Chapter 15 लालनगीतम् Translation in Hindi

Chapter 15 लालनगीतम् पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में बालकों के लिए अत्यन्त सरल संस्कृत-गीत दिया गया है। इसमें बालसुलभ लयबद्ध श्लोकों में प्रकृति की शोभा का सुन्दर चित्रण किया गया है। इन श्लोकों में प्रातः सूर्योदय के समय पृथ्वी की शोभा, पक्षियों का कूजना तथा कमल के खिलने का, मन्दिर में नगाड़ों की ध्वनि का, […]

Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासा Translation in Hindi

Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासा पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में एक अनारिका नामक बालिका के रोचक दृष्टान्त द्वारा बालकों की जिज्ञासा का सुन्दर वर्णन किया गया है। बालकों के मन की जिज्ञासा यथार्थ सत्य को उजागर करती है। अनेक बार बालकों के प्रश्न सुनकर प्रत्येक व्यक्ति की बुद्धि भ्रमित हो जाती है, जैसा कि प्रस्तुत पाठ […]

Chapter 13 अमृतं संस्कृतम् Translation in Hindi

Chapter 13 अमृतं संस्कृतम् पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में संस्कृत-भाषा के महत्त्व का वर्णन किया गया है। संस्कृत-भाषा संसार की सबसे प्राचीन भाषा है। यह भाषा अनेक भाषाओं को जन्म देने वाली है। प्राचीन ज्ञान-विज्ञान संस्कृत-भाषा में ही सुरक्षित है। वास्तव में संस्कृत-भाषा के कारण ही भारत विश्व-गुरु कहलाता है। संस्कृत भाषा में ही हमारी […]

Chapter 12 विद्याधनम् Translation in Hindi

Chapter 12 विद्याधनम् पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में कुल चार श्लोक हैं जिनमें विद्यारूपी धन का महत्त्व बतलाया गया है। पाठ के श्लोकों का अन्वय तथा हिन्दी भावार्थ – नचौरहार्यं न च राजहार्य ……………………………………….. विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्।। अन्वयः – विद्याधनं न चौरहार्यम्, च न राजहार्यम्, न भ्रातृभाज्यं च न भारकारि। (तत् तु) व्यये कृते नित्यम् एव […]

Chapter 11 समवायो हि दुर्जयः Translation in Hindi

Chapter 11 समवायो हि दुर्जयः पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में एक रोचक कथा के माध्यम से संगठन (समूह) के महत्त्व को बतलाते हुए कहा गया है कि संगठन (एकता) में रहने से छोटे-छोटे जीव भी विशालकाय हाथी को परास्त कर देते हैं। वास्तव में एकता में ही ताकत होती है।  पाठ के गद्यांशों का हिन्दी-अनुवाद […]

Chapter 10 विश्वबंधुत्वम् Translation in Hindi

Chapter 10 विश्वबंधुत्वम् पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में भाईचारे की भावना की आवश्यकता एवं महत्त्व को दर्शाते हुए सभी को मिलजुल कर रहने तथा एक-दूसरे की सहायता करने की प्रेरणा दी गई है। इस पाठ में आज सम्पूर्ण संसार में फैले हुए कलह और अशान्त वातावरण के प्रति दुःख व्यक्त करते हुए राष्ट्र की समृद्धि […]

Chapter 9 अहमपि विद्यालयं गमिष्यामि Translation in Hindi

Chapter 9 अहमपि विद्यालयं गमिष्यामि पाठ-परिचय – ‘सभी पढ़ें और आगे बढ़ें’ इस भावना को स्वीकार करके तथा इसी भाव को प्रसारित करने के लिए प्रस्तुत पाठ की रचना की गई है। यह संवादात्मक पाठ है। जिसमें एक निर्धन परिवार की आठ वर्ष की बालिका को उसके शिक्षा के मौलिक अधिकार से वञ्चित करके धन […]

Chapter 8 त्रिवर्णः ध्वजः Translation in Hindi

Chapter 8 त्रिवर्णः ध्वजः पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में एक विद्यालय में आयोजित स्वतन्त्रता दिवस समारोह के प्रसंग में छात्र परस्पर में वार्तालाप करते हैं तथा हमारे देश के राष्ट्रीय प्रतीक तिरंगे झंडे के महत्त्व का सुन्दर वर्णन करते हैं। इसमें तिरंगे झंडे के तीन रंगों-केसरिया, सफेद तथा हरे रंग का महत्त्व बतलाते हुए कहा […]

Chapter 7 सड.कल्पः सिद्धिदायकः Translation in Hindi

Chapter 7 सड.कल्पः सिद्धिदायकः पाठ-परिचय/सार – प्रस्तुत पाठ में दृढ़ निश्चय (संकल्प) के महत्त्व को बतलाते हुए प्रेरणा दी गई है कि मनुष्य दृढ़ इच्छाशक्ति के द्वारा कठिन से भी कठिन कार्य में सफलता प्राप्त कर लेता है। इस पाठ में नाट्यांश के रूप में वर्णित कथा के द्वारा बताया गया है कि पार्वती शिव […]

Chapter 6 सदाचारः Translation in Hindi

Chapter 6 सदाचारः पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ में मनुष्य के लिए अत्यन्त उपयोगी श्रेष्ठ आचरण का ज्ञान दिया गया है। पाठ में सदाचार से सम्बन्धित कुल छः श्लोक दिये गये हैं, जिनमें आलस्य न करने, कल का कार्य आज ही करने, सत्य एवं |प्रिय बोलने, व्यवहार करने में उदारता आदि गुणों का, माता-पिता की सेवा […]

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