, जो आकाश में चमकती बिजली की भंगिमा दे जाती है।

दूसरी ओर कवि रक्षाबंधन के दिन आसमान में काले-काले बादलों की छटा को दर्शाता है। ये बादल उस नन्ही बच्ची के हाथों में रखी राखी में बिजली की चमक पैदा करते हैं।

2. खुद का परदा खोलने से क्या आशय है?

उत्तर शायर वैसे लोगों की चर्चा करता है, जो दूसरों को बदनाम करने में अपना समय व्यतीत करते हैं।

वह मानता है कि ऐसे लोगों को सोचना चाहिए कि वे जो कर रहे हैं उसका असर क्या हो रहा है? जो दूसरों की निंदा करते हैं, उनका व्यक्तित्व भी लोगों के सामने आ जाता है। लोग निंदा करने वाले लोगों से दूरी बनाने लगते हैं। शायर मानता है कि दूसरों की बदनामी करने से पहले निंदा करने वाले को इस पर विचार करना चाहिए।

  1. 'किस्मत हमको रो लेवे है, हम किस्मत को रो ले हैं'-इस पंक्ति में शायर की किस्मत के साथ तना-तनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए।

उत्तर शायर स्वयं का तथा अपनी किस्मत का एक ही काम मानता है। शायर अपनी किस्मत पर रोता है कि उसकी किस्मत अच्छी नहीं, वह जीवन में जो चाहता है उसे नहीं मिला। उसकी किस्मत भी इसी प्रकार रो रही है कि उसे जिसकी तलाश थी, वह व्यक्ति नहीं मिला शायद दूसरा ही उसके सामने है।

शायर इस स्थिति में यही मानता है कि किस्मत हमारे ऊपर रोती है और हम किस्मत पर रोते हैं।

4. टिप्पणी करें

(क) गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता।

(ख) सावन की घटाएँ व रक्षाबंधन का पर्व।

उत्तर (क) माँ जब अपने बच्चे को अपनी गोद में लेती है, तब वह उसे चंद्रमा के समान सुंदर और आकर्षक लगता है। वह अपने बच्चे पर ममता लुटाती रहती है। माँ की गोदी में बच्चा जब चाँद को देखता है, तब वह उसे खिलौना मानकर अपने हाथों में लेने के लिए मचल उठता है। लेकिन एक माँ के लिए तो उसकी संतान ही चाँद है। इसलिए माँ ने बच्चों को आइना दिखाकर कहा कि ले देख चाँद।

(ख) सावन मास की पूर्णिमा और रक्षाबन्धन के त्योहार में अटूट संबंध है। प्रत्येक वर्ष इसी पावन दिवस पर यह पावन त्योहार मनाया जाता है। आकाश में सब

तरफ बादलों की घटाएँ छाई रहती हैं। उधर भाई-बहन में भी एक-दूसरे के प्रति प्रेम की घटाएँ उमड़ती हैं। दोनों ही अर्थात् पृथ्वी और बहन प्रेम रस से सिक्त रहते हैं।

कविता के आस-पास

  1. इन रुबाइयों से हिंदी, उर्दू और लोकभाषा के मिले-जुले प्रयोगों को छाँटिए। उत्तर हिन्दी के प्रयोग आँगन में लिए ......................................... बी हैसी। रक्षाबंधन की सुबह .................................. चमकती राखी। उर्दू के प्रयोग उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके देख आइने में चाँद उतर आया। लोक भाषा के प्रयोग रह-रह के हवा में जो लोका देती है।

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