Chapter 9 The Great Stone Face 1

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दूरी से देखने पर पहाड़ियों के शिखर तथा विशाल पत्थर मानो विभिन्न आकृतियाँ धारण कर लेते हैं। वे किसी पशु अथवा किसी मानव आकृति के समान दिखते हैं। लोग इन आकृतियों के साथ कहानियाँ जोड़ देते हैं। कुछ कहानियाँ सच सिद्ध हो जाती हैं, अन्य नहीं होती हैं। विशाल प्रस्तर चेहरा एक ऐसी ही आकति है जो घाटी के निवासियों को एक भविष्यवाणी का स्मरण करा देती है। वह क्या थी? क्या वह सच सिद्ध हुई?

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद

One afternoon………….not yet appeared. (Pages 120-122)

कठिन शब्दार्थ-cottage (कॉटिज) = छोटा घर/कुटिया, sunshine (सनशाइन) = धूप, brightening (ब्राइटनिंग) = चमक, features (फीचर्ज) = विशेषताएँ, formed (फोम्ड) = बना होना, perpendicular (पॅपॅनडिक्यलॅर) = अभिलम्बित, immense (इमेन्स) = अत्यधिक, thrown together (थ्रोन टॅगेर) = साथ साथ होना, viewed (व्यूड) = देखा, proper distance (प्रॉपर डिस्टन्स) = उचित दूरी से, resembled (रिजेम्बल्ड) = सादृश्य थे, spectator (स्पेक्टेटर) = दर्शक, approached (अप्रउच्ट) = आये, outline (आउटलाइन) = आकृति/रूपरेखा,

enormous (इंनोमॅस) = विशाल, gigantic (जाइगैन्टिक) = विराट्, piled (पाइल्ड) = अंबार लगाया, clustering (क्लसटॅरिंग) = एकत्र होते रहना, positively (पॉजिटिवलि) = सकारात्मक रूप से, owed | (अउड) = ऋणी थी, fertility (फॅटिलॅटि) = उर्वरता, benign (बिनाइन) = सौम्य, continually (कॅन टिन्युअलि) = बारंबार, beaming (बीमिंग) = प्रसन्नता से मुस्करा रहा था, gazing (गेजिंग) = एकटक देखते हुए, prophecy (प्रॉफॅसि) = भविष्यवाणी, inquired (इनक्वाइअड) = पूछताछ की, destined (डेस्टिन्ड) = पहले से निर्धारित था, manhood (मैनहुड) = पुरुषत्व, bear (बेअर) = सहन करना।

हिन्दी अनुवाद –

एक अपराह्न, जब सूर्य नीचे जा रहा था, एक माँ व उसका छोटा पुत्र उनके छोटे से घर के दरवाजे पर बैठे थे, व विशाल पत्थर के चेहरे के बारे में बातें कर रहे थे। उन्हें केवल.अपने नेत्र ऊपर उठाने थे और यह वहाँ था, देखने में स्पष्ट, यद्यपि मीलों दूर था, व धूप इसकी सभी विशेषताओं को चमका रही थी। और यह विशाल प्रस्तर चेहरा क्या था?

विशाल प्रस्तर चेहरा प्रकृति की एक कृति था जिसे कुछ विशाल चट्टानों द्वारा पर्वत के अभिलम्ब वाली तरफ बनाया गया था, और ये चट्टानें ऐसे साथ-साथ खड़ी थीं, कि जब इनको उचित दूरी से देखा जाता था, तो वे एक मानव चेहरे की आकृति के सादृश्य लगती थीं।

यदि दर्शक बहुत समीप आ जाता था, तो वह उस विशाल चेहरे की आकृति को खो देता था और केवल विराट् चट्टानों के ढेर को दी देख सकता था, जो एक पर एक के रूप में चढ़ी थीं। किन्तु दूरी से देखे जाने पर, जब बादल इसके समीप एकत्र हो रहे हों, तो यह विशाल प्रस्तर चेहरा निश्चित रूप से जीवंत प्रतीत होता था।

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बहुत से लोगों की यह धारणा था कि से प्राप्त करती थी जो इस (घाटी) पर बारंबार प्रसन्नता से मुस्कराता रहता था। – एक माँ व उसका छोटा बालक जैसाकि हमने पूर्व में कहा था, अपने छोटे से घर के दरवाजे के समीप बैठे थे, व इस विशाल प्रस्तर चेहरे की ओर देख रहे थे तथा इसके बारे में बातें कर रहे थे। बालक का नाम अर्नेस्ट था।

“माँ”, उसने कहा, जबकि विशाल चेहरा उस पर मुस्करा रहा था, “मैं चाहता था कि यह बोल सकता, क्योंकि यह इतना अधिक दयालु दिखाई देता है कि इसकी आवाज निश्चित ही आनन्ददायक होनी चाहिए। यदि मैं कभी एक व्यक्ति को ऐसे ही चेहरे वाला पाऊँ, तो मौं उसे अत्यधिक प्रेम करना चाहूँगा।”

“यदि एक पुरानी भविष्यवाणी सच हो जाती है”, उसकी माँ ने उत्तर दिया, “तो हो सकता है हमें वह व्यक्ति कभी दिखाई दे जाए जिसका चेहरा बिल्कुल इस जैसा ही हो।” “आपका आशय कौनसी भविष्यवाणी से है, प्रिय माँ?” अर्नेस्ट ने उत्सुकता से पूछा। “कृपया मुझे इसके बारे में बतलाएँ।” अतः उसकी माँ ने उसे एक कहानी बताई जो कि उसकी स्वयं की माँ

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(अर्नेस्ट की माँ की माँ अर्थात् अर्नेस्ट की नानी) ने उसे (अर्नेस्ट की माँ को) सुनाई थी, जब वह (अर्नेस्ट की माँ) स्वयं अर्नेस्ट से भी छोटी थी; (कहानी यह थी) कि, भविष्य में किसी दिन एक बालक को यहाँ आस-पास जन्म लेना चाहिए, जिसका अपने समय का सर्वाधिक महान् व सज्जन बनना पूर्व निर्धारित था और उसका चेहरा मानवीय रूप में उस विशाल प्रस्तर चेहरे से सटीक सादृश्यता रखे होना चाहिए। बहुत से लोगों को इस पुरानी भविष्यवाणी में अभी भी विश्वास था। लेकिन अन्यों ने इसे कुछ नहीं बल्कि व्यर्थ की बात के रूप में लिया। सभी घटनाओं पर भी भविष्यवाणी का वह महान् व्यक्ति अभी तक भी प्रकट नहीं हुआ था।

‘O, Mother’, cried ………………. man will come! (Pages 122-123)

कठिन शब्दार्थ-clapping (क्लैपिंग) = ताली बजाते हुए, affectionate (अफेक्शनेट) = स्नेहशील, discourage (डिसकरिज) = निरुत्साहित, fanciful (फैन्सिफल) = काल्पनिक, log cottage = लढे से बना छोटा घर, assisting (असिस्टिंग) = सहायता करते हुए, pensive (पेन्सिव) = विचारमग्न/उदास, mild

(माइल्ड) = मृदुल, imagine (इमेजिन) = कल्पना करना, recognised (रेकॅगनाइज्ड) = पहचान ली, encouragement (इनकरिजमॅन्ट) = उत्साह, rumour (रुमर) = अफवाह, settled (सेटल्ड) = रहने लगा, distant (डिस्टन्ट) = दूर का, seaport (सीपोट) = बन्दरगाह, native (नेटिव) = जन्म-स्थान की, stirred (स्टॅड) = उद्वेलित किया, delay (डिले) = देरी, carriage (कैरिज) = गाड़ी, dashed (डैश्ट) = दौड़ी, wrinkled (रिन्कल्ड) = झुरींदार, shrewdness (श्रूडनॅस) = चतुराई।

हिन्दी अनुवाद –

‘अरे, माँ’ अर्नेस्ट चिल्लाया, अपने हाथों से अपने सिर के ऊपर ताली बजाते हुए, “मैं निश्चय ही आशा करता हूँ कि मैं उसे देखने के लिए जीवित रहूँगा।” उसकी माँ एक स्नेहशील व विचारशील महिला थी। यह उचित ही था, उसने सोचा, कि अपने छोटे बालक की काल्पनिक आशाओं को निरुत्साहित न किया जाए। अतः उसने उससे कहा, “शायद तुम रहोगे।” और अर्नेस्ट ने यह कहानी कभी नहीं भूली जो कि उसकी माँ ने उसे बताई थी। यह हमेशा उसके मस्तिष्क में रहती थी जब भी वह उस विशाल प्रस्तर चेहरे को देखता था।

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उसने अपना बचपन लढे वाले छोटे घर में बिताया था जहाँ उसका जन्म हुआ था, अपनी माँ के प्रति कर्त्तव्यनिष्ठ था और बहुत-सी बातों में उसके लिए सहायक था, अपने छोटे हाथों से काफी सहायता करने के कारण, और वह भी अत्यधिक अपने दिल से करने के कारण इस तरह से, एक प्रसन्न फिर भी विचारमग्न बालक से वह एक मृदुल व शान्त युवा के रूप में बड़ा हुआ।

अर्नेस्ट के कोई अध्यापक नहीं था, लेकिन वह विशाल प्रस्तुत चेहरा उसका एक (अध्यापक) बन गया था। जब दिन का कार्य समाप्त हो जाता था, वह इसकी ओर घण्टों तक टकटकी लगाकर देखता रहता, जब तक कि वह कल्पना करना आरम्भ नहीं कर देता कि वे विशाल आकृतियाँ उसे पहचान लेती थीं और उसे दयालुता व उत्साह की मुस्कराहट देती थीं।

लगभग इसी समय एक अफवाह पूरी घाटी में फैल गई कि वह महान् व्यक्ति जिसे विशाल प्रस्तर चेहरे जैसी सादृश्यता प्राप्त करनी थी वह आखिरकार प्रकट हो चुका था। ऐसा प्रतीत होता है कि, काफी वर्ष पूर्व, एक युवा ने घाटी छोड़ दी थी और दूर के बन्दरगाह पर रहने लगा था। गैरगोल्ड, जो कि उसका

नाम था, एक दुकानदार के रू हो चुका था और, व्यावसायिक मामलों में तेज होने के कारण इतना अधिक धनवान हो गया था कि उसे केवल अपने धन की गिनती में ही एक सौ वर्ष लग सकते थे। ठीक इसी समय उसने अपनी जन्म घाटी के बारे में सोचा और वहाँ वापिस जाने का निश्चय किया और जहाँ वह जन्मा था वहीं पर शेष दिन बिताने का निश्चय किया।

अर्नेस्ट इस विचार से गहन उद्वेलित था कि वह महान् व्यक्ति, वह सज्जन व्यक्ति, भविष्यवाणी वाला मानव, इतने युगों की देरी के बाद उसकी अपनी जन्म-स्थान की घाटी में लम्बे समय तक देखा जाना था। जबकि बालक एक दिन अपनी घाटी में अभी भी टकटकी लगाकर देख रहा था और कल्पना कर रहा था कि वह विशाल प्रस्तर चेहरा उसकी टकटकी का उत्तर दे रहा था, तभी पहियों का शोर सुनाई दिया, और लोगों की भीड़ चिल्लाई,”महान् श्रीमान् | गैरगोल्ड आ गये हैं।”

एक गाड़ी, जो चार घोड़ों से खींची जा रही थी, सड़क के मोड़ पर दौड़ती हुई आई। इसमें से, पीली त्वचा वाले एक वृद्ध व्यक्ति का चेहरा खिड़की के बाहर थोड़ा-सा धकेलता हुआ-सा प्रकट हुआ। “विशाल प्रस्तर चेहरे का सटीक प्रतिरूप!” लोग चिल्लाये। “निश्चित ही ठीक है, वह पुरानी भविष्यवाणी सत्य हुई है।

यहाँ हमें महान् व्यक्ति आखिरकार मिल ही गया है!”. और अर्नेस्ट को किस बात ने अत्यधिक परेशान किया, वह यह कि वे वास्तव में इसमें विश्वास करते हुए प्रतीत हुए कि या वह, सादृश्यता थी जिसके बारे में वे. कहा करते थे। वह उदासी से उस असुहाने चेहरे की झुर्सदार चतुराई से दूर हट गया और घाटी की ओर टकटकी लगाकर देखने लगा, जहाँ प्रस्तर चेहरा कहता हुआ प्रतीत हुआ कि : वह | आयेगा! घबराओ नहीं, अर्नेस्ट; वह महान् व्यक्ति आयेगा!

The years went ……………………….. upon the mountain. (Pages 123-124)

कठिन. शब्दार्थ-inhabitants (इनहैबिटंट्स) = निवासी, pardonable (पाडनॅबल) = क्षमा योग्य, industrious (इनडसट्रिअस) = उद्यमी/परिश्रमी, sentiment (सेन्टिमॅन्ट) = भावना, expressed (इक्सप्रेस्ट) = व्यक्त किया, enlarge (इनलाज) = वृद्धि करना, symphathies (सिमपॅथिज) = सहानुभूतियाँ, beheld (बिहेल्ड) = देखा, marvellous (मालॅस) = आश्चर्यजनक, buried (बेरिड) = दफनाया, melting away (मेल्टिंग अवे) = पिघल जाना, ruined (रुइन्ड) = बर्बाद, majestic (मॅजेस्टिक) = प्रभावशाली।

हिन्दी अनुवाद –

वर्ष गुजरते गये, और अर्नेस्ट एक युवा के रूप में बड़ा हो गया था। घाटी के निवासियों का उसने जरा भी ध्यान आकर्षित नहीं किया। उन्होंने जीवन के उसके तरीके में कुछ भी उल्लेखनीय नहीं देखा, सिवाय इसके कि, जब दिन-भर के परिश्रम का अन्त हो जाता था, वह अभी भी विशाल प्रस्तर चेहरे को एकटक देखने से प्रेम करता था। उनका विचार था कि यह तो एक भूल (मूर्खता) ही थी किन्तु यह क्षमाशील थी, क्योंकि अर्नेस्ट परिश्रमी, दयालु व पड़ोसी (मिलनसार) था।

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वे नहीं जानते थे कि विशाल प्रस्तर चेहरा उसका अध्यापक बन चुका था और वह भाव जो इसमें व्यक्त था वह इस युवा का हृदय विशाल (बड़ा) कर देगा, और इसे अन्य हृदयों की तुलना में अत्यधिक सहानुभूतियों से भर देगा। वे नहीं जानते थे कि इससे एक अधिक अच्छी बुद्धिमानी विकसित होगी जिसे किताबों से नहीं सीखा जा सकता था।

न ही अर्नेस्ट यह जानता था कि वे विचार जो उसे इतने स्वाभाविक रूप से आते थे, चाहे वह खेत में हो और आग की बगल में, उन विचारों की अपेक्षा वे उच्च स्तर के होते थे, जो सभी लोग उससे बाँटते थे। एक सरल आत्मा तब भी सरल थी जब माँ ने उसे यह पुरानी कहानी सुनाई थी उसने उस अद्भुत चेहरे को घाटी के नीचे देखते हुए देखा, और अभी भी आश्चर्यचकित था, कि मानवीय रूप में आने में यह इतना समय क्यों ले रहा था।

इस समय तक बेचारा श्रीमान् गैरंगोल्ड मर चुका था व दफनाया जा चुका था। उसकी सम्पदा, जो उसके अस्तित्व का शरीर व आत्मा थी, उसकी मृत्यु से. पूर्व ही लुप्त हो चुकी थी। उसके स्वर्ण के पिघल जाने (धन बर्बाद हो जाने) के समय से ही इस पर सामान्य सहमति बन चुकी थी कि कुल मिलाकर बर्बाद व्यापारी व पर्वत वाले शानदार चेहरे के बीच कोई महान् समानता नहीं थी।

It so happened…………………………………………………..he will come.’ (Pages 124-125)

कठिन शब्दार्थ-renowned (रिनाउन्ड) = प्रसिद्ध, excitement (इक्साइटमॅन्ट) = उत्तेजना, proceeded (पॅसीडिड) = गये, banquet (बैंक्विट) = औपचारिक सामूहिक भोज, roared (रोर्ड) = गुर्राई (चिल्लाई), glance (ग्लांस) = झलक, proclaimed (पॅक्लेम्ड) = सार्वजनिक घोषणा की, whispering (विसपॅरिंग) = फुसफुसाते हुए।

हिन्दी अनुवाद–यह ऐसे हुआ कि घाटी का एक दूसरा पुत्र काफी वर्ष पूर्व सैनिक बन गया था। बहुत कठिन लड़ाई के उपरान्त, वह अब एक प्रसिद्ध कॅमान्डर था। युद्ध-क्षेत्र में उसे ‘रक्त-व-गर्जन’ के नाम से जाना जाता था। अब वृद्ध व थके होने के कारण, उसने हाल ही में अपनी घाटी में वापिस आने की इच्छा व्यक्त की थी। निवासियों ने, उसके पुराने पड़ौसियों व उनके बड़े-बड़े बच्चों ने उस प्रसिद्ध कॅमान्डर के स्वागत की तैयारी की। यह कहा गया था कि आखिरकार

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उस विशाल प्रस्तर चेहरे की समानता वास्तव में प्रकट हो चुकी थी (इस कमान्डर के रूप में)। अतः पूरी घाटी में भारी उत्तेजना थी और बहुत से लोग जो पहले विशाल प्रस्तर चेहरे की तरफ देखने को सोचते तक नहीं थे वे बहुत-सा समय इसकी ओर एकटक देखने में व्यतीत करने लगे, केवल यह जानने के लिए जनरल ब्लड (रक्त) व थंडर (गर्जन) ठीक-ठीक कैसे दिखता था।

जनरल के आगमन के दिन, अर्नेस्ट ने व घाटी के अन्य लोगों ने अपना कार्य तक छोड़ दिया और उस स्थान पर गये जहाँ एक विशाल सार्वजनिक सामूहिक भोज का आयोजन किया गया था। सैनिक रक्षक के रूप में खड़े थे, ध्वज लहरा रहे थे और भीड़ शोर कर रही थी। अर्नेस्ट ‘ब्लड एंड थंडर’ का चेहरा देखने के लिए दूर पीछे खड़ा था, फिर भी वह अनेक आवाजें सुन सकता था। “यह समान चेहरा है, एकदम वैसा ही!” एक व्यक्ति चिल्लाया, हर्ष से झूमता हुआ।

“आश्चर्यजनक रूप से इसके जैसा, यह एक तथ्य है!” दूसरे ने जवाब दिया। – ‘और क्यों नहीं?’ एक तीसरा चिल्लाया; “वह इस युग व अन्य युग में सबसे महान् है, और यह सन्देह से परे है।” अर्नेस्ट आखिर में जनरल के चेहरे को देख सका; और उस ही झलक में, दूसरी तरफ, वह विशाल प्रस्तर चेहरे को देख सका। यदि वहाँ ऐसी ही एकरूपता थी जैसाकि भीड़ घोषणा कर रही थी, तो अर्नेस्ट इसे नहीं पहचान सका था। “घबराओ नहीं, अर्नेस्ट” उसके हृदय ने कहा, जैसे कि विशाल प्रस्तर चेहरा उसको बुदबुदा रहा हो, “घबराओ नहीं, अर्नेस्ट; वह आयेगा।”

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